ईश्वर दुबे
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Bhilai
इंदिरा गांधी एक अजीम शख्यियत थीं। उनके भीतर गजब की राजनीतिक दूरदर्शिता थी। लालबहादुर शास्त्री के बाद प्रधानमंत्री बनीं इंदिरा को शुरू में 'गूंगी गुड़िया' की उपाधि दी गई थी, लेकिन 1966 से 1977 और 1980 से 1984 के दौरान प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा ने अपने साहसी फैसलों के कारण साबित कर दिया कि वे एक बुलंद शख्यिसत की मालिक हैं।
इंदिरा गांधी ने परिणामों की परवाह किए बिना कई बार ऐसे साहसी फैसले लिए, जिनका पूरे देश को लाभ मिला और उनके कुछ ऐसे भी निर्णय रहे जिनका उन्हें राजनीतिक खामियाजा भुगतना पड़ा लेकिन उनके प्रशंसक और विरोधी, सभी यह मानते हैं कि वे कभी फैसले लेने में पीछे नहीं रहती थीं। जनता की नब्ज समझने की उनमें विलक्षण क्षमता थी।
प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की पुत्री इंदिरा का जन्म इलाहाबाद में 19 नवंबर 1917 को हुआ। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्होंने अपनी वानर सेना बनाई और सेनानियों के साथ काम किया। जब वे लंदन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ रही थीं तो वहां आजादी समर्थक ‘इंडिया लीग’ की सदस्य बनीं।
भारत लौटने पर उनका विवाह फिरोज गांधी से हुआ। वर्ष 1959 में ही उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। नेहरू के निधन के बाद जब लालबहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने तो इंदिरा ने उनके अनुरोध पर चुनाव लड़ा और सूचना तथा प्रसारण मंत्री बनीं।
उनके समकालीन नेताओं के अनुसार बैंकों का राष्ट्रीयकरण, पूर्व रजवाड़ों के प्रिवीपर्स समाप्त करना, कांग्रेस सिंडिकेट से विरोध मोल लेना, बांग्लादेश के गठन में मदद देना और अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को राजनयिक दांव-पेंच में मात देने जैसे तमाम कदम इंदिरा गांधी के व्यक्तित्व में मौजूद निडरता के परिचायक थे।
साथ ही आपातकाल की घोषणा, लोकनायक जयप्रकाश नारायण तथा प्रमुख विपक्षी नेताओं को जेल में डालना, ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसे कुछ निर्णयों के कारण उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उड़ीसा में एक जनसभा में गांधी पर भीड़ ने पथराव किया। एक पत्थर उनकी नाक पर लगा और खून बहने लगा।
इस घटना के बावजूद इंदिरा गांधी का हौसला कम नहीं हुआ। वे वापस दिल्ली आईं। नाक का उपचार करवाया और तीन चार दिन बाद वे अपनी चोटिल नाक के साथ फिर चुनाव प्रचार के लिए उड़ीसा पहुंच गईं। उनके इस हौसलों के कारण कांग्रेस को उड़ीसा के चुनाव में काफी लाभ मिला।
एक और वाकया 1973 का है। इंदिराजी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन में भाग लेने इलाहाबाद आईं थीं। उनकी सभा के दौरान विपक्षी नेताओं ने जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया और उन्हें काले झंडे दिखाए गए। लेकिन उस जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन से इंदिराजी के चेहरे पर कोई शिकन नहीं आई।
अपने संबोधन में विरोधियों को शांत करते हुए उन्होंने सबसे पहले कहा कि ‘मैं जानती हूं कि आप यहां इसलिए हैं क्योंकि जनता को कुछ तकलीफें हैं, लेकिन हमारी सरकार इस दिशा में काम कर रही है। इंदिराजी खामियाजे की परवाह किए बगैर फैसले करती थीं।
आपातकाल लगाने का काफी विरोध हुआ और उन्हें नुकसान उठाना पड़ा लेकिन चुनाव में वे फिर चुनकर आईं। ऐसा चमत्कार सिर्फ वे ही कर सकती थीं। इंदिरा की राजनीतिक छवि को आपातकाल की वजह से गहरा धक्का लगा। इसी का नतीजा रहा कि 1977 में देश की जनता ने उन्हें नकार दिया, हालांकि कुछ वर्षों बाद ही फिर से सत्ता में उनकी वापसी हुई।
उनके लिए 1980 का दशक खालिस्तानी आतंकवाद के रूप में बड़ी चुनौती लेकर आया। ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद वे सिख अलगाववादियों के निशाने पर थीं। 31 अक्टूबर 1984 को उनके दो सिख अंगरक्षकों ने ही उनकी हत्या कर दी। गरीबी मुक्त भारत इंदिरा का एक सपना था। जो आज भी साकार नहीं हो पाया है।
गढ़ाकोटा। गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल किसान और पिछड़ा वर्ग आंदोलन के तहत गढ़ाकोटा पहुंचे। हार्दिक पटैल ने कहा हम किसी को हराने नहीं आए हम खुद को जिताने आए हैं। युवाओं, किसानों, महिलाओं के मुद्दे पर आए हैं। आज देश में बेरोजगार कौन है? क्या अदाणी का बेटा बेरोजगार है? क्या शिवराज सिंह चौहान का बेटा बेरोजगार है? क्या गोपाल भार्गव का बेटा बेरोजगार है? नहीं, सिर्फ किसान का ही बेटा बेरोजगार है। किसान का ही बेटा मजदूर बन रहा है।
हार्दिक पटेल ने कहा हम चाहते हैं घर- घर में जनजागरण हो, चेतना हो, ताकि जनविरोधी लोगों से लड़ सकें। गुलामी की जंजीरों में जकड़े रहोगे तब तक अपने विचार और अधिकारों तक नहीं पहुंच पाओगे। हार्दिक ने एक बार फिर मंत्री गोपाल भार्गव को ठन- ठन गोपाल कहा।
हम सत्ता विरोधी: काॅलेज की छात्राओं के साथ हुई घटना पर हार्दिक ने कहा कि पिछड़े समाज की दो छात्राओं के साथ छेड़खानी फिर मारपीट हुई, जिससे उनकी पढ़ाई छूट गई। पिछड़ों की यही लड़ाई लेकर निकले हैं। आजाद हिंदुस्तान में जो लोग जीना चाहते हैं उन्हें मजबूत बनाएं, जागरूक किया जाए। भावांतर में किसानों से लूट हुई है। हार्दिक ने कहा हम कांग्रेस के साथ नहीं हैं, हम तो सत्ता के खिलाफ हैं। अब मप्र में दो ही पार्टियां हैं तो हम क्या करें।
भार्गव और हार्दिक समर्थक आमने- सामने: केंकरा से पथरिया जाते समय हार्दिक का काफिला बस स्टैंड पर रुका। जहां हार्दिक, जीवन , कमलेश साहू ने शहीदों की मूर्तियों पर माल्यार्पण किया। हार्दिक के समर्थक रोड शो नगर में अंदर कराना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने रोक दिया। जिस पर हार्दिक समर्थकों ने नारेबाजी की। इस दौरान वहां मंत्री गोपाल भार्गव के समर्थक भी आ गए जिन्होंने भी नारे लगाए। एक दूसरे के खिलाफ करीब 15 मिनिट नारेबाजी हुई। जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। बाद में हार्दिक का काफिला नगर भ्रमण के बजाए पथरिया की ओर चला गया।
मैं भाजपा विरोधी हूं
पथरिया में हार्दिक ने कहा कि मैं बीजेपी का विरोधी हूं और उसके खिलाफ ही लड़ता हूं। क्योंकि भाजपा में किस तरह लोगों को डराया धमकाया जाता है, गलत नीतियों से गरीब मजदूर वर्ग का शोषण किया जाता है, जिसका सीधा साधा उदाहरण भी आप लोगों के सामने है। प्रदेश के मंत्री की पत्नी शिक्षा माफिया है, जिसका नाम हर कोई अच्छे से जानता है। क्या किसी गरीब का बच्चा उनके स्कूल में पढ़ सकता है। मैं किसी को गलत नहीं ठहराता और न ही में किसी को दोषी मानता हूं, हम सब इसके जिम्मेदार हैं। यह बात सोमवार को हाईस्कूल परिसर में किसान आमसभा में गुजरात के पाटीदार समाज के नेता हार्दिक पटेल ने कहा किसानों काे संबाेधित करते हुए कही।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है। इसी के साथ इन राज्यों में चुनावी गहमागहमी का दौर तेज हो गया है। चुनाव तारीखों के एलान के बाद इन राज्यों में बड़े नेताओं के दौरे और रैलियों की संख्या बढ़ गई है। हम आपको बता रहे हैं इन राज्यों में चुनाव से जुड़ी हर छोटी-बड़ी खबरों का अपडेट।
-मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चयन को लेकर अंतिम दौर की बैठकें शुरू। दिल्ली में आज स्क्रीनिंग कमेटी की तीसरे दौर की बैठक होगी। इसमें बाकी बची हुई 159 सीटों पर मंथन होगा।
- छत्तीसगढ़ : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एक दिवसीय दौरे पर आज रायपुर आ रहे हैं। राहुल साइंस कॉलेज में जनसभा को संबोधित करेंगे। साथ ही सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा भी करेंगे।
राहुल गांधी दोपहर बाद करीब ढाई बजे नियमित विमान से रायपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।एसपीजी की रिपोर्ट के बाद राहुल गांधी के तय कार्यक्रमों में थोड़ा बदलाव किया गया है।
सुरक्षा कारणों की वजह से वह महामाया मंदिर नहीं जा पाएंगे। पहले राहुल गांधी का महामाया मंदिर जाने और वहां दर्शन-पूजन का कार्यक्रम था।
नयी दिल्ली। मोदी सरकार पर इतिहास को फिर से लिखने का प्रयास करने के कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए भाजपा ने सोमवार को कहा कि नेताजी, सरदार पटेल, बाबा साहब आंबेडकर जैसे महापुरूषों के सम्मान पर विपक्षी दल को ऐतराज क्यों हो रहा है? भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने यहां कहा, ‘‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जैसे महापुरूषों का सम्मान किये जाने का तो कांग्रेस को स्वागत करना चाहिए। लेकिन उसे इस पर ऐतराज है, क्यों?’’
पाटन से तमाम कार्यकर्ता रविवार शाम राजधानी स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय एकात्म परिसर पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे सैंकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता मोतीलाल वापस जाओ का नारा लगा रहे हैं। उनके इस प्रदर्शन में महासमुंद से आए कार्यकर्ता भी शामिल हो गए और बाहर धरना पर बैठ गए हैं।
दरअसल, पाटन से भाजपा ने मोतीलाल साहू को टिकट दिया है। मोतीलाल को टिकट देने से नाराज स्थानीय भाजपा नेताओं ने उनका विरोध शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारी भूपेश बघेल के खिलाफ स्थानीय उम्मीदवार उतारने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि हमें बाहरी प्रत्याशी नहीं चाहिए।
प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि पाटन कांग्रेस का गढ़ रहा है। ऐसे में यहां किसी मजबूत उम्मीदवार को टिकट दिया जाना चाहिए था। बाहरी व्यक्ति होने से उसे पूरा सहयोग नहीं मिलेगा। स्थानीय को टिकट मिले, जिससे हमें जीत मिल सके।
कार्यकर्ताओं ने मोतीलाल की जगह स्थानीय प्रत्याशी को टिकट ने मिलने पर सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी पार्टी को दी है। इससे पहले कार्यकर्ता कुशाभाऊ ठाकरे परिसर भी पहुंचे और वहां मौजूद नेता नंद कुमार साय से बात करने का भी प्रयास किया। जब साय कार से जाने लगे तो कार्यकर्ताओं ने वहां भी उनका घेराव कर दिया। वहीं हंगामे के बाद भाजपा कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।
जयपुर । आम आदमी पार्टी का राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर घोषणा पत्र आगामी 28 अक्टूबर को जारी होगा, और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यह घोषणा पत्र जारी करेंगे। प्रदेश घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष रामपाल जाट ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि आगामी 23 अक्टूबर से जयपुर में आम आदमी पार्टी क तरफ से किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर अनशन भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अनशनस्थल पर ही घोषणा पत्र को लेकर सुझाव और खुली बहस की जाएगी। साथ ही 27 अक्टूबर तक घोषणा पत्र पर सुझाव लिए जाएंगे और फाइलन किया जाएगा । उन्होंने बताया कि रामलीला मैदान में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जनसभा में यह घोषणा पत्र जारी होगा।
उन्होंने बताया कि किसानों के लिए प्रदेश के 4500 गांवों में 247 खरीद केंद्र बनाएं जो ऊंट के मुंह में जीरा जैसे है। सरकार की इन नीतियों की वजह से किसानों को अपना माल बिचौलियों को औने—पौने दामों पर बेचना पड़ रहा है। मूंगफली की फसल कट चुकी है लेकिन, ज्यादातर केंद्रों पर खरीद अभी तक शुरू नहीं की गई।
इसी तरह राजस्थान का किसान एक और बड़ी समस्या से जूझ रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल किसानों का प्रीमियम उनके खातों से आॅनलाइन काट लिया गया। इस योजना में जिन किसानों की फसल खराब हुई हैं उनके क्लेम आज तक पास नहीं किए गए। ये किसान बीमा कंपनियों और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं।
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा के कथा-कथित परिवार कहां गया था। इनकी स्वतंत्रता आन्दोलन में क्या भूमिका रही है। यह बयान उस परिप्रेक्ष्य में आया है जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से कहा था कि एक परिवार को याद रखने में अम्बेडकर, नेताजी, पटेल को भुलाया गया । सिंघवी ने बताया कि सुभाष चन्द बोस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नजदीकी संगठन हिन्दू महासभा को साम्प्रदायिक कहा था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का एक मात्र कार्य है कि इतिहास को मिटाना।
रायपुर. मायावती अब सीएम के राजनांदगांव से नहीं, बल्कि सरगुजा के सामरी से पार्टी के चुनाव प्रचार का आगाज करेंगी। वह 4 नवंबर को प्रदेश दौरे पर आएंगी। सामरी में सुबह दस बजे और 12 बजे भिलाई नगर में जनसभा को संबोधित करेंगी। पहले बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष की डोंगरगढ़ में इसी दिन रैली होने वाली थी। लेकिन, शुक्रवार को अजीत जोगी के चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान के बाद इस तरह का बदलाव हुआ है।
बसपा ने इस बार मायावती के धुआंधार प्रचार की योजना बनाई है। जिसके तहत उनकी प्रदेश में 6 रैलियां होंगी। इसमें से दो रैलियां पहले चरण की वोटिंग से पहले और बाकी चार रैलियां दूसरे चरण की वोटिंग से पहले होना तय किया गया है। इससे पहले चुनाव आचार संहिता लगने के बाद मायावती ने बिलासपुर में रैली की थी। लखनऊ में जोगी कांग्रेस के साथ गठबंधन के बाद हुई इस रैली के बाद ही उनके व्यापक प्रचार कार्यक्रम की योजना बनाई गई है।
बसपा में अब दूसरे चरण के प्रत्याशियों की तीसरी लिस्ट को अंतिम रूप देने की कवायद भी तेज हो गई है। जल्द ही पार्टी की ओर से उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी हो सकती है। पार्टी ने शुक्रवार को 12 और उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जल्द ही कुछ और बड़े नाम पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
गठबंधन में सीपीआई के खाते में 2 सीटें जाने के बाद पार्टी के दूसरे चरण के लिए अब 27 प्रत्याशियों का चयन करना है। पहली सूची में पार्टी ने अपने हिस्से की पहले दौर की सभी 6 और दूसरे दौर की 12 सीटों पर नाम तय किए हैं। अब पार्टी को केवल 15 और नामों की घोषणा करनी है। दरअसल, 26 अक्टूबर से दूसरे दौर के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। लिहाजा पार्टी अब इस काम को जल्द अंजाम देना चाहती है।
बालोद. गुंडरदेही से आम आदमी पार्टी की घोषित प्रत्याशी नम्रता सोनी ने सियादेही मंदिर में दर्शन के दौरान छेड़खानी का आरोप लगाया है। सोनी ने बताया कि दो बाइक पर छह आरोपी थे। पुलिस को उन्होंने बाइक के नंबर भी दे दिए हैं, लेकिन अभी तक कोई जांच नहीं हुई। उन्होंने शुक्रवार को एसपी आईके एलिसेला से फोन पर चर्चा कर सुरक्षा दिलाने की मांग की।
नम्रता का कहना है कि कहीं न कहीं ये उन्हें विपक्ष के लोगों की चाल लग रही है, जो उन्हें डराने की कोशिश कर रहे हैं। लगभग एक हफ्ते से वह नोटिस कर रहीं हैं कि कुछ लोग उनकी कार का पीछा करते हैं। सियादेही दर्शन करने के लिए परिवार सहित सात सदस्य गए थे। वहां भी 3 किमी तक अज्ञात बाइक सवार उनका पीछा करते रहे।
मंदिर में भी जब दर्शन करके निकले, तो बाइक सवार युवक अश्लील टिप्पणियां करते रहे। जब वहां से घर के लिए रवाना हुए तो एक बाइक सवार कभी आगे तो कभी पीछे जाकर उनकी कार रोकने की कोशिश भी करता रहा।
जब तक नामांकन नहीं होता, तब तक हम उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकते। - आईके एलिसेला, एसपी