ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
मायावती ने खुद की गैरमौजूदगी को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल पर कहा कि मीडिया के जो साथी पूछते हैं कि बहनजी कहां हैं? मैं कहना चाहती हूं कि बहनजी अपनी पार्टी को मजबूत करने में व्यस्त थीं। बसपा बोलने में कम और करने में ज्यादा विश्वास रखती है।
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में जहां सभी दल महीनों पहले से ही पूरे दम-खम से मैदान में जोर-आजमाइश में लगी हैं। हर किसी के जुबान पर एक ही सवाल था कि आखिर मायावती और उनकी पार्टी की उपस्थिति इस बार के चुनाव में नगण्य क्यों है? लेकिन तमाम उठाते सवालों के बीच आखिर बहनजी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। चुनाव की तारीखों के ऐलान के 25 दिन बाद आगरा में जनसभा को संबोधित किया। आगरा में बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपनी पहली रैली को संबोधित किया। मायावती ने कहा की भारतीय जनता पार्टी जातिवाद की राजनीति कर रही है। कांग्रेस गलत नीतियों की वजह से सत्ता से बाहर है। समाजवादी पार्टी पर भी उन्होंने जमकर प्रहार किया।
मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर अकेले अपने बूते पर ही पूरी तैयारी व दमदारी के साथ साल 2007 की तरह फिर से अपनी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिए लड़ रही है। मायावती ने कहा कि आपको बीजेपी जातिवादी, संकीर्ण, अहंकारी व तानाशाही वाले शासन से मुक्ति मिल सके। मायावती ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के विकास और जनहित के लिए जो कार्य किए हैं वो किसी और पार्टी की सरकार ने नहीं किए। जो कार्य हमारी सरकार ने कार्य किए थे, ज्यादातर उन्हीं कार्यों के नाम बदलकर विरोधी पार्टियों की सरकारें फायदा उठाने में लगी हैं।
बसपा बोलने में कम और करने में ज्यादा विश्वास रखती
मायावती ने खुद की गैरमौजूदगी को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल पर कहा कि मीडिया के जो साथी पूछते हैं कि बहनजी कहां हैं? मैं कहना चाहती हूं कि बहनजी अपनी पार्टी को मजबूत करने में व्यस्त थीं। बसपा बोलने में कम और करने में ज्यादा विश्वास रखती है।
बहन जी की तो अभी ठंड ही नहीं गयी
अमित शाह ने बसपा सुप्रीमो पर तंज कसते हुए कहा था कि बहन जी की तो अभी ठंड ही नहीं गयी है। अरे चुनाव आ गया है, बहन जी थोड़ा बाहर भी आ जाओ। इसके साथ ही अमित शाह ने कहा ये सपा बसपा, सपा ये बुआ, बबुवा 15 साल राज किए, क्या हाल किए थे, उत्तर प्रदेश का लोग पलायन करने लगे थे, आज पलायन करने वाले पलायन कर गए।
प्रियंका ने भी उठाए थे सवाल
मायावती की गैरमौजूदगी पर यूपी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी हैरानी जताई थी। 23 दिसंबर को नई दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि सभी विपक्षी दलों के बीच कांग्रेस पिछले कुछ वर्षों से लोगों के मुद्दों को उठाने में सबसे आगे रही है। प्रियंका ने कहा कि इसके पीछे का कारण मेरी समझ से परे है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मायावती इतनी चुप क्यों हैं?
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा तोहफा दिया। सीएम बघेल ने सरकारी कर्मियों के कार्यदिवस 6 की 5 करने की घोषणा की थी। सीएम की घोषणा के बाद बुधवार को छत्तीसगढ़ सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना के जारी होने के साथ प्रदेश में अब नया सिस्टम लागू हो गया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा गणतंत्र दिवस के मौके पर पर शासकीय कर्मचारियों की कार्यक्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए बड़ी घोषणा की थी। पांच कार्यदिवस की प्रणाली लागू करने के साथ ही प्रदेश में अब सरकारी कर्मचारियों की बल्ले बल्ल् हो गई है। सीएम की घोषणा के सप्ताह भर के भीतर ही इस पर अमल कर दिया गया। इस संबंध में आज अधिसूचना जारी कर इस प्रणाली को लागू कर दिया गया है।
जानें क्या कहा गया अधिसूवना में
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मंत्रालय से जारी अधिसूचना अनुसार राज्य शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों के लिए माह के दूसरे व तीसरे शनिवार को अवकाश दिया जा रहा था। अब प्रदेश में शनिवार व रविवार को भी शासकीय अवकाश रहेगा। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि राज्य के मंत्रालय एवं विभागाध्यक्ष कार्यालयों तथा समस्त मैदानी कार्यालयों के लिए कार्य का समय सुबह 10 बजे से शाम 5.30 तक रहेगा। जारी अधिसूचना के मुताबिक भोजन अवकाश पूर्ववत ही रहेगा।
कार्यक्षमता व उत्पादकता बढ़ेगी
सप्ताह में कार्यदिवस कम करने को लेकर सरकार का मानना है कि इससे कार्यक्षमता में वृद्धि के साथ ही उत्पादकता भी बढ़ेगी। सप्ताह में दो दिनों का अवकाश होने से कर्मचारियों का मानसिक तनाव भी कम होगा और कार्य का निष्पादन बेहतर तरीके से हो सकेगा। पूर्व में सरकारी कर्मचारियों को माह के दूसरे व तीसरे शनिवार को अवकाश दिया जाता था जिसे अब बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही प्रतिमाह शासकीय कर्मियों को 8 छुटिटयां निश्चित रूप से मिलेगी।
भिलाई। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लोगों को सस्ती दवा उपलब्ध कराने शुरू की गई श्री धनवंतरी जेनरिक मेडिकल स्टोर योजना का क्रियान्वयन तेजी से हो रहा है। इसी कड़ी में नगर निगम भिलाई क्षेत्र में दो नए मेडिकल स्टोर जल्द शुरू हो जाएंगे। इनमें से एक शास्त्री हॉस्पिटल सुपेला व दूसरा जवाहरलाल नेहरू हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर सेक्टर 9 के बाद शुरू किया जाएगा।
शास्त्री हॉस्पिटल सुपेला में श्री धनवंतरी मेडिकल स्टोर शुरू करने आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मेडिकल स्टोर के लिए स्ट्रक्चर भी तैयार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि यहां जल्द ही मेडिकल स्टोर का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। इस स्टोर में लोगों को 55 फ़ीसदी छूट के साथ लोगों को आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र भी है शास्त्री हॉस्पिटल में
शास्त्री हॉस्पिटल सुपेला में प्रधान मंत्री जन औषधि केंद्र भी संचालित किया जा रहा है। जहां वर्तमान में लोगों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही है। छत्तीसगढ़ शासन की योजना के अनुसार श्री धनवंतरी जेनरिक मेडिकल स्टोर का संचालन यहां होने से मरीजों को और अधिक लाभ मिलेगा। जो दवाइयां प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में नहीं मिल पाती वह दवाइयां श्री धनवंत्री मेडिकल स्टोर में मिल सकती हैं।
यहां एनओसी के इंतजार में निगम
इधर जवाहरलाल नेहरू हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के पास श्री धनवंतरी जेनरिक मेडिकल स्टोर संचालन के लिए स्थल चयन कर लिया गया है। भिलाई इस्पात संयंत्र का स्थल होने के कारण यहां एनओसी का इंतजार किया जा रहा है। सेक्टर 9 हॉस्पिटल के पास श्री धनवंतरी मेडिकल स्टोर खोले जाने को लेकर निगम द्वारा तैयारियां कर ली गई है। भिलाई इस्पात संयंत्र से क्लीयरेंस मिलते हैं यहां काम शुरू कर दिया जाएगा।
तैयारियां पूरी, जल्द शुरू होगा संचालन
नगर निगम भिलाई के जनसंपर्क अधिकारी पीसी सार्वा ने जानकारी देते हुए बताया कि शास्त्री हॉस्पिटल सुपेला में श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर की तैयारियां पूरी हो गई है। जल्द ही यहां सेवा शुरू कर दी जाएगी। वहीं सेक्टर-9 हॉस्पिटल में अभी स्थल चयन की प्रक्रिया जारी है। प्रक्रिया पूरी होते ही सेक्टर 9 हॉस्पिटल के पास भी स्टोर का संचालन शुरू किया जाएगा।
पटना. कोरोना को लेकर राहत भरी खबर है। पटना में भी कोरोना का ग्राफ घट रहा है। राज्य में 27 दिनों के बाद सोमवार को एक हजार से कम नये संक्रमितों की पहचान की गई। इसके पूर्व राज्य में 4 जनवरी 2022 को एक हजार से कम 893 संक्रमित मिले थे। उसके बाद 5 जनवरी को 1659 संक्रमितों की पहचान की गई थी और फिर संक्रमितों की संख्या बढ़ती चली गई थी। राज्य में पिछले 24 घंटे में राज्य में 1 लाख 01 लाख 917 सैंपल की जांच की गयी और संक्रमण दर 0.83 प्रतिशत से कम होकर 0.73 प्रतिशत हो गई। इस दौरान राज्य में 2223 संक्रमित स्वस्थ हो गए और स्वस्थ होने की दर 97.72 प्रतिशत से बढ़कर 97.90 प्रतिशत हो गई। इस दौरान राज्य में पांच कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गयी। राज्य में वर्तमान में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 5081 है। इसके पूर्व 6 जनवरी को राज्य में 5785 सक्रिय मरीज थे। 34 जिलों में सौ से कम नये संक्रमितों की पहचान हुई। अररिया में 16, अरवल में 3, औरंगाबाद में 3, बांका में 13, भागलपुर में 13, भोजपुर में 15, बक्सर में 19, दरभंगा में 18, पूर्वी चंपारण में 9, गया में 2, गोपालगंज में 23, जमुई में 11, जहानाबाद में 2, कटिहार में 18, किशनगंज में 3, लखीसराय में 3, मधेपुरा में 32, मधुबनी में 23, मुंगेर में 12, मुजफ्फरपुर में 8, नालंदा में 10, नवादा में 2, पूर्णिया में 61, रोहतास में 17, सहरसा में 22, समस्तीपुर में 27, सारण में 39, शेखपुरा में 7, शिवहर में 5, सीतामढ़ी में 5, सीवान में 9, सुपौल में 10, वैशाली में 34 और पश्चिमी चंपारण में 31 मरीज मिले। वहीं, दूसरे राज्यों से आए नौ लोग संक्रमित पाए गए हैं। राज्य में अब तक 8 लाख 23 हजार 801 संक्रमितों की पहचान की जा चुकी है। उधर पटना में 29 दिन बाद सोमवार को 109 नए संक्रमित मिले, जबकि एक संक्रमित की मौत हो गई। नालंदा निवासी 32 वर्षीय मृतक किडनी, हाई बीपी और डायबिटीज से ग्रसित था। सांस की गंभीर तकलीफ की वजह से पिछले पांच दिनों से एम्स के आईसीयू में भर्ती था। जनवरी में सबसे कम संक्रमित सोमवार को ही मिले। इससे पहले इससे कम 31 दिसंबर को 116 संक्रमित मिले थे। जिले में अब कुल सक्रिय संक्रमितों की संख्या 381 रह गई है। पिछले 24 घंटे में 400 से अधिक लोग स्वस्थ हुए। संक्रमण दर अब घटकर इस महीने के न्यूनतम स्तर 2.38 प्रतिशत रह गया है। अब लगातार स्थिति सुधर रही है।
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार संसद में पेगासस मुद्दे पर चर्चा कराने को फिलहाल तैयार नहीं है। सोमवार को सभी पार्टियों के साथ बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ये जानकारी दी। इसी के साथ एक बात स्पष्ट हो गई है कि मानसून सत्र की तरह ही संसद का बजट सत्र भी हंगामेदार हो सकता है। बता दें कि बजट सत्र की शुरुआत सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद के दोनों सदनों को संबोधित करने के साथ हो गई। सत्र 8 अप्रैल तक जारी रहेगा, जिसके बीच में एक महीने का ब्रेक भी होगा। संसद के बजट सत्र में विपक्ष द्वारा पेगासस स्पाइवेयर का मुद्दा उठाए जाने के संबंध में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को कहा कि इस मुद्दे पर अलग से चर्चा की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि यह मामला विचाराधीन है। उन्होंने कहा, "हमने विपक्ष से कहा है कि बजट सत्र के पहले भाग के दौरान हम केवल बजट और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा कर सकते हैं। इसलिए, एक अलग चर्चा करना संभव नहीं होगा। मामला अदालत के अधिकार क्षेत्र में है। सोमवार को ऑल-पार्टी मीट के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "कई पार्टियों ने पेगासस का मुद्दा उठाया है। हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति मामले की जांच कर रही है। इसलिए (बजट सत्र के पहले भाग में) बजट से संबंधित मुद्दों को ही उठाया जाना चाहिए।" प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आज की सर्वदलीय बैठक में 25 दलों ने भाग लिया। उन्होंने कहा, "सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बजट सत्र के पहले भाग में केवल राष्ट्रपति का अभिभाषण और बजट पेश किया जाता है।" उन्होंने कहा, "इस (पेगासस) मुद्दे पर जो कुछ भी कहने की जरूरत है, वह सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले साल मानसून सत्र के दौरान सदन के पटल पर पहले ही कह दिया था।" विपक्ष के कई सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर आईटी मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव का उल्लंघन दर्ज करने की मांग की है। इस पर जोशी ने आगे कहा, "वे आगे बढ़ सकते हैं। इसे स्वीकार करना या न करना स्पीकर पर निर्भर करता है लेकिन इसमें कोई दम नजर नहीं आता। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने उन्हें सदन के संचालन में सकारात्मक सहयोग का आश्वासन दिया है और उम्मीद है कि बजट सत्र के दौरान संसद सुचारू रूप से चलेगी। बिड़ला ने सोमवार को लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया।
नई दिल्ली | उत्तरी दिल्ली में लाल किला इलाके के पास सशस्त्र हमलावरों ने रोड रेज की एक स्पष्ट घटना में तीन लोगों को गोली मार दी और घायल कर दिया। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक सोमवार शाम हुई इस घटना में तीन लोगों को गोली लगी, जबकि हमलावर मौके से फरार हो गए।
उन्होंने कहा, "आबिद, अमन और दिफराज को गोली लगी। उन्हें नजदीकी सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।" यह घटना उस समय हुई जब एक ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स डीलर मोहम्मद शाहिद अपनी पत्नी के साथ मोटरसाइकिल पर डिनर करके लौट रहे थे। दंपति जब अंगूरी बाग इलाके में पहुंचे तो उनके दोपहिया वाहन की दूसरी बाइक से मामूली टक्कर हो गई।
इस टक्कर में शाहिद की बाइक क्षतिग्रस्त हो गई और उन्होंने बाइक सवारों से मुआवजे की मांग की, जिस पर बहस हुई।
बाइक सवार जल्द ही एक अन्य व्यक्ति से जुड़ गए, जो कुछ और लोगों के साथ पहुंचे। हालांकि स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन बदमाशों ने तमंचा निकालकर लोगों पर फायरिंग कर दी।
हथियार अधिनियम की धाराओं के साथ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से हमलावरों की पहचान कर ली गई है लेकिन वे अभी भी फरार हैं। उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई है।
बिजनौर (यूपी) | इस्लामाबाद के लोग आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपना वोट डालने का इंतजार कर रहे हैं। और, हां, यह इस्लामाबाद पाकिस्तान की राजधानी नहीं है बल्कि राज्य के बिजनौर जिले में स्थित है। जिला मुख्यालय से लगभग 40 किमी दूर स्थित इस्लामाबाद गांव की आबादी लगभग 10,000 है, जिसमें से लगभग 4,700 लोग मतदान करने के पात्र हैं।
इस्लामाबाद के लोगों का कहना है कि नाम की वजह से उन्हें कभी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।
स्थानीय निवासी रितेश कहते हैं, "पहले डाकिया नाम से खुश होते थे, लेकिन अब किसी को घोंघा मेल नहीं मिलता है, इसलिए डाकियों ने भी आना बंद कर दिया है।"
स्थानीय लोग नहीं जानते कि गांव इस्लामाबाद के रूप में कैसे जाना जाने लगा, लेकिन ग्राम प्रधान सर्वेश देवी का कहना है कि यह उनके परदादा के दिनों से अस्तित्व में है।
वह कहती हैं कि लोगों में कोई सांप्रदायिक भावना नहीं है और गांव में कभी भी सांप्रदायिक तनाव नहीं देखा गया है।
वह कहती है कि "हर कोई विकास चाहता है और वे उस पार्टी को वोट देंगे जो विकास सुनिश्चित करती है ।"
स्थानीय लोग नाम बदले जाने के खिलाफ हैं।
करीब छह महीने पहले एक स्थानीय नेता ने नाम बदलने का मुद्दा उठाया लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया।
इस्लामाबाद में बड़े पैमाने पर चौहान, प्रजापति रहते हैं और इसकी मुस्लिम आबादी लगभग 400 है।
यहां के ग्रामीण अन्य फसलों के अलावा गन्ना, गेहूं, धान और मूंगफली की खेती करते हैं।
गांव तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है और धान बेचने में भी दिक्कत होती है।
एक युवा लड़की अफशा कहती हैं कि "हम एक इंटर कॉलेज भी चाहते हैं ताकि हम लड़कियां यहां पढ़ सकें। लेकिन हमें किसी से कोई आश्वासन नहीं मिला है।"
भाजपा के मौजूदा विधायक और बरहानपुर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार सुशांत कुमार सिंह ने भी सहमति व्यक्त की है कि गांव के नाम को लेकर कोई समस्या नहीं है।
बरहानपुर से सपा उम्मीदवार कपिल कुमार ने कहा, "इस्लामाबाद नाम के कारण कभी भी डर और चिंता की भावना पैदा नहीं हुई थी और न ही कोई हीन भावना थी। गांव के लोगों ने कभी नाम बदलने की मांग नहीं की है।"
शंकर नगर रायपुर स्थित निवास में की मुलाकात, साथ में मौजूद रहे जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य लोग
कवर्धा.1भोरमदेव मंदिर के पुजारियों ने कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर से उनके शंकर नगर रायपुर स्थित निवास में मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मंदिर संचालन के विभिन्न विषयों को लेकर चर्चा की। साथ ही उनका शाल श्रीफल और मंदिर का प्रसादी देकर सम्मान किया। मंत्री श्री अकबर ने उन्हें आश्वस्त किया कि मंदिर के संचालन में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होगी। मंदिर का संचालन लोगों की आस्था के अनुरूप होता रहेगा।
देर शाम मंत्री श्री अकबर के निवास में मंदिर के प्रधान पुजारी आशीष पाठक, सहायक पुजारी संतोष कुमार दुबे, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य लोगों के साथ पहुंचे। उन्होंने मंत्री श्री अकबर को भोलेनाथ का प्रसाद दिया और शाल श्रीफल देकर सम्मान किया। इसके बाद दोनों पुजारी ने मंदिर संचालन के संबंध में विस्तार से चर्चा की। पुजारियों ने मंत्री श्री अकबर को बताया कि उन्हें मंदिर संचालन में प्रशासन का भरपूर सहयोग मिल रहा है और धार्मिक क्रियाकलापों में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं हो रही है। उन्होंने यज्ञशाला समेत कुछ मांगे मंत्री श्री अकबर के समक्ष रखी, जिसे उन्होंने मंदिर समिति के समक्ष रखने का आश्वासन दिया। इसी बीच पुजारियों ने बताया कि भगवान भोरमदेव के मंदिर में 24 किलोग्राम चांदी का नूतन जलहरी लगाया जा रहा है। पुजारियों के साथ मुलाकात करने वालों में कवर्धा के पार्षद श्री अशोक सिंह, नगर पंचायत पांडातराई के अध्यक्ष श्री फिरोज खान, श्री आकाश केशरवानी, पटेल समाज से श्री भुनेश्वर पटेल, दुल्लापुरा के श्री अंजोरदास आदि शामिल रहे।
वीवीआइपी एवं सामान्य यातायात के लिए बनाया गया अलग-अलग मार्ग एवं पार्किंग व्यवस्था
रायपुर. रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दिनांक 3 फरवरी 2022 को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के दौरान शहर में सुगम यातायात व्यवस्था बनाए रखने एवं वीआईपी एवं सामान्य वाहन चालकों के बीच सुगम सुचारू व्यवस्था हेतु यातायात पुलिस रायपुर द्वारा रूट मैप तैयार किया गया है जिसके तहत कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले वीवीआइपी , वीआईपी एवं सामान्य नागरिकों के वाहनों के लिए अलग-अलग मार्ग एवं पार्किंग स्थल निर्धारित किया गया है जो निम्नानुसार है।
01. बलोदा बाजार, महासमुंद सरायपाली-बसना, धमतरी, गरियाबंद की ओर से आने वाले वाहन चालक राष्ट्रीय राजमार्ग 53 एवं राष्ट्रीय राजमार्ग 30 होकर रिंग रोड नंबर 1 से टाटीबंध चैक होकर महोबा बाजार चैक होते हुए यूनिवर्सिटी गेट के सामने निर्धारित पार्किंग स्थल बस डिपो एवं यूनिवर्सिटी गेट से होते हुए एनसीसी ग्राउंड पार्किंग स्थल में अपना वाहन पार्क कर पैदल कार्यक्रम स्थल प्रवेश करेंगे।
02. दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, कबीरधाम, बिलासपुर, मुंगेली की ओर से कार्यक्रम में सम्मिलित होने हेतु आने वाले वाहन चालक राष्ट्रीय राजमार्ग 53 एवं राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 से होकर टाटीबंध चैक से महोबा बाजार चैक होते हुए यूनिवर्सिटी गेट के सामने निर्धारित पार्किंग स्थल बस डिपो एवं यूनिवर्सिटी गेट के भीतर एनसीसी ग्राउंड पार्किंग स्थल में अपना वाहन पार्क है पैदल कार्यक्रम स्थल में प्रवेश करेंगे।
रायपुर शहर से कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले वाहन चालक जी.ई. रोड से होते हुए आश्रम तिराहा होकर निर्धारित एनआईटी पार्किंग स्थल एवं आयुर्वेदिक कॉलेज पार्किंग स्थल में अपना वाहन पार्क कर पैदल कार्यक्रम स्थल में प्रवेश करेंगे।
03. शासकीय अधिकारी-कर्मचारी एवं प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का वाहन साइंस कॉलेज ग्राउंड स्थित गोरे हॉस्टल पार्किंग में अपना वाहन पार्क करेंगे।
वीवीआइपी एवं वीआईपी मार्ग एवं पार्किंग व्यवस्था उक्त कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले वीवीआइपी एवं वीआईपी गणों का वाहन रिंग रोड नंबर 1 से होकर रायपुरा चैक, ओवरब्रिज से यू-टर्न होकर ठाकुर बार टर्निंग से गोल चैक-रोहणीपुरम हॉस्टल चैक से साइंस कॉलेज ग्राउंड में प्रवेश कर ऑडिटोरियम एवं प्रैक्टिस हॉकी ग्राउंड के सामने वाहन पार्क कर सकेंगे।
किसानों के साथ ही भूमिहीन कृषकों के हित में शासन कर रही कार्य- मंत्री लखमा
सुकमा. छिंदगढ़ ब्लॉक के ग्राम सगुनघाट में आज प्रदेश के उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने बारु नदी पर पुल निर्माण के लिए शिलान्यास किया। बारु नदी पर बनाए जाने वाले 168 मीटर पुल से सगुनघाट और गुपनपाल के मध्य की अतिरिक्त दूरी कम हो जायेगी। मंत्री श्री लखमा ने बारु नदी पर पुल निर्माण और पहुंच मार्ग निर्माण कार्य के लिए भूमिपूजन किया। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हरीश कवासी, छिन्दगढ़ जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती देवली बाई नाग, सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष श्री जगन्नाथ साहू, जिला पंचायत सदस्य श्री राजू राम नाग, सगुनघाट ग्राम पंचायत सरपंच श्री हड़मा राम मंडावी, जनपद सदस्य गण, जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
उद्योग मंत्री श्री लखमा ने बारु नदी पर पुल एवं पहुंच मार्ग निर्माण कार्य का भूमिपूजन पर ग्रामीणों को बधाई देते हुए अपने संबोधन में कहा कि जिले के विकास के लिए सड़क और नदी पर सुगम आवागमन के लिए पुल का होना सबसे महत्वपूर्ण है। 990.36 लाख की लागत से निर्माण होने वाले इस पुल से सगुनघाट, लेदा, पुसपाल, रेड्डीपाल, बदनपाल, कुमाकोलेंग, चितलनार, किकिरपा और तुमुकपाल सहित 9 ग्राम के लगभग 10 हजार ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा होगी। ग्रामीण विकास में आवागमन सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण को शासन की प्राथमिकताओं में से एक बताते हुए उन्होंने कहा कि शासन किसानों के हित के लिए समर्पित होकर कार्य कर रहें हैं। किसानों को जहां उनकी उपज का सही दाम मिल रहा है वहीं शासन द्वारा अब भूमिहीन कृषकों को भी राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषक मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत 6 हजार रुपए प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना अदि के तहत भी आर्थिक लाभ प्रदाय किया जा रहा है। आदिवासी अंचल में आदिवासी संस्कृति, रीति रिवाज और आस्था के विकास के लिए देवगुड़ी निर्माण किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा कुपोषण को मात देने के उद्देश्य से आंगनबाड़ी में बच्चों और महिलाओं को अंडे प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे सुकमा जैसे घोर आदिवासी अंचल मे भी कुपोषण में कमी आई है। उन्होंने छिन्दगढ़ ब्लॉक के तोंगपाल में खेल मैदान बनाए जाने की घोषणा की।
आगामी 7 फरवरी तक धान खरीदी कार्य सुचारू रूप से संचालित हो-अकबर
कबीरधाम जिले में व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने सूरजपुरा में एक नवीन संग्रहण केन्द्र के निर्माण संबंधी प्रस्ताव देने के निर्देश
रायपुर. वन, परिवहन तथा विधि-विधायी मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज कबीरधाम जिले के अंतर्गत खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन व्यवस्था के संबंध में विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने राज्य शासन द्वारा धान उपार्जन के लिए बढ़ाई गई तिथि 7 फरवरी तक धान खरीदी कार्य का सुव्यवस्थित संचालन के लिए आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही जिले में उपार्जित धान का शीघ्रता से उठाव भी सुनिश्चित करने निर्देशित किया। यह बैठक उन्होंने राजधानी के शंकर नगर स्थित अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ली।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा विधायक कवर्धा श्री अकबर ने समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस दौरान किसानों को समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री के लिए कोई दिक्कत न हो, इसका विशेष ध्यान रखें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री से कोई भी पात्र किसान वंचित न हो। वन मंत्री श्री अकबर ने कबीरधाम जिले में धान उपार्जन के तहत संग्रहण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए सूरजपुरा में एक नवीन संग्रहण केन्द्र के निर्माण संबंधी प्रस्ताव देने निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान समितियों में उपार्जित धान को शीघ्रता से उठाव सुनिश्चित करने हेतु विशेष जोर दिया। वन मंत्री श्री अकबर ने समीक्षा करते हुए कबीरधाम जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के सुचारू संचालन व्यवस्था की सराहना की।
बैठक में जिला कलेक्टर श्री रमेश शर्मा ने खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य में धान खरीदी की जानकारी देते हुए बताया कि जिले के समस्त 103 उपार्जन केन्द्रों में अब तक 4 लाख 14 हजार 481 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है, जो लक्ष्य 4 लाख 48 हजार 949 मीट्रिक टन का लगभग 92 प्रतिशत है। इनमें धान का उठाव भी सतत रूप से जारी है। उन्होंने बताया कि जिले में 56 अरवा और दो उसना राईस मिल हैं। राईस मिलों को अब तक कुल एक लाख 10 हजार 868 मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया। जारी डीओ में राईस मिलरों द्वारा 94 हजार 373 मीट्रिक टन धान का उठाव किया गया। इस अवसर पर संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
रायपुर.उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने आज सुकमा जिले के छिंदगढ़ ब्लॉक के ग्राम सगुनघाट में बारु नदी पर पुल निर्माण के लिए भूमिपूजन किया। बारु नदी पर 990.36 लाख की लागत से 168 मीटर पुल निर्माण होने से सगुनघाट और गुपनपाल के मध्य की अतिरिक्त दूरी कम हो जायेगी।
उद्योग मंत्री श्री लखमा ने बारु नदी पर पुल एवं पहुंच मार्ग निर्माण कार्य का भूमिपूजन पर ग्रामीणों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि जिले के विकास के लिए सड़क और नदी पर सुगम आवागमन के लिए पुल का निर्माण महत्वपूर्ण है। पुल निर्माण से सगुनघाट, लेदा, पुसपाल, रेड्डीपाल, बदनपाल, कुमाकोलेंग, चितलनार, किकिरपा और तुमुकपाल सहित 9 ग्राम के लगभग 10 हजार ग्रामीणों को आवागमन की सुविधा मिलेगी। ग्रामीण विकास में आवागमन सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण को शासन की प्राथमिकताओं में से एक बताते हुए उन्होंने कहा कि शासन किसानों के हित के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है।
मंत्री श्री लखमा ने कहा कि किसानों को जहां उनकी उपज का सही दाम मिल रहा है वहीं शासन द्वारा अब भूमिहीन मजदूरों को भी राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषक मजदूर न्याय योजना के तहत साल में 6 हजार रुपए प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना आदि के तहत भी आर्थिक लाभ प्रदाय किया जा रहा है। आदिवासी अंचल में आदिवासी संस्कृति, रीति-रिवाज और आस्था के विकास के लिए देवगुड़ी निर्माण किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से आंगनबाड़ी में बच्चों और महिलाओं को अंडे प्रदान किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के इन प्रयासों से सुकमा जैसे घोर आदिवासी अंचल मंे भी कुपोषण में कमी आई है। उन्होंने छिन्दगढ़ ब्लॉक के तोंगपाल में खेल मैदान बनाए जाने की घोषणा की।
इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हरीश कवासी, छिन्दगढ़ जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती देवली बाई नाग, सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष श्री जगन्नाथ साहू सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ में पिछले वर्ष रिकॉर्ड 30.6 लाख परिवारों के 60.19 लाख श्रमिकों को मिला था काम
रायपुर.ग्रामीण अंचलों में प्रत्येक परिवार को रोजगार की गारंटी देने वाला ‘मनरेगा’ 2 फरवरी को अपने क्रियान्वयन के 16 साल पूरे कर रहा है। देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 2 फरवरी 2006 को आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले से ‘मनरेगा’ यानि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) को अमलीजामा पहनाने की शुरूआत की थी। पहले चरण में इसे देश के 200 सबसे पिछड़े जिलों में लागू किया गया था। वर्ष 2007-08 में दूसरे चरण में इसमें 130 और जिलों को शामिल किया गया। तीसरे चरण में 1 अप्रैल 2008 को इसे देश के बांकी ग्रामीण जिलों तक विस्तारित किया गया। ‘नरेगा’ के नाम से शुरू इस योजना की व्यापकता और प्रभाव के मद्देनजर इसे ग्राम स्वराज के परिदृश्य में देखते हुए 2 अक्टूबर 2009 को इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम जोड़ा गया।
छत्तीसगढ़ में पिछले वर्ष रिकॉर्ड 30.6 लाख परिवारों के 60.19 लाख श्रमिकों को मिला था काम
छत्तीसगढ़ में मनरेगा का शुभारंभ 2 फरवरी 2006 को राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव विकासखण्ड के अर्जुनी ग्राम पंचायत से हुआ। राज्य में भी इस योजना का विस्तार तीन चरणों में हुआ। प्रथम चरण में 2 फरवरी 2006 को तत्कालीन 16 में से 11 जिलों में इसे लागू किया गया। इनमें बस्तर, बिलासपुर, दंतेवाड़ा, धमतरी, जशपुर, कांकेर, कबीरधाम, कोरिया, रायगढ़, राजनांदगांव और सरगुजा जिले शामिल थे। द्वितीय चरण में 1 अप्रैल 2007 से चार और जिलों रायपुर, जांजगीर-चांपा, कोरबा और महासमुंद को योजना में शामिल किया गया। तृतीय चरण में 1 अप्रैल 2008 से दुर्ग जिले को भी इसमें शामिल किया गया। अभी प्रदेश के सभी 28 जिलों में मनरेगा प्रभावशील है।
छत्तीसगढ़ में पिछले 16 सालों में मनरेगा का सफर शानदार रहा है। वर्ष 2006-07 में 12 लाख 57 हजार परिवारों को रोजगार प्रदान करने से शुरू यह सफर पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में 30 लाख 60 हजार से अधिक परिवारों तक पहुंच चुका है। प्रदेश में पिछले वर्ष रिकॉर्ड 30 लाख 60 हजार परिवारों के 60 लाख 19 हजार श्रमिकों को मनरेगा के माध्यम से काम मिला था। इसके एवज में श्रमिकों को अब तक का सर्वाधिक 3493 करोड़ 34 लाख रूपए का मजदूरी भुगतान किया गया था। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी अब तक दस महीनों में (अप्रैल-2021 से जनवरी-2022 तक) 26 लाख 28 हजार परिवारों के 49 लाख 28 हजार श्रमिकों को रोजगार दिया गया है। कोरोना काल में मनरेगा ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संजीवनी प्रदान की। कोरोना संक्रमण को रोकने लागू देशव्यापी लॉक-डाउन के दौर में इसने ग्रामीणों को लगातार रोजगार मुहैया कराया और उनकी जेबों तक पैसे पहुंचाए। बीते दो वर्षों में मनरेगा श्रमिकों को 5721 करोड़ 50 लाख रूपए का मजदूरी भुगतान किया गया है। वर्ष 2020-21 में 3493 करोड़ 34 लाख रूपए और चालू वित्तीय वर्ष में 2228 करोड़ 16 लाख रूपए मजदूरों के हाथों में पहुंचाए गए हैं। इसने कोरोना काल में ग्रामीणों को बड़ी राहत दी है। इसकी वजह से विपरीत परिस्थितियों में भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था अप्रभावित रही।
मनरेगा के अंतर्गत प्रदेश में पिछले चार वर्षों में 57 करोड़ 53 लाख मानव दिवस से अधिक का रोजगार सृजन किया गया है। इस दौरान वर्ष 2018-19 में 13 करोड़ 86 लाख, 2019-20 में 13 करोड़ 62 लाख और 2020-21 में 18 करोड़ 41 लाख मानव दिवस रोजगार ग्रामीणों को उपलब्ध कराया गया। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी अब तक 11 करोड़ 65 लाख श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया जा चुका है। योजना की शुरूआत से लेकर अब तक वर्ष 2020-21 में सर्वाधिक 18 करोड़ 41 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ है, जो प्रदेश के लिए नया रिकॉर्ड है। छत्तीसगढ़ में 2020-21 में राष्ट्रीय औसत 52 दिनों के मुकाबले प्रति परिवार औसत 60 दिनों का रोजगार दिया गया। वर्ष 2019-20 में प्रति परिवार औसत 56 दिनों का और 2018-19 में 57 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया। चालू वित्तीय वर्ष में जनवरी-2022 तक औसतन प्रति परिवार 44 दिनों का रोजगार दिया जा चुका है, जबकि वित्तीय वर्ष की समाप्ति में अभी दो महीने शेष हैं।
मनरेगा के तहत पिछले चार वर्षों में प्रदेश में कुल 16 लाख 86 हजार से अधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार मुहैया कराया गया है। इस दौरान 2018-19 में चार लाख 28 हजार 372, वर्ष 2019-20 में चार लाख 18 हजार 159 और 2020-21 में छह लाख 11 हजार 988 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार प्रदान किया गया। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक दो लाख 27 हजार 566 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है।
मनरेगा कानून ग्रामीण गरीबों की जिंदगी से सीधे तौर पर जुड़ा है जो व्यापक विकास को प्रोत्साहन देता है। यह कानून अपनी तरह का पहला कानून है जिसके तहत जरूरतमंदों को रोजगार की गारंटी दी जाती है। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना है। मनरेगा के अंतर्गत प्रत्येक परिवार जिसके वयस्क सदस्य अकुशल श्रम का कार्य करना चाहते हैं, उनके द्वारा मांग किए जाने पर एक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों का गारंटीयुक्त रोजगार देने का लक्ष्य है। इस योजना का दूसरा लक्ष्य यह है कि इसके माध्यम से टिकाऊ परिसम्पत्तियों का सृजन किया जाए और ग्रामीण निर्धनों की आजीविका के आधार को मजबूत बनाया जाए। इस अधिनियम का मकसद सूखा, जंगलों के कटान, मृदा क्षरण जैसे कारणों से पैदा होने वाली निर्धनता की समस्या से भी निपटना है, ताकि रोजगार के अवसर लगातार पैदा होते रहें।
महिलाओं को होगी आसानी: आवेदन जमा करने रायपुर जाना नही पड़ेगा
रायपुर. 2022/जांजगीर जिले की महिलाओं को उत्पीड़न संबंधित शिकायतों के आवेदन जमा करने के लिए अब रायपुर नही आना पड़ेगा। उनके प्रकरणों की सुनवाई के लिए आवेदन जिले में ही जमा किया जा सकेगा।
छत्तीसगढ़ महिला आयोग की जिला जांजगीर की सदस्य सुश्री शशिकान्ता राठौर ने जिला बाल संरक्षण समिति कार्यालय जांजगीर में सोमवार को महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई के लिए आयोग के कार्यालय का विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने श्रीफल और पुष्प भवन की विधिवत पूजा अर्चना की और सब के सुख,खुशहाली और न्याय के लिए प्रार्थना की।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बताया कि महिलाओं की सुविधा की दृष्टि से यह उल्लेखनीय कदम है। पहले दिन ही महिला उत्पीड़न संबंधी एक आवेदन कार्यालय को प्राप्त हुआ है।