ईश्वर दुबे
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश कर रही हैं। लगातार दूसरी बार पेश हो रहे पेपरलेस आम बजट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई के लिए कई अहम ऐलान किए गए हैं। इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 130 लाख से अधिक एमएसएमई को लोन दिए गए हैं। ईसीएलजीएस के दायरे को 50 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपए तक कर दिया गया है। इससे 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त लोन मिल सकेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि उद्यम, ई-श्रम , एनसीएस और असीम पोर्टल्स को लिंक किया जाएगा। इससे एमएसएमई का दायरा बढ़ जाएगा। आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी, जिसने एमएसएमई को अतिरिक्त ऋण प्रदान किया है, को मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया है। वहीं, अतिरिक्त कर्ज खासतौर से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को दिया जाएगा।
संसद के बजट सत्र की सोमवार से शुरुआत हो गई। बजट सत्र के पहले दिन केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई, कृषि उत्पादों की रेकार्ड खरीद, महिला सशक्तिकरण के दिशा में प्रयासों और आंतरिक सुरक्षा में सुधार जैसे अनेक कदम गिनाए। यही नहीं पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण (2021-22) सदन के पटल पर रखा गया। इसके साथ ही राज्य सभा के सभापति ने सांसदों से एक अपील भी की
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन के सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि वे बैठने की नई व्यवस्था का पालन करें और कोरोना की नई लहर के बीच हर हाल में एक-दूसरे के समीप बैठने से बचें। सामान्य दिनों में पहले की व्यवस्था के विपरीत सदस्यों के बैठने के लिए राज्यसभा और लोकसभा कक्षों के साथ-साथ दोनों सदनों की दीर्घाओं में नई व्यवस्था तय की गई है। बैठने की यह व्यवस्था पहली बार संसद में तब लागू की गई थी जब 2020 में पूरे देश में कोरोना महामारी फैल गई थी।
गोवा में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के रण में कुल 301 उम्मीदवार मैदान में बचे हैं। चुनाव के लिए 578 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था। हालांकि, फार्म की जांच के बाद अब 301 उम्मीदवार रह गए हैं। बता दें कि सोमवार को नामाकंन वापस लेने का आखिरी दिन था।
गोवा के मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि फॉर्म की जांच के बाद, 332 उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए मंजूरी दी गई थी। उन्होंने बताया, 'नाम वापस लेने के आखिरी दिन 31 जनवरी के बाद 301 उम्मीदवार चुनावी मैदान में रह गए हैं। अंतिम दिन 31 उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया है।'
सियोलिम में सबसे ज्यादा उम्मीदवार
सियोलिम विधानसभा क्षेत्र से सबसे ज्यादा उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। उत्तरी गोवा की इस सीट से 13 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की सीट सेंकलिम विधानसभा में कुल 12 उम्मीदवार हैं। दक्षिण गोवा की कंकोलिम से 10 उम्मीदवार इस बार चुनाव लड़ेंगे।
संसद के बजट सत्र में विपक्ष की ओर से पेगासस का मुद्दा उठाए जाने के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशीने सोमवार को कहा कि इस मसले पर अलग से चर्चा की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि यह मामला पहले ही सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। हमने विपक्ष से कहा है कि बजट सत्र के पहले भाग के दौरान हम केवल बजट और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा कर सकते हैं। इसलिए अलग से चर्चा करना संभव नहीं होगा। खासकर ऐसे किसी भी मामले में जो सुप्रीम कोर्ट में है।
चुनाव आयोग ने सोमवार को रोड शो, पदयात्रा, वाहन रैलियों और जुलूसों पर लगा प्रतिबंध 11 फरवरी तक बढ़ा दिया। इसने घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करने वाले लोगों की संख्या को मौजूदा 10 से बढ़ाकर 20 कर दिया। इसके साथ ही जनसभाओं में अधिकतम एक हजार लोगों के शामिल होने की अनुमति प्रदान कर दी।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडे के साथ चुनावी राज्यों-गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश में कोरोना की वर्तमान स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। इसके बाद इस संबंध में निर्णय लिया गया।
आयोग ने एक बयान में कहा कि 11 फरवरी, 2022 तक किसी भी रोड शो, पदयात्रा और वाहन रैलियों तथा जुलूस की अनुमति नहीं देने का फैसला किया गया है। बयान में कहा गया कि आयोग ने चुनाव के सभी चरणों के लिए एक फरवरी, 2022 से निर्दिष्ट खुले स्थानों पर राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की जनसभाओं में मौजूदा संख्या पांच सौ की जगह अधिकतम एक हजार या मैदान की क्षमता का 50 प्रतिशत या राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) द्वारा निर्धारित सीमा के अनुसार, इनमें से जो भी कम हो, लोगों के शामिल होने की अनुमति देने का भी निर्णय लिया है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) सौरव गांगुली की टीम सिलेक्शन मीटिंग में मौजूदगी के दावे से फैन्स बहुत नाराज हैं। बीसीसीआई और टीम इंडिया के लिए पिछले कुछ महीने काफी विवादों से भरे रहे हैं। विराट कोहली अभी से छह महीने पहले तक तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के कप्तान थे और अब वह किसी भी फॉर्मेट में टीम की कमान नहीं संभाल रहे हैं। रोहित शर्मा वनडे और टी20 इंटरनेशनल टीम के कप्तान बनाए जा चुके हैं, लेकिन टेस्ट टीम की कमान किसके हाथ जाएगी, इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
सौरव गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष होने के बावजूद टीम सिलेक्शन की मीटिंग में शामिल होते हैं। इस वीडियो क्लिप को सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है और इसके बाद से लोग गांगुली को जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं। कुछ फैन्स का मानना है कि गांगुली और बीसीसीआई सेक्रेटरी जय शाह ने मिलकर भारतीय क्रिकेट का बेड़ा गर्क कर दिया है। इस वीडियो के बाद फैन्स ने गांगुली के इस्तीफे की भी मांग की है।
पाकिस्तान की टेरर पॉलिसी दुनिया भर में उसकी बदनामी का सबब बन रही है। हाल ही में अमेरिका में देखने को मिला। रिपब्लिकन सांसद स्कॉट पेरी ने अमेरिका में पाकिस्तान के नए राजदूत मसूद खान को जिहादी और आतंकवादियों से सहानुभूति रखने वाला बताकर उनकी आलोचना की। इसके साथ ही बाइडेन प्रशासन से उनकी नियुक्ति खारिज करने की मांग की। पिछले हफ्ते राष्ट्रपति जो बाइडेन को लिखे खत में स्कॉट पेरी ने कहा- मसूद खान आतंकवादियों से सहानुभूति रखने वाले बेईमान इंसान हैं। जो अमेरिकी हितों के साथ साथ हमारे भारतीय सहयोगियों की सुरक्षा को कमजोर करने के लिए काम कर रहे हैं। मैं आपके अनुरोध करता हूं कि मसूद खान की नियुक्ति को तुरंत खारिज करें।
अमेरिका ने फिलहाल मसूद खान की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। इस पर पेरी ने कहा कि नियुक्ति पर रोक काफी नहीं है, इसे तुरंत खारिज किया जाना चाहिए। स्कॉट पेरी के मुताबिक, मसूद खान हिजबुल मुजाहिदीन समेत कई आतंकवादी संगठनों की तारीफ कर चुके हैं। वे युवाओं को बुरहान वानी जैसे आतंकियों के रास्ते पर चलने के लिए भड़काते रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान एक सुपर टेररिस्ट स्टेट के रूप में अपनी पहचान को अपना चुका है। कुछ वक्त पहले टेक्सास के सिनेगॉग में जिस पाकिस्तानी आतंकी आफिया सिद्दीकी को छुड़ाने के लिए हमला किया गया था, मसूद खान उसकी रिहाई की मांग भी कर चुके हैं।
रावलकोट के पश्तून परिवार से ताल्लुक रखने वाले मसूद खान को कट्टरपंथी शख्सियत माना जाता है। उन्होंने करियर की शुरुआत अमेरिका में पाकिस्तान दूतावास से की थी। इसके अलावा वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के राष्ट्रपति भी रह चुके हैं। उन्होंने मुशर्रफ शासन के दौरान पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता के रूप में भी काम किया। कांग्रेसमैन स्कॉट पेरी भी अमेरिका में एक विवादास्पद शख्सियत हैं। पेन्सिलवेनिया के सांसद के रूप में उनका तीसरा कार्यकाल है। उन्हें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कट्टर समर्थक माना जाता है।
रक्षा मंत्रालय एक नई पहल के तहत ऑनलाइन मेडिकल कंसल्टेशन प्लैटफॉर्म के माध्यम से दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाएं लेने वाले रिटायर्ड सैनिकों और सेवारत सैन्य कर्मियों के लिए मंगलवार को दवाओं की 'होम डिलीवरी' शुरू करेगा। मंत्रालय ने कहा कि सर्विसेज ई-हेल्थ असिस्टेंस एंड टेलीकंसल्टेशन सेहत योजना के तहत दवाओं की 'होम डिलीवरी' दिल्ली छावनी के बेस अस्पताल से शुरू की जाएगी और इस योजना को भविष्य में अधिक से अधिक केंद्रों तक बढ़ाया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह एक त्रि-सेवा टेलीकंसल्टेशन सेवा है जिसे 'सभी योग्य कर्मियों' और उनके परिवारों के लिए तैयार किया गया है। बयान में कहा गया पिछले साल मई में इस सेवा की शुरुआत की गई थी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि खासकर ऐसे समय में जब देश कोविड-19 से लड़ रहा है यह नई पहल का एक बड़ा उदाहरण है। बयान के मुताबिक, अस्पतालों पर बोझ कम करने के अलावा दूरदराज के इलाकों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 'ऑनलाइन आउट पेशेंट प्लैटफॉर्म' की शुरुआत की गई है।
स्वास्थ्य सेवा को मरीज के दरवाजे तक पहुंचाते हुए रक्षा सचिव अजय कुमार ने सेहत पर परामर्श के लिए मरीजों को होम डिलीवरी या दवाओं की सेल्फ पिकअप प्रदान करने की अनूठी पहल की है। इसमें कहा गया है कि होम डिलीवरी या दवाओं के सेल्फ पिकअप के इच्छुक व्यक्ति प्लैटफॉर्म पर लॉग इन करते समय अपनी पसंद का संकेत दे सकते हैं। शुरुआत में होम डिलीवरी की यह परियोजना 1 फरवरी से बेस अस्पताल, दिल्ली कैंट से शुरू की जाएगी और आने वाले समय में इसे अधिक से अधिक केंद्रों तक बढ़ाया जाएगा। सेहत योजना के तहत मेडिकल कंसल्टेशन वीडियो, ऑडियो और ऑनलाइन चैट के माध्यम से होता है। इसका उद्देश्य मरीजों को उनके घरों में आराम से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। अस्पताल में एक डॉक्टर और देश में कहीं भी अपने घर की सीमा के भीतर एक मरीज के बीच सुरक्षित और संरचित वीडियो-आधारित परामर्श सक्षम किया गया है। उपयोगकर्ताओं को टेलीकंसल्टेशन लेने के लिए कुछ भी भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है और केवल sehatopd.gov.in पर जाकर या Google Play Store और अन्य ऐप स्टोर पर उपलब्ध सेहत ऐप का उपयोग करके सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
कोरोना की तीसरी लहर के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 11 बजे संसद में आम बजट पेश करेंगी। यह मोदी सरकार का 10वां और निर्मला का चौथा बजट है। सुबह करीब 9.50 बजे बजट की कॉपी संसद भवन पहुंच गई। इसके चंद मिनट बाद वित्त मंत्री भी संसद पहुंच गईं। प्रधानमंत्री मोदी समेत पूरी कैबिनेट भी संसद में मौजूद है।सुबह करीब 10.10 बजे बजट को औपचारिक मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इससे पहले सीतारमण ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।
मंगलवार सुबह शेयर बाजार में जोरदार उछाल देखने को मिली है। सेंसेक्स में 650 अंक का उछाल आया, तो निफ्टी भी 180 अंक की मजबूती के साथ 17475 पर पहुंच गया। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा है कि वित्त मंत्री सबकी जरूरतों के मुताबिक बजट पेश करेंगी। इससे किसानों सहित सभी सेक्टर को उम्मीदें रखनी चाहिए।19 किलो वाले कॉमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमत में 91.50 रुपए की कटौती की गई है। दिल्ली में अब यह 1907 रुपए का मिलेगा। नई कीमत आज से ही लागू हो गई है। बजट से पहले एविएशन टर्बाइन फ्यूल यानी विमानों के ईंधन के दाम में रिकॉर्ड 8.5% की बढ़ोतरी हुई है। ईंधन के दाम बढ़ने पर हवाई किराया भी बढ़ सकता है।
महामारी के दौरान लोगों की जिंदगी भी बदली है और जरूरतें भी। ऐसे में बजट से उम्मीदें भी अलग ही हैं। तो महामारी के दौर में पेश किए जा रहे बजट की बातें इसी दौर की भाषा में करते हैं। सबसे बड़ी उम्मीद है इनकम टैक्स की राहत वाली वैक्सीन की, यानी टैक्स फ्री इनकम का दायरा बढ़ाना।महामारी से प्रभावित हुए किसान, छोटे-मंझोले व्यापारी और टूरिज्म सेक्टर को भी स्पेशल पैकेज के ऑक्सीजन की आस है। युवाओं को रोजगार का सपोर्ट चाहिए और इंडस्ट्री को लोन, टैक्स जैसी प्रोसेस में रिलैक्सेशन।
1. इनकम टैक्स - लोग चाहते हैं कि टैक्स फ्री इनकम का दायरा बढ़ाया जाए। 2014 में इनकम टैक्स की छूट 2 लाख से बढ़ाकर ढाई लाख की गई थी। इसके बाद यह नहीं बदली। 2020 में नई व्यवस्था आ गई, इसे ज्यादा लोगों ने अपनाया नहीं, इसमें सेविंग्स पर छूट नहीं थी।
2. नौकरीपेशा - ज्यादातर नौकरीपेशा आजकल वर्क फ्रॉम होम कल्चर में ढल चुके हैं, भले वे सरकारी हों या फिर निजी कंपनी के वर्कर्स। उनका कहना है कि घर पर बिजली, इंटरनेट, सेटअप में खर्च होता है। ऐसे में उन्हें स्पेशल छूट की उम्मीद है। दूसरी उम्मीद 80C का दायरा बढ़ाए जाने की है, जो 2014 के बाद नहीं बढ़ा है।
3. किसान - चुनावी साल है और इससे पहले ही दिल्ली में किसानों का आंदोलन खत्म हुआ है। बजट में भी किसानों को उम्मीदें कुछ ज्यादा हैं। सूत्रों के मुताबिक, उम्मीदें पूरी भी होंगी। इनमें दो अहम हैं। पहली- किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाना। दूसरी- PM किसान सम्मान निधि को बढ़ाया जाना। सब्सिडी बढ़ाने की भी डिमांड है।
4. हेल्थ सेक्टर- सोशल वेलफेयर- कोरोना की तीसरी लहर जारी है। पिछली बार हेल्थ सेक्टर को 2.38 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे। इस बार इसे 50% बढ़ाए जाने की उम्मीद है। इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक,पिछले दो साल हेल्थकेयर का खर्च 73% बढ़कर 4.72 लाख करोड़ रहा। वैक्सीन मैन्यूफैक्चरिंग और बच्चों के लिए हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस रहेगा। मेडिकल और हेल्थ केयर वर्कर्स के लिए स्पेशल स्कीमों का ऐलान संभव। गरीबों और बेसहारा लोगों के लिए स्पेशल वेलफेयर स्कीम का ऐलान संभव। असंगठित यानी प्रवासी मजदूरों को भी मिल सकता है विशेष पैकेज का तोहफा
5. महिलाएं- वित्त मंत्री खुद महिला हैं। ऐसे में देश की 60 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को उम्मीदें भी हैं। महिलाओं की इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। गोल्ड बॉन्ड पर ब्याज और म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट पर छूट बढ़ाई जा सकती है।
6. रेलवे- चुनावों के बीच नई सुविधाओं का ऐलान तो किया जा सकता है, पर किराया बढ़ने के आसार कम ही हैं। पिछले साल 1.10 लाख करोड़ का बजट रेलवे को दिया गया था, फिर भी इसे 26 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा हुआ है।
7. कारोबारी और GST की दरें- कोरोना के वक्त सबसे ज्यादा प्रभावित कारोबारी हुए। सरकार ने पिछले साल भी इस वर्ग से जुड़े सबसे बड़े सेक्टर MSME के लिए स्पेशल पैकेज दिया था। यह पैकेज 15 हजार 700 करोड़ रुपए का था। इस बार भी ऐसे ही स्पेशल पैकेज की उम्मीद की जा रही है, ताकि तीसरी लहर में ये सेक्टर ग्रो कर सके।
8. क्रिप्टोकरेंसी- क्रिप्टोकरेंसी सबसे चर्चित और प्रचलित इन्वेस्टमेंट एरिया है। सरकार इस पर कानून लाने ही जा रही है। ऐसे में इसके रेगुलाइजेशन को लेकर बड़ी घोषणा की उम्मीद इन्वेस्टर्स कर रहे हैं। अभी सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ डिजिटल करेंसी बिल 2021 लाने जा रही है। क्रिप्टोकरंसी लीगल होगी या बैन, अभी तय नहीं।
9. टूरिज्म- टूरिज्म सेक्टर को भी राहत की उम्मीद है, क्योंकि कोरोना में सबसे ज्यादा मार इसी पर पड़ी है। लॉकडाउन के वक्त महीनों तक इस इंडस्ट्री में भी ताला ही पड़ा रहा। ऐसे में इस सेक्टर को सहूलियत की आस है।
10. इलेक्ट्रॉनिक्स- इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल के इक्विपमेंट पर कस्टम ड्यूटी को लेकर बड़ा ऐलान किया जा सकता है। कोरोना के दौरान स्मार्ट वॉच और स्मार्ट बैंड जैसे गैजेट्स की डिमांड बढ़ी है। इलेक्ट्रॉनिक्स में भारत ने 2021 में 16 अरब डॉलर का निर्यात किया है। 2018 की तुलना में दोगुना।
साल 2022 का दूसरा महीना फरवरी भी ठंडा रहेगा। मौसम विभाग ने सोमवार को जारी अपने पूर्वानुमान में बताया है कि फरवरी में देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से कम तापमान रहने की संभावना है, जबकि पंजाब और हरियाणा में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है। मौसम विभाग द्वारा मासिक अनुमान में बताया गया है कि पंजाब और हरियाणा को छोड़कर उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य या सामान्य से कम बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने कहा, फरवरी 2022 में पूर्वोत्तर भारत के पूर्वी हिस्से, दक्षिण भारत के प्रायद्वीपीय इलाके और मध्य भारत के दक्षिण-पूर्वी हिस्से को छोड़कर देश के ज्यादातर क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे बना रहेगा। इन इलाकों में सामान्य या सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा कि ध्रुवीय प्रशांत क्षेत्र में इस समय कमजोर ला नीना परिस्थितियां सक्रिय हैं।
विभाग ने बताया कि नवीनतम मानसून मिशन क्लाइमेट फोरकास्ट सिस्टम के पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि ला नीना की परिस्थितियां उत्तरी गोलार्ध में वसंत के मौसम से कमजोर पड़ना शुरू होंगी। यह 2022 की दूसरी तिमाही के दौरान तटस्थ स्थिति में पहुंचेंगी। प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से देशभर के 96 शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को बढ़ावा देने और वायु प्रदूषण को कम करने के अपने प्रयासों के तहत एक अप्रैल, 2019 को फेम योजना के दूसरे चरण को मंजूरी दी थी। पांच वर्ष की अवधि वाली इस योजना के तहत 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। लगभग 86 प्रतिशत फंड इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए खर्च होना है। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि योजना के तहत 7,090 ई-बसों, 5 लाख ई-थ्री व्हीलर वाहनों, 55,000 ई-कार और 10 लाख ई-दोपहिया वाहनों के उत्पादन को समर्थन देकर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मांग पैदा करना है।
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने अमेरिका के चार सांसदों के साथ भारत में मानवाधिकारों की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि देश में असुरक्षा का माहौल बढ़ रहा है। 'इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल' द्वारा बुधवार को आनलाइन आयोजित पैनल चर्चा को अंसारी और अमेरिका के कई सांसदों ने संबोधित किया।
भारत से डिजिटल तरीके से इस चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी ने हिंदू राष्ट्रवाद की बढ़ती प्रवृत्ति पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया, हाल के वर्षों में हमने उन प्रवृत्तियों और प्रथाओं के उद्भव का अनुभव किया है, जो नागरिक राष्ट्रवाद के सुस्थापित सिद्धांत को लेकर विवाद खड़ा करती हैं और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की एक नई एवं काल्पनिक प्रवृत्ति को बढ़ावा देती हैं।
वह नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर अलग करना चाहती हैं, असहिष्णुता को हवा देती हैं और अशांति एवं असुरक्षा को बढ़ावा देती हैं। बताते चलें कि अंसारी पहले भी कह चुके हैं कि देश के मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना है। उनके बयान पर पहले भी विवाद होता रहा है।
कार्यक्रम में डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद एड मार्के ने कहा, भारत सरकार ने अल्पसंख्यक मान्यताओं को निशाना बनाना जारी रखा है। इससे एक ऐसा माहौल बना है, जहां भेदभाव और हिंसा जड़ पकड़ सकती है।
हाल के वर्षों में हमने आनलाइन नफरत भरे भाषणों और नफरती कृत्यों में बढ़ोतरी देखी है। इनमें मस्जिदों में तोड़फोड़, गिरजाघरों को जलाना और सांप्रदायिक हिंसा भी शामिल है। मार्के का भारत विरोधी रुख अपनाने का इतिहास रहा है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते का भी विरोध किया था।
कोरोना की तीसरी लहर कमजोर पड़ती दिख रही है। कोरोना के मामलों में पिछले कुछ दिनों से लगातार गिरावट देखी जा रही है। कोरोना के आज 1,67,059 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि, कोरोना से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी टेंशन बढ़ा रही है। बीते 24 घंटे में कोरोना से 1192 लोगों की मौत हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान 2,54,076 मरीज कोरोना से ठीक भी हुए हैं। डेली पाजिटिविटी रेट भी अब 11.69 % हो गया है।
देश में अब कोरोना के एक्टिव मामले घटकर 17,43,059 हो गए हैं। वहीं, इसके अब तक 4,14,69,499 मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा 3,92,30,198 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं। 4,96,242 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
20 दिन बाद दो लाख से कम केस
बता दें कि देश में लगभग 20 दिन बाद कोरोना के दो लाख से कम मामले सामने आए हैं। इससे पहले 10 जनवरी को करीब 1 लाख 94 हजार मामले सामने आए थे।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीआमआर) ने कहा है कि भारत में कल कोरोना वायरस के लिए 14,28,672 सैंपल टेस्ट किए गए। वहीं, अब तक कल तक कुल 73,06,97,193 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना चौथा बजट पेश कर दिया है। संसद में बजट स्पीच शुरू हो गई है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मुस्कुराते हुए कहा कि मंत्रीजी आज डिजिटल बजट पढ़ रही हैं।आस किसानों को भी है, जिनकी आय 2022 तक दोगुनी करने का वादा मोदी सरकार ने किया है। ऐसे में किसान सम्मान निधि 6 हजार से बढ़ाकर 9 हजार या फिर दोगुनी कर दी जाए तो आश्चर्य नहीं।
400 नई पीढ़ी की वंदेमातरम ट्रेनें चलेंगी:
400 नई जनरेशन की वंदेभारत ट्रेनें अगले 3 साल के दौरान चलाई जाएंगी। 100 प्रधानमंत्री गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल भी इस दौरान डेवलप किए जाएंगे। मेट्रो सिस्टम को डेवलप करने के लिए इनोवेटिव रास्ते अपनाए जाएंगे।
गंगा किनारे अब ऑर्गेनिक खेती:
MSP का भुगतान सीधे किसानों के खाते में किया जाएगा। गंगा के किनारों के 5 किमी. के दायरे में आने वाली जमीन पर ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। खेती की जमीन के दस्तावेजों का डिजिटलीकरण होगा। राज्यों को एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सिलेबस बदलने को कहा जाएगा, ताकि खेती की लागत को कम किया जा सके। फलों और सब्जियों की उन्नत किस्म अपनाने वाले किसानों की मदद के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेंगे किसानों को डिजिटल सर्विस मिलेगी, जिसमें दस्तावेज, खाद, बीज, दवाई से संबंधित सेवाएं शामिल हैं।
अमृत काल का बजट:
सबसे पहले मैं उन लोगों के लिए संवेदना जाहिर करती हूं, जिन्होंने कोविड महामारी में परेशानी झेली। हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और यह अमृतकाल का बजट है, जो अगले 25 साल की बुनियाद रखेगा। आजादी के 75 साल से 100 साल तक का ब्लू प्रिंट पेश कर रही हूं।
महामारी के दौरान लोगों की जिंदगी भी बदली है और जरूरतें भी।
ऐसे में बजट से उम्मीदें भी अलग ही हैं। तो महामारी के दौर में पेश किए जा रहे बजट की बातें इसी दौर की भाषा में करते हैं। सबसे बड़ी उम्मीद है इनकम टैक्स की राहत वाली वैक्सीन की, यानी टैक्स फ्री इनकम का दायरा बढ़ाना।
महामारी से प्रभावित हुए किसान, छोटे-मंझोले व्यापारी और टूरिज्म सेक्टर को भी स्पेशल पैकेज के ऑक्सीजन की आस है। युवाओं को रोजगार का सपोर्ट चाहिए और इंडस्ट्री को लोन, टैक्स जैसी प्रोसेस में रिलैक्सेशन। भास्कर ने इस बजट से आपकी उम्मीदों पर एक सर्वे किया। पूछा कि आप सीतारमण से किस बारे में ज्यादा सुनना चाहेंगे और किस पर कम।
1. इनकम टैक्स: टैक्स फ्री इनकम का दायरा बढ़े, टैक्स स्लैब बदली जाएं
लोग चाहते हैं कि टैक्स फ्री इनकम का दायरा बढ़ाया जाए। 2014 में इनकम टैक्स की छूट 2 लाख से बढ़ाकर ढाई लाख की गई थी। इसके बाद यह नहीं बदली। 2020 में नई व्यवस्था आ गई, इसे ज्यादा लोगों ने अपनाया नहीं, इसमें सेविंग्स पर छूट नहीं थी।
2. नौकरीपेशा: वर्क फ्रॉम होम वर्कर्स को उम्मीदें, 80C का दायरा बढ़ाना बड़ी डिमांड
ज्यादातर नौकरीपेशा आजकल वर्क फ्रॉम होम कल्चर में ढल चुके हैं, भले वे सरकारी हों या फिर निजी कंपनी के वर्कर्स। उनका कहना है कि घर पर बिजली, इंटरनेट, सेटअप में खर्च होता है। ऐसे में उन्हें स्पेशल छूट की उम्मीद है। दूसरी उम्मीद 80C का दायरा बढ़ाए जाने की है, जो 2014 के बाद नहीं बढ़ा है।
80C यानी पेंशन स्कीम, बच्चों की फीस में 1.5 लाख की छूट
80C में 1.5 लाख की छूट, इसे 3 लाख करने की डिमांड
वर्क फ्रॉम होम वर्कर्स को स्पेशल अलाउंस दिया जा सकता है
3. किसान: सम्मान के साथ सब्सिडी का समाधान, दोनों करीब-करीब तय
चुनावी साल है और इससे पहले ही दिल्ली में किसानों का आंदोलन खत्म हुआ है। बजट में भी किसानों को उम्मीदें कुछ ज्यादा हैं। सूत्रों के मुताबिक, उम्मीदें पूरी भी होंगी। इनमें दो अहम हैं। पहली- किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाना। दूसरी- PM किसान सम्मान निधि को बढ़ाया जाना। सब्सिडी बढ़ाने की भी डिमांड है।
4. हेल्थ सेक्टर-सोशल वेलफेयर: हेल्थ सेक्टर के बजट में भारी इजाफे की उम्मीद
कोरोना की तीसरी लहर जारी है। पिछली बार हेल्थ सेक्टर को 2.38 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे। इस बार इसे 50% बढ़ाए जाने की उम्मीद है। इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक,पिछले दो साल हेल्थकेयर का खर्च 73% बढ़कर 4.72 लाख करोड़ रहा।
वैक्सीन मैन्यूफैक्चरिंग और बच्चों के लिए हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस रहेगा
मेडिकल और हेल्थ केयर वर्कर्स के लिए स्पेशल स्कीमों का ऐलान संभव
गरीबों और बेसहारा लोगों के लिए स्पेशल वेलफेयर स्कीम का ऐलान संभव
असंगठित यानी प्रवासी मजदूरों को भी मिल सकता है विशेष पैकेज का तोहफा
5. महिलाएं: महिला वित्त मंत्री से स्पेशल ऐलान की उम्मीद, इनमें टैक्स छूट भी
वित्त मंत्री खुद महिला हैं। ऐसे में देश की 60 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को उम्मीदें भी हैं। महिलाओं की इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। गोल्ड बॉन्ड पर ब्याज और म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट पर छूट बढ़ाई जा सकती है।
6. रेलवे: रेल किराया बढ़ना मुश्किल, पर नए प्रोजेक्ट फास्ट ट्रैक पर होंगे
उम्मीद है कि चुनावों के बीच नई सुविधाओं का ऐलान तो किया जा सकता है, पर किराया बढ़ने के आसार कम ही हैं। पिछले साल 1.10 लाख करोड़ का बजट रेलवे को दिया गया था, फिर भी इसे 26 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा हुआ है।
कोरोना में कमाई का जरिया माल ढुलाई तो फोकस फ्रेट कॉरिडोर पर रहेगा
हल्की ट्रेनें, बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट को रफ्तार देने के लिए पैकेज और निजीकरण
रानी कमलापति स्टेशन (हबीबगंज) की तर्ज पर दूसरे वर्ल्ड क्लास स्टेशन की घोषणा
यात्रियों की जेब पर बोझ नहीं पड़ेगा, किराया बढ़ने के आसार अभी कम
7. कारोबारी और GST की दरें: स्टार्ट अप में बूम के लिए स्पेशल ऐलान की उम्मीद
कोरोना के वक्त सबसे ज्यादा प्रभावित कारोबारी हुए। सरकार ने पिछले साल भी इस वर्ग से जुड़े सबसे बड़े सेक्टर MSME के लिए स्पेशल पैकेज दिया था। यह पैकेज 15 हजार 700 करोड़ रुपए का था। इस बार भी ऐसे ही स्पेशल पैकेज की उम्मीद की जा रही है, ताकि तीसरी लहर में ये सेक्टर ग्रो कर सके।
8. क्रिप्टोकरेंसी: सबसे पॉपुलर इन्वेस्टमेंट पर सस्पेंस, पर ऐलान की उम्मीद भी
मौजूदा समय में क्रिप्टोकरेंसी सबसे चर्चित और प्रचलित इन्वेस्टमेंट एरिया है। सरकार इस पर कानून लाने ही जा रही है। ऐसे में इसके रेगुलाइजेशन को लेकर बड़ी घोषणा की उम्मीद इन्वेस्टर्स कर रहे हैं। अभी सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ डिजिटल करेंसी बिल 2021 लाने जा रही है। क्रिप्टोकरंसी लीगल होगी या बैन, अभी तय नहीं।
भारत में एक करोड़ 70 लाख से ज्यादा क्रिप्टो इन्वेस्टर्स
निवेशकों को देखते हुए इस पर कमाई को नजरअंदाज करना मुश्किल
इस पर अलग टैक्स लगाने का ऐलान हो सकता है
इन्वेस्टर्स की पहचान के लिए TDS-TCS लगाया जा सकता है
9. टूरिज्म: कोरोना से कमजोर हुए सेक्टर को चाहिए राहत की डोज
टूरिज्म सेक्टर को भी राहत की उम्मीद है, क्योंकि कोरोना में सबसे ज्यादा मार इसी पर पड़ी है। लॉकडाउन के वक्त महीनों तक इस इंडस्ट्री में भी ताला ही पड़ा रहा। ऐसे में इस सेक्टर को सहूलियत की आस है।
GDP में 6.8% हिस्सेदारी वाले सेक्टर को लोन मोरेटोरियम संभव
टूरिज्म को इंडस्ट्रियल सेक्टर के बराबर दर्जा मिलने की डिमांड
लोन और होटल रूम्स के किराये पर जीएसटी में रियायत संभव
बढ़ावा देने के लिए स्पेशल पैकेज और रियायतों का ऐलान संभव
10. इलेक्ट्रॉनिक्स: महामारी में लाइफ सेविंग गैजेट्स किफायती होने की उम्मीद
इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल के इक्विपमेंट पर कस्टम ड्यूटी को लेकर बड़ा ऐलान किया जा सकता है। कोरोना के दौरान स्मार्ट वॉच और स्मार्ट बैंड जैसे गैजेट्स की डिमांड बढ़ी है। इलेक्ट्रॉनिक्स में भारत ने 2021 में 16 अरब डॉलर का निर्यात किया है। 2018 की तुलना में दोगुना।
इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल पर कस्टम ड्यूटी रिवाइज्ड हो सकती है
इलेक्ट्रॉनिक्स का 65% आयात घटाने के लिए स्पेशल ऐलान संभव
इलेक्ट्रॉनिक्स अभी 28% के GST स्लैब में, इसे घटाया जा सकता है
स्मार्ट वॉच और स्मार्ट बैंड पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाई जा सकती है
उपज का वाजिब मूल्य मिलने से किसानों में छाई खुशी
अम्बिकापुर. वन अधिकार पत्र से समर्थन मूल्य में धान बेचने की सुविधा मिलने से वनवासियों को धान का वाजिब मूल्य मिल रहा है जिससे उनमें खुशियां छाई है। अब अपने फसल को अन्य किसान के रकबे में बेचने की नौबत नही आ रही है और धान की पूरी कीमत भी मिल रही है।वनाधिकार पत्र से सरगंवा उपार्जन में धान बेचने आये किशुन नगर निवासी श्रीमती आशा ने बताया कि वह वनाधिकार पत्र से इस पहली बार धान बेच रही है। उन्होंने बताया कि सरगंवा उपार्जन केंद्र में 40 बोरी धान बेचा है। धान बेचने में कोई असुविधा नही हुई बल्कि बहुत जल्द वजन ही गया। समर्थन मूल्य में दुकान से ज्यादा दाम मिलेगा जिससे फायदा होगा। इसीपरकर वैन अधिकार पट्टे से पहली बार धान बेचने वाले ग्राम बलसेड़ी के श्री आनंद बरवा के द्वारा 135 बोरी ग्राम कुल्हाडी के शिकारी और जगन ने 12 क्विंटल धान बेचा है। वनाधिकार पट्टा धारी किसानों ने समर्थन मूल्य में धान बेचने की सुविधा मिलने पर शासन प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है।उल्लेखनीय है खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में जिले के 463 वनाधिकार पट्टाधारी किसानों ने समर्थन मूल्य में धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। पंजीकृत किसानों के पट्टे में धान का कुल रकबा 197.64 हेक्टेयर है।