राज्यपाल छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुई

रायपुर.राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के स्थापना दिवस समारोह में वर्चुअल रूप से शामिल हुई। उन्होंने आयोग को 17 वर्ष सफलतापूर्वक पूरे करने के लिए बधाई दी और कहा कि आयोग द्वारा निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता बनाये रखने के लिए सराहनीय प्रयास किए गए। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए लागू की गई नई शिक्षा नीति-2020 निजी विश्वविद्यालयों में शीघ्र ही लागू करने का आग्रह किया, जिससे युवाओं का समग्र रूप से विकास हो सके। सुश्री उइके ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 छत्तीसगढ़ में भी अगले सत्र से लागू की जाएगी। यह नीति युवाओं के जीवन में और शिक्षण के तरीकों में व्यापक बदलाव लाने वाली है। नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास की बात कही गई है, ताकि वह शैक्षणिक रूप से उन्नत हो और जीवन में चहुंमुखी प्रदर्शन कर सके। नई शिक्षा नीति में व्यक्तित्व विकास एवं वोकेशनल एजुकेशन पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। कार्यक्रम में निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. शिववरण शुक्ल सहित निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति, कुलपति वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
राज्यपाल ने कहा कि कोविड महामारी के कारण आज अध्ययन और अध्यापन के तरीकों में काफी बदलाव आया है और इससे शिक्षा की गुणवत्ता में असर पड़ने के साथ ही विद्यार्थियों के मानसिक विकास में भी परिवर्तन आया है। हमें इस ओर भी विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा सभी निजी विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय कर एक मेंटरशिप प्रोग्राम चलाना चाहिए, जिसमें विद्यार्थियों से उनकी अभिरूचि एवं क्षमता के हिसाब से विशेषज्ञ नियमित रूप से संवाद करे और उन्हें प्रेरित करे। इससे विद्यार्थियों के कैरियर निर्माण में भी सहायता मिलेगी।
उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों से आग्रह किया कि चूंकि ऑनलाईन प़ढ़ाई के कारण विद्यार्थियों का अधिकांश समय घर पर मोबाईल एवं लैपटॉप के साथ ही बीतता है। अतः अभिभावकों को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए कि विद्यार्थियों को इसकी लत न लगे और वे सही राह में चले। बच्चों को समय-समय पर प्रोत्साहन देते रहना चाहिए और मोटिवेशन संबंधी पुस्तकें पढ़ने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए। युवाओं के सफल कैरियर में सहयोग देने के साथ ही उन्हें नैतिक रूप से जिम्मेदार बनाने का दायित्व अभिभावकों एवं शिक्षकों दोनों का है।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने आयोग की स्मारिका ‘विद्या निलयम्’ का विमोचन किया। वर्चुअल समारोह में विभिन्न निजी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक भी शामिल हुए।

रायपुर.राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज यहां राजभवन में उप सचिव श्री टी.के. वैष्णव को उनकी सेवानिवृत्ति के अवसर पर शाल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने श्री वैष्णव के सुदीर्घ, स्वस्थ और खुशहाल जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि श्री वैष्णव ने सेवा अवधि में अपना दायित्व बखूबी निभाया और 34 वर्षों की शासकीय सेवा के बाद वे सेवानिवृत्त हो रहे हैं। श्री वैष्णव 31 जनवरी 2022 को सेवानिवृत्त हुए।

3 फरवरी को होगा राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का शुभारंभ

बस्तर के डोम में विकास गाथा के साथ धार्मिक परम्पराएं भी देखने को मिलेगी

नवा रायपुर में बनने वाले सेवाग्राम पर भी प्रदर्शनी

सांसद राहुल गांधी बतौर मुख्य अतिथि करेंगे शिरकत

रायपुर.छत्तीसगढ़ सरकार अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं की कड़ी में एक और महत्वपूर्ण योजना आगामी 3 फरवरी को शुरू करने जा रही है। ग्रामीण मजदूर वर्ग के लिए लॉन्च की जा रही इस योजना को ‘‘राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’’ नाम दिया गया है। इसका शुभारंभ सांसद श्री राहुल गांधी के मुख्य आतिथ्य में राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित समारोह में किया जाएगा। इसके साथ ही ‘‘राजीव मितान क्लब योजना’’ के तहत राशि का आवंटन किया जाएगा। वहीं वर्धा की तर्ज पर नवा रायपुर में बनने वाले सेवा ग्राम की आधारशिला रखी जाएगी। इस समारोह के लिए तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इस पूरे आयोजन के दौरान साइंस कॉलेज मैदान में विभिन्न स्टॉलों के जरिए छत्तीसगढ़ के विकास की झलक देखने को मिलेगी।

3 फरवरी को होगा राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का शुभारंभ
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद ‘‘न्याय रू सब्बो बर-सब्बो डहर’’ के ध्येय को लेकर काम शुरू किया गया। राज्य सरकार सबसे पहले किसानों के लिए न्याय की योजना ‘‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’’ लेकर आयी, जिससे किसानों को उनकी लागत की उचित कीमत मिले। ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के जरिए किसानों को फसल विविधीकरण एवं उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ाने के लिए आदान सहायता (इनपुट सब्सिडी) के रूप में बड़ी धनराशि दी जा रही है। वहीं ‘गोधन न्याय योजना’ लागू कर राज्य सरकार गौपालकों, किसानों से दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी कर उन्हें सीधा लाभ दे रही है। इस योजना में खरीदे गए गोबर से गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट जैसे उत्पाद बनाए जा रहे हैं, जिससे जैविक कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में काम हो रहा है। साथ ही स्व-सहायता समूहों की महिलाओं व उनके परिवार को आर्थिक संबलता और समृद्धि मिल रही है। अब ‘न्याय’ की कड़ी में अब ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार के लिए ‘न्याय’ मिलने जा रहा है, जिसमें ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार को प्रति वर्ष 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी। इसके लिए अनुपूरक बजट में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस योजना का शुभारंभ सांसद श्री राहुल गांधी की मौजूदगी में होगा। कार्यक्रम में सांसद श्री राहुल गांधी योजना के पात्र 3 लाख 55 हजार भूमिहीन कृषक मजदूरों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों राशि अंतरण करेंगे।
रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम स्थल पर सात डोम होंगे। मुख्य डोम में मुख्य कार्यक्रम होगा, जिसमें वे ‘‘राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’’ का शुभारंभ करेंगे। इन डोमों में अलग-अलग जिलों द्वारा छत्तीसगढ़ में विकास गाथा को दर्शाती प्रदर्शनी लगाई जाएगी। जहां शासन की प्रमुख योजनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही फ्लैगशिप योजनाओं को विभिन्न मॉडलों के माध्यम से दिखाया जाएगा।

सेवा ग्राम की आधारशिला रखी जाएगी, लगेगी प्रदर्शनी -

देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर महात्मा गांधी की ग्राम-स्वराज की संकल्पना को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ के नवा-रायपुर में भी वर्धा की तर्ज पर सेवा-ग्राम की स्थापना की जा रही है। इसके लिए नवा-रायपुर में 75 एकड़ जमीन चिन्हांकित की गई है। सेवा ग्राम में देश की आजादी की लड़ाई के मूल्यों, सिद्धांतों, आदर्शों को भी रेखांकित किया जाएगा। सांसद श्री राहुल गांधी 03 फरवरी को साइंस कॉलेज रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में इस सेवा ग्राम की आधारशिला रखेंगे। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर सेवा ग्राम से संबंधित प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

बस्तर का डोम होगा आकर्षण का केन्द्र -

छत्तीसगढ़ का प्रमुख हिस्सा बस्तर की बात करें वहां पर बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों की उपलब्धियों को दर्शाने के लिए एक डोम बनाया जा रहा है। इस डोम में प्रवेश द्वार पर वैश्विक ब्रांड बन चुके डेनेक्स का स्टॉल होगा। वहीं डोम के चारों ओर बस्तर में विश्वास, विकास और सुरक्षा के ध्येय को लेकर काम को शिक्षा, पुलिस प्रशासन, स्वास्थ्य, सुपोषण, कृषि, वनोपज व हर्बल उत्पाद, उद्यानिकी और कलागुड़ी के स्टॉल में दर्शाया जाएगा। बस्तर के डोम के केन्द्र में धार्मिक आस्था को मनोरम अंदाज में दर्शाते देवगुड़ी का मॉडल देखने को मिलेगा, जिसके अग्र भाग में आंगा को विराजित किया जाएगा।

करणी सेना एक सामाजिक संगठन है। गौ रक्षा, हिंदुत्व और भारतीयता की रक्षा करना हमारा उद्देश्य है। मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्मान करता हूँ, क्योंकि उन्होंने पूरे विश्व में हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाया है।

 

करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हरियाणा भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सूरजपाल अम्मू ने कहा कि भारत सरकार को गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए और गौ हत्यारों पर 302 जैसी आपराधिक धाराओं में मुकदमे दर्ज करनी चाहिए। उन्होंने हरियाणा की तर्ज पर पूरे देश में गौ सेवा आयोग का गठन किये जाने की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने दो टूक लहजे में कहा कि करनी सेना ने ठाना है, गौ हत्यारों को जेल में पहुंचाना है। 

सूरजपाल अम्मू गाजियाबाद में करणी सेना की स्थापना के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश के मशहूर पत्रकार व स्तम्भकार कमलेश पांडेय से देश व समाज के ज्वलंत मसलों पर विशेष बातचीत कर रहे थे। 

 

बातों ही बातों में उन्होंने साफ साफ कह डाला कि केंद्र सरकार और राष्ट्रीय मीडिया को यूपी के कैराना की तरह ही हरियाणा के मेवात में उत्पीड़ित हो रहे हिंदुओं की फिक्र करनी चाहिए। लगे हाथ उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय मीडिया में तो यूपी के कैराना में हो रहे हिंदुओं के उत्पीड़न और पलायन के मुद्दे को जोर-शोर से उछाला जाता है, लेकिन जब हरियाणा के मेवात में हो रहे हिंदुओं के उत्पीड़न और पलायन की बात आती है तो राष्ट्रीय टीवी चैनल्स और नेशनल अखबारों के द्वारा उसकी घोर उपेक्षा की जाती है। ऐसा किया जाना ठीक नहीं है और हिन्दू समाज को ऐसी मानसिकता वाले दोमुंहे लोगों से सतर्क रहना चाहिए।

यहां प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश:- 

 

सवाल:- गौ सेवा का ख्याल पहली बार आपको कैसे आया। कुछ बताइए?

 

जवाब:- मैं सोहना, मेवात का रहने वाला हूँ। दर्द भरे दिल से कह रहा हूँ कि हरियाणा में सात साल पहले बीजेपी की खट्टर सरकार के आने से पहले अरावली की पहाड़ियों पर सूर्य की पहली किरण के छींटकने से पहले हजारों हजार गायें कत्ल कर दी जाती थीं। लेकिन जब से वहां पर मनोहर लाल खट्टर की सरकार आई, तब से इस पर लगाम लग पाया। क्योंकि हरियाणा सरकार ने गौ सेवा आयोग का गठन करके इन अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने की पूरी कोशिश की। लेकिन इतना सख्त कानून बन जाने के बावजूद हरियाणा के मेवात और राजस्थान के अरवल व भरतपुर इलाके में गौ हत्याएं जारी हैं। इन्हें रोकने के लिए करणी सेना के कार्यकर्ता जुटे हुए हैं। उन्होंने गौ हत्या पर काबू पाने और गौ हत्यारों को सजा दिलवाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी तारीफ की और कहा कि योगी सरकार के सख्त कदमों से यहां पर गौ हत्याएं काबू में आई हैं। ऐसे ही कदम केंद्र सरकार व अन्य राज्यों की सरकारों को भी उठानी चाहिए, ताकि प्राणी मात्र के लिए वरदान समझी जाने वाली गौ माताओं व गौ वंशों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने नारा दिया कि "करणी सेना ने ठाना है, गौ हत्यारों को जेल पहुंचाना है।" उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ता गण देश के 22 राज्यों में फैले हुए हैं और गौ हत्या रोकने के लिए हिन्दू समाज के सभी लोगों को जागृत कर रहे हैं।

 

सवाल:- पद्मावत फ़िल्म का विरोध करके आप राष्ट्रीय चर्चा में आए और हिंदुत्व की बात करके अब भी चर्चा में बने हुए हैं, आगे क्या इरादा है?

 

जवाब:- हमारा विरोध पद्मावत फ़िल्म से नहीं, बल्कि हमारी आराध्य महारानी पद्मावती से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ने मरोड़ने को लेकर था। इसलिए पूरे देश के हिंदुओं ने इस बनावटी फ़िल्म का विरोध किया, जिसे एक सशक्त नेतृत्व देने के लिए मैं सामने आया। अभी आंदोलन जोर ही पकड़ रहा था कि हमें 25 जनवरी 2018 को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया। मैं अपनी उस बात पर अटल रहा कि मां पद्मावती ने जो जौहर किया था, वह ऐतिहासिक है, लेकिन उन पर बनी फ़िल्म पद्मावत में कुछ आपत्तिजनक तथ्य थे, क्योंकि तथ्यों को तोड़ा मरोड़ा गया था। ऐसा न किया जाए और इसमें बदलाव किया जाए, यही हमारी मांग थी। उन्होंने कहा कि हिन्दू संस्कृति, हिंदुओं के गौरवशाली इतिहास और भारतीयों की स्थापित पहचान का सम्मान सभी को करना चाहिए। यदि कोई ऐसा नहीं करेगा, उससे छेड़छाड़ करेगा तो हमारी करनी सेना उसका मुंहतोड़ जवाब देगी। उन्होंने देश में सक्रिय हिन्दू विरोधी ताकतों, हिंदुत्व विरोधी मीडिया और हिंदुओं को गाली देने वाले ओवैसी और चंद्रशेखर जैसे नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि यदि ये लोग अपनी ओछी हरकतों से बाज नहीं आएंगे तो करनी सेना इनको मुंहतोड़ जवाब देगी। इसके लिए व्यापक रणनीति का खुलासा हम अपने तृतीय स्थापना दिवस पर करेंगे।

 

सवाल:- आपका राजनीतिक झुकाव किधर है। निर्द्वन्द्व होकर बताइए?

 

जवाब:- करणी सेना एक सामाजिक संगठन है। गौ रक्षा, हिंदुत्व और भारतीयता की रक्षा करना हमारा उद्देश्य है। मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्मान करता हूँ, क्योंकि उन्होंने पूरे विश्व में हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाया है। उसी तरह से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी सम्मान करता हूँ, क्योंकि उन्होंने हिंदुओं को उनकी ताकत का एहसास करवाया है। उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी नेता नाहिद हसन आदि मुस्लिम नेताओं व उनके समर्थकों द्वारा जिस तरह से बीजेपी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विहिप, करनी सेना आदि के खिलाफ अमर्यादित भाषाओं के प्रयोग किये जा रहे हैं, हिंदुओं खासकर राजपूतों के खिलाफ धमकी भरे अपशब्दों के प्रयोग किये जा रहे हैं, आपत्तिजनक बातें कही जा रही हैं, वह आदर्श आचार संहिता का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है। इन जैसे उपद्रवियों को काबू में करने के लिए और हिंदु समाज की इज्जत आबरू की रक्षा के लिए हमें गोलबंद होना पड़ेगा। इसलिए हम अपने लोगों को जागरूक कर रहे हैं, ताकि हमारी ही धरती पर हमें कोई दबाने की हिमाकत नहीं करे। हमारी मांग है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किया जाए और हम दो हमारे दो का कानून सख्ती से लागू किया जाए। इसके लिए हिंदूवादी लोगों को एकजुट होना होगा और जातीय संकीर्णताओं को मिटाना होगा। करणी सेना सिर्फ राजपूत नहीं, बल्कि सभी समाज की बात करती है और इसमें सभी समाज के लोग शामिल हैं।

 

सवाल:- जनसंख्या नियंत्रण कानून के बारे में आपकी क्या राय है। यह कानून अब तक क्यों नहीं आ पाया?

 

जवाब:- केंद्र सरकार भारतीय संस्कृति और भारतीयता की हिफाजत के लिए और हिन्दू हितों की रक्षा के वास्ते एक के बाद एक करके कई कानून लागू कर चुकी है। इसलिए मुझे पूरी उम्मीद है कि यह कानून भी अपनी सुविधा के अनुसार नरेंद्र मोदी सरकार अवश्य लाएगी। यह पहली सरकार है जिसने कई घिसे पिटे कानूनों को चरणबद्ध रूप से बदल दिया है, इसलिए हमें पूरा विश्वास है कि सरकार हिंदुओं को नाउम्मीद नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सबको मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए और रोजगार देने के लिए बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित किया जाना बहुत जरूरी है। हमारे मुस्लिम भाई की तालीम ही ऐसी है कि जनसंख्या को बढ़ावा मिलता है। उनकी पाकिस्तान और बांग्लादेश के प्रति भक्ति भी सवालों के घेरे में है। किसी भी भारतीय को मदरसे और मंदिरों में अंतर साफ नजर आएगा। मेरी चिंता मुस्लिम बच्चों को लेकर है। उनकी तालीम यानी शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जिससे वो राष्ट्रवादी बनें। आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा हासिल करके आत्मनिर्भर बनें। इस दिशा में उनकी संकुचित सोच बाधक है। 

 

सवाल:- मुस्लिम हितों की रक्षा के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड को आप कितना जरूरी मानते हैं? वैसी ही सहूलियत अन्य धर्मावलंबियों को मिलनी चाहिए या नहीं?

 

जवाब:- भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। इसलिए यहां पर किसी को भी पर्सनल लॉ बोर्ड की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। केंद्र सरकार से हमारी मांग है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को भी अविलम्ब भंग कर दिया जाना चाहिए। हम उनकी अपनी शिक्षा और अपना सरिया कानून की जिद्द से सहमत नहीं हैं, क्योंकि यह उनके समाज के साथ साथ देश की धर्मनिरपेक्ष सोच के लिए भी बाधक है। उन्होंने कहा कि सड़क या खुले में नमाज अदा करना एक गलत परिपाटी है। विभिन्न राज्य सरकारों को इस पर अविलम्ब रोक लगानी चाहिए। यूपी में चुनाव हो रहे हैं, इसलिए प्रदेश के संवैधानिक मुखिया राज्यपाल से मैं मांग करता हूँ कि सिस्टम के व्यापक हित की पूर्ति के लिए सड़क या खुले में नमाज के ऊपर भी धारा 144 लागू करके कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। क्योंकि जब हिन्दू अपने किसी भी सामूहिक धार्मिक कृत्य करने से पहले प्रशासनिक इजाजत लेते हैं तो फिर मुस्लिम समाज को भी ऐसा करने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई जहां चाहे वहीं लेट जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार इसे नियंत्रित कर रही है। यूपी व अन्य सरकारों को भी ऐसा करना चाहिए। क्योंकि कानून सबके लिए बराबर है। करणी सेना मुसलमानों की हिन्दू विरोधी प्रवृत्ति के खिलाफ है। हिंदुस्तान में उनकी दादागिरी नहीं चलने दी जाएगी। उनके खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा। मैं सभी करनी सैनिकों का आह्वान करता हूँ कि जहां कहीं भी देश विरोधी कार्य हों, उसे वहीं पर रोकने के लिए अड़ जाएं, लड़ जाएं और यदि देश हित में मरना जरूरी है तो मर जाएं, पर कहीं भी राष्ट्र विरोधी कार्य नहीं होने दें।

 

सवाल:- आपका दो सपना क्या है। उसे आप कैसे पूरा करेंगे?

 

जवाब:- अखंड हिन्दू राष्ट्र ही हमारा सपना है। मेरा दो सपना नहीं है, बल्कि एक ही सपना है। भारत को अविलम्ब हिन्दू राष्ट्र घोषित कर दिया जाना चाहिए। क्योंकि दुनिया में हमारा पड़ोसी देश नेपाल ही एक मात्र हिन्दू राष्ट्र है, जिसे भी धर्मनिरपेक्ष बनाने की पहल की जा रही है। इसलिए भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर दिया जाना चाहिए। इसे हम पूरा करके रहेंगे। क्योंकि जब साम्प्रदायिक आधार पर हुए देश विभाजन के बाद हमारे पूर्वजों ने मुसलमानों को उनके सपनों का पाकिस्तान दे ही दिया, उसके बाद उनकी यहां पर कोई जरूरत नहीं थी। लेकिन महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू जैसे नेताओं ने कुछेक मुसलमानों की स्थिति पर तरस खाकर उन्हें यहां रहने की इजाजत दी। इसी का नाजायज फायदा उठाकर आज वह फिर से गोलबंद होकर एक और साम्प्रदायिक विभाजन के लिए हमें ललकारने लगे हैं। उनके कतिपय धर्मगुरुओं और नेताओं के बयानों से इस बात का एहसास भी हिन्दू समाज को हो रहा है। लेकिन इस बार करणी सेना उनको मुंहतोड़ जवाब देगी। हमारे सैनिक सीमा पर उनके नापाक इरादों को पूरा नहीं होने देंगे और हमलोग देश के भीतर उनके नापाक सपनों को कुचल देंगे। इसी उद्देश्य से करनी सेना को सांगठनिक विस्तार दिया जा रहा है। महज 3 वर्ष में ही 22 राज्यों में हमारा मजबूत संगठन खड़ा हो चुका है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जब मुसलमानों को भी सुरक्षा नहीं दे सका, तब हमने उन्हें सुरक्षा देकर बांग्लादेश बनवाया। वो भी आज पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों की अवैध घुसपैठ से हमारे लोगों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। भारत सरकार से हमलोग मांग करते हैं कि अविलम्ब इन्हें देश से बाहर किया जाए, अन्यथा करनी सैनिकों को ही यह कार्य भी करना पड़ेगा। यदि सरकार सहयोग करे तो हमलोग ऐसा करने में भी सक्षम हैं।

सवाल:- आपकी नजर में यूपी के कैराना और हरियाणा के मेवात की घटनाओं में क्या अंतर है। कौन ज्यादा गम्भीर मामला बनता जा रहा है?

 

जवाब:- जहाँ यूपी के कैराना से मुस्लिम उत्पीड़न के चलते पलायन कर रहे हिंदुओं और उनके घरों व दुकानों पर चस्पां किये गए "फ़ॉर सेल बिल्डिंग एन्ड शॉप" आदि को राष्ट्रीय मीडिया ने काफी तवज्जो दी और जोर शोर से देश-दुनिया के समक्ष उछाला। लेकिन हरियाणा के मेवात के अंदर 210 हिंदुओं के गांवों में से 180 गांव क्रमबद्ध रूप से हिन्दू विहीन कर दिए गए, परन्तु वहां पर चस्पां किये गए "फ़ॉर सेल बिल्डिंग एन्ड शॉप" आदि को राष्ट्रीय मीडिया ने कोई तवज्जो नहीं दी। उसको किसी टीवी चैनल्स ने नहीं प्रसारित किया और न ही कभी इस पर राष्ट्रीय बहस हो पाई। भारत सरकार को भी इसकी उतनी ही चिंता करनी चाहिए, जितनी कि कैराना की दिखी। उन्होंने बताया कि मेवात में अब मात्र 30 गांव हिंदुओं के बच गए हैं। वहां के लोग यदि सबल नहीं होते और करनी सेना सक्रिय नहीं हुई होती तो उनकी भी काफी दुर्गति हुई होती। मेवात उन दिनों भी राष्ट्रीय सुर्खियां नहीं पा सका, जब 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में राम जन्मभूमि विवादास्पद ढांचा को तोड़े जाने की प्रतिक्रिया में मेवात के सारे हिन्दू मंदिर तोड़ डाले गए। उस वक्त हरियाणा के मुख्यमंत्री भजनलाल थे। इसलिए राष्ट्रीय मीडिया से हमारा अनुरोध है कि मेवात में हो रहे हिन्दू उत्पीड़न के बारे में भी देश-दुनिया को बताए। इससे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में किये जा रहे हिंदुओं के उत्पीड़न से लोग बाकी जगहों पर सजग हो जाएंगे और इनकी बढ़ती तादात को काबू में करने की जुगत बिताएंगे। राष्ट्रीय तालमेल बनाकर ऐसी किसी भी समस्या से निबटेंगे।

 

सवाल:- एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी के बारे में आपकी क्या राय है, क्योंकि बीजेपी विरोधी दल उसे भाजपा का एजेंट करार दे रहे हैं?

 

जवाब:- एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी बीजेपी के करीब न तो कभी था, न है और न ही रहेगा। वह पाकिस्तान का एजेंट है, उसकी ही भाषा बोलता है, वह यहां के तथाकथित सेक्यूलर नेताओं की सियासी राह आसान करके पाकिस्तान की चाल को सफल बनाने का एक हथकंडा मात्र है। लेकिन करनी सेना उसके नापाक इरादों को कभी भी सफल नहीं होने देगी। उसके अमर्यादित और आपत्तिजनक बयानों से यूपी का चुनावी माहौल खराब हो रहा है। अन्य राज्यों पर भी उसकी नकारात्मक बयानबाजी का असर हो रहा है। उसकी साम्प्रदायिक सोच भारत के धर्मनिरपेक्ष मिजाज के प्रतिकूल है। यदि वह नहीं सुधरा तो करनी सेना को ही उसे भी सुधारना पड़ेगा। क्योंकि उसकी ऊलजलूल टिप्पणी से हिन्दू समाज और सच्चा भारतीय सभी आहत हैं। चुनाव आयोग को ऐसे लोगों से सख्ती से निबटना चाहिए।

 

सवाल:- समान नागरिक संहिता को लेकर आपकी क्या राय है। यह कानून सरकार कबतक लागू करेगी और यदि नहीं करेगी तो आप क्या करेंगे?

 

जवाब:- देश में प्रश्रय पा रहे विभिन्न तरह के वादों से निपटने के लिए समान नागरिक संहिता बदलते वक्त की मांग है। अन्य कानूनों की तरह ही मोदी सरकार इस कानून को भी निश्चय ही लागू करेगी। इसको लेकर हर ओर सरगर्मी है। इस कानून के लागू हो जाने के बाद किसी को भी भारतीयों को भारतीयों से लड़ाने का मौका नहीं मिलेगा। खासकर जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र व लिंग आदि के आधार पर। क्योंकि इसके तहत सभी के लिए एक माकूल व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, ताकि समस्त भारतीयों का समरूप विकास हो सके। इस कानून को सरकार जब भी लागू करेगी, उसका स्वागत किया जाएगा और यदि नहीं लागू करेगी तो हमलोग उससे गुजारिश करेंगे कि अन्य राष्ट्रवादी कानूनों की तरह ही इस कानून को भी जल्द अमलीजामा पहनाया जाए, ताकि आम व खास सभी भारतीयों का भला हो सके।

 

सवाल:- चीन द्वारा पैदा की जा रही कतिपय राष्ट्रीय व सीमाई समस्याओं को आप किस नजरिये से देखते हैं। पाकिस्तान के साथ उसका बढ़ता तालमेल हिंदुओं के लिए घातक साबित हो सकता है। क्या आप इससे सहमत हैं?

 

जवाब:- पाकिस्तान हमारा शत्रु है, लेकिन चीन हमारा नम्बर 1 शत्रु है। वह पाकिस्तान के साथ मिलकर जिस तरह से वैश्विक मंचों पर भारतीय हितों के खिलाफ कार्य कर रहा है, वह हमारे लिए चिंता की बात है। लेकिन उससे भी बढ़कर चिंता करने वाली बात यह है कि लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत की सीमाओं का वह जिस तरह से अतिक्रमण कर रहा है, उसके मद्देनजर उसको मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए और वक्त बे वक्त यह दिया भी जा रहा है। हमारी सेना उससे लड़ने-भिड़ने में सक्षम है। हमारे देश में जो जिन्ना समर्थक हैं, जो पाकिस्तान परस्त हैं, जो चीनी वस्तुओं व उसके कारोबार से प्रेम करते हैं, इनकी स्पष्ट शिनाख्त हमारे प्रशासन को करनी चाहिए और हमें इस बात की छूट मिलनी चाहिए कि देशद्रोही तत्वों से हमलोग देश के भीतर सुलटाएंगे और हमारी सेना सीमाओं पर सुलटाएगी। ऐसा करके ही हमलोग भारत माता की आन बान और शान को सुरक्षित रख सकते हैं।

 

सवाल:- जम्मू-कश्मीर के हालात से आप कितना संतुष्ट हैं?

 

जवाब:- जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35 ए को हटाने पर हमने प्रधानमंत्री का सम्मान किया। अब वहां के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से हमारी मांग है कि वहां से विस्थापित कश्मीरी पंडितों को फिर से वहां पर बसाया जाए। उनकी जमीनों पर हुए अवैध कब्जों को मुक्त करवाकर उन्हें कश्मीरी पंडितों को वापस दिलवाया जाए। इसके अलावा देश विरोधी ताकतों और पाकिस्तान परस्त लोगों को नियंत्रित करने के लिए वहां के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को जेल में ठूंसा जाए। उन्हें कदापि बाहर नहीं छोड़ा जाए। क्योंकि उनका बाहर रहना देशभक्त नागरिकों के खिलाफ षड्यंत्र करने का उन्हें मौका प्रदान करेगा।

सवाल:- कोरोना काल में एक सामाजिक संगठन के रूप में करनी सेना का क्या योगदान रहा, कुछ बताइए?

 

जवाब:- कोरोना की पहली लहर में करणी सेना ने 20 लाख लोगों के बीच भोजन वितरित करने जैसा उल्लेखनीय कार्य किया है। गुड़गांव, गाजियाबाद, दिल्ली, जयपुर, बनारस, इंदौर, भोपाल, मुंबई, कोटा, अहमदाबाद के अलावा देश के विभिन्न शहरों में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने जरूरतमंद लोगों के बीच बना बनाया भोजन व राशन वितरण का सराहनीय कार्य किये हैं। वहीं, 10 लाख लोगों को सैनिटाइजर, मास्क, पीपी किट आदि प्रदान किये हैं। हमने द्वितीय लहर में लोगों को कीमती दवाइयां, ऑक्सीजन सिलिंडर व अन्य सुविधाएं भी दिलवाई। जबकि तीसरी लहर में भी कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए हर सम्भव सहयोग किया। इस कार्य में कई संस्थाओं और व्यापारिक संगठनों ने सहयोग किया है। ऐसे सभी लोगों को 30 जनवरी 2022 को हमलोग सम्मानित करेंगे। इससे पहले हमलोगों ने वेदांता, गुड़गांव के चिकित्सकों को भी सम्मानित किया है। हमने अपने 3 कार्यकर्ताओं को कोरोना काल में खोया भी है, क्योंकि आमलोगों की सेवा करते करते वो संक्रमित हो गए और उनका संक्रमण इतना ज्यादा बढ़ गया कि तमाम चिकित्सा सुविधाओं के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। इससे करनी सेना को काफी क्षति भी हुई और अपार दुःख भी महसूस हुआ। हिमाचल प्रदेश में रोटी बैंक चलाने वाले और बूंदी राजस्थान में सक्रिय कार्यकर्ताओं को हमने भले ही खो दिया, लेकिन उनकी स्मृति को जिंदा रखने और समाजसेवा के जज्बे को सलाम करते हुए उनके अभिरुचि वाले विषयों पर भी कार्यक्रम करने का निश्चय किया है, जो सफल रहेगा। टीवी चैनल्स से हमारी प्रार्थना है कि बीमारियों की संक्रामकता की बार बार चर्चा करके पैनिक क्रिएट न करें। इससे आमलोगों में दहशत फैलती है। भारत सरकार व उसके विभिन्न मंत्रालय भी इस मुद्दे को संज्ञान में लें।

 

- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

अपने इंस्टाग्राम पर स्क्रॉल करते हुए आप कई लोगों को 'कच्चा बादाम' की धुन पर नाचते हुए देख सकते हैं। यह गाना सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और नेटिज़न्स गाने पर थिरकने से खुद तो नहीं रोक रहे हैं। यह गीत रातोंरात इंटरनेट पर सनसनी बन गया और ट्रेंड चार्ट में सबसे टॉप पर पहुंच गया।

 

अपने इंस्टाग्राम पर स्क्रॉल करते हुए आप कई लोगों को 'कच्चा बादाम' की धुन पर नाचते हुए देख सकते हैं। यह गाना सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और नेटिज़न्स गाने  पर थिरकने से  खुद तो नहीं रोक रहे हैं। यह गीत रातोंरात इंटरनेट पर सनसनी बन गया और ट्रेंड चार्ट में सबसे टॉप पर पहुंच गया। नेटिज़न्स तो लगातार गाने पर रील बना रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं यह गाना कौन गा रहा है और कैसे यह इतना सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

 

 

इस वायरल गाने के पीछे के आदमी के बारे में बहुत कम जानते हैं। हैरानी की बात यह है कि 'कच्चा बादाम' हाई-एंड प्रोडक्शन या रीमास्टर्ड ट्रैक नहीं है बल्कि पश्चिम बंगाल के मूंगफली विक्रेता की रचना है। इस वायरल इंस्टाग्राम सेंसेशन के क्रिएटर भुबन बडियाकर हैं। वह पश्चिम बंगाल के लक्ष्मीनारायणपुर पंचायत के कुरलजुरी गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने व्यापक बाउल लोक धुन पर आधारित कच्चा बादाम गीत की रचना की।

 

तीन बच्चों का पिता, भुबन जीवन यापन के लिए मूंगफली बेचते हैं। कथित तौर पर, वह छोटे-छोटे ट्रिंकेट और टूटे हुए घरेलू सामानों के बदले में मूंगफली बेचने के लिए दूर-दूर तक गांवों में जाता है। वह 3-4 किलो बेचने का प्रबंधन करता है और 200-250 रुपये कमाते है। हालांकि, सोशल मीडिया पर धमाकेदार गाने की लोकप्रियता भुवनेश्वर पहुंचने के बाद से चीजें बेहतर होती दिख रही हैं। जैसे-जैसे 'कच्चा बादाम' एक तरह का सोशल मीडिया एंथम बन गया, उसका व्यवसाय फल-फूल गया।

 

भुवन ने आजतक को बताया कि “मैं बस इतना चाहता हूं कि लोग मेरे गीत के बारे में जानें और मैं चाहता हूं कि सरकार मेरे परिवार के लिए कुछ स्थायी रहने की व्यवस्था करने के लिए कुछ धन के साथ मेरी मदद करे। मैं उन्हें खाने के लिए अच्छा खाना और पहनने के लिए अच्छे कपड़े भी देना चाहता हूं। हाल ही में, भुबन उस समय चर्चा में थे जब वह पुलिस के पास गये और अपने गीत के लिए सही श्रेय और गीत के लिए कॉपीराइट का दावा किया।

 

कच्चा बदाम पर रील

 

नरेंद्र मोदी ने बजट को 100 साल के विश्वास का बजट बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सब बजट में गरीब का कल्याण अहम पहलू है। उन्होंने दावा किया कि इस बजट से रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वर्ष 2022-23 के लिए सरकार का बजट पेश किया। मोदी सरकार का यह दसवां बजट था। इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया अभी दी है। नरेंद्र मोदी ने बजट को 100 साल के विश्वास का बजट बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सब बजट में गरीब का कल्याण अहम पहलू है। उन्होंने दावा किया कि इस बजट से रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि युवाओं के सपनों को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि ये बजट 100 साल की भयंकर आपदा के बीच, विकास का नया विश्वास लेकर आया है। ये बजट, अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही सामान्य मानवी के लिए, अनेक नए अवसर बनाएगा। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये बजट अधिक बुनियादी ढांचा, अधिक निवेश, अधिक विकास और और अधिक नौकरियों की नई संभावनाओं से भरा हुआ है। इससे ग्रीन जॉब्स का भी क्षेत्र और खुलेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट, ऐसे क्षेत्रों के लिए पहली बार देश में पर्वतमाला योजना शुरू की जा रही है। ये योजना पहाड़ों पर ट्रांसपोर्टेशन की आधुनिक व्यवस्था का निर्माण करेगी। यह हमारी सीमाओं पर बसे गांवों को और जीवंत बनाएगा। उन्होंने काह कि यह बजट वर्तमान मुद्दों को हल करता है और हमारे युवाओं के लिए एक मजबूत भविष्य का आश्वासन देता है। जिस तरह से हमारे बजट को स्वीकृति मिली है, उसने भारत के लोगों की सेवा करने के लिए हमारी आत्माओं को सशक्त बनाया है।

 

मोदी ने कहा कि ये बजट More Infrastructure, More Investment, More Growth, और More Jobs की नई संभावनाओं से भरा हुआ है। इससे Green Jobs का भी क्षेत्र और खुलेगा। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ घंटों से देख रहा हूं, जिस प्रकार से इस बजट का हर क्षेत्र में स्वागत हुआ है, सामान्य मानवी की जो समारात्मक प्रतिक्रिया आई है, उसने जनता-जनार्दन की सेवा का हमारा उत्साह अनेक गुना बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के कोटि-कोटि जनों की आस्था, मां गंगा की सफाई के साथ-साथ किसानों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, इन पांच राज्यों में गंगा किनारे, नैचुरल फॉर्मिंग को प्रोत्साहन दिया जाएगा। 2.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमएसपी की घोषणा सीधे (किसानों को) हस्तांतरित की जाएगी; किसानों की आय दोगुनी होगी बजट MSMEs के लिए क्रेडिट गारंटी और कई नई योजनाओं की घोषणा की गई है

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने लोगों से उन्हें पूरे दिल से सहयोग देने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘यदि हम 50,000 से कम मतों के अंतर से जीतते हैं, तो यह जीत नहीं होगी।’’ चन्नी ने अपने राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधते हुए उन पर चमकौर साहिब के लोगों की आवाज दबाने के लिए हाथ मिलाने का आरोप लगाया।

 

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने विधानसभा क्षेत्र चमकौर साहिब के लोगों से मंगलवार को अनुरोध किया कि वे राज्य विधानसभा चुनावों के लिए 20 फरवरी को होने वाले मतदान के दौरान कम से कम 50,000 मतों से अंतर से उन्हें विजयी बनाएं। चन्नी के बयान से कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि चन्नी चमकौर साहिब सीट से हार रहे हैं। चन्नी ने रूपनगर जिले में चमकौर साहिब सीट (एससी) से नामांकन पत्र दाखिल किया। 

इसके बाद उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आपको मुझे 50,000 मतों के अंतर से विजयी बनाना होगा।’’ इस दौरान उनका परिवार भी उनके साथ मौजूद था। उन्होंने आगामी चुनावों में लोगों से उन्हें पूरे दिल से सहयोग देने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘यदि हम (चमकौर साहिब से) 50,000 से कम मतों के अंतर से जीतते हैं, तो यह जीत नहीं होगी।’’ चन्नी ने अपने राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधते हुए उन पर चमकौर साहिब के लोगों की आवाज दबाने के लिए हाथ मिलाने का आरोप लगाया।

 

अट्ठावन वर्षीय नेता ने कहा, ‘‘वे जितनी बार चाहें, उतनी बार छापा मार सकते हैं। जितनी चाहे, उतनी फर्जी प्राथमिकियां दर्ज कर सकते हैं... भले ही कुछ भी हो जाए, चमकौर साहिब के लोग मेरे साथ हैं।’’ तीन बार के विधायक चन्नी ने कहा, ‘‘मैं आपका बेटा और आपका भाई हूं। मैं 15 साल से आपके साथ हूं और एक भी दिन के लिए आपसे दूर नहीं गया। मैं आपके बिना कुछ नहीं हूं।’’

उन्होंने मतदाताओं से आग्रह किया कि वे इस चुनाव में इस निर्वाचन क्षेत्र से उनका समर्थन करें। प्रवर्तन निदेशालय ने हाल में पंजाब में अवैध रेत खनन के खिलाफ जारी धनशोधन रोधी जांच के सिलसिले में की गई छापेमारी के दौरान 10 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी, जिसमें से आठ करोड़ रुपए चन्नी के एक रिश्तेदार से जुड़े परिसरों से जब्त किए गए थे। चन्नी ने इस मामले में उनका कोई भी संबंध होने से इनकार किया है। 

उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर उनके खिलाफ ‘‘निंदनीय अभियान चलाने और दुष्प्रचार’’ करने का आरोप लगाया है। चन्नी 2007 से चमकौर साहिब विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वह 2017 के चुनाव में 12,308 मतों के अंतर से विजयी हुए थे। चन्नी ने सोमवार को बरनाला जिले की भदौड़ (आरक्षित) सीट से भी नामांकन पत्र दाखिल किया था। चन्नी पंजाब के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो अनुसूचित जाति समुदाय से संबंध रखते हैं।

हथियारों और बाकी जरूरतों के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता घटाने के कदम के तहत सरकार ने अब रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर भारत योजना को लागू करने का फैसला किया गया है।

 

नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रक्षा बजट के रूप में 525166.15 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की है, जो कि बजट 2021 के दौरान घोषित परिव्यय से लगभग 10 प्रतिशत अधिक है। हथियारों और बाकी जरूरतों के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता घटाने के कदम के तहत सरकार ने अब रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर भारत योजना को लागू करने का फैसला किया गया है। वित्त मंत्री के एलान के मुताबिक, सरकार अब रक्षा खरीद के लिए जो पूंजी निर्धारित करेगी, उसका 68 फीसदी घरेलू उद्योगों से खरीद के लिए निर्धारित होगा। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर रक्षा मंत्री ने रक्षा सहित कई क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास के लिए आवंटित की जा रही पर्याप्त राशि की सराहना की। उन्होंने स्टार्टअप और निजी संस्थाओं के लिए R&D बजट का 25 प्रतिशत आरक्षित करने के प्रस्ताव की भी सराहना की और कहा कि यह एक उत्कृष्ट कदम है। जनाथ सिंह ने आगे लिखा, "रक्षा पूंजी खरीद बजट का 68 प्रतिशत स्थानीय खरीद के लिए आवंटित किया गया है। यह 'वोकल फॉर लोकल' को बढ़ावा देने के लिए है यह निश्चित रूप से घरेलू रक्षा उद्योगों को बढ़ावा देगा।"

इसके बारे के रक्षा बजट के बारे में जानने योग्य 10 बातें:-

1.) वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रक्षा बजट को पिछले साल के 4.78 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5.25 लाख करोड़ रुपये करने का प्रावधान किया है। 

2.) आवंटन एक साल पहले की अवधि से 10 प्रतिशत ऊपर था।

3.) इस वित्त वर्ष में ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए इस क्षेत्र में दूसरे विकल्‍पों को तलाशा जाएगा।

4.)  वित्त मंत्री ने 2022-23 में घरेलू उद्योग के लिए पूंजी खरीद बजट का 68 प्रतिशत निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा, जो 2021-22 में 58 प्रतिशत था।

5.) रक्षा अनुसंधान एवं विकास (डीआरडीओ) को 25 फीसद अधिक धनराशि दी जाएगी।

6.) निजी उद्योग को एसपीवी मॉडल के माध्यम से डीआरडीओ और अन्य संगठनों के सहयोग से सैन्य प्लेटफार्मों और उपकरणों के डिजाइन और विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

7.) व्यापक परीक्षण और प्रमाणन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक स्वतंत्र नोडल अम्ब्रेला निकाय की स्थापना की जाएगी।

8.) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जियोस्पेशियल सिस्टम और ड्रोन, सेमीकंडक्टर और इसकी इको-सिस्टम, स्पेस इकोनॉमी, जीनोमिक्स और फार्मास्युटिकल्स, ग्रीन एनर्जी और क्लीन मोबिलिटी सिस्टम में देश के बड़े पैमाने पर सतत विकास में सहायता करने और आधुनिकीकरण करने की अपार संभावनाएं हैं। वे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे और भारतीय उद्योग को अधिक कुशल और प्रतिस्पर्धी बनाएंगे। 

9.) सहायक नीतियां, हल्के-फुल्के नियम, घरेलू क्षमता निर्माण के लिए सुविधाजनक कार्रवाई, और अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना सरकार के दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करेगा।

10.) अवसरों में अनुसंधान एवं विकास के लिए, शिक्षाविदों, उद्योग और सार्वजनिक संस्थानों के बीच सहयोग के प्रयासों के अलावा, सरकारी योगदान प्रदान किया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "देश भर के छात्रों को उनके दरवाजे पर सीखने के अनुभवों के साथ विश्व स्तरीय गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक शिक्षा तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय बनाया जाएगा।"

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2022 पेश करते हुए एक डिजिटल यूनिवर्सिटी के निर्माण के केंद्र के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। अपनी बजट प्रस्तुति में, उन्होंने कहा कि यह डिजिटल विश्वविद्यालय देश भर के छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करेगा। कोविड-19 महामारी के कारण शिक्षा में बड़ी बाधाओं की भरपाई के लिए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हब-एंड-स्पोक अवधारणा पर आधारित एक डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव रखा। हब और स्पोक प्रतिमान का उपयोग डिजिटल विश्वविद्यालय में निर्देश देने के लिए किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि COVID महामारी के कारण औपचारिक शिक्षा के नुकसान की भरपाई के लिए छात्रों को पूरक शिक्षा देने के लिए 1-क्लास-1-टीवी चैनल शुरू किया जाएगा।

निर्मला सीतारमण ने कहा, "देश भर के छात्रों को उनके दरवाजे पर सीखने के अनुभवों के साथ विश्व स्तरीय गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक शिक्षा तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय बनाया जाएगा।" केंद्र डिजिटल विश्वविद्यालय के लिए एक नेटवर्क हब और स्पोक अवधारणा स्थापित करना चाहता है। हब एंड स्पोक मॉडल एक वितरण रणनीति है जिसमें सब कुछ एक केंद्रीय 'हब' से शुरू होता है और फिर अंतिम खपत के लिए छोटे 'स्पोक' में जाता है।

इस संदर्भ में 'हब' देश के सबसे बड़े सार्वजनिक विश्वविद्यालयों और संस्थानों के अनुरूप हैं, जबकि 'स्पोक' व्यक्तिगत छात्र हैं जो घर पर डिजिटल मीडिया के माध्यम से हब द्वारा प्रदान की गई जानकारी का उपभोग करेंगे। प्रत्येक हब से "अत्याधुनिक सूचना और संचार प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता" का निर्माण करने की उम्मीद की जाएगी। निर्मला सीतारमण के भाषण के अनुसार, हब द्वारा उत्पन्न ज्ञान को विभिन्न भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि आईएसटीई मानकों के अनुसार डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। ISTE मानक शिक्षण और सीखने में प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए मानक हैं। प्रत्येक हब को "अग्रणी सूचना और संचार प्रौद्योगिकी क्षमता" विकसित करनी चाहिए। निर्मला सीतारमण के भाषण के अनुसार, हब द्वारा बनाए गए ज्ञान को कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा।

 

वित्त मंत्री के मुताबिक, डिजिटल यूनिवर्सिटी का निर्माण आईएसटीई मानकों के अनुरूप किया जाएगा। ISTE मानक शिक्षण और सीखने में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए दिशानिर्देश हैं।

डिजिटल रूपया के विषय पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि आरबीआई एक डिजिटल मुद्रा जारी करेगा। इसके बाहर जो कुछ भी प्रचलित है वह व्यक्तियों द्वारा बनाई गई संपत्ति है और हम उन संपत्तियों के लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर 30% कर लगा रहे हैं।

 

नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने टैक्स नहीं बढ़ाया। एक भी पैसा अतिरिक्त टैक्स के द्वारा कमाने की कोशिश नहीं की। पिछली बार प्रधानमंत्री का आदेश था कि घाटा कितना भी हो, महामारी में जनता पर टैक्स का बोझ नहीं डालना। इस बार भी वही निर्देश थे। 

टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं

इस बार टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, टैक्स रिटर्न में अगर कोई गलती हो जाती है तो उसे बाद में सुधारा जा सकता है। अगर करदाता से सलाना आय की घोषणा करने में कोई गलती हो जाती है तो वह इसे 2 साल में सुधार सकता है।

वहीं डिजिटल रूपया के विषय पर वित्त मंत्री ने बताया कि आरबीआई एक डिजिटल मुद्रा जारी करेगा। इसके बाहर जो कुछ भी प्रचलित है वह व्यक्तियों द्वारा बनाई गई संपत्ति है और हम उन संपत्तियों के लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर 30% कर लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम हर ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस लगाकर उसमें (क्रिप्टो करेंसी) पैसे के हर लेन-देन पर भी नज़र रख रहे हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि अभी क्रिप्टो और क्रिप्टो संपत्ति क्या हैं ? इस पर कोई चर्चा नहीं होगी। हितधारकों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है। डिजिटल एसेट्स का विवरण परामर्श के बाद आएगा।

बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों पर उन्होंने कहा कि हम इन मुद्दों से निपटने के लिए कई कदम उठा रहे हैं। हमारी सरकार ने महंगाई को दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंचने दिया है। हां, इसने एक महीने के लिए 6 फीसदी की सीमा को तोड़ा लेकिन इसे कभी भी पार नहीं किया। हालांकि, 2014 से पहले यह हमेशा 10,11,12,13 के दायरे में था।

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