ईश्वर दुबे
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Bhilai
लंदन । ब्रिटिश महिला निकोलेट बेनेट 37 साल की उम्र में भी बच्चों जितना वजन रखती हैं। कॉर्नवेल की रहने वाली निकोलेट की स्थिति ये है कि वो अपनी ज़िंदगी कभी ठीक तरह से शुरू ही नहीं कर पाईं। उन्हें एक ऐसी बीमारी है, जिसके चलते उनका एक-एक निवाला गले से उतारना दुश्वार रहता है। उनकी आंत और किडनी इतनी सिकुड़ चुकी है कि उनके पेट में एक टुकड़ा जाते हुए भी पेट बिल्कुल भरा-भरा महसूस होता है। उनकी स्थिति ये है कि बच्चों की जेली भी खाने से उनकी आंतें फटने जैसी लगने लगती हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक निकोलेट बेकर को सुपीरियर मैसेंटरिक आर्टेरी सिंड्रोम यानि एसएमएएस नाम की बीमारी है। इसकी शुरुआत 10 साल पहले ही हो गई है, जिसने उनकी आंत और किडनी जैसे अंगों को काफी संकुचित कर दिया। जब भी निकोलेट खाने के बारे में सोचती हैं तो उन्हें अकल्पनीय दर्द होने लगता है। उन्हें सालों तक लोगों ने कुपोषित समझा और ज़बरदस्ती खिलाने की कोशिश की क्योंकि उनका वज़न सिर्फ 21 किलोग्राम तक रह गया था। निकोलेट की इस बीमारी ने न तो उन्हें करियर की शुरुआत करने दी और न ही परिवार की।
ज़िंदगी में इतना कुछ सहने के बाद भी बेकर की जीने की इच्छा खत्म नहीं हुई है। उन्हें ऑपरेशन के लिए 80 लाख रुपये की ज़रूरत है, जिसमें से 70 लाख जमा हो चुके हैं और 10 लाख की व्यवस्था होनी है। डॉक्टरों ने उनकी सर्जरी के लिए हामी भर दी है और उन्हें डॉक्टरों की देखभाल में रहना होगा। निकोलेट को उम्मीद है कि उनकी कोशिश और हौसला रंग लाएगा और वे दोबारा एक सामान्य ज़िंदगी जी पाएंगी। बता दें कि खाने-पीने में अगर इंसान तसल्ली से स्वाद न ले सके, तो शरीर पर पोषण लगता ही नहीं है।