मुरैना के ग्राम ऐंती स्थित शनिदेव मंदिर के चारों तरफ परिक्रमास्थल बनाया जाएगा। यह स्थल 6 किलोमीटर लंबा होगा तथा ईको फ्रेंडली होगा। श्रद्धालु नंगे पैर इस पर चल सकेंगे। परिक्रमास्थल 12 फीट चौड़ा होगा। रोशनी के लिए 222 बिजली के खंभे लगाए जाएंगे, इन पर दो करोड़ रुपए लागत आएगी। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 21 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

इस मौके पर मुरैना के पूर्व कलेक्टर विनोद शर्मा, कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन, सीईओ रोशनकुमार सिंह सहित लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी व अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। पहले बैठक शनिदेव मंदिर के सभागार में हुई, वहां कलेक्टर ने सभी अधिकारियों से कहा कि वे ड्राइंग व डिजाइन के साथ ऐस्टीमेट 15 दिन के अन्दर प्रस्तुत करें जिससे उसे उनके हस्ताक्षर से राज्य शासन को भेजा जा सके। इसके बाद सभी अधिकारी मंदिर के चारों तरफ खाली पड़े मैदान को देखने गए, जहां परिक्रमा स्थल बनना है।

इस प्रकार बनेगा परिक्रमा स्थल

कलेक्टर ने कहा कि परिक्रमा स्थल पर हर 500 मीटर की दूरी पर शौचालय बनाया जाए। छाया के लिए शेड बनाए जाएंगे बिजली की रोशनी के लिए 222 पोल लगाए जाएंगे, जिससे पर्याप्त रोशनी हो सके। परिक्रमा स्थल के दोनों तरफ एक-एक फुट में प्लान्टेशन कराया जाए। पौधे इस प्रकार के हों जो पहाड़ी इलाके में कम पानी में टिके रह सकें।

केन्द्रीय मंत्री तोमर ने की थी शुरुआत

इस प्रोजेक्ट के लिए मुरैना के सांसद व केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शुरुआत की है। कुछ दिनों पहले वह यहां आए थे तथा पूरी पहाड़ी का भ्रमण किया था। इस मौके पर उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से कहा था कि इस काम की शुरुआत जल्द से जल्द कराई जाए।

 

बजट और उसके अगले दिन शेयर बाजार का मूड अच्छा रहा, लेकिन आज कुछ ठीक नहीं दिख रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में बाजार की शुरुआत लाल निशान के साथ हुई। बीएसई का 30 स्टॉक्स पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 30 अंकों की गिरावट के साथ 59,528 के स्तर पर खुला तो निफ्टी ने 17767 के स्तर से आज दिन के कारोबार की शुरुआत की । शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 93.19 अंक नीचे 59,465.14 के स्तर पर था तो निफ्टी 35.85 अंकों के नुकसान के साथ 17,744.15 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी टॉप गेनर में टाटा कंज्यूमर, टाइटन, एशियन पेंट्स, आईओसी और बीपीसीएल जैसे स्टॉक थे तो टेकमहिंद्रा, इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस टॉप लूजर में।

एचडीएफसी लिमिटेड का एकीकृत शुद्ध लाभ दिसंबर, 2021 को समाप्त चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 13 फीसद बढ़कर 5,837 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी ने इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 5,177 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। तिमाही के दौरान उसकी एकीकृत आय घटकर 31,308 करोड़ रुपये रह गई जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 39,268 करोड़ रुपये थी। सितंबर 2021 को समाप्त तिमाही की तुलना में भी दिसंबर, तिमाही में कंपनी की आय घटी है।

बजट से उत्साहित शेयर बाजारों में तेजी का दौर बुधवार को भी जारी रहा और मानक सूचकांक सेंसेक्स करीब 696 अंक उछलकर फिर 59,500 अंक के स्तर को लांघ गया। बैंकिंग एवं वित्तीय कंपनियों के शेयरों में भारी लिवाली होने से सेंसेक्स को मजबूती मिली। इसके अलावा अनकूल वैश्विक संकेतों ने भी बाजार को तेजी देने का काम किया। शेयर बाजारों से मिली जानकारी के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 21.79 करोड़ रुपये की निकासी की।

घरों की छतों पर स्वयं से या किसी विक्रेता या फिर कंपनी के माध्यम से सोलर प्लांट लगाने को स्वतंत्र हैं। अहम बात ये है कि सरकार सोलर प्लांट कार्यक्रम के तहत सब्सिडी और अन्य लाभ भी देगी। पहले छतों पर सोलर प्लांट केवल सूचीबद्ध विक्रेताओं के माध्यम से ही लगाने की अनुमति थी। सोलर प्लांट लगवाने के संबंध में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने सरल प्रक्रिया जारी की है। नई सरलीकृत प्रक्रिया के मुताबिक लाभार्थी से आवेदन स्वीकार करने, उसकी स्वीकृति और प्रगति पर नजर रखने के लिये एक राष्ट्रीय पोर्टल तैयार किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों के स्तर पर समान प्रारूप में एक पोर्टल होगा और दोनों पोर्टल को जोड़ा जाएगा। मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय पोर्टल करीब छह से आठ सप्ताह में बन जाएगा। जो व्यक्ति अपने घर की छत पर सोलर प्लांट लगाना चाहता है, उसे राष्ट्रीय पोर्टल पर आवेदन करना होगा। लाभार्थी को बैंक खाते के ब्योरे समेत अन्य जरूरी जानकारी देनी होगी। सब्सिडी राशि उसी खाते में डाली जाएगी।

आवेदन 15 दिन के भीतर तकनीकी व्यवहार्यता मंजूरी को लेकर ‘ऑनलाइन’ वितरण कंपनियों को भेजा जाएगा। वितरण कंपनियों को आवेदन भेजे जाने पर उसे उनके पोर्टल पर भी देखा जा सकेगा। गुणवत्ता और प्लांट स्थापित करने के बाद की सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिये मंत्रालय मानक और निर्देश जारी करेगा। साथ ही लाभार्थी और विक्रेता के बीच होने वाले समझौते का एक प्रारूप जारी करेगा। लाभार्थी को एक निर्धारित अवधि के भीतर सोलर प्लांट स्थापित करना होगा। वर्ना उसका आवेदन रद्द कर दिया जाएगा और उसे फिर से आवेदन करना होगा। पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने के साथ ही शिकायत निपटान प्रणाली स्थापित की जाएगी।

इस साल जनवरी में बेरोजगारी जनवरी में दर तेजी से गिरकर 6.57 फीसदी रह गई, जो मार्च 2021 के बाद यानी पिछले 11 माह में सबसे कम है। सीएमआई के आंकड़ों के मुताबिक कुल बेरोजगारी दर में गिरावट ग्रामीण बेरोजगारी में तेज गिरावट की वजह से आई है। सीएएमआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर में बेरोजगारी दर तेजी से बढ़कर 7.91 फीसदी हो गई थी, जबकि नवंबर में यह 6.97 फीसदी रही थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी में बेरोजगारी दर में गिरावट की एक प्रमुख वजह प्रमुख राज्यों में कोविड के मामलों की संख्या में गिरावट शुरू होने के बाद 15 जनवरी से कोविड प्रतिबंधों में ढील है, जिससे कारोबारी गतिविधियों को बल मिला है। सीएमआईई के मुताबिक जनवरी में ग्रामीण बेरोजगारी तेजी से घटकर 5.84 फीसदी रह गई जो दिसंबर 2021 में 7.28 फीसदी के ऊंचे स्तर पर थी। वहीं जनवरी में शहरी बेरोजगारी दर घटकर घटकर 8.16 फीसदी पर पहुंच गई जो पिछले साल दिसंबर में 9.30 फीसदी थी। जनवरी में तेलंगाना में सबसे कम बेरोजगारी दर 0.7 फीसदी थी, उसके बाद गुजरात में 1.2 फीसदी, मेघालय में 1.5फीसदी, ओडिशा में 1.8 फीसदी और कर्नाटक में 2.9 फीसदी थी। हालांकि, हरियाणा में सबसे अधिक बेरोजगारी दर 23.4 फीसदी रही, जिसके बाद राजस्थान में 18.9 फीसदी, त्रिपुरा में 17.1 फीसदी, जम्मू-कश्मीर में 15 फीसदी और दिल्ली में 14.1 फीसदी थी।

 

नई दिल्ली । कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं रायबरेली की पूर्व विधायक अदिति सिंह ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर जमकर निशाना साधा।अदिति सिंह ने कहा कि प्रियंका बिन बाप की बेटी को परेशान कर रही हैं। दरअसल, अदिति सिंह के पति अंगद सैनी पंजाब में विधानसभा चुनाव के चलते कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बाद अदिति ने प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ मोर्चा खोल लिया। अदिति का आरोप है कि प्रियंका गांधी ने मेरे पति पर मेरे खिलाफ बयानबाजी करने का दबाव बनाया था। हालांकि, अदिति सिंह के पति अंगद सैनी को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया है। इसी बीच अदिति सिंह ने प्रियंका गांधी के लड़की हूं लड़ सकती हूं, कैंपेन पर भी निशाना साधा।उन्होंने कहा कि मैं लड़की हूं और लगातार लड़ रही हूं।
रायबरेली की सदर सीट से विधायक रही अदिति ने हाल ही में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता और विधायकी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद भाजपा ने उन्हें रायबरेली सदर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर उनके परिवार का दबदबा 33 साल से चला आ रहा है।कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र की रायबरेली सदर सीट से अदिति सिंह के पिता अखिलेश सिंह लगातार पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं।
अदिति के पिता ने आखिरी बार साल 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ा था।जिसमें उन्हें जीत मिली थी। लेकिन स्वास्थ्य खराब होने की वजह से उन्होंने 2017 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया और अपनी बेटी को कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़वाया। अदिति सिंह के पिता का सितंबर 2019 में देहांत हो गया था।

Aditi Singh

कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को फिर से निर्विरोध तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं। तृणमूल कांग्रेस ने पांच साल के अंतराल के बाद अपने संगठनात्मक चुनाव कराए थे। पार्टी महासचिव पार्थ चटर्जी के अनुसार, बनर्जी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया, क्योंकि किसी अन्य नेता ने अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं की थी। संगठनात्मक चुनाव के निर्वाचन अधिकारी चटर्जी ने कहा, ममता बनर्जी के पक्ष में कुल 48 प्रस्तावकों और समर्थकों ने नामांकन दाखिल किया। चूंकि अध्यक्ष पद के लिए अन्य किसी ने नामांकन नहीं भरा था, इसकारण ममता बनर्जी को फिर से निर्विरोध चुन लिया गया है।ममता ने 1998 में कांग्रेस से अलग होकर पार्टी की स्थापना की थी और तब से वह इसका नेतृत्व कर रही हैं। वर्ष 2001 और 2006 के विधानसभा चुनाव में दो असफल प्रयासों के बाद, पार्टी 2011 वाम मोर्चे को मात देकर सत्ता में आई। पार्टी, राज्य विधानसभा की 294 सीटों में से 213 सीटें हासिल करने के बाद पिछले साल मई में लगातार तीसरी बार सत्ता में आई थी।

 

नई दिल्ली । पंजाब विधानसभा के बीच कांग्रेस पार्टी में अंदरखाने मचा घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। बीते साल 2021 में कई राउंड की खींचतान में चले लंबे संघर्ष के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह की विदाई हुई और फिर चरणजीत सिंह चन्नी को नया मुख्यमंत्री बना दिया गया था। इस बीच पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए दावा किया है कि कैप्टन के जाने के बाद नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए हुई बैठक में चन्नी को महज 2 विधायकों का समर्थन मिला था। जबकि उन्हें सबसे ज्यादा वोट मिले थे। सुनील जाखड़ का ये वीडियो ऐसे समय आया, जब पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में कांग्रेस का सीएम चेहरा बनने के लिए आमने सामने हैं और कांग्रेस सीएम चेहरे के लिए सर्वे कर रही है। लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज होने की कोशिशों में जुटी कांग्रेस के लिए सुनील जाखड़ का बयान नई मुसीबत लाने के साथ अंदरुनी लड़ाई को और बढ़ा सकता है। दरअसल कांग्रेस की कैंपेन कमेटी के चेयरमैन और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जाखड़ ने मंगलवार को चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा था कि जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया तब उन्हें सीएम पद के लिए 42 विधायकों का समर्थन मिला था। सुनील जाखड़ ने अबोहर में आयोजित जनसभा में कहा कि नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर हुई बैठक में 42 विधायकों ने उन्हें सीएम के रूप में वोट दिया था। जबकि नवजोत सिंह सिद्धू को महज 6 वोट मिले थे। हालांकि परनीत कौर को 12 वोट मिले जबकि सुखजिंदर रंधावा के पक्ष में 16 विधायकों का समर्थन हासिल था। चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए सुनील जाखड़ ने कहा, ‘मुझे इस बात को कोई दुख नहीं है। जो होता है सही होता है। मुझे कोई दुख नहीं है। मुख्यमंत्री के लिए 40 नहीं बल्कि 42 विधायकों ने मेरे समर्थन में वोट किया था। यानी आपके सुनील जाखड़ को कुल 42 वोट मिले थे।’ इस बयान के बाद बीजेपी की नेता मीनाक्षी लेखी ने तंज कसते हुए कांग्रेस पार्टी पर पलटवार किया है। इस बीच पंजाब के निवर्तमान सीएम चन्नी के दो जगह से चुनाव लड़ने को लेकर आम आदमी पार्टी के सीएम कैंडिडेट भगवंत मान ने भी चुटकी ली है। क्या कहा मान ने आप खुद देख लीजिए।

 

नई दिल्ली । अरविंद केजरीवाल गोवा विधानसभा चुनाव को लेकर एक प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान उनकी मौजूदगी में पार्टी के सीएम चेहरे अमित पालेकर ने सभी प्रत्याशियों को इस बात की शपथ दिलाई कि आम आदमी पार्टी के सभी प्रत्याशी कट्टर ईमानदार होंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद ना कभी बिकेंगे और ना कभी दूसरी पार्टी में जाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गोवा में पिछले एक-दो चुनावों से देखा जा रहा है कि जीतने के बाद विधायक बीजेपी में चले जाते हैं। वे एक तरह से अपने मतदाताओं के वोट को बेच देते हैं, जो उनके साथ धोखा है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एफिडेविट साइन करने की इसलिए जरूरत पड़ी, क्योंकि गोवा की जनता भरोसा नहीं करती है कि ईमानदारी से सरकार चल सकती है और ईमानदार प्रत्याशी हो सकते हैं। हर प्रत्याशी अपने निर्वाचन क्षेत्र के हर घर में एफिडेविट की एक-एक कॉपी भिजवाएगा, ताकि चुनाव जीतने के बाद अगर वे बेइमानी करते हैं या पार्टी बदलते हैं, तो उन पर केस कर सकते हैं। अरविंद केजरीवाल ने गोवा में आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि गोवा की राजनीति में आज एक महत्वपूर्ण दिन है। गोवा की राजनीति में दो समस्याएं हैं। राज्य में भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है। गोवा सरकार देश में सबसे संपन्न सरकारों में से एक है। इसके बावजूद गोवा के लोगों को सभी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसके बावजूद लोगों की ढेर सारी समस्याएं हैं, क्योंकि लोगों का बहुत सारा पैसा चोरी हो जाता है। दूसरी, चाहे किसी भी पार्टी से कोई चुनाव लड़े, चुनाव जीतने के बाद वह कभी भी किसी दूसरी पार्टी में चला जाता है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले एक-दो चुनावों से देखने को मिल रहा है कि चाहे जिस पार्टी से चुनाव लड़ें, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वह सारे बीजेपी में चले जाते हैं। यह एक तरह से मतदाताओं के साथ धोखा है। जिसके नाम पर आप वोट लेकर आते हैं और लोग भरोसा दिखाते हैं कि हम उक्त पार्टी को वोट दे रहे हैं, तो एक तरह से आप अपने उन लोगों के वोट को बेच देते हो। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज गोवा के हमारे सभी प्रत्याशियों ने एक एफिडेविट साइन किया है। एफिडेविट में हमारे सभी प्रत्याशी यह कसम खा रहे हैं कि अगर हम जीते तो ईमानदारी से काम करेंगे, हम रिश्वत नहीं लेंगे, हम भ्रष्टाचार नहीं करेंगे। दूसरा कि हम आम आदमी पार्टी को छोड़कर किसी दूसरी पार्टी में नहीं जाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने अपने प्रत्याशियों को बहुत ही ध्यान से चुना है। एक-एक प्रत्याशी को हमने देखा है कि वो साफ छवि वाला है, अच्छा प्रत्याशी है, ईमानदार प्रत्याशी है। हमने अपने सभी प्रत्याशी को अच्छे से चुना है। इसलिए सभी ईमानदार प्रत्याशी हैं और अच्छे प्रत्याशी हैं। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद इस एफिडेविट की इसलिए जरूरत पड़ी, क्योंकि जनता को भरोसा दिलाना है। जनता भरोसा नहीं करती है कि ईमानदारी से सरकार चल सकती है और ईमानदार प्रत्याशी हो सकते हैं। इसलिए जनता को भरोसा दिलाना है।

 

नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर क्षेत्रीय दलों से बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस चाहती है कि 2024 चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मात देने के लिए सभी क्षेत्रीय दल एक साथ आएं। टीएमसी अध्यक्ष ने कहा मैं यूपी का चुनाव नहीं लड़ रही लेकिन 8 फरवरी को मैं अखिलेश यादव के समर्थन के लिए यूपी जाऊंगी। हम कई राज्यों से चुनाव लड़ेंगे, गोवा से शुरुआत हो गई है। हमारे पास 2 साल है जिसमें हमें खुद को मज़बूत करना है ताकि हम 2024 में 42 में से 42 सीटें लेकर आएं। उन्होंने बजट को लेकर कहा कि यह एक बड़ा झांसा है, आम जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश की गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर निर्विरोध तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पांच साल के अंतराल के बाद अपने संगठनात्मक चुनाव कराए थे। पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी के अनुसार, ममता बनर्जी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया, क्योंकि किसी अन्य नेता ने अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं की थी। संगठनात्मक चुनाव के निर्वाचन अधिकारी चटर्जी ने कहा, ममता बनर्जी के पक्ष में कुल 48 प्रस्तावकों और समर्थकों ने नामांकन दाखिल किया। चूंकि अध्यक्ष पद के लिए अन्य किसी ने नामांकन नहीं भरा था, ममता बनर्जी को फिर से निर्विरोध चुन लिया गया है। ममता बनर्जी ने 1998 में कांग्रेस से अलग होने के बाद पार्टी की स्थापना की थी और तब से वह इसका नेतृत्व कर रही हैं। वर्ष 2001 और 2006 के विधानसभा चुनाव में दो असफल प्रयासों के बाद, पार्टी 2011 वाम मोर्चे को मात देकर सत्ता में आई। पार्टी, राज्य विधानसभा की 294 सीटों में से 213 सीटें हासिल करने के बाद पिछले साल मई में लगातार तीसरी बार सत्ता में आई थी।

लंदन । ब्रिटिश महिला निकोलेट बेनेट 37 साल की उम्र में भी बच्चों जितना वजन रखती हैं। कॉर्नवेल की रहने वाली निकोलेट की स्थिति ये है कि वो अपनी ज़िंदगी कभी ठीक तरह से शुरू ही नहीं कर पाईं। उन्हें एक ऐसी बीमारी है, जिसके चलते उनका एक-एक निवाला गले से उतारना दुश्वार रहता है। उनकी आंत और किडनी इतनी सिकुड़ चुकी है कि उनके पेट में एक टुकड़ा जाते हुए भी पेट बिल्कुल भरा-भरा महसूस होता है। उनकी स्थिति ये है कि बच्चों की जेली भी खाने से उनकी आंतें फटने जैसी लगने लगती हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक निकोलेट बेकर को सुपीरियर मैसेंटरिक आर्टेरी सिंड्रोम यानि एसएमएएस नाम की बीमारी है। इसकी शुरुआत 10 साल पहले ही हो गई है, जिसने उनकी आंत और किडनी जैसे अंगों को काफी संकुचित कर दिया। जब भी निकोलेट खाने के बारे में सोचती हैं तो उन्हें अकल्पनीय दर्द होने लगता है। उन्हें सालों तक लोगों ने कुपोषित समझा और ज़बरदस्ती खिलाने की कोशिश की क्योंकि उनका वज़न सिर्फ 21 किलोग्राम तक रह गया था। निकोलेट की इस बीमारी ने न तो उन्हें करियर की शुरुआत करने दी और न ही परिवार की।
ज़िंदगी में इतना कुछ सहने के बाद भी बेकर की जीने की इच्छा खत्म नहीं हुई है। उन्हें ऑपरेशन के लिए 80 लाख रुपये की ज़रूरत है, जिसमें से 70 लाख जमा हो चुके हैं और 10 लाख की व्यवस्था होनी है। डॉक्टरों ने उनकी सर्जरी के लिए हामी भर दी है और उन्हें डॉक्टरों की देखभाल में रहना होगा। निकोलेट को उम्मीद है कि उनकी कोशिश और हौसला रंग लाएगा और वे दोबारा एक सामान्य ज़िंदगी जी पाएंगी। बता दें कि खाने-पीने में अगर इंसान तसल्ली से स्वाद न ले सके, तो शरीर पर पोषण लगता ही नहीं है।

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