अमरिंदर सिंह की चिंता फिलहाल बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि वह भाजपा के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं। फिलहाल अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी की प्रत्याशियों की दूसरी सूची पर रोक लगा दी है।

 

पंजाब में मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद अपनी पार्टी बना चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह विधानसभा चुनाव में अपना दम लगा रहे हैं। हालांकि उनकी पार्टी के लिए कई मुश्किलें भी सामने आ रही हैं। पार्टी के ज्यादातर प्रत्याशी भाजपा के चुनाव चिन्ह पर मैदान में उतरना चाहते हैं। दरअसल, अमरिंदर सिंह ने पंजाब लोक कांग्रेस बनाया था और भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। पंजाब लोक कांग्रेस का चुनाव चिन्ह हॉकी स्टिक और बॉल है। लेकिन कई उम्मीदवार भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल पर मैदान में उतरने की दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसी कड़ी में पार्टी ने फिलहाल 4 प्रत्याशियों को कमल के चुनाव चिन्ह पर मैदान में उतरने की अनुमति तो दे दी है लेकिन एक को हटा दिया है।

अमरिंदर सिंह की चिंता फिलहाल बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि वह भाजपा के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं। फिलहाल अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी की प्रत्याशियों की दूसरी सूची पर रोक लगा दी है। माना जा रहा है कि अमरिंदर सिंह अपनी पार्टी का भाजपा में विलय भी करा सकते हैं। इससे पहले भाजपा और पंजाब लोक कांग्रेस में एक साथ चुनाव लड़ने को लेकर सहमति बनी थी। अमरिंदर सिंह की पार्टी को भाजपा की ओर से 37 सीटें दी गई हैं। अमरिंदर सिंह ने 22 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री राणा गुरमीत सोढ़ी और फतेह जंग सिंह बाजवा ने उनकी पार्टी में शामिल होने की बजाय भाजपा को ज्यादा महत्व दिया

 

फिलहाल पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार जारी है। नामांकन की प्रक्रिया भी चल रही है। इन सब के बीच 20 फरवरी को पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे जबकि नतीजे 10 मार्च को आएंगे। बठिंडा शहरी विधानसभा क्षेत्र से राजकुमार नंबरदार, लुधियाना ईस्ट से जगमोहन शर्मा, खरड़ से कमल सैनी और आत्म नगर हल्के से प्रेम मित्तल को कमल का निशान दिया गया है। 

छात्रा भारत की पहली कोरोना मरीज थी। दो साल पहले यानि की 30 दिसंबर 2022 को भारत में कोरोना से पीड़ित पहले मरीज की पहचान हुई थी। हालांकि, अब वह बिल्कुल स्वस्थ है और अब अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के लिए फिर से एक बार वुहान जाना चाहती है।

 

लोग अपने करियर के लिए कुछ भी कर देना चाहते है और ऐसा ही कुछ केरल के त्रिसुर की रहने वाली युवती ने कर दिखाया है। बचपन से डॉक्टर का सपना देखने वाली भारत की छात्रा चीन के वुहान में मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी। लेकिन जब कोरोना महामारी ने दुनिया में अपना पैर पसारा तो वह कोरोना का शिकार हो गई। बता दें कि, यह छात्रा भारत की पहली कोरोना मरीज थी। दो साल पहले यानि की 30 दिसंबर 2022 को भारत में कोरोना से पीड़ित पहले मरीज की पहचान हुई थी। हालांकि, अब वह बिल्कुल स्वस्थ है और अब अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के लिए फिर से एक बार वुहान जाना चाहती है। लड़की के पिता ने कहा कि, कोरोना को अब काबू किया जा सकता है और बेटी के करियर के लिए यह करना पड़ेगा। 

जब वुहान में कोरोना महामारी अपना कहर बरपा रहा थआ तब केरल की छात्रा वापस त्रिसूर लौट आई थी लेकिन हफ्ते बाद ही वह कोरोना पॉजिटिव हो गई। अगर वह वुहान में कोरोना पॉजिटिव पाई जाती तो शायद उनका भारत लौटना बहुत मुश्किल हो जाता। बता दें कि, छात्रा इस दौरान ऑनलाइन क्लास लेकर अपनी पढ़ाई कर रही है। उन्होंने  पिछले वर्ष दिसंबर महीने में एमबीबीएस कोर्स को ऑनलाइन ही कंप्लीट कर लिया था और परीक्षा भी पास कर ली थी। लेकिन अब उन्हें कॉलेड लौटना होगा क्योंकि चीन के कानून के मुताबिक,  एमबीबीएस स्टूडेंट्स को 52 सप्ताह तक इंटर्नशिप प्रोग्राम में शामिल होना ही पड़ता है और ग्रेजुएशन फाइनल ईयर के बाद अस्पताल में उनकी मौजुदगी काफी महत्वपूर्ण होती है। अगर ऐसा नहीं किया तो डिग्री नहीं दी जाती है।

बता दें कि, इस समय वुहान में सभी कॉलेज बंद है। छात्रा के पिता के मुताबिक, बेटी को चीन जाना होगा, वुहान में कई अधिकारियों से बात करने के बाद केन्द्र सरकार से गुहार लगाई है। उन्होंने आगे कहा कि, कोरोना से सभी प्रभावित हुए है और मेरी बेटी भी इससे अछुती नहीं रही है। वह दो बार कोरोना से  संक्रमित हुई है। पहली भारतीय जब कोरोना से संक्रमित हुई तो उस समय डॉक्टरों के पास कोई जानकारी नहीं थी और न ही उस वायरस को कोई नाम दिया गया था। बाद में जब इसे कोविड-19 नाम दिया गया तब छात्रा में कई लक्षण दिखने शुरू हो गए। वह त्रिसूर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुई थी।

अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भी याद किया। राजनाथ ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी की स्मृतियों से यह क्षेत्र सीधा जुड़ा रहा है। श्री कल्याण सिंह जी ने जेल जाना मंजूर किया मगर गोली नहीं चलवाई। सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान के लिए इसी महीने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

 

उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर प्रचार जोर-शोर पर है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज कासगंज पहुंचे थे। कासगंज में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रभावी मतदाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि मेरे लिए कासगंज सिर्फ कासगंज नहीं है बल्कि ‘खासगंज’ है। राजनाथ सिंह ने कहा कि हम विकास भी करेंगे और अपनी विरासत को भी सम्भाल कर रखेंगे। जो अपनी विरासत को सम्भाल कर नहीं रख सकते उनकी हालत कटी पतंग जैसी हो जाती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने पिछले 5 वर्षों में तेजी से विकास देखा है। हमारी सरकार ने वीआईपी संस्कृति को ईपीआई में बदल दिया है - 'Every Person is Important' संस्कृति।

पिछली सरकारों पर हमला करते हुए राजनाथ ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार हो या समाजवादी पार्टी की सरकार, उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। मैं गर्व से कह सकता हूं कि केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर इस तरह के आरोप नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सिर्फ नई सरकार बनाने के बारे में नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश की नियति भी लिखने के बारे में है... केंद्र और यूपी में बीजेपी सरकारों ने शानदार काम किया है। हमारी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार ग़रीबों को समर्पित कर दी थी। कोरोना काल में प्रधानमंत्री ने ग़रीबों को मुफ़्त अनाज की सुविधा प्रदान की है। इसका पूरी दुनिया में कहीं और उदाहरण नहीं है।

 

अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भी याद किया। राजनाथ ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी की स्मृतियों से यह क्षेत्र सीधा जुड़ा रहा है। श्री कल्याण सिंह जी ने जेल जाना मंजूर किया मगर गोली नहीं चलवाई। सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान के लिए इसी महीने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव साधारण चुनाव नहीं है बल्कि उत्तर प्रदेश की तक़दीर लिखने का चुनाव है। भाजपा का चरित्र है कि हम जो कहते हैं वह करते हैं। हमने हर चुनाव में घोषणा पत्र जारी किए हैं। उठा कर देखिए हमने अपने वादे पूरे किए हैं। राजनाथ ने काह कि हम कहते थे कि हम एक दिन धारा 370 समाप्त कर देंगे। हमने वह करके दिखा दिया है। नागरिकता का क़ानून हमने बनाया है। हमने राजनीति में विश्वसनीयता का संकट दूर किया है।

 

राजनाथ ने कहा कि हम ध्रुवीकरण की राजनीति नहीं करेंगे। हम राजनीति करेंगे तो इंसाफ़ और इंसानियत की राजनीति करेंगे। समाजवादी पार्टी सीमाएँ लांघ रही है। सपा बसपा समाज को बाँट कर वोट हासिल करना चाहती हैं। हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहाँ क़ानून व्यवस्था को सुधारने का में बड़ा योगदान किया है। आज विकास 84 में से 83 आसन लगा रहा है मगर एक आसन शीर्षासन विपक्ष के लिए छोड़ दिया है। हमने ज़ेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास किया है। इससे बड़ी संख्या में रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। आज हम उत्तर प्रदेश में ब्रह्मोस मिसाइल बनाने जा रहे हैं। अखिलेश पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की ताक़त को बढ़ाना है तो लाल पोटली से काम नहीं चलेगा। जनता का भरोसा जीतने के लिए त्याग करना पड़ता है, पोटली से काम नहीं चलेगा। मैं सपा से पूछना चाहता हूँ कि दंगे आपके राज में क्यों हुए, गुंडागर्दी क्यों बढ़ जाती है?

अपर्णा ने यह भी कहा कि मैं किस सीट पर चुनाव लड़ूगी, यह तय करना भाजपा का काम है। अगर पार्टी मुझे करहल सीट से चुनाव लड़ने को कहती है तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं।

 

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान तेज होता दिखाई दे रहा है। इन सब के बीच मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और हाल में ही भाजपा का दामन थामने वाली अपर्णा यादव ने अखिलेश यादव को चुनौती देने की तैयारी कर ली है। पहली बार मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव लड़ने जा रहे अखिलेश यादव को अपर्णा यादव चुनौती दे सकती हैं। माना जा रहा है कि भाजपा अखिलेश यादव को करहल सीट पर कड़ी चुनौती देने का मन बना चुकी है और हाल में ही शामिल हुए मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को मैदान में उतार सकती है। आपको बता दें कि फिलहाल करहल सीट से भाजपा ने किसी प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है।

कांग्रेस की ओर से करहल से ज्ञानवती यादव को उम्मीदवार बनाया गया है जबकि बीएसपी ने कुलदीप नारायण को टिकट दिया है। सियासी गलियारों में चल रही चर्चा के मुताबिक करहल से मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को अखिलेश के खिलाफ भाजपा टिकट दे सकती है। अपर्णा यादव भी कलहर सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी हैं। एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने इस बात के संकेत भी दे दिए हैं। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि पार्टी जहां से टिकट देगी वहां से चुनाव लड़ लूंगी। लेकिन फिलहाल में लखनऊ कैंट सीट पर जनता की सेवा में लगी हूं

 

अपर्णा ने यह भी कहा कि मैं किस सीट पर चुनाव लड़ूगी, यह तय करना भाजपा का काम है। अगर पार्टी मुझे करहल सीट से चुनाव लड़ने को कहती है तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं। इसी दौरान अपर्णा यादव से भाजपा में शामिल होने को लेकर भी सवाल किया गया उन्होंने कहा कि मेरे भाजपा में शामिल होने से मुलायम सिंह यादव नाराज नहीं हैं और उन्होंने मुझे आशीर्वाद भी दिया है। इसके अलावा उन्होंने शिवपाल यादव का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने हमेशा मुझे आगे बढ़ाने का काम किया है। लेकिन आज वह मुझे ही नसीहत दे रहे हैं। अगर खुद यह बातें मानते तो अपनी अलग पार्टी नहीं बनाते।

रायपुर। प्रदेश के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सर्चिंग पर निकली पुलिस पार्टी और नक्सलियों के बीच मुठभेड जारी है। जवानों द्वारा कुछ नक्सलियों को मार गिराने की सूचना भी अंदर जंगलों से निकल कर आ रही है। मुठभेड़ 30 जनवरी को सुबह पौने सात बजे की बताई जा रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस और नक्सलियों के बीच चल रही यह मुठभेड़ सुकमा जिले के चिंतलनार के घोर नक्सल प्रभावित तिम्मापुर में चल रही है। इस इलाके में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। जिसकी सुरक्षा के लिए जवानों की ड्यूटी लगी है। निर्माण कार्य की सुरक्षा में कोबरा-201 और डीआरडी की संयुक्त टीम निकली थी। वहीं जवानों से मुठभेड़ हुई।

सुबह पौने सात बजे हुई मुठभेड़ में जवानों ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। जिसमें कई नक्सलियों के मारे जाने की सूचना मिल रही है। मुठभेड़ के बाद जवान नक्सलियों के शव को लेकर वापस लौट रहे थे। इस दौरान नक्सलियों की एक और टुकड़ी ने जवानों पर फायरिंग कर दी। मौके पर फायरिंग जारी है।

भोपाल । राजधानी सहित प्रदेश भर में बीते पांच दिनों से कडाके की सर्दी पड रही है। आगामी दो फरवरी के बाद ठंड से राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। उत्‍तर से आ रही सर्द हवाओं के प्रभाव से भोपाल इन दिनों कड़ाके की ठंड की चपेट में है। हालात यह हैं कि पिछले पांच दिनों से जहां दिन में भी ठिठुरन बनी हुई है, वहीं रात में हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है। संभवत: यह पिछले 10 वर्ष में पहला मौका है, जब लगातार पांच दिन शीतल दिन और पांच रात में शीतलहर की स्थिति बनी है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि दो फरवरी के बाद ही कड़ाके की ठंड से राहत मिलने के आसार हैं। शहर में 24 जनवरी से बर्फीली हवाओं के चलने से ठंड ने अचानक यू-टर्न लिया था। 24 जनवरी को न्यूनतम तापमान 9.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जो 25 जनवरी को 4.4 डिग्री सेल्‍सियस लुढ़ककर 5.5 डिग्री पर आ गया था। उसके बाद से रात का पारा लगातार पांच-छह डिग्री सेल्सियस के बीच झूल रहा है। इसी क्रम में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्‍सियस पर आ गया जो सामान्य से सात डिग्री सेल्‍सियस कम रहा। शनिवार को इसमें मामूली बढ़ोतरी हुई और न्‍यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्‍सियस दर्ज किया गया, जो सामान्‍य से छह डिग्री सेल्‍सियस कम रहा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक आज एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर में दाखिल हो सकता है। इसके असर से रात के तापमान में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है। इसके अलावा दो फरवरी को एक तीव्र आवृति वाले पश्चिमी विक्षोभ के असर से हवाओं का रुख बदलने से रात के तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इससे ठंड से राहत मिलने लगेगी। बीते चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश में सबसे कम न्‍यूनतम तापमान पचमढ़ी में (0.4 डिग्री ) दर्ज किया गया। वहीं नौगांव में 2.6 डिग्री सेल्‍सियस न्‍यूनतम तापमान रहा। उधर, भोपाल में अधिकतम तापमान भी तीन दिन तक 19 डिग्री सेल्‍सियस के आसपास बना रहा। शुक्रवार को अधिकतम तापमान भी कुछ बढ़कर 21.5 डिग्री तक पहुंचा। यह भी सामान्य से पांच डिग्री सेल्‍सियस कम रहा।

रायसेन में आज शहीद दिवस के उपलक्ष में मुख्य बाजार सहित सभी सरकारी दफ्तरों में 2 मिनट का मौन रख शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई तो रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे ने कलेक्ट्रेट तो SDM एल के खरे और नायब तहसीलदार शिवांगी खरे ने महामाया चौक पर भी किया नमन।
रायसेन में आज शहीद दिवस के अबसर पर शहीदों को नमन किया गया तो वही 2 मिनट का मौन धारण कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।रायसेन के स्थानीय महामाया चौक पर गांधी प्रतिमा के पास सायरन बजाकर मौन धारण की शुरुआत की गई जैसे ही सायरन बजा,जो व्यक्ति जहां था वहीं रुक कर उसने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की 2 मिनट तक चले इस मौन धारण में सभी ने शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए तो वही अपनी कृतज्ञ श्रद्धांजलि शहीदों को अर्पित की।जैसे ही सायरन की आवाज शुरू हुई रायसेन के मुख्य बाजार में जो व्यक्ति जहां था उसने वहीं खड़े होकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।स्थानीय महामाया चौक पर कार्यक्रम के बाद रायसेन एसडीएम एल के खरे ने कहा कि पूरे रायसेन जिले में शहीद दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है तो वहीं 2 मिनट का मौन धारण कर सच्ची श्रद्धांजलि दी जा रही है। राकेश तोमर ने कहा कि शहीदों के बलिदान के कारण ही देश को आजादी मिली है और शहीद दिवस पर हम श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।युवा नेता शुभम उपाध्याय ने कहा कि शहीदों के कारण देश स्वतंत्र है और हम खुली आजादी जी रहे हैं।

रायसेन। सरस्वती विद्या मंदिर रायसेन की कक्षा 10 वी की बहिन भावना के पत्र का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में उल्लेख किया है। रायसेन जिले के लिए गौरव की बात है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह 11 बजे 'मन की बात' के जरिए देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने देशवासियों को नए साल की बधाई देते हुए कोविड-19 से लड़ाई का जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि 'कोरोना का एक नया वेरिएंट दस्‍तक दे चुका है। हमें इसका ध्‍यान रखना होगा।'
मोदी ने कहा कि 'जो नया ओमीक्रोन वेरिएंट आया है, उसका अध्‍ययन हमारे वैज्ञानिक कर रहे हैं।' उन्‍होंने नागरिकों से अपील की कि 'स्‍वयं की सजगता, स्‍वयं का अनुशासन कोरोना के इस नए वेरिएंट के खिलाफ हमारी शक्ति है।

नई दिल्ली । समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा घबराई हुई है और जो पहलवान हार जाता है वह कभी काटता है, कभी नोचता है। ये लोग हार चुके हैं, किसान और नौजवान इनको हराएंगे। अखिलेश ने दावा किया हर वर्ग के लोगों ने मान लिया है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। यहां कोई सरप्राइज नहीं मिलने वाला, असली सरप्राइज गुजरात से मिलेगा। गाजियाबाद में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनाव में हराने का अन्‍न संकल्प लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी की जनता ने अपना फैसला सुना दिया है। यहां कोई सरप्राइज नहीं मिलने वाला, यहां की जनता ने खासकर किसान, नौजवान व्यापारी, हर वर्ग के लोगों ने मान लिया है कि समाजवादी गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि कि अगर असली सरप्राइज कहीं से मिलेगा तो वह गुजरात से मिलेगा क्योंकि यूपी के बाद वहां चुनाव होने वाले हैं। अखिलेश ने कहा कि जनता राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी के हत्यारों का सम्मान करने वालों को सबक सिखाएगी। यूपी का चुनाव परिणाम खुशहाली का परिणाम लेकर आएगा। अखिलेश यादव ने तीन कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि आखिरकार भाजपा ने किसानों को अपमानित क्‍यों किया? अखिलेश ने कहा कि किसान कैसे भूल सकता है कि भाजपा ने अन्नदाता का अपमान किया। उन्होंने सपा और रालोद गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान की अपील करते हुए कहा कि आज मुझे इस बात की खुशी है कि मेरे साथ जयंत चौधरी जी हैं और हम दोनों मिलकर किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि मतदाता यह बात जानते हैं कि चौधरी चरण सिंह जी ने किसानों की खुशहाली की लड़ाई लड़ी। उन्होंने सभी किसानों को एक साथ लाकर आंदोलन किए। जयंत चौधरी जी और यहां पर जितने लोग किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं उन्हें चौधरी चरण सिंह जी की विरासत को बचाने और उसे आगे ले जाने का मौका मिला है।

मुजफ्फरनगर । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं। मुजफ्फरनगर में प्रभावी मतदाता संवाद के दौरान वह समजावादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर बरसे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ''कल अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की प्रेस कांफ्रेंस देखी। अखिलेश ने बहुत अच्छे से बात की कि हम साथ-साथ हैं। लेकिन आप साथ-साथ सिर्फ मतगणना तक हो। अगर सरकार बन गई तो जयंत भाई निकल जाएंगे और आजम खान बैठ जाएंगे। टिकटों के बंटवारे से ही समझ में आ गया है कि आगे क्या होने वाला है। अमित शाह ने आगे कहा अखिलेश बाबू को लाज भी नहीं आती। कल यहां कहकर गए कि कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। अखिलेश बाबू आज मैं सार्वजनिक कार्यक्रम में आंकड़े देने आया हूं। हिम्मत हो तो आपके समय के आंकड़े लेकर कल प्रेसवार्ता करिए। उन्होंने आगे कहा, ''आपके शासन की अपेक्षा भाजपा सरकार के पांच साल में डकैती में 70%, लूट में 69%, हत्या में 30%, अपहरण में 35% और बलात्कार में 30% से ज़्यादा की कमी हुई है। अमित शाह ने कहा, ''पहले सपा-बसपा ने यहां शासन किया। बहनजी की पार्टी आती थी तो वो एक जाति की बात करती थी। कांग्रेस पार्टी आती थी तो वो परिवार की बात करती थी। अखिलेश बाबू आते थे तो वो गुंडा, माफिया और तुष्टिकरण की बात करते थे। उन्होंने आगे कहा, ''यही मुजफ्फरनगर है जिसने उत्तर प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड जीत की नींव रखने की शुरुआत की थी और विपक्ष को धूल चटाई थी। मैं मुजफ्फरनगर से सहारनपुर तक के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या आप सब दंगों को भूल गए हैं क्या, अगर नहीं तो वोट देने में गलती मत करना, नहीं तो मुजफ्फरनगर फिर से जल उठेगा। पिछली सरकारों में गुंडे, माफियाओं ने प्रदेश को अपने कब्जे में ले रखा था, हर तरफ लोग असुरक्षित थे लेकिन जब से भाजपा की सरकार बनी प्रदेश के सारे गुंडे, माफिया बाउंड्री पार चले गए हैं।

 

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