ईश्वर दुबे
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Bhilai
सोल. नार्थ कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग उन के परमाणु शस्त्रों की सनक ने एक बार फिर से कोरियाई प्रायद्वीप में सनसनी फैला दी है। रविवार को नार्थ कोरिया ने एक मिसाइल का परीक्षण किया, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यभार संभालने के बाद से सबसे शक्तिशाली मिसाइल परीक्षण बताया जा रहा है। उसने यह परीक्षण ऐसे समय में किया है जब वह कूटनीति में लंबे समय से चल रहे गतिरोध के बीच अमेरिका और अन्य पड़ोसी देशों पर प्रतिबंधों में ढील देने के लिए दबाव बना रहा है। जापान के अधिकारियों ने बताया कि उनके आरंभिक आकलन के अनुसार मिसाइल संभावित रूप से अधिकतम 2,000 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंची और समुद्र में गिरने से पहले उसने 800 किलोमीटर की दूरी तय की। इन जानकारियों से पता चलता है कि उत्तर कोरिया ने 2017 के बाद से अपनी सबसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। उसने 2017 में तीन अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया था जो अमेरिका के भीतर तक मार करने में सक्षम हैं।
उत्तर कोरिया ने इस महीने में यह सातवां परीक्षण किया है। एक के बाद एक परीक्षण किए जाना लंबे समय से बाधित परमाणु वार्ता को लेकर बाइडन प्रशासन पर दबाव बनाने का संकेत देता है। इस परीक्षण से पहले उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने 20 जनवरी को सत्तारूढ़ पार्टी की एक बैठक की अध्यक्षता की थी, जहां पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों ने परमाणु विस्फोटकों और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण बहाल करने की धमकी दी थी। किम ने अमेरिका के साथ कूटनीतिक वार्ता शुरू होने पर 2018 में इन हथियारों का परीक्षण निलंबित कर दिया था। जापान के प्रमुख कैबिनेट मंत्री हिरोकाजु मात्सुनो ने कहा कि मिसाइल ने करीब 30 मिनट तक उड़ान भरी और जापान के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र के बाहर समुद्र में गिरी। मिसाइल विशेषज्ञ ली चून ग्यून ने बताया कि जापान के आकलन से पता चलता है कि उत्तर कोरिया ने मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल या आईसीबीएम की क्षमताओं के करीब के किसी हथियार का परीक्षण किया है। इस परीक्षण से तीन दिन पहले उत्तर कोरिया ने गुरुवार को दो कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया था। उसने मंगलवार को भी कथित तौर पर लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों का भी परीक्षण किया था। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया चीन का सम्मान करते हुए अगले सप्ताह बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों की शुरुआत के बाद हथियारों का परीक्षण रोक सकता है।