ईश्वर दुबे
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Bhilai
शाहरुख खान को एक्शन मोड में देखने के लिए फैंस लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। आखिरी बार शाहरुख खान स्क्रीन पर साल 2018 में 'जीरो' में दिखाई दिये थे । लेकिन फिल्म की नाकामी की वजह से शाहरुख एक्टिंग दुनिया से दूर चले गए । हालांकि अब किंग खान के पास फिल्मों की एक दिलचस्प लाइन-अप हैं, जिसमें सिद्धार्थ आनंद की 'पठान' शामिल। शाहरुक इन इसी महीने इसकी पूरी कर लगेंगे। इस बीच खबर आ रही है कि 'पठान' की शूटिंग पूरी होते ही वह बिना किसी देरी के मार्च में राजकुमार हिरानी की अगली फिल्म की शूटिंग शुरू देंगे।लगभग चार साल बाद शाहरुख फिल्म पठान के जरिए बॉलीवुड में वापसी के लिए तैयार हैं। फिल्म पठान में शाहरुख के साथ दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहम भी नजर आएंगे। पठान को सिद्धार्थ आनंद डायरेक्ट कर रहे हैं। शाहरुख, दीपिका जॉन के अलावा फिल्म में सलमान खान भी कैमियो कर रहे हैं। कुछ मिलाकर सिनेमा प्रेमियों के ये फिल्म बेहद खास होने वाली है।
राजकुमार हिरानी और शाहरुख की आने वाली फिल्म को लेकर पिंकविला की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि शाहरुख इसी महीने 'पठान' की शूटिंग खत्म करते ही राजकुमार हिरानी की फिल्म शुरु करेंगे। फिल्म के प्री-प्रोड्क्शन काम पहले ही शुरू हो चुका है। फिल्म के महत्वपूर्ण शेड्यूल के लिए पंजाब के गांव का बड़ा सेट मुंबई के फिल्म सिटी में लगाया जाएगा। फिल्म का अधिकांश हिस्सा यहीं पर शूट होगा। इसके अलावा फिल्म की शूटिंग लंदन और बुडापेस्ट में भी होगी।
अमिताभ बच्चन आज भी फिल्मों में एक्टिव हैं। इसके अलावा वे तरह-तरह के इंवेस्टमेंट के लिए भी जाने जाते हैं। मुंबई में ही अमिताभ बच्चन के पास पांच बंगले हैं। अब खबर है कि उन्होंने दिल्ली के गुलमोहर पार्क में स्थित बंगला 'सोपान' 23 करोड़ में बेच दिया है। Nezone ग्रुप के सीईओ अवनी बदेर ने अमिताभ बच्चन का दिल्ली वाला घर 'सोपान' खरीदा है। अमिताभ बच्चन की दिल्ली के गुलमोहर पार्क स्थित यह प्रॉपर्टी 418 स्क्वॉयर मीटर में फैली है। पिछले साल 7 दिसंबर को बदेर ने अपने नाम इस प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन कराया। इस पुराने घर से अमिताभ बच्चन की कई यादे जुड़ी थीं। इस प्रॉपर्टी को अमिताभ बच्चन के पिता ने खरीदा था। वे तेजी बच्चन के साथ कई सालों तक यहीं रहे। हालांकि, मुंबई में रहने की वजह से दिल्ली वाले घर की देख-रेख करना मुश्किल हो रहा था। जिस वजह से उन्होंने इस घर को बेचने का फैसला किया है। गुलमोहर पार्क का बंगला 'सोपान' काफी चर्चित रहा है। खुद बिग बी ने भी कई बार अपने ब्लॉग में 'सोपान' का जिक्र किया है, जो उनकी मां तेजी बच्चन के नाम पर रजिस्टर्ड था। तेजी बच्चन गुलमोहर पार्क हाउसिंग सोसाइटी की सदस्य थीं। मुंबई जाने से पहले अमिताभ अपने माता-पिता के साथ यहीं रहते थे।
मुंबई में अमिताभ बच्चन के पहले से ही पांच बंगले हैं। अमिताभ अपने पूरे परिवार के साथ जलसा में रहते हैं। फैंस उनसे हर रविवार को यहीं मिलने आते हैं। यह करीब 10 हजार वर्गफीट में फैला हुआ है।अमिताभ बच्चन का जलसा बंगला मुंबई के जुहू में स्थित है। दूसरा बंगला 'प्रतीक्षा' है, जहां वे 'जलसा' में शिफ्ट होने से पहले रहते थे। उनका तीसरा बंगला 'जनक' है, जहां उनका ऑफिस है। जबकि चौथा बंगला वत्स है। जिसे उन्होंने बैंक को किराये पर दिया हुआ है।
नई दिल्ली । उत्तराखंड चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमर कस ली है। उत्तराखंड विधानसभा के लिए पीएम मोदी चार चुनावी रैलियों को संबोधित करने वाले हैं। ये सभी रैलियां वर्चुअली आयोजित की जाएंगी। शुक्रवार से पीएम इन चुनावी रैलियों का आगाज करेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को प्रधानमंत्री उत्तराखंड के 4 जिलों के एक लाख से अधिक कार्यकर्ताओं की रैली को संबोधित करेंगे। इन रैलियों के उत्तराखंड के चार जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत और पिथौरागढ़ में आयोजित होने की जानकारी मिली है। गौरतलब है कि उत्तराखंड में 70 सदस्यीय विधानसभा के लिये 14 फरवरी को एक ही चरण में वोटिंग होनी है। ऐसे में तमाम पार्टियों ने कमर कस ली है। यह भी उल्लेखनीय है कि कोरोना के खतरे के मद्देनजर चुनाव आयोग ने सभी तरह की रैलियों और रोड शो पर आंशिक प्रतिबंध लगा रखे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था विषय पर उत्तराकंड और देश के अन्य राज्यों में पार्टी कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संबोधित किया था। प्रधानमंत्री के संबोधन को उत्तराखंड के सभी 13 जिलों के कार्यकर्ताओं ने एलईडी और डिजिटल स्क्रीन पर पीएम मोदी का भाषण सुना था। इस अवसर पर देहरादून में एक सभागार में कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया था। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक समेत कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे थे। इस संबोधन के पीछे पीएम का उद्देश्य पार्टी कार्यकर्ताओं को बजट से जुड़ी तमाम उपलब्धियों के बारे में जानकारी देना था जिससे जब कार्यकर्ता जनता के बीच जाएं तो वह नागरिकों को सही जानकारी देने का काम करें। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के मद्देनजर देशभर के बीजेपी कार्यालयों में तैयारियां की गईं थी। प्रधानमंत्री का संबोधन चुनावी राज्यों के लिहाज से काफी अहम था क्योंकि 10 फरवरी से उत्तर प्रदेश सहित देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों को लेकर मतदान होना है।
नई दिल्ली । पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, पहले नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह का चैप्टर। फिर सिद्धू की नाराजगी को दूर करना और अब पार्टी के एक और बड़े नेता ने बगावती सुर छेड़ दिए हैं। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने दावा कर दिया है कि 42 विधायक उनके पाले में हैं और कैप्टन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। पंजाब के अबोहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सुनील जाखड़ ने अपने मन की ये बात सामने रखी। जिसमें उन्होंने दावा किया कि, जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाया गया था तो 42 ऐसे विधायक थे, जिन्होंने जाखड़ को समर्थन दिया था। वहीं महज दो विधायकों ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम पद के लिए अपना समर्थन दिया। सिर्फ इतना ही नहीं, सुनील जाखड़ ने ये भी बताया कि उन्हें राहुल गांधी की तरफ से डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया गया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। जाखड़ ने बताया कि 16 विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा के पक्ष में थे, 12 विधायक चाहते थे कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी प्रणीत कौर उप मुख्यमंत्री बनें, वहीं नवजोत सिंह सिद्धू को डिप्टी सीएम बनाने के समर्थन में सिर्फ 6 विधायक थे। बता दें कि कांग्रेस की तरफ से अब तक साफ नहीं किया गया है कि, पंजाब में जीत के बाद किसे वो मुख्यमंत्री बनाएंगे। इसीलिए पंजाब कांग्रेस में घमासान तेज होता जा रहा है। सभी बड़े नेता अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। जिसमें अब सुनील जाखड़ का नाम भी शामिल हो चुका है। सिद्धू और कैप्टन की लड़ाई के बाद कांग्रेस ने कैप्टन से इस्तीफा ले लिया था, जिसके बाद सितंबर 2021 में चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं उनके साथ सुखजिंदर रंधावा और ओपी सोनी को डिप्टी सीएम बनाया गया। लेकिन अब एक बार फिर कांग्रेस की भीतरी लड़ाई शुरू हो चुकी है, जो चुनाव से ठीक पहले पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती की तरह है।
नई दिल्ली । भारत मौसम विज्ञान विभाग ने हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी की चेतावनी देते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। अलर्ट में चंबा, स्पीति, कुल्लू और शिमला जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल शामिल हैं। वहीं, दिल्ली में गुरुवार सुबह गरज के साथ बारिश हुई है। इससे लोगों को कपकपाती ठंड का सामना करना पड़ा है। पिछले वर्षों की तुलना में अधिक लंबी थी। आने वाले (अगले) 48 घंटे भारी बर्फबारी के साथ बेहद ठंडे होंगे। उत्तर भारत के कई हिस्सों में कोल्ड वेव जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में तापमान में मामूली वृद्धि हुई है।आईएमडी ने सोमवार को अपने पूर्वानुमान में कहा था कि देश के अधिकांश हिस्सों में फरवरी में सामान्य से कम तापमान का अनुभव होगा, जबकि पंजाब और हरियाणा में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने फरवरी के लिए अपने दृष्टिकोण में कहा, "प्रायद्वीपीय भारत के पूर्वी और दक्षिण-पश्चिमी तटीय क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।" बयान में कहा गया है कि कमजोर ला नीना की स्थिति इस समय भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में व्याप्त है। ला नीना मौसम की घटना कठोर सर्दियों की स्थिति से जुड़ी है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, गुरुवार की सुबह ठंड वाली रही। आईएमडी ने गुरुवार को दिल्ली में गरज के साथ बारिश होने का अनुमान जताया था। उसी के अनुरूप बारिश भी हुई। बारिश से ठंड बढ़ गई है। बुधवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई, क्योंकि 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुधवार शाम 4 बजे 319 था।
रायपुर.सांसद राहुल गांधी ने मुख्य कार्यक्रम स्थल के बस्तर डोम में दंतेवाड़ा में रेडीमेड कपड़े निर्माण इकाई में कार्यरत हारम गांव की महिलाओं शांति, प्रीति, संजना और बारसूर गांव की प्रियंका सहित अन्य महिलाओं-युवाओं से बातचीत की। यहां पर उत्पादित होने वाले वस्त्रों की डेनेक्स नाम से ब्रांडिंग की गई है। श्री गांधी ने इन महिलाओं और युवाओं से रेडीमेड कपड़े निर्माण कार्य के संबंध में उनके अनुभव सुने और उन्हें आगे बढ़ते रहने के लिए प्रोत्साहित किया। नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में स्थापित इस यूनिट में डेढ़ हजार से अधिक परिवारों को रोजगार मिल रहा है। डेनेक्स से कई कंपनियों ने पांच साल में 75 लाख उत्पाद बनाने के लिए साढ़े चार सौ करोड़ रुपये के एमओयू किये है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल उनके साथ थे।
रायपुर.सांसद राहुल गांधी आज एयरपोर्ट से र्साइंस कॉलेज मैदान के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ बस से पहंुचे। एयरपोर्ट से साईंस कॉलेज मैदान तक की यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सांसद श्री राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ सरकार की विभिन्न जनकल्याण योजनाओं की जानकारी दी। सांसद श्री राहुल गांधी ने गोबर खरीदी, गोबर से बिजली बनाने की योजना तथा धान खरीदी व्यवस्था की प्रशंसा की।
मंत्रिमंडल के सदस्यों ने भी किया स्वागत
रायपुर.लोकसभा सांसद राहुल गांधी आज राजधानी रायपुर के माना स्थित स्वामी विवेकानंद विमानतल पहुंचे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उनका आत्मीय स्वागत किया। मंत्रिमंडल के सदस्यों, जनप्रतिनिधियों ने भी श्री राहुल गांधी का गर्मजोशी से स्वागत किया। श्री राहुल गांधी का स्वागत करने वालों में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत सहित मंत्रीमण्डल के सदस्य, संसदीय सचिव, सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण शामिल थे।
जिस खेत में कभी एक फसल लेना मुश्किल था आज उसी खेत में किसान ले रहा है दो फसल
बलरामपुर.विकासखण्ड वाड्रफनगर के ग्राम पंचायत कोल्हुआ में रहने वाले आदिवासी किसान 50 वर्षीय अर्जुन सिंह मराबी का मूल आजीविका का साधन खेती-बाड़ी व मनरेगा कार्य है। 05 सदस्यों वाले परिवार के भरण-पोषण की लम्बे समय से जिम्मेदारी संभालने वाले अर्जुन के खेत के लिए तब बरदान साबित हुआ जब मनरेगा योजनांतर्गत उसके ढालुनूमा 1.5 एकड़ भूमि में मेढ़बंदी व भूमिसुधार का कार्य स्वीकृत हुआ तथा निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण भी हो गया। इनके भूमि में जहां पहले एक फसल लेना मुश्किल होता था, अब मेढ़बंदी के द्वारा खरीफ सीजन में 08 क्विंटल धान का उत्पादन हुआ तथा दोहरी फसल के रूप में इस रबी सीजन में 50 किग्रा गेहूं लगाया गया है। चूंकि नरवा उपचार के तहत अनेकानेक संरचनाओं के साथ-साथ अर्जुन के खेत के पास सामुदायिक कूप का भी निर्माण मनरेगा के माध्यम से कराया गया है जिससे सिंचाई की भी पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। हितग्राही अर्जुन ने बताया कि इस खेत में कभी कोई फसल नहीं होता था किन्तु मनरेगा की योजनांतर्गत मेढ़बंदी व भूमिसुधार हो जाने से हम आसानी से दो फसली की खेती कर पा रहे हैं खेती किसानी के साथ-साथ अर्जून मनरेगा कार्यों में मेट का भी कार्य सफलतापूर्वक कर रहा है। अर्जून के साथ-साथ आज की स्थिति में वाड्रफनगर के सैकड़ों किसान मनरेगा से मेढ़बंदी व भूमिसुधार कर कृषि उत्पादकता को बढ़ा रहे हैं।
बिलासपुर.कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने जिला सैनिक कल्याण कार्यालय परिसर में प्रतीक्षालय सह सभागार भवन का लोकार्पण किया। 36.87 लाख रुपए की लागत से बनने वाले इस भवन का निर्माण एस.ई.सी.एल. बिलासपुर द्वारा सी.एस.आर. मद से किया जाएगा। इस परिसर में सैनिक एवं परिवार जन के लिए विश्राम कक्ष का भी निर्माण किया जाएगा। इसका लोकार्पण ब्रिगेडियर विवेक शर्मा सेवा निवृत्त वी.एस.एम.संचालक सैनिक कल्याण (छ.ग) के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर चांपा एवं गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले से सैनिक एवं परिवार जन को आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी के द्वारा कार्यालय की गतिविधियों पर प्रजेण्टेशन भी दिया गया।
समारोह को जिला कलेक्टर संचालक सैनिक कल्याण (छ.ग) एवं जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल कुलदीप सैगल (सेवा निवृत्त) ने संबोधित किया। संचालक सैनिक कल्याण ने पांचो जिले के पूर्व सैनिक संगठन के सभी प्रतिनिधियों के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण मंे बात-चीत भी की। संचालक सैनिक कल्याण ने जिला सैनिक कार्यालय के सभी कर्मचारियों शुभकामनाएं दी तथा अपने निर्धारित कार्य दायित्व को सुचारू रूप से करने के लिए प्रोत्साहित भी किया।
लोकार्पण समारोह मे जिला सैनिक बोर्ड के प्रमुख सदस्य एवं पूर्व जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ग्रुप कप्तान संजय कुमार पांडेय, वी.एस.एम., सूबेदार जवाहर लाल यादव तथा पैरा कमांडो पुरुषोत्तम कुमार चंद्र सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में कल्याण संयोजक सूबेदार शिवेंद्र नारायण पांडेय ने सभी का आभार प्रकट किया।
प्रत्येक सत्र में 20 लोगों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
80 हितग्राहियों को वितरित किया गया इलेक्ट्रिक चाक
दुर्ग.लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार हाथकरघा प्रशिक्षण केंद्र के उद्घाटन एवं इलेक्ट्रिक चाक के वितरण कार्यक्रम के लिए विकासखंड धमधा के ग्राम कोड़िया पहुंचे थे। इस हाथकरघा केन्द्र में प्रत्येक प्रशिक्षण सत्र में कुल 20 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण की समयसीमा 4 माह की होगी जिसमें प्रत्येक प्रशिक्षु बुनकर को 500 रुपये की मासिक छात्रवृत्ति और 15000 रुपये का करघे निःशुल्क प्रदान किया जाएगा। इस प्रकार प्रत्येक चक्र में 6.8 लाख रुपये की राशि खर्च होगी। इसी कार्यक्रम में हितग्राहियों को 80 इलेक्ट्रिक चाक का वितरण भी किया गया। जिसकी कुल लागत 13 लाख 20 हजार रुपये है। जिससे कुम्हार टेराकोटा, दिये, गुल्लक व अन्य तरह के मिट्टी के सामग्री बनाकर अपने जीवन का निर्वाह सरलता से कर पायेंगे।
ग्रामोद्योग मंत्री ने इस अवसर पर हाथकरघा का प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ करते हुए उपस्थित जनों को कहा कि अब कमाई का पहिया तेजी से घूमेगा। उन्होंने आगे अपने वक्तव्य में कहा कि यह प्रशिक्षण केंद्र एक प्रभावी शुरुआत है और निश्चित ही इससे ना केवल कला और कौशल में निखार आएगा बल्कि रोजगार में भी वृद्धि होगी। इससे प्रशिक्षण लेकर युवक एवं युवतियां अपने भविष्य के लिए एक बेहतर दिशा तय कर सकेंगे।
इस अवसर पर उन्होंने हितग्राहियों को इलेक्ट्रिक चाक का भी वितरण किया। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा और कुम्हार समुदाय सुदृढ़ होंगे। आज स्टेशन पर और कई टी-स्टॉल पर कुल्हड़ में ही चाय बेची जा रही है। आम नागरिक भी पर्यावरण के प्रति जागरूकता प्रदर्शित कर रहे हैं। इसलिए आने वाले समय में मिट्टी के उत्पादों में हो और ज्यादा उछाल आएगा और इस अवसर पर यह इलेक्ट्रिक चाक हमारे कुम्हार भाइयों की मदद करेगा।
उन्होंने आगे कहा छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर केवल 2.1 प्रतिशत है, भविष्य में इसे और कम करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा और भी सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे। हम और कई ऐसे प्रशिक्षण केंद्र खोलेंगे जिससे कि छत्तीसगढ़ के युवा अपने पांव में खड़े हो सकें और दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकें। महिलओं को आत्मनिर्भर बनाना शासन की प्राथमिकता में शामिल है। इसलिए शासन भविष्य की योजनाओं में महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देगी।
वृद्धजनों को चादर, मिठाई, फल वितरण की
दुर्ग.समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने गत दिवस वृद्धा आश्रम पुलगांव पहुंचकर वृद्धजनों का हाल-चाल एवं स्वास्थ्य संबंधित जानकारी ली। मंत्री श्रीमती भेड़िया ने वृद्धजनों के साथ कुछ समय गुजारे। उन्होंने यहां रह रहे वृद्धजनों से आशीर्वाद भी ली। उन्होंने वृद्धजनों को चादर, मिठाई व फल भेंट कर दीर्घायु जीवन की कामना की। मंत्री श्रीमती भेड़िया ने वृद्धजनों से कहा कि शासन उनके हितों के लिए वचनबद्ध है। उनके तकलीफ में हमेशा साथ खड़ा है। उन्होंने वृद्धजनों से कहा कि वे जीवन में निराश न हो और सुखद जीवन यापन करें। किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या या तकलीफ होने पर वृद्धा आश्रम संचालक को जानकारी दें। मंत्री श्रीमती भेड़िया ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए, सेनेटाईजर, मास्क एवं सोशलडिस्टेसिंग का पालन करने कहा। उन्होंने आश्रम संचालक से वृद्धजनों के कोरोना टीकाकरण की जानकारी ली। इस अवसर पर श्री राजेश तिवारी अपर सचिव समाज कल्याण छत्तीसगढ़ शासन, श्री पंकज वर्मा अपर संचालक समाज कल्याण संचालनालय रायपुर, श्री डीपी ठाकुर उपसंचालक समाज कल्याण दुर्ग एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी गण उपस्थित थे।
छिन्द कांसा की टोकरी, सुगंधित चावल, ग्रीन टी. च्यवनप्राश और एलईडी बल्ब की प्रदर्शनी लगाई जाएगी
महिलाओं के हुनर को मिल रही है पहचान
जशपुरनगर.कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में जशपुर जिले के विभिन्न गोठानों में मल्टी एक्टिविटी संचालित किए जा रहे हैं और स्व सहायता समूह की महिलाएं अनेक गतिविधियों में शामिल होकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। 03 फरवरी को रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम में जशपुर जिले के चिन्हांकित स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा अपने हाथों से बनाए जाने वाली सामग्री का प्रदर्शनी लगाएंगी।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री के.एस.मंडावी ने बताया कि जशपुर जिले के वन विभाग, जिला कौशल विकास प्राधिकरण और एन.आर.एल.एम. के संयुक्त प्रयास से महिलाओं का चिन्हांकन किया गया है। जहां महिलाएं सामग्री का प्रदर्शन रायपुर में करेंगी।
वन विभाग अंतर्गत जशपुर विकासखंड के सारूडीह स्व सहायता समूह की श्रीमती मधु तिर्की, श्रीमती विमला एक्का ग्रीन टी और सी.सी.टी. उत्पादक का प्रदर्शनी लगाएंगी, सिनगी स्व सहायता समूह की श्रीमती शकुन्तला उरांव सेनेटाइजर, धनवंतरी स्व सहायता समूह के श्री शिव भगत च्यवनप्राश, वसावलेह, कौचपाक और जिला कौशल विकास प्राधिकरण के अंतर्गत दिव्यांग विजय खलखो, श्री सुनील कुजूर, श्री कुनाल गुप्ता के द्वारा अपने हाथों से तैयार किए गए एलईडी बल्ब का प्रदर्शनी लगाएंगे।
इसी प्रकार एन.आर.एल.एम विभाग के अंतर्गत दुलदुला विकाखण्ड के सुरजमुखी स्व सहायता समूह के द्वारा काजू, कुनकुरी विकाखण्ड के मदर मेरी स्व सहायता समूह की श्रीमती अमिया कुजूर द्वारा सुगंधित चालव और कांसाबेल विकाखण्ड के ज्ञान गंगा स्व सहायता समूह की श्रीमती सुखमनी और श्रीमती सुदोशा बाई के द्वारा छिंद टोकरी का प्रर्दशनी लगाया जाएगा।
सरकार ने वित्त वर्ष 2023 में पूंजीगत खर्चों में 35.4 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है, इससे रोजगार में वृद्धि होगी। यह बहुत बड़ा फैसला है। वित्त मंत्री ने बजट में क्रिप्टोकरंसी पर भी निवेशकों की उलझन दूर कर दी। उन्होंने इससे हुए मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा।
सशक्त एवं विकसित भारत निर्मित करने, उसे दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनाने और कोरोना महामारी से ध्वस्त हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दृष्टि से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत आम बजट इसलिए विशेष रूप से उल्लेखनीय है, क्योंकि मोदी सरकार ने देश के आर्थिक भविष्य को सुधारने पर ध्यान दिया, न कि लोकलुभावन योजनाओं के जरिये प्रशंसा पाने अथवा कोई राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की है। यह कदम एक ऐसे समय उठाया गया जब राजनीतिक दृष्टि से सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनाव होने जा रहे हैं और उन्हें लघु आम चुनाव की भी संज्ञा दी जा रही है। राजनीतिक हितों से ज्यादा देशहित को सामने रखने की यह पहल अनूठी है, प्रेरक है।
कोरोना की संकटकालीन एवं चुनौतीभरी परिस्थितियों में लोककल्याणकारी एवं आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को बल देने वाला यह बजट अभिनन्दनीय एवं सराहनीय है। यह बजट भारत की अर्थव्यवस्था के उन्नयन एवं उम्मीदों को आकार देने की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा। इसके माध्यम से समाज के भी वर्गों का सर्वांगीण एवं संतुलित विकास सुनिश्चित होगा। इस बजट से भले ही करदाताओं के हाथ में मायूसी लगी हो, टैक्स स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ हो, लेकिन इससे देश की अर्थव्यवस्था का जो नक्शा सामने आया है वह इस मायने में उम्मीद की छांव देने वाला है। यह महत्वपूर्ण है कि सरकार ने पूंजीगत व्यय में भारी-भरकम व्यय करने की योजना बनाई उसके साकार होने से अंततः आम आदमी को ही लाभ मिलेगा। इसके साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। अर्थव्यवस्था को गति देने का काम शहरीकरण की उन योजनाओं को आगे बढ़ाने से भी होगा जिनकी प्रावधान बजट में किया गया है। इस बजट में शहर एवं गांवों के संतुलित विकास पर बल दिया है, जो इस बजट की विशेषता है।
सरकार ने वित्त वर्ष 2023 में पूंजीगत खर्चों में 35.4 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है, इससे रोजगार में वृद्धि होगी। यह बहुत बड़ा फैसला है। वित्त मंत्री ने बजट में क्रिप्टोकरंसी पर भी निवेशकों की उलझन दूर कर दी। उन्होंने इससे हुए मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा। वित्त वर्ष 2023 में रिजर्व बैंक डिजिटल करंसी लाएगा, इसका ऐलान भी निर्मला सीतारमण ने किया। इन दोनों बातों से लगता है कि सरकार ने क्रिप्टोकरंसी को एक एसेट तो मान लिया है, लेकिन वह इन्हें बढ़ावा नहीं देना चाहती। यहां तक कि समृद्ध तबके को भी दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ के टैक्स पर सरचार्ज घटाकर राहत दी गई है। अस्सी लाख सस्ते घरों के लिये 48 हजार करोड़ का प्रावधान करके निम्न-मध्यम आय वर्ग के लिए हाउसिंग सेक्टर में सौगात दी गई है।
भारत की अर्थव्यवस्था को तीव्र गति देने की दृष्टि से यह बजट कारगर साबित होगा, जिसके दूरगामी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे, रोजगार के नये अवसर सामने आयेंगे, उत्पाद एवं विकास को तीव्र गति मिलेगी। कोरोना महामारी के कारण चालू वित्त वर्ष में आर्थिक क्षेत्र में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले, लेकिन इन सब स्थितियों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट के माध्यम से देश को स्थिरता की तरफ ले जाते दिखाई पड़ रहे हैं। बजट हर वर्ष आता है। अनेक विचारधाराओं वाले वित्तमंत्रियों ने विगत में कई बजट प्रस्तुत किए। पर हर बजट लोगों की मुसीबतें बढ़ाकर ही जाता रहा है। लेकिन इस बार बजट ने कोरोना महासंकट से बिगड़ी अर्थव्यवस्था में नयी परम्परा के साथ राहत की सांसें दी है तो नया भारत- सशक्त भारत के निर्माण का संकल्प भी व्यक्त किया है। इस बजट में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, रेलों का विकास, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ किसानों, गांवों और गरीबों को ज्यादा तवज्जो दी गयी है। सच्चाई यही है कि जब तक जमीनी विकास नहीं होगा, तब तक आर्थिक विकास की गति सुनिश्चित नहीं की जा सकेगी। इस बार के बजट से हर किसी ने काफी उम्मीदें लगा रखी थीं और उन उम्मीदों पर यह बजट खरा उतरा है। हर बार की तरह इस बार भी शहरों के मध्यमवर्ग एवं नौकरीपेशा लोगों को अवश्य निराशा हुई है। इस बार आम बजट को लेकर उत्सुकता इसलिए और अधिक थी, क्योंकि यह कोरोना महासंकट, पडौसी देशों के लगातार हो रहे हमलों, निस्तेज हुए व्यापार, रोजगार, उद्यम की स्थितियों के बीच प्रस्तुत हुआ है। संभवतः इस बजट को नया भारत निर्मित करने की दिशा में लोक-कल्याणकारी बजट कह सकते हैं। यह बजट वित्तीय अनुशासन स्थापित करने की दिशाओं को भी उद्घाटित करता है। आम बजट न केवल आम आदमी के सपने को साकार करने, आमजन की आकांक्षाओं को आकार देने और देशवासियों की आशाओं को पूर्ण करने वाला है बल्कि यह देश को समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र बनाने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण एवं दूरगामी सोच से जुड़ा कदम है। बजट के सभी प्रावधानों एवं प्रस्तावों में जहां ‘हर हाथ को काम’ का संकल्प साकार होता हुआ दिखाई दे रहा है, वहीं ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ का प्रभाव भी स्पष्ट रूप से उजागर हो रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रस्तुत यह बजट निश्चित ही अमृत बजट है। जिसमें भारत के आगामी 25 वर्षों के समग्र एवं बहुमुखी विकास को ध्यान में रखा गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आशा के अनुरूप ही बजट का फोकस किसानों, स्वास्थ्य, शिक्षा, शहरी विकास, रोजगार, युवाओं की अपेक्षाओं, विकास और ग्रामीण क्षेत्र पर रखा है। अपने ढांचे में यह पूरे देश का बजट है, एक आदर्श बजट है। इसका ज्यादा जोर सामाजिक विकास पर है। मुश्किल के इस वक्त में भी मोदी सरकार का फोकस किसानों की आय दोगुनी करने, विकास की रफ्तार को बढ़ाने और आम लोगों को सहायता पहुंचाने पर है। अक्सर बजट में राजनीति, वोटनीति तथा अपनी व अपनी सरकार की छवि-वृद्धि करने के प्रयास ही अधिक दिखाई देते है लेकिन इस बार का बजट चुनाव होने के बावजूद राजनीति प्रेरित नहीं है। स्पष्ट है कि सरकार ने चुनावी राजनीतिक हितों के आगे अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के दूरगामी लक्ष्य पर न केवल ध्यान केंद्रित किया बल्कि यह भी रेखांकित किया कि उसका उद्देश्य 2047 तक भारत को एक समर्थ-सक्षम देश के रूप में सामने लाना है।
गरीब तबके और ग्रामीण आबादी की बढ़ती बेचैनी को दूर करने की कोशिश इसमें स्पष्ट दिखाई देती है जो इस बजट को सकारात्मकता प्रदान करती है। इस बजट में किसानों की बढ़ती परेशानियों को दूर करने के भी सार्थक प्रयत्न हुए हैं, जिसे मेहरबानी नहीं कहा जाना चाहिए। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात एमएसपी जारी रहने का उल्लेख करते हुए जिस तरह यह रेखांकित किया कि इस मद में 2.37 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, वह यही बताता है कि सरकार ने उस दुष्प्रचार की हवा निकालना आवश्यक समझा जिसके तहत कुछ कथित किसान नेताओं के साथ कई विपक्षी नेता यह झूठ फैलाने में लगे हैं कि यह सरकार एमएसपी खत्म करने का इरादा रखती है। इस पर हैरानी नहीं कि विपक्ष को बजट रास नहीं आया। वह सदैव इसी तरह की नकारात्मक प्रतिक्रिया से लैस दिखता है और यही कारण है कि जनता उसकी आलोचना पर उतना ध्यान नहीं देती जितना उसे देना चाहिए। खेती और किसानों की दशा सुधारना सरकार की प्राथमिकता में होना ही चाहिए, क्योंकि हमारा देश किसान एवं ग्रामीण आबादी की आर्थिक सुदृढ़ता और उनकी क्रय शक्ति बढ़ने से ही आर्थिक महाशक्ति बन सकेगा। और तभी एक आदर्श एवं संतुलित अर्थव्यवस्था का पहिया सही तरह से घूम सकेगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था संवारने की दिशा में इस बजट को मील का पत्थर कहा जा सकता हैं।
इस बजट में जो नयी दिशाएं उद्घाटित हुई है और संतुलित विकास, भ्रष्टाचार उन्मूलन, वित्तीय अनुशासन एवं पारदर्शी शासन व्यवस्था का जो संकेत दिया गया है, सरकार को इन क्षेत्रों में अनुकूल नतीजे हासिल करने पर खासी मेहनत करनी होगी। देश में डिजिटल व्यवस्थाओं को सशक्त एवं प्रभावी बनाने का भी सरकार ने संकल्प व्यक्त किया है।
- ललित गर्ग