राजनीति

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उत्तर प्रदेश में दो साल के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन अभी से ही मुसलमानों को लेकर राजनीतिक दलों के बीच सियासी शह-मात का खेल शुरू हो गया है. सूबे में 20 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं, जो सपा का कोर वोटबैंक माना जाता है. कांग्रेस की ओर से सांसद इमरान मसूद मुसलमानों को साधने की कवायद में जुटे हैं, तो मायावती की नजर भी मुस्लिम वोटों पर है. असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM मुस्लिमों से आस लगाए है, तो बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा ने कमान संभाल ली है.

सूबे में मुस्लिमों को लेकर बिछाई जा रही सियासी बिसात को देखते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव अलर्ट हो गए हैं क्योंकि सपा की राजनीति मुस्लिम वोटों पर ही टिकी हुई है. इमरान मसूद से लेकर मायावती और ओवैसी तक जिस तरह से सपा पर मुस्लिम समुदाय की अनदेखी करने का आरोप लगा रहे हैं, उससे अखिलेश यादव की सियासी बेचैनी बढ़ गई है. यही वजह है कि अखिलेश ने सोमवार को आनन-फानन में अपने मुस्लिम नेताओं की एक बैठक बुलाई और उनकी सभी शंकाओं को दूर करने की कवायद करते नजर आए.

अल्पसंख्यक समाज को सपा का संदेश

यूपी में 2027 की सियासी सरगर्मी बढ़ने के साथ ही मुस्लिम वोट को लेकर लामबंदी तेज हो गई है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को लखनऊ में अल्पसंख्यक मोर्चे के साथ बैठक की. इस बैठक में मुस्लिमों के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों का जिक्र करते हुए बीजेपी व योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा गया. इसके साथ ही वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए उन्हें ठीक करवाने की बात उठाई. इसी बैठक में अखिलेश यादव ने कहा कि इंडिया गठबंधन था, है और रहेगा. हम हर हाल में कांग्रेस के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.

 

पूरे देश में जाति जनगणना इस समय सुर्खियों में है. सरकार ने ऐलान किया है कि साल 2027 में जाति जनगणना की जाएगी. अब कांग्रेस पार्टी ने जाति जनगणना को लेकर बीजेपी को घेरने का काम किया है. पार्टी ने जनगणना की तारीख पर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, बीजेपी की नियत पर हमें शक है.

सचिन पायलट ने पीसी के दौरान कहा, राहुल जी बोलते थे कि हम देश का एक्स-रे चाहते हैं, उसका मुख्य उद्देश्य यह था कि हम देश की वास्तविक स्थिति सामने आए. कितने लोगों की कितनी भागीदारी है, कितने लोग किस हालात में रह रहे हैं. कहा और काम करने की जरूरत है. यह पूरी जानकारी हासिल करने के लिए जाति जनगणना बहुत जरूरी थी.

 

आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल सरकार में बने मोहल्ला क्लीनिकों और डिस्पेंसरीज का नाम बदलने पर आपत्ति जताई है और दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आप के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चिराग दिल्ली स्थित एक वातानुकूलित डिस्पेंसरी का वीडियो साझा कर हमला किया. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार में बने मोहल्ला क्लीनिकों और डिस्पेंसरीज की रंगाई पुताई करके भाजपा सरकार दिल्लीवालों को बता रही है कि उसने नया आयुष्मान आरोग्य मंदिर बना दिए.

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि चिराग दिल्ली स्थित डिस्पेंसरी का उद्घाटन तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने किया था. आज भी डिस्पेंसरी पर सत्येंद्र जैन और मेरे नाम का पत्थर लगा हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसी तरह बाकी मोहल्ला क्लीनिकों का भी नाम बदल कर आरोग्य मंदिर किया जा रहा है.

 

पुडुचेरी । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को पांडिचेरी विश्वविद्यालय में सवाल किया कि हम भाषाओं को लेकर कैसे विभाजित हो सकते हैं? उपराष्ट्रपति पांडिचेरी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं।अपने सम्बोधन में धनखड़ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अक्षरशः लागू करने की वकालत की है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएगी और इससे देश के विकास को भी गति मिलेगी। उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को न लागू करने वाले राज्यों से अपील करते हुए कहा कि वे इसे लागू करें। ये नीति महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पांडिचेरी विश्वविद्यालय में कहा कि पिछले दशक में अभूतपूर्व विकास के कारण भारत दुनिया का सबसे महत्वाकांक्षी राष्ट्र है। उपराष्ट्रपति ने सवाल किया कि हम भाषाओं को लेकर कैसे विभाजित हो सकते हैं? उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि दुनिया में मौजूद कोई भी देश भाषाओं के मामले में भारत की तरह समृद्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद में भी सदस्यों को 22 भाषाओं में बोलने की इजाजत है। भारत की भाषाएं समावेशिता का संकेत देती हैं। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि हमें गंतव्य को देखना चाहिए, भविष्य को ध्यान में रखना चाहिए और तूफान से उबरना चाहिए।

बेंगलुरु। कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन द्वारा जनसंख्या आधारित डिलिमिटेशन की प्रक्रिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का समर्थन किया। उन्होंने इस मुद्दे पर ऐक्शन की जरुरत पर जोर दिया। वहीं कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने पार्टी आलाकमान की सलाह पर सावधानीपूर्वक कदम उठाने की बात कही है। बेंगलुरु में सिद्धारमैया से एक प्रतिनिधिमंडल मिला और जनसंख्या आधारित डिलिमिटेशन के खिलाफ एकजुट होने पर चर्चा की। इस दौरान स्टालिन ने फोन पर सिद्धरामैया से बात की और कर्नाटक से एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता को नामांकित करने की अपील की। कर्नाटक सरकार ने बयान जारी कर कहा कि कर्नाटक तमिलनाडु के साथ है और यह प्रक्रिया गैर-लोकतांत्रिक है क्योंकि इसे सभी राज्यों की सहमति के बिना किया जा रहा है।
सीएमओ के बयान के मुताबिक सिद्धारमैया ने कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा कि वे केंद्र सरकार के ऐसे सभी कदमों की निंदा करते हैं जो कर्नाटक के हितों के खिलाफ हों, लोकतंत्र को कमजोर करे और संविधान के संघीय सिद्धांतों के खिलाफ हो। सीएम स्टालिन के मुताबिक प्रस्तावित संयुक्त कार्रवाई समिति में केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब जैसे राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं। इस समिति की पहली बैठक 22 मार्च को चेन्नई में होनी वाली है।
लोकसभा में बुधवार को डीएमके सदस्य डी एम काथीर आनंद ने कहा कि प्रस्तावित डिलिमिटेशन प्रक्रिया उन प्रगतिशील राज्यों जैसे तमिलनाडु को नुकसान पहुंचाएगी, जिन्होंने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह केवल जनसंख्या के बजाय राज्यों की आर्थिक प्रदर्शन, प्रति व्यक्ति आय, बुनियादी ढांचे में सुधार जैसे महत्वपूर्ण मानकों को ध्यान में रखते हुए यह प्रक्रिया करे।
वहीं, बीजेपी के सदस्य निशिकांत दुबे ने भी इस मुद्दे को उठाया और पश्चिम बंगाल की सीमाओं से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाले बांगलादेशी नागरिकों के संदर्भ में चिंता जताई। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार जब डिलिमिटेशन करे तो इन घुसपैठियों को बाहर रखा जाए।

महाराष्ट्र लोकसभा: महाराष्ट्र की राजनीति में औरंगजेब को लेकर हंगामा जारी है। औरंगजेब की तारीफ करने पर सपा नेता और विधायक अबू आजमी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अब औरंगजेब विवाद की गूंज लोकसभा में भी सुनाई देने लगी है। शिवसेना पार्टी के सांसद नरेश म्हास्के ने बुधवार को लोकसभा में मांग की कि महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर के खुल्दाबाद में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को नष्ट कर दिया जाना चाहिए।

25 फीसदी स्मारक और कब्र मुगल-अंग्रेजों की- सांसद

लोकसभा के शून्यकाल के दौरान शिवसेना के नरेश म्हास्के ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित 3,691 स्मारकों और कब्रों में से 25 फीसदी मुगल और ब्रिटिश अधिकारियों की हैं। इन सभी ने भारत की संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ काम किया। शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने कहा कि औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी की हत्या की और हिंदू मंदिरों को लूटा और नष्ट किया।

औरंगजेब की कब्र को संरक्षित करने की क्या जरूरत है? - सांसद

शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने लोकसभा में कहा कि औरंगजेब, जिसने नौवें और दसवें सिख गुरुओं की भी हत्या की थी, की महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में एक कब्र है जिसे एएसआई द्वारा संरक्षित किया गया है। सांसद ने कहा- "औरंगजेब जैसे क्रूर व्यक्ति की कब्र को संरक्षित करने की क्या जरूरत है? औरंगजेब और भारत के खिलाफ काम करने वाले सभी लोगों के स्मारकों को नष्ट कर दिया जाना चाहिए।"

सीएम फडणवीस ने क्या कहा?

इससे पहले महाराष्ट्र की सतारा सीट से भाजपा सांसद और मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले ने छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की थी। इस बारे में बात करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "हम सभी ऐसा चाहते हैं, लेकिन आपको इसे कानून के दायरे में करना होगा, क्योंकि यह एक संरक्षित स्थल है। इस स्थल को कुछ साल पहले कांग्रेस के शासन के दौरान एएसआई के संरक्षण में दिया गया था।"

नई दिल्ली । देश में भाषा को लेकर चल रही बहस में तमिलनाडु ने आग में घी डालने का काम कर दिया है। तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने अपने राज्य बजट के लोगो के रूप में आधिकारिक भारतीय रुपये के प्रतीक रुपया को तमिल अक्षर ரூ से बदल दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब देश में किसी राज्य ने रुपये के चिह्न को बदल दिया हो। यह बात सीएम स्टालिन द्वारा राज्य का बजट पेश करने से पहले सामने आई है।
खास बात है कि स्टालिन के कदम को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। यह उस समय में हुआ है जब आधिकारिक संचार और दस्तावेजीकरण में क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग विवाद का विषय रहा है। अब सवाल है कि क्या राज्य के पास इस तरह रुपये के चिह्न में बदलाव करने का अधिकार है।
रुपये के चिह्न में बदलाव का यह देश में अपनी तरह का पहला मामला है। इससे पहले किसी भी राज्य की ओर से इस तरह का कदम नहीं उठाया गया है। हालांकि, केंद्र की तरफ से रुपये के चिह्न में बदलाव को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं। इसके बाद साफतौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि तमिलनाडु सरकार की तरफ से यह कदम कानून का उल्लंघन है।
यदि रुपये को राष्ट्रीय चिह्न के रूप में मान्यता मिली होती, तब इसमें किसी तरह का बदलाव करने का अधिकार सिर्फ केंद्र के पास रहता। राष्ट्रीय चिह्न की सूची में रुपये का चिह्न नहीं है। राष्ट्रीय चिह्न में बदलाव के संबंध में भारतीय राष्ट्रीय चिन्ह (दुरुपयोग की रोकथाम) एक्ट 2005 बना हुआ है। बाद में इस कानून को 2007 में अपडेट किया जा चुका है। एक्ट के सेक्शन 6(2)(एफ) में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि सरकार राष्ट्रीय प्रतीकों की डिजाइन में बदलाव कर सकती है।
कानून के जानकारों के अनुसार जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार के पास राष्ट्रीय चिह्न में हर वहां बदलाव करने की शक्ति है जिसे वे आवश्यक समझती है। एक्ट के तहत सिर्फ राष्ट्रीय चिह्न के सिर्फ डिजाइन में बदलाव किया जा सकता है पूरा डिजाइन नहीं बदला जा सकता है। हालांकि, कई जानकार का मानना है कि केंद्र सरकार के पास सिर्फ राष्ट्रीय प्रतीक के डिजाइन में बदलाव करने की ताकत नहीं है बल्कि वहां पूरा राष्ट्रीय प्रतीक भी बदल सकती है। इसके पीछे कारण है कि भारतीय राष्ट्रीय चिन्ह (दुरुपयोग की रोकथाम) एक्ट 2005 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो सरकार को इसतरह बदलाव करने से रोकता है।

नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी ने हरियाणा नगर निकाय चुनावों में बीजेपी की जीत को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि ये परिणाम सीएम नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के विकास कार्यों में लोगों के अटूट विश्वास की अभिव्यक्ति है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने के छह महीने से भी कम समय में सत्तारूढ़ बीजेपी ने बुधवार को राज्य में हुए नगर निगम चुनावों में भारी जीत दर्ज करते हुए महापौर की दस में से नौ सीटों पर कब्जा कर लिया है।
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि हरियाणा निकाय चुनाव में बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत के लिए हरियाणा के मेरे परिवारजनों का बहुत-बहुत आभार। उन्होंने कहा कि यह जीत नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चल रही सरकार के विकास कार्यों के प्रति जनता-जनार्दन के अटूट विश्वास की अभिव्यक्ति है। मैं प्रदेश के लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि हम उनकी उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मोदी ने कहा कि इस विजय में पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं के कठिन परिश्रम की बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं की तारीफ भी की।

फिल्म छावा के रिलीज होने के बाद पूरे देश में औरंगजेब का नाम मिटाने की जंग छिड़ गई है। कोई लुटियन जोन में औरंगजेब रोड का नाम मिटा रहा है तो कोई उसकी कब्र को गिराने की मांग कर रहा है। अब इस बीच औरंगजेब को लेकर सियासत भी पीछे नहीं है। शिवसेना विधायक महेंद्र थोरवे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सांसद सुनील तटकरे को मुगल बादशाह औरंगजेब बताते हुए महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में दोनों दलों के बीच रायगढ़ के प्रभारी मंत्री पद को लेकर बढ़ती दरार की ओर इशारा किया। रायगढ़ के विधायक थोरवे ने बुधवार को अलीबाग में एक कार्यक्रम में कहा कि तीसरे अंपायर (मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर इशारा करते हुए) ने रायगढ़ के प्रभारी मंत्री पद के फैसले पर रोक लगा दी, क्योंकि यह गलत था। रायगढ़ के प्रभारी मंत्री पद की दौड़ में एनसीपी और शिवसेना दोनों ही शामिल हैं। फडणवीस ने महिला एवं बाल विकास मंत्री और एनसीपी नेता अदिति तटकरे को जिले का प्रभारी मंत्री नियुक्त किया था। हालांकि, रायगढ़ के महाड का प्रतिनिधित्व करने वाले रोजगार गारंटी मंत्री भरत गोगावले भी जिले के प्रभारी मंत्री बनने की ख्वाहिश रखते थे। शिवसेना की नाराजगी के बाद फडणवीस ने फैसला टाल दिया।

'सुतारवाड़ी में रहता है औरंगजेब'

महेंद्र थोरवे ने कहा कि सुनील तटकरे को केंद्र में जगह मिल सकती है क्योंकि आपके साथियों ने आपको कप्तान बनाया था। यह जानना जरूरी है कि फिल्म छावा में औरंगजेब का स्थान अकलुज दिखाया गया है। जबकि आज का औरंगजेब सुतारवाड़ी में रहता है। थोरवे ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि तटकरे सुतारवाड़ी की रहने वाली हैं। थोरवे ने आगे कहा कि अगर तटकरे शिवसेना के साथ गलत राजनीति करती हैं तो शिवसेना अगली बार रायगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ सकती है। उन्होंने कहा कि हम यह भी दिखा सकते हैं कि आप हमारे विधायकों के समर्थन के कारण ही रायगढ़ के सांसद बने हैं, अन्यथा आप ग्राम पंचायत सदस्य भी नहीं बन सकते थे।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को राज्य का बजट पेश किया। इस बजट में राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं। हालांकि, बीजेपी ने इस बजट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी नेता प्रदीप भंडारी ने इसे आधुनिक मुस्लिम लीग का बजट बताया है। आइए जानते हैं बजट में अल्पसंख्यकों के लिए क्या बड़ी बातें हैं।

अल्पसंख्यक कल्याण

वक्फ भूमि और कब्रिस्तान के संरक्षण और रखरखाव के लिए 150 करोड़ रुपये का आवंटन। सीएम अल्पसंख्यक कॉलोनी विकास कार्यक्रम के तहत वित्तीय वर्ष 25-26 में 1000 करोड़ रुपये की कार्ययोजना लागू की जाएगी। आर्थिक रूप से कमजोर अल्पसंख्यकों की शादी के लिए हर जोड़े को पचास हजार रुपये की सहायता। हज भवन परिसर में एक और भवन बनाया जाएगा।

सरकार की अन्य बड़ी घोषणाएं

कर्नाटक पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर 250 मौलाना आजाद मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्री-प्राइमरी से लेकर पीयू तक की कक्षाएं चरणबद्ध तरीके से शुरू की जाएंगी। इस उद्देश्य के लिए कुल 500 करोड़ रुपये की लागत का कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए चालू वर्ष में 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है और कार्यक्रम को स्कूल शिक्षा विभाग के सहयोग से लागू किया जाएगा। मदरसों में औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ धार्मिक शिक्षा प्रदान करने के लिए, छात्रों को एनआईओएस के माध्यम से एसएसएलसी परीक्षा लिखने के लिए तैयार करने के लिए कंप्यूटर, स्मार्ट बोर्ड और अन्य आवश्यक बुनियादी ढाँचा प्रदान किया जाएगा। कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम के माध्यम से अल्पसंख्यक युवाओं को नए स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक कॉलोनी विकास कार्यक्रम के तहत 1,000 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है।

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