प्रियंका गांधी ने कहा कि हमने अपने संगठन को मजबूत करने के लिए बहुत काम किया है। उत्तर प्रदेश में पिछले 2 सालों में जमीन पर सिर्फ कांग्रेस ही दिखी है, कांग्रेस ने हर तरह का मुद्दा उठाया है। जनता के साथ सिर्फ कांग्रेस ही खड़ी हुई है।

 

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी जी-तोड़ मेहनत कर रही हैं। महिला सशक्तिकरण और रोजगार जैसे विषयों को आधार बनाते हुए कांग्रेस नेता सूबे में समर्थन जुटाने में लगे हैं। एक तरफ जहां उन्होंने बुलंदशहर में बारिश के बावजूद प्रचार किया तो आज गाजियाबाद में डोर-टू-डोर प्रचार कर रही हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने गाजियाबाद में घर-घर जाकर चुनाव प्रचार किया। प्रियंका गांधी ने कहा कि हमने अपने संगठन को मजबूत करने के लिए बहुत काम किया है। उत्तर प्रदेश में पिछले 2 सालों में जमीन पर सिर्फ कांग्रेस ही दिखी है, कांग्रेस ने हर तरह का मुद्दा उठाया है। जनता के साथ सिर्फ कांग्रेस ही खड़ी हुई है।

इस बीच उन्होंने ट्विटर पर एक युवक के साथ बातचीत का वीडियो भी शेयर किया है, जो सेना में भर्ती होना चाहता है। प्रियंका ने गन्ना लेकर जा रहे नौजवान के ट्रैक्टर पर बैठक बातचीत की। जिसका वीडियो साझा करते हुए उन्होंने लिखा कि कल आपने उप्र के मुख्यमंत्री की झूठे आंकड़ों वाली प्रेस कांफ्रेंस देखी। अब देखिए जनता की प्रेस कांफ्रेंस। ये नौजवान किसान का बेटा है और आर्मी की भर्ती व अन्य भर्तियों को लेकर दुखी है। किसान और नौजवान की परेशानी बयां कर रहा है। यही है उत्तरप्रदेश की असली आवाज।

दुआ-सलाम वाला अंदाज वायरल

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बृहस्पतिवार को बुलंदशहर में आमना-सामना हुआ। दोनों नेताओं का काफिला जब अमने-सामने से गुजरा तो उन्होंने अपने-अपने वाहनों से हाथ हिलाकर दुआ-सलाम किया। दोनों नेताओं की इस दुआ-सलाम से उनके समर्थक काफी खुश नजर आए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अखिलेश ने अपने ट्विटर हैंडल से इस नजारे की फोटो साझा करते हुए लिखा है एक दुआ-सलाम ~ तहज़ीब के नाम। प्रियंका और अखिलेश का यह अंदाज चर्चा का विषय बना हुआ है। सपा और कांग्रेस इस इस बार साथ मिलकर विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन दोनों के बीच राजनीतिक तालमेल जरूर नजर आ रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस ने करहल सीट से अखिलेश यादव के खिलाफ अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। इसी तरह जसवंत नगर सीट पर भी कांग्रेस ने अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया है।

पीएम मोदी ने कहा कि कल बसंत पंचमी का महत्वपूर्ण त्योहार है, मां सरस्वती के पूजन का दिन है। मैं आप सभी को बसंत पंचमी के इस पावन पर्व के लिए अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मेरठ, गाजियाबाद, अलीगढ़, हापुड़ और नोएडा के मतदाताओं को संबोधित कर रहे। पीएम मोदी ने कहा कि आज  मेरठ, गाजियाबाद, अलीगढ़, हापुड़ और नोएडा के सभी नागरिक भाइयों-बहनों को मुझे वर्चुअली आपको नमन करने का आपसे बात करने का मौका मिला है। पीएम मोदी ने कहा कि कल बसंत पंचमी का महत्वपूर्ण त्योहार है, मां सरस्वती के पूजन का दिन है। मैं आप सभी को बसंत पंचमी के इस पावन पर्व के लिए अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं। मुझे याद है, इस साल की शुरुआत में, मेरा पहला दौरा मेरठ का ही हुआ था। उस दिन मौसम खराब था, इसलिए मुझे सड़क मार्ग से आना पड़ा था। लेकिन मेरठ एक्सप्रेसवे की वजह से मैं एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ पहुंच गया था।

पीएम मोदी ने कहा कि आज़ादी के बाद यूपी ने अनेक चुनाव देखे हैं, अनेक सरकारें बनती-बिगड़ती देखी हैं। लेकिन ये चुनाव सबसे अलग है। ये चुनाव यूपी में शांति के स्थायित्व के लिए है, विकास की निरंतरता के लिए है, प्रशासन में सुशासन के लिए है, यूपी के लोगों के तेज़ विकास के लिए है। 2017 में डबल इंजन की सरकार बनने के बाद गरीब के घर बनाने की स्पीड कई गुना बढ़ी है। कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की स्पीड डबल हुई है। मेट्रो कनेक्टिविटी इक्का-दुक्का शहरों से आज उत्तर प्रदेश के 10 शहरों तक पहुंच रही है।

रायपुर.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज शाम यहां उनके निवास कार्यालय में प्लास्टिक बंदी और पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर पदयात्रा पर निकले श्री रोहन अग्रवाल ने सौजन्य मुलाकात की।

अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनकी उम्र 20 वर्ष है और प्लास्टिक के दुष्परिणामों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए 25 अगस्त 2020 से अपने पैदल सफर की शुरुआत की है। वे अब तक 16 राज्यों की यात्रा कर चुके हैं । उनका लक्ष्य प्लास्टिक से मुक्ति के इस संदेश को लेकर रूस के साइबेरिया तक पैदल यात्रा करने का है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छोटी सी उम्र में पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर पदयात्रा कर रहे रोहन अग्रवाल के जज्बे की सराहना करते हुए उन्हें उनके आगे के सफर के लिए शुभकामनाएं दी।

रायपुर। तीसरी लहर में कोरोना संक्रमण के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे थे वहीं अब दैनिक मामले घटने लगे हैं। 20 जनवरी के बाद से देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार कम हो रहे हैं। इस बीच देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 5 लाख के पार हो गई है। अमेरिका व ब्राजील के बाद मौतों के मामले में भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।

 

स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटों के दौरान देश में एक लाख 43 हजार नए केस सामने आए। वही इस दौरान 2 लाख 45 हजार से ज्यादा लोग स्वस्थ हुए हैं। इसके साथ ही देश में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 4 करोड़ 19 लाख के करीब। वहीं इस दौरान स्वस्थ होने वाले मरीजों का आंकड़ा भी चार करोड़ से अधिक है।

बीते 24 घंटों के दौरान देश में 1071 लोगों की मौत हुई इसके साथ ही मौतों का आंकड़ा 5 लाख के पार हो गया है। इनमें सर्वाधिक मौतें केरल में दर्ज की गई हैं। केरल में बीते 24 घंटों के दौरान 4 लाख से भी अधिक मरीजों की मौत हो गई। इधर स्वस्थ होने वाले मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण देश में सक्रिय मरीजों की संख्या तेजी से घट रही है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में फिलहाल 14 लाख 27 हजार के करीब सक्रिय मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में 6 फ़ीसदी के नीचे पहुंचा संक्रमण दर

कोरोना को लेकर छत्तीसगढ़ में भी राहत है। यहां बीते 24 घंटों के दौरान संक्रमण दर 6 फ़ीसदी से भी नीचे रहा। इस दौरान 40 हजार 826 सैंपलों की जांच की गई। जिसमें 2454 पॉजिटिव केस सामने आए। इसके साथ ही प्रदेश में 1 लाख 34 हजार 322 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। वहीं बीते 24 घंटों के दौरान 3836 मरीज स्वस्थ हुए। प्रदेश में स्वस्थ मरीजों की संख्या भी 11 लाख के पार हो गई है। प्रदेश में अब तक 11 लाख 346 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वही सक्रिय मरीजों की संख्या 20 हजार 81 है। बीते 24 घंटों के दौरान 12 मरीजों की मौत हुई इसके साथ ही कुल मौतों का आंकड़ा 13895 तक पहुंच गया है।

रायपुर। नवा रायपुर के किसान कल्याण समिति के मार्गदर्शन में 3 जनवरी को हजारों किसान और ग्रामीणों ने अपने लंबित मांगों के लिए आंदोलन शुरू किया था, जिसके बाद गुरुवार 3 फरवरी को किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने माना एयरपोर्ट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर अपनी मांगों को रखा है।

जानकारी अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों से मुलाकात कर कहा कि हमने किसानों की मांगों को ध्यान में रखा है। इसके लिए पहल करते हुए पहले ही तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है। समस्या का समाधान करने कमेटी गठित कर दी है। हमारी मंत्रिमंडलीय उपसमिति बनी हुई है, जिसमें मंत्री रविंद्र चौबे, मंत्री मोहम्मद अकबर, मंत्री शिव डहरिया समिति में शामिल हैं।

किसानों से चर्चा करते हुए सीएम भूपेश ने कहा कि मामले में कमेटी के साथ बैठक की गई है। इस दौरान किसानों ने अपनी बातों को फिर से रखा है। सीएम ने कहा इनकी मांगों का परीक्षण कर जल्द ही उचित फैसला लिया जाएगा।

बता दें कि मांगों को लेकर महीनेभर से आंदोलनरत नवा रायपुर के किसान सीएम भूपेश बघेल से मिलने एयरपोर्ट पहुंचे थे। सूबे के मुखिया भूपेश बघेल ने किसानों की बात सुनने एयरपोर्ट पर ही चौपाल लगा दी। जहां उनकी पूरी बात सूनी।

इन मांगों को लेकर कर रहें है किसान आंदोलन
नया रायपुर पुनर्वास योजना के अनुसार अर्जित भूमि के अनुपात में उद्यानिकी/ आवासीय/व्यवसायिक भूखंड पात्रतानुसार निःशुल्क मिलने के प्रावधान का पालन किया जाना चाहिए।

भू अर्जन कानून 1894 के अंतर्गत हुए अवार्ड में भूस्वामियों को मुआवजा प्राप्त नहीं हुआ हैं, उन्हें बाजार मूल्य से 4 गुना मुआवजा मिलना चाहिए। नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा मिलना चाहिए।

वार्षिकी राशि का पूर्ण रूपेण आबंटन किया जाना चाहिए। पुनर्वास पैकेज 2013 के तहत सभी वयस्कों को 1200 वर्गफीट मिलने वाली भूखंड दिया जाए। साल 2005 से भूमि क्रय विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाए। गुमटी, चबूतरा, दुकान, व्यवसायिक परिसर में दुकान जो आबादी से सटी हुई है, जिसे 75 प्रतिशत प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने के प्रावधान का पालन किया जाए।

रायपुर.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती गरीब नवाज की दरगाह शरीफ के लिए चादर और अकीदत के फूल रवाना किए।

मुख्यमंत्री ने हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह पर अपनी ओर से चादर और फूल चढ़ाने के लिए एल्डरमैन श्री नईम रज़ा और श्री अफरोज अंजुम को प्रदान किया और उनसे राज्य में अमन, शांति भाईचारा और खुशहाली के लिए गरीब नवाज की बारगाह में दुआ करने की अपील की।

भारत सरकार MSP तय करने के लिए समिति बनाएगी। समिति का गठन 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद होगा। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कहा कि MSP कमेटी में किसान संघों के सदस्य, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और लाभार्थी होंगे। नवंबर 2021 में केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के बाद किसान MSP की मांग पर अड़ गए थे।

पिछले 7 सालों से MSP पर दोगुने दाम दिए: तोमर

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 2018-19 से पहले ऐसा कोई प्रावधान नहीं था कि MSP को किसानों के लिए लाभकारी बनाया जाए। स्वामीनाथन समिति की अनुशंसा में भी 14-15 अनुशंसाएं ऐसी थीं जिन्हें जीओएम ने उपयुक्त नहीं पाया। एक अनुसंशा यह भी थी कि MSP पर 50% मुनाफा जोड़कर घोषित किया जाए, इसे नहीं माना गया था। प्रधानमंत्री ने 2018-19 में इसे स्वीकार किया और अब MSP बढ़कर मिल रही है। पिछले 7 सालों से MSP पर पहले से दोगुने दाम दिए गए हैं। बजट में भी 2 लाख 37 हजार करोड़ रुपए किसानों को लाभकारी मूल्य के लिए दिए जाने का प्रावधान है।

क्या है फसलों पर मिलने वाली MSP

MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस या फिर न्यूनतम समर्थन मूल्य। केंद्र सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है, इसे ही MSP कहा जाता है। अगर बाजार में फसल की कीमत कम भी हो जाती है, तो भी सरकार किसान को MSP के हिसाब से ही फसल का भुगतान करेगी। इससे किसानों को अपनी फसल की तय कीमत के बारे में पता चल जाता है कि उसकी फसल के दाम कितने चल रहे हैं। ये एक तरह फसल की कीमत की गारंटी होती है।

कौन तय करता है MSP?

फसलों की MSP कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्राइसेस (CACP) तय करता है। आयोग समय के साथ खेती की लागत और बाकी पैमानों के आधार पर फसलों की कम से कम कीमत तय करके अपने सुझाव सरकार के पास भेजता है।

MSP तय कैसे की जाती है?

MSP कैलकुलेट करने के लिए 3 अलग-अलग वेरिएबल का प्रयोग किया जाता है। इसमें A2, A2+FL और C2 शामिल हैं।

A2 में उन खर्चों को गिना जाता है, जो किसान अपनी जेब से देता है। जैसे कि खाद बीज, बिजली, पानी और मजदूरी पर किया गया खर्च। इसे इनपुट कॉस्ट भी कहा जाता है। मोटे तौर पर बुआई से लेकर कटाई तक का खर्च इसमें आता है।
A2+FL में बुआई से लेकर कटाई तक के सारे खर्च के साथ फैमिली लेबर को भी जोड़ा जाता है। फैमिली लेबर यानी किसान के परिवार के सदस्यों ने खेती में जो कामकाज किया उसकी मजदूरी। अगर खेती का काम किसान मजदूरों से करवाता तो उन्हें मजदूरी देनी पड़ती। इसी तरह अगर घर के सदस्य भी खेत में काम कर रहे हैं, तो उन्हें भी मजदूरी देनी चाहिए।
C2 में बुआई से लेकर कटाई तक के खर्च के साथ ही जमीन का किराया और उस पर ब्याज को शामिल किया जाता है। साथ ही इसमें उस पूंजी के ब्याज को भी शामिल किया जाता है, जो किसान ने मशीन की खरीदी पर लगाई है। मोटे तौर पर समझें, तो इसमें खेती के खर्चों के अलावा जमीन और पूंजी के ब्याज को भी तय किया जाता है।
किसानों को किन फसलों पर मिलती है MSP?

सरकार अनाज, दलहल, तिलहन और बाकी फसलों पर MSP देती है।
अनाज वाली फसलें: धान, गेहूं, बाजरा, मक्का, ज्वार, रागी, जौ।
दलहन फसलें: चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर।
तिलहन फसलें: मूंग, सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी, तिल, नाइजर या काला तिल, कुसुम।
बाकी फसलें: गन्ना, कपास, जूट, नारियल।
सरकार अभी किस हिसाब से देती है MSP?

सरकार अभी A2+FL फार्मूले के आधार पर ही MSP दे रही है।
MSP पर किसानों की क्या मांग है?

किसान मांग कर रहे है कि उन्हें MSP C2+FL फॉर्मूले पर दी जाए।
किसानों की मांग है कि सरकार MSP से कम कीमत पर फसल की खरीदी को अपराध घोषित करे और MSP पर सरकारी खरीद लागू रहे।
साथ ही दूसरी फसलों को भी MSP के दायरे में लाया जाए। हालांकि, केंद्र सरकार के कई मंत्री और खुद प्रधानमंत्री भी ये बात कह चुके हैं कि MSP की व्यवस्था जारी रहेगी, लेकिन किसान संगठन चाहते हैं कि ये बात कानून में शामिल की जाए।

अंकारा| तुर्की ने इराक में गैरकानूनी कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) और सीरिया में कुर्द पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (वाईपीजी) के खिलाफ हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। अंकारा में रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की।एक बयान में मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा कि ऑपरेशन, जिसे विंटर ईगल कहा जाता है, का उद्देश्य डेरिक, सिनकार और कराकाक के क्षेत्रों में आश्रयों, बंकरों, गुफाओं, सुरंगों, गोला-बारूद डिपो, मुख्यालय और प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट करना है।बयान के अनुसार, तुर्की के युद्धक विमान सैन्य अभियान के बाद सुरक्षित रूप से अपने ठिकानों पर लौट आए हैं।बयान में कहा गया है कि हवाई हमले का उद्देश्य उत्तरी इराक और सीरिया से हमारे लोगों और सुरक्षा बलों के खिलाफ आतंकवादी हमलों को खत्म करने और हमारी सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आतंकवादी तत्वों को बेअसर करना है।तुर्की ने अतीत में उत्तरी इराक में कई जमीनी अभियान और हवाई हमले किए हैं, ताकि पीकेके के ठिकानों को निशाना बनाया जा सके, जो अंकारा द्वारा देश के दक्षिणपूर्वी हिस्से में स्वायत्तता की मांग करने वाले एक आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंधित समूह है।

लिस्बन | पुर्तगाल के राष्ट्रपति मासेर्लो रेबेलो डी सूसा ने घोषणा की कि एंटोनियो कोस्टा को देश की नई सरकार के प्रमुख के रूप में जारी रखने के लिए नामित किया गया है। पुर्तगाली गणराज्य के प्रेसीडेंसी की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित एक नोट में निर्णय की घोषणा की गई।पुर्तगाली कानून के अनुसार, गणतंत्र की नई विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने वाले राजनीतिक दलों को सुनने के बाद, 30 जनवरी को विधायी चुनावों के परिणामस्वरूप नियुक्ति की गई थी।पीएस (सोशलिस्ट पार्टी) के महासचिव कोस्टा को 23वीं पुर्तगाली संवैधानिक सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें फिर से नियुक्त करने के निर्णय के बारे में सूचित किया गया है।आधिकारिक नोट राष्ट्रपति और कोस्टा के बीच एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद जारी किया गया था, जो कोविड-19 से संक्रमित परीक्षण के बाद आमने-सामने की बैठक में शामिल होने में असमर्थ थे।नियुक्ति और उद्घाटन गणतंत्र की विधानसभा की 15वीं विधायिका के पहले सत्र के बाद होगा। पीएस ने पूर्ण बहुमत के साथ विधायी चुनाव जीता।

 

न्यूयॉर्क | अमेरिका का कहना है कि चीन और पाकिस्तान के आपसी रिश्ते को साझेदारी को नाम देना गलत है। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता से बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग में एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि क्या चीन के साथ मिलकर काम करने के पाकिस्तान के चुनाव के कारण उस अमेरिको द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है।इस सवाल का जवाब देते हुए प्रवक्ता ने कहा, हमने हमेशा यही स्पष्ट किया है कि किसी भी देश के लिए अमेरिका और चीन में से किसी एक का चुनाव करने की जरूरत नहीं है। हमारा इरादा है कि हम देशों को विकल्प दें कि अमेरिका के साथ उनका रिश्ता कैसा दिखता है।उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है और पाकिस्तान की सरकार के साथ अमेरिका महत्वपूर्ण रिश्ता है और इस रिश्ते का हम सभी मोर्चो पर सम्मान करते हैं।प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका के साथ साझेदारी से कई लाभ होते हैं, जो आमतौर पर देशों को नहीं मिल पाते , जब हम चीन के साथ साझेदारी -वैसे इसे साझेदारी कहना गलत होगा- की बात आती है। हम इस पाकिस्तान और चीन पर छोड़ देते हैं कि वे अपने संबंधों को लेकर क्या कहते हैं।प्रवक्ता से जब यह पूछा गया कि भारत की लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कथित बयान दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीतिक भूल के कारण पाकिस्तान और चीन के बीच रिश्ता बना , तो उन्होंने कहा कि वे ऐसे बयान का समर्थन नहीं करते हैं।फेडरेशन और अमेरिकन साइंटिस्ट के मुताबिक 2002 से 2020 के बीच पाकिस्तान को कुल 34.25 बिलियन डॉलर की मदद मिली, जिसमें से 8.28 बिलियन डॉलर सुरक्षा सहयोग और 14.57 बिलियन डॉलर अफगानिस्तान में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को सहयोग देने के लिए गठबंधन सहयोग फंड के रूप में दिये गये।पाकिस्तान को चीन से मिले सहयोग के विपरीत अमेरिका से प्राप्त सहयोग का बहुत बड़ा हिस्सा वापस नहीं करना है । वर्ष 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कांग्रेस ने अमेरिका दक्षिण एशिया रणनीति में सहयोग की कमी का हवाला देकर पाकिस्तान को दिये जाने सहयोग में कुल 800 बिलियन डॉलर की कटौती की थी।अमेरिकी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि चीन के सहयोग में गुप्त कीमतें हैं, जिससे उससे सहायता लेने वाले देशों का रिण भुगतान नहीं हो पायेगा। चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर निर्माण में चीन के कर्ज के बोझ तले दबे पाकिस्तान ने गत साल चीन से 30 बिलियन डॉलर के रिण के पुनर्गठन की मांग की थी।

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