एलेन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने अंतरिक्ष में एक बड़ा खेल कर दिया है। जिससे एक बेकाबू रॉकेट की चांद पर भयंकर टक्कर होने वाली है और इस घटना का भारत का चंद्रयान-2 गवाह बनेगा।

 

आसमान में गहरे राज छुपे हुए हैं और इन्हीं रहस्यों को जानने के लिए भारत का इसरो, अमेरिका का नासा और साथ में जापान, रूस, चीन व न जाने कितने ही देश अपने-अपने स्तर पर अंतरिक्ष के गूढ़ रहस्यों को बाहर लाने के लिए महंगे और चुनौतीपूर्ण मिशन कर रहे हैं। इसी लिस्ट में विश्व के सबसे अमीर शख्स एलेन मस्क की स्पेस कंपनी स्पेस एक्स भी शामिल है। स्पेस एक्स भी मंगल और चांद समेत कई अभियानों को अंजाम देने वाली है और दे भी रही है। लेकिन एलेन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने अंतरिक्ष में एक बड़ा खेल कर दिया है। जिससे एक बेकाबू रॉकेट की चांद पर भयंकर टक्कर होने वाली है और इस घटना का भारत का चंद्रयान-2 गवाह बनेगा। 

अंतरिक्ष में क्या होने वाला है?

फरवरी 2015 की जब एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने फॉल्कन 9 रॉकेट से पर्यावरण पर नजर रखने वाले सैटेलाइट को अंतरिक्ष में 15 लाख किलोमीटर दूर पहुंचाया था। उसके बाद से रॉकेट का ईंधन खत्म हो गया। तब यह से 4400 किलोग्राम वजनी रॉकेट बूस्टर अंतरिक्ष में घूम रहा था। अब यह उम्मीद लगाई जा रही है कि 4 मार्च 2022 को यह रॉकेट चांद की सतह से 9288 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से टकराएगा। ये दावा नियर अर्थ ऑब्जेक्ट को ट्रैक करने वले बिल ग्रे ने किया है। 21 जनवरी को बिल ग्रे ने अपने ब्लॉग में लिखा की पांच जनवरी को एक स्पेस जंक चांद के बगल से गुजरा. जो 4 मार्च 2022 को चांद की सतह से टकरा सकता  है। 

क्या ऐसा पहली बार हो रहा है? 

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है कि चांद की सतह पर इंसानों द्वारा बनाया गया कोई रॉकेट टकरा रहा हो। इससे पहले भी सैटेलाइट चांद की सतह से टकरा चुके हैं। साल 2009 में अमेरिका का लूनर क्रेटर ऑब्जरवेशन एंड सेंसिंग सैटेलाइट चांद के दक्षिणी ध्रुव पर 9 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से टकराया था। 

 रॉकेट के गिरने की तस्वीर खींच सकता है चंद्रयान-2

ग्रे के मुताबिक, चंद्रमा की परिक्रमा कर रहे भारत के चंद्रयान-2 ऑर्बिटर और नासा के लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर फाल्कन 9 रॉकेट के गिरने की तस्वीर खींच सकते हैं। भारत ने चंद्रयान-2 मिशन को साल 2019 में सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। इसे देश के अंतरिक्ष इतिहास की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा गया।

बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची में पार्टी के वफादारों को नजरअंदाज कर कांग्रेस से आने वाले नेताओं को टिकट दिए जाने के खिलाफ नारेबाजी की और पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़ की।

 

पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में बीजेपी ने 60 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया। केंद्रीय चुनाव समिति की मंजूरी मिलने के बाद बीजेपी ने अपने सभी 60 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया। ऐलान होती ही गुस्साए पार्टी कार्यकर्ताओं ने सीएम एन बीरेन सिंह और राज्य ईकाई की अध्यक्ष शारदा देवी के पुतले जलाए। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, हिंगांग सीट से चुनाव लड़ेंगे। मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को दो चरण में चुनाव होने है।

नाराज कार्यकर्ताओं ने जलाए पुतले

कार्यकर्ताओं ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची में पार्टी के वफादारों को नजरअंदाज कर कांग्रेस से आने वाले नेताओं को टिकट दिए जाने के खिलाफ नारेबाजी की और पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़ की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उम्मीदवारों की सूची की घोषणा के बाद भड़की हिंसा के चलते राज्य में भाजपा के सभी कार्यालयों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।  

कड़ी की गई पार्टी कार्यलय की 

सगोलबंद, काकचिंग, मोइरंग, कीसमथोंग विधानसभा क्षेत्रों में आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने पार्टी के झंडे, पर्चे जलाए, स्थानीय कार्यालयों में तोड़फोड़ की और नारेबाजी की। थंगा में कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पुतले जलाए। टिकट नहीं मिलने पर पूर्व मंत्री निमाईचंद लुवांग और थंगजाम अरुण कुमार ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया। थंगजाम बाद में जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए।

कांग्रेस पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को महंगाई के मुद्दे पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो ‘डायन’ महंगाई है वह मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) - योगी (मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ) सरकारों में ‘घर जमाई’ बन गई है।

 

लखनऊ। कांग्रेस पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को महंगाई के मुद्दे पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो ‘डायन’ महंगाई है वह मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) - योगी (मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ) सरकारों में ‘घर जमाई’ बन गई है। उन्होंने महंगाई से मुक्ति के लिए भाजपा की सरकार से मुक्ति पाने का अनुरोध किया। कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने सोमवार को यहां कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में महा महंगाई, भाजपा लाई पुस्‍तक का लोकार्पण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में 2014 में कांग्रेस सरकार और सात वर्षों में बढ़ी महंगाई का फर्क समझाते हुए कहा कि जो डायन महंगाई है, वह मोदी-योगी सरकारों में घर जमाई बन गई है।

उन्होंने केंद्र और राज्य की भाजपा नीत सरकारों पर प्रहार करते हुए दावा किया, एक तरफ देश के लोगों को महंगाई की आग में झोंक दिए तो दूसरी तरफ सात साल में भाजपा की संपत्ति 780 करोड़ से बढ़कर 4850 करोड़ हो गयी यानी साढ़े पांच सौ प्रतिशत बढ़ गई और हम दो, हमारे दो की संपत्ति हर रोज एक हजार करोड़ बढ़ रही है।” एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, मैं किसान हूं और इस देश के 62 करोड़ किसान की पीड़ा मेरे मन को कचोटती है, यह पहली सरकार है जिसने खाद, कीटनाशक दवाइयों पर कर लगाया है। ट्रैक्टर और खेती के उपकरणों पर भी कर लगा दिया है। उन्होंने दावा किया कि नरेंद्र मोदी और अजय सिंह बिष्ट (योगी आदित्यनाथ का संत होने से पहले का नाम) ने साढ़े 17 लाख करोड़ रुपये किसान की जेब से निकाला है। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी जी अलग और अजय सिंह बिष्ट जनता की अलग जेब काटते हैं और दोनों जेब काटते हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि महंगाई मुद्दा है लेकिन कई बार राजनेताओं के शोरगुल में यह दिखता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस की लड़ाई महंगाई और बेरोजगारी से है और पहली लड़ाई उनसे है जो मठाधीश दिल्ली और लखनऊ दोनों में सात साल से और एक पांच साल से लोगों की जिंदगियां लूट रहे हैं, पहली लड़ाई उनसे हैं।

चुनाव में सत्तारूढ़ दल के प्रचार प्रसार पर कटाक्ष करते हुए सुरजेवाला ने कहा, चुनाव में श्मशान, कब्रिस्तान, तमंचा और दो लड़के, एक दूसरे के लिए गाली गलौज और हर बार की तरह फ‍िर विभाजन की कोशिश सब चीजें उप्र के चुनाव में चल रही हैं सिवाय उनके जिनका उप्र और देश की जिंदगी पर असर पड़ता है-महंगाई और बेरोजगारी। उन्होंने कहा, “इन दोनों (महंगाई-बेरोजगारी) को तमंचे से मारिए या इत्र छिड़क मारिए, कैसे मारेंगे, यह सरकार की जिम्मेदारी का हिस्सा है, उन्हें श्मशान में जलाइए या कब्रिस्तान में दफनाइए, पर भगवान के लिए, ईश्वर के लिए इसका हल निकालिए क्योंकि यही लोगों की जिंदगी का मसला है।

महंगाई पर जारी कांग्रेस की पुस्तिका की चर्चा करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि महा महंगाई, भाजपा लाई पुस्तक का शीर्षक इसलिए दिया क्योंकि “यही इस देश और प्रदेश का सत्य है। इसलिए हम कहते हैं कि भाजपा को हराइए, महंगाई पर विजय पाइए। कांग्रेस नेता ने एक शेर पढ़ा, जिन्‍हें सौंपी थी रोशनी की रहनुमाई, बुझाकर चिराग वो दे रहे हैं उजाले की दुहाई और कहा कि मोदी और योगी सरकार जब यह शब्द जुबां पर आते हैं तो लोगों का ख्याल सीधे खाली जेब पर जाता है और यह बात उठती है कि एक तो आमदनी कर दी कम और दूसरी तरफ महंगाई का गम। उन्होंने कहा, सुबह उठकर जब लोग चाय बनाते हैं तो गैस का सिलेंडर एक हजार रुपये पा रहे हैं, खाने का तेल दो सौ रुपये, और दफ्तर जाते हैं तो पेट्रोल सौ रुपये में भराते हैं और घर लौटते हुए राशन खरीदते तो कई गुना दाम चुकाते हैं।”

उन्होंने कहा, मोदी और योगी की सरकार जिस जनता के नमक की सौगंध खाकर सत्ता में आई थी उसकी कीमत भी दोगुनी कर दी। महंगाई का आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा, लोग सुकून से अब एक प्याला चाय नहीं पी सकते हैं क्योंकि 2014 में जब कांग्रेस की सरकार गई तो जो चाय 130-140 रुपये किलो थी, वह आज 400-500 रुपये किलो हो गई। दाल, चना, राजमा, टमाटर, अरहर, मटर, मूंग सब कुछ लोगों की थाली से दूर होता जा रहा है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के लोगों की जेब काटी जा रही है पर भाजपा की संपत्ति बढ़ रही है। सुरजेवाला ने कहा कि पिछले 12 साल में सबसे ज्यादा 14.23 प्रतिशत थोक महंगाई बढ़ गई है और खुदरा महंगाई लगभग छह प्रतिशत बढ़ी है। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने पिछले सात साल में पेट्रोल डीजल पर कर लगाकर 24 लाख करोड़ रुपये कमाया है, अगर 2014 में कांग्रेस सरकार के समय की एक्‍साइज डयूटी हो तो आज पेट्रोल की कीमत लखनऊ में साढ़े 26 रुपये कम हो जाएगी और डीजल की कीमत सवा 25 रुपये कम हो जाएगी।

उन्होंने बढ़ी हुई महंगाई का विस्तार से ब्यौरा देते हुए रेल किराये में वृद्धि का उदाहरण दिया और कहा कि कांग्रेस के समय 32 पैसे प्रति किलोमीटर रेल भाड़ा था लेकिन मोदी जी और योगी ने उस भाड़े को एक रुपये दस पैसे प्रति किलोमीटर कर दिया है, यानी 343 प्रतिशत की वृद्धि हो गई। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि अब तक जो भी टीके सरकारों ने लगवाए मुफ़्त लगाए लेकिन पहली बार मोदी जी ने टीका लगवाने के पैसे लिए।

पाकिस्तान. सुपर लीग में छठा मैच कराची किंग्स और लाहौर कलंदर्स के बीच खेला गया। कराची किंग्स को सातवें सीजन में अपने पहले तीनों मैच में हार का सामना करना पड़ा है। कराची ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट पर 170 रन का स्कोर बनाया। लेकिन टीम का यह स्कोर लाहौर के सलामी के बल्लेबाज फखर जमां के सामने छोटा पड़ गया। जमां ने 106 रनों की शानदार शतकीय पारी खेलकर लाहौर कलंदर्स को 6 विकेट से सीजन की पहली जीत दिला दी।171 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी लाहौर कलंदर्स के लिए जमां ने एक छोर संभाले रखा और 60 गेंदों पर 12 चौके तथा 4 छक्के लगाए। जमां का पीएसएल में यह पहला शतक है। 106 रनों की शतकीय पारी में जमां का 176.67 का स्ट्राइक रेट रहा। उनके अलावा मोहम्मद हफीज ने 24 और समित पटेल ने 26 रन बनाए। इससे पहले, कराची किंग्स ने शर्जील खान के 60 और कप्तान बाबर आजम के 41 रनों की मदद से 7 विकेट पर 170 रन का स्कोर बनाया। लेकिन टीम इस टारगेट का बचाव नहीं कर पाई। बाएं हाथ के बल्लेबाज जमां ने पीएसएल में अपने 1500 रन पूरे कर लिए हैं। वह लीग के इतिहास में ऐसा करने वाले चौथे बल्लेबाज बन गए हैं।

कोरोना काल में दूसरी बार देश का आम बजट 1 फरवरी यानी मंगलवार को पेश होने वाला है। हर साल की तरह इस बार भी बजट से ठीक एक दिन पहले, 31 जनवरी यानी आज आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस आर्थिक सर्वे को सदन के पटल पर रखेंगी। अब सवाल है कि ये आर्थिक सर्वे क्या होता है और इसे बजट से ठीक एक दिन पहले ही क्यों पेश किया जाता है। ये एक तरह से अर्थव्यवस्था की सालाना आधिकारिक रिपोर्ट होती है। इसके जरिए सरकार देश के अर्थव्यवस्था की वास्तविक हालत के बारे में बताती है। इसमें भविष्य में बनाई जाने वाली योजानाओं और अर्थव्यवस्था में आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया जाता है। इस सर्वे रिपोर्ट में देश के आर्थिक विकास का अनुमान भी बताया जाता है। सर्वे रिपोर्ट में आगामी वित्त वर्ष का भी एक खाका पेश कर दिया जाता है। देश की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी या फिर धीमी रहेगी, इसकी जानकारी दी जाती है। इसके अलावा सर्वे में सरकार को कुछ सिफारिशें भी दी जाती हैं।

आर्थिक सर्वे को वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार और उनकी टीम तैयार करती है। हालांकि, इस बार मुख्य आर्थिक सलाहकर का पद कई महीनों तक खाली था। आपको बता दें कि बीते साल अक्टूबर माह में कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने इस पद से इस्तीफा दिया था। हालांकि, सरकार ने हाल ही में वी अनंत नागेश्वरन को नया मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त कर लिया है। इस बार के आर्थिक सर्वे के बारे में अनंत नागेश्वरन ही विस्तार से बताएंगे। 31 जनवरी को दोपहर 3 बजे अनंत नागेश्वरन मीडिया को संबोधित कर इसकी जानकारी देंगे।

 

निष्क्रिय या बंद पड़ी कंपनियों पर सरकार की संख्ती जारी है। अब सरकार ऐसी ही 35 हजार कंपनियों को अपने आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाने जा रही है। इन मृत कंपनियों ने दिसंबर के अंत तक अपना वार्षिक रिटर्न दाखिल नहीं किया है। सरकार ने 2020 में कंपनियों के रजिस्ट्रार के डाटाबेस से हटाने की प्रक्रिया शुरू की थी। तब कंपनियों के लिए एक नई शुरुआत योजना लागू की गई थी। इसके तहत व्यवसायों को पूरी तरह से अनुपालन करने वाली कंपनी के रूप में शुरुआत के लिए डिफॉल्ट की अवधि की परवाह किए बगैर फाइलिंग संबंध चूक को दुरुस्त करने की अनुमति दी गई थी। तब कई कंपनियों ने आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाने को अधिकरण में चुनौती दी थी।कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अनुसार, सुनवाई के बाद ऐसी कंपनियों को लेट फीस की अदायगी के बाद आधिकारिक रिकॉर्ड में फिर से शामिल किया गया था। लगातार दो साल तक वार्षिक रिटर्न फाइल नहीं करने वाली कंपनियों को आधिकारिक डाटाबेस से हटा दिया जाता है। कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय अगले कुछ महीनों में एक नया अनुपालन पोर्टल (एससीए21) शुरू करने जा रहा है। यह पोर्टल आर्टिफियल इंटेलीजेंस (एआई) तकनीक पर आधारित होगा और कॉरपोरेट अनुपालन के ट्रेंड से जुड़े डाटा का विश्लेषण करेगा। साथ ही यह रेगुलेटरी या पॉलिसी से जुड़ी चिंताओं की पहचान करेगा।

 

नई दिल्ली . आगामी उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है। वैसे-वैसे यहां की सरगर्मियां तेज होती जा रही है। पार्टियां चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है और चुनावी विसात पर अपने मोहरे बिछा रही हैं। लेकिन किसे मालूम कि इस चुनावी विसात में कुछ राजनीतिक घर में ही लड़ाई की एक दीवार खींच जाएगी। जी हां, यूपी चुनाव में कहीं पिता-बेटे अलग-अलग पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं, तो किसी सीट पर पति बनाम पत्नी खेल चल रहा है। ऐसे में आज हम आपको यूपी चुनाव में कुछ ऐसे सीटों के समीकरण के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां परिवार में ही जंग छिड़ी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिला रामपुर में विधानसभा चुनाव में दिलचस्प जंग देखने को मिलेगा। दरअसल, इस जिले में बाप और बेटों की जोड़ी चुनावी मैदान में होगी। काजिम अली खान जहां कांग्रेस के सिंबल से चुनाव लड़ेंगे, तो वहीं इस जिले के अन्य दूसरे विधानसभा सीट से खान के बेटे हैदर अली खान अपना दल (एस) के सिंबल से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि इससे पहले कांग्रेस ने उनको स्वार सीट से ही प्रत्याशी बनाया था लेकिन चुनाव में उतरने से पहले ही उन्होंने अपना दल का दामन थाम लिया। नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां, जो उत्तर प्रदेश के सबसे अमीर प्रत्याशियों में से एक हैं, को रामपुर सदर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। यूपी की बिधूना सीट पर बाप-बेटी में टक्कर देखी जा रही है। यहां मौजूदा विधायक विनय शाक्य सपा में शामिल हुए तो उनकी बेटी 25 वर्षीय रिया शाक्य को भाजपा ने उसी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है। ऐसे में अगर सपा विनय को भी सीट पर उम्मीदवार घोषित करता है तो यहां पिता-बेटी में जंग देखी जाएगी। यहां तक यदि उसके चाचा देवेश को भी उम्मीदवार बनाया जाता है, तो यह चाचा-भतीजी के बीच लड़ाई होगी। यूपी चुनाव में एक और राजनीतिक घर में दीवार खींची हुई है। यह राजनीतिक घर है स्वामी प्रसाद मौर्य की, जो हाल में यूपी कैबिनेट से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो चुके हैं। उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य बीजेपी में हैं और बदायूं से सांसद हैं। हालांकि इनकी अभी तक सीट तय नहीं हुई है, लेकिन संघमित्रा मौर्य ने हाल ही में कहा था कि पार्टी बेटी और पिता को आमने सामने ताल ठोकने के लिए नहीं कहेगी और कहेगी तो मैं बैकफुट पर आ जाऊंगी पिता जी के सामने ताल नहीं ठोकूंगी।

नई दिल्ली . हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुईं मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव अपने जेठ अखिलेश यादव के खिलाफ मैनपुरी की करहल सीट से मैदान में उतर सकती हैं। अखिलेश सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे, जबकि भाजपा ने इस सीट के लिए अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस ने ज्ञानवती यादव और बीएसपी ने कुलदीप नारायण को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है। मुलायम सिंह परिवार के गढ़ मैनपुरी की चारों सीटों पर तीसरे चरण में 20 फरवरी को चुनाव होना है। सपा ने चारों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, वहीं भाजपा ने अब तक तीन सीटों पर ही प्रत्याशी उतारे हैं। करहल से भाजपा ने अखिलेश यादव को चुनौती दे सकने वाले प्रत्याशी की तलाश में जुटी है। ऐसे में मैनपुरी और आसपास के इलाकों में इस बात की चर्चा भी है कि बीजेपी अपर्णा को अखिलेश के खिलाफ टिकट दे सकती है। इसी बीच शनिवार को एक निजी टीवी न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में अपर्णा ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वह करहल सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। बीजेपी नेता अपर्णा यादव ने कहा है कि यदि पार्टी कहेगी तो मैं करहल सीट से भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा, 'लखनऊ कैंट में लोगों की सेवा कर रही हूं। अगर पार्टी कहेगी तो अखिलेश भैया के खिलाफ भी चुनाव लड़ूंगी। पार्टी तय करेगी कि मुझे क्या करना है।' अखिलेश यादव के खिलाफ अगर अपर्णा यादव करहल सीट से चुनाव लड़ती हैं तो यहां का मुकाबला बड़ा दिलचस्प होगा। इस दौरान अपर्णा ने यह भी कहा कि सपा छोड़कर भाजपा में आने से मेरे ससुर मुलायम सिंह यादव नाराज नहीं है और उन्होंने मुझे आशीर्वाद भी दिया। गौरतलब है कि इस चुनावी मौसम में समाजवादी झटका देते हुए यादव परिवार की बहू अपर्णा यादव ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। अपर्णा यादव ने 2017 में विधानसभा चुनाव समाजवादी की पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट सीट से लड़ा। चुनाव में उन्हें बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी ने हरा दिया था।

लखनऊ . उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान नेताओं का आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर जारी है। इसी बीच रविवार को एक ट्वीट कर अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि भाजपा के आपराधिक छवि के प्रत्याशियों का शतक पूरा होने वाला है। इसमें महज एक प्रत्याशी की ही कमी रह गई है।
अखिलेश ने अपने ट्वीट में लिखा बाबा जी की ब्रेकिंग न्यूज़: भाजपा के आपराधिक छवि के प्रत्याशियों का शतक पूरा होने में बस एक की कमी, अब तक आपराधिक छवि के 99 उम्मीदवारों को टिकट दे चुकी है! उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होना है। इसकी शुरुआत 10 फरवरी को राज्य के पश्चिमी हिस्से के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान के साथ होगी। दूसरे चरण में 14 फरवरी को राज्य की 55 सीटों पर मतदान होगा।
उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण में 59 सीटों पर, 23 फरवरी को चौथे चरण में 60 सीटों पर, 27 फरवरी को पांचवें चरण में 60 सीटों पर, तीन मार्च को छठे चरण में 57 सीटोंपर और सात मार्च को सातवें चरण में 54 सीटों पर मतदान होगा। चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे। सन 2017 विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन कुल 325 सीटें मिली थीं। इनमें से अकेले 312 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। वहीं भाजपा गठबंधन की अन्य दो पार्टियों में अपना दल (एस) ने 11 सीटों में नौ सीटें और ओपी राजभर की भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी ने आठ में से चार सीटें जीती थीं। वहीं सपा और कांग्रेस गठबंधन को मात्र 54 सीटों के साथ संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस महज सात सीट जीतने में सफल हो पाई थी। इसके अलावा, समाजवादी पार्टी को केवल 47 सीटों पर जीत मिली। वहीं बसपा ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। रालोद को एक सीट और अन्य के खाते में 4 सीटें गई थीं।

 

लखनऊ . उत्तर प्रदेश चुनाव में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मशहूर शायर मुनव्वर राना के उस बयान पर अयोध्या के संतों ने तीखी प्रतिक्रिया की है। संत समाज ने कहा आज ही से मुनव्वर राणा को तैयारी शुरू कर देनी चाहिए अभी चुनाव में समय है। चुनाव में भाजपा को बहुमत मिलेगा और फिर योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनेंगे। शायर मुनव्वर राणा को आज से ही उत्तर प्रदेश छोड़ने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
संत समाज ने मुनव्वर राणा पर हमला बोलते हुए कहा कि मुनव्वर राणा मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। योगी के दोबारा आने पर केवल गुंडे-बदमाश ही प्रदेश छोड़ने की सोच सकते हैं। मुनव्वर राणा को केवल यह मलाल है कि वह अपने भाई की जमीन पर कब्जा नहीं कर पाए। इसीलिए वह लगातार ऐसी गुमराह करने वाली बातें करने में लगे हुए हैं। संतों ने मुनव्वर राणा को साफ संदेश देते हुए कहा कि उन्हें कोई गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए और तुरंत प्रदेश छोड़ने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
संतों ने मुनव्वर राणा को मर्यादा का पाठ भी पढ़ाया है। हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा मुनव्वर राणा ने कहा है कि अगर उत्तर प्रदेश में योगी की सरकार बनेगी तो हम उत्तर प्रदेश छोड़ देंगे। प्रदेश छोड़ने की योजना वहीं बना रहे हैं जो गुंडा बदमाश या माफिया हैं। राजू दास ने कहा कि मुनव्वर राणा अपने भाई की जमीन और संपत्ति हड़पने की कोशिश कर रहे थे, जिस पर पुलिस ने कार्रवाई की तो वह योगी सरकार के आलोचक हो गए। इसके बाद से ही वह मुसलमानों को बरगलाने का प्रयास करने में लगे हैं। मुसलमान खुद मुनव्वर राणा के कहने में नहीं है। महंत राजू दास ने कहा उत्तर प्रदेश का मुसलमान जागरूक हो चुका है और वह समझ चुका है।
मुनव्वर राणा को तकलीफ है कि मुख्यमंत्री योगी कैसे बन गए, ऐसे लोगों से सावधान होने की जरूरत है। रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा मुनव्वर राणा ने जो कहा है उस पर उन्हें अमल भी करना चाहिए, क्योंकि भाजपा की सरकार प्रदेश में बन रही है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही बनने जा रहे हैं। इसमें कोई संशय नहीं है। आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा इसलिए मनव्वर राणा को अभी से अपना बोरिया बिस्तर बांध लेना चाहिए। यह बहुत अच्छा होगा कि वह स्वतः ही प्रदेश छोड़ दें। उल्लेखनीय है कि मुनव्वर राना ने शनिवार को कहा था कि अगर यूपी में अगर योगी सरकार बनी तो वह पलायन कर जाएंगे।

 

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