छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (16717)

जांजगीर चांपा। छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ विकासखंड बलौदा के अध्यक्ष हरीश कुमार गोपाल के द्वारा  विकासखंड शिक्षा अधिकारी बलौदा श्याम रतन खाण्डे को विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया।
इसमें मुख्य रूप से एक जनवरी 2019 से लंबित महंगाई भत्ते की एरियर्स राशि के साथ माह अक्टूबर 2019 का वेतन दीपावली के पूर्व भुगतान किए जाने के संबंध में ज्ञापन दिया गया। इसमें यह भी निवेदित किया गया है कि जुलाई 2019 से संविलियन किए गए समस्त शिक्षकों का लंबित वेतन अति शीघ्र प्रदान किया जाए। विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्याम रतन खांडे के द्वारा महंगाई भत्ता को अतिशीघ्र भुगतान के लिए कहा गया जो दीपावली के पूर्व प्रदान किया जाएगा। इस पर रामस्वरूप साहू, उमेश राठौर, दिलीप कुमार मरावी, पूनम कुमार साहू, रामकुमार कश्यप, सुशील कंवर, शंकर कंवर, कृष्ण कुमार देवांगन आदि मौजूद थे।

जांजगीर-चांपा। संभाग स्तरीय कराते प्रतियोगिता सांस्कृतिक भवन सक्ती में आयोजित जिले के सभी स्कूलों के चयनित प्रतिभागी सम्मिलित हुए। संभाग स्तरीय कराते प्रतियोगिता के आयोजन में छात्रों ने अपने कराते क्रीड़ा कौशल का प्रदर्शन किया, जिसमें ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल बनारी जांजगीर से 3 प्रतिभागी शामिल हुए।
इसमें से ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल बनारी जांजगीर के छात्र कक्षा छइवीं से अर्नीष मजूमदार ने अपने कुशल कराते कौशल का प्रदर्शन करते हुए राज्य स्तरीय कराते प्रतियोगिता में चयनित होकर विद्यालय एवं शहर तथा अपने परिवार को गौरांवित किया। इस राज्य स्तरीय चयन पर विद्यालय के संचालक आलोक अग्रवाल विद्यालय के प्राचार्या श्रीमती सोनाली सिंह एवं विद्यालय के समस्त स्टॉफ ने चयनित छात्रों को बधाई एवं शुभकामना की तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उपरोक्त राज्य स्तरीय प्रतियागिता में विद्यालय के खेल प्रशिक्षक पुरूषोत्तम सोनी कराते प्रशिक्षक रोशन, भानू एवं कराते अनुदेशक वरूण पाण्डेय का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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पहुंचविहीन गांव अपनी दशा पर आंसू बहा रहा
25 वर्ष पहले हुआ था गलत परिसीमन, नारकीय जीवन जी रहे ग्रामीण
जांजगीर-चांपा। जैजैपुर ब्लॉक के ग्राम आमाकोनी और छिर्राडीह के लोग आश्रित गांव का दंश झेल रहे हैं। दोनों ही गांवों में आज समस्या का अंबार है तो वहीं ये ग्रामीण अब भी मुख्यधारा से नहीं जुड़ पा रहे है। यहां जाने के लिए सड़क तक नहीं है। दोनों गांवो की हर गली कीचड़ से सराबोर हैं।
आश्रित ग्राम होने एवं पंचायत मुख्यालय से सीधा संपर्क नहीं होने के कारण इन गांवों में विकास कार्य ठप है। 25 वर्ष पहले अधिकारियों द्वारा गलत परिसीमन के कारण दोनों ही गांवों के लोग आज नारकीय जीवन जीने मजबूर है। दोनों आश्रित गांव जहां पंचायत जाने के लिए पहुंच मार्ग नहीं हैं। इससे लोगों को कई तरह की परेशानी हो रही है। 20 वर्ष पहले जैजैपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत रीवाडीह और आमाकोनी को मिलाकर एक पंचायत बनाया गया था। जब दोनों गांव को पंचायत बनाया गया, उसमें अधिकारियों द्वारा घोर लापरवाही बरती गई। इन दोनों गांवों के बीच पहुंच मार्ग नहीं है। उसके बाद भी दोनों गांवो का परिसीमन कर पंचायत बना दिया गया। दोनांे गांवों की दूरी लगभग 3 किलोमीटर है। इन 3 किलोमीटर के रास्ते मंे खेत के मेड़ जैसे पगडंडी रास्ते और दो नाला जिस पर पुल का निर्माण नहीं किया गया हैं। पार कर रीवाडीह जाना पड़ता। इन बीस वर्षों में दोनों गांवों को जोड़ने के लिए पक्की सड़क तो दूर की बात है, कच्ची सड़क का निर्माण भी नहीं कराया जा सका है। यही हाल ग्राम छिर्राडीह का भी हैं। छिर्राडीह को ग्राम पंचायत बहेराडीह के साथ पंचायत बनाया गया लेकिन इन दोनों गांवों को जोड़ने के लिए पहुंच मार्ग नहीं बनाया जा सका। अब छिर्राडीह के लोग अपने पंचायत जाने के लिए ग्राम आमाकोनी से पार होकर 6 किलोमीटर सफर तय कर बहेराडीह पहुंचते हैं। इन गांवों की समस्या से नेताओं को भी कोई सरोकार नहीं है। ऐसे में ग्रामीण करें तो क्या करे।
पंचायत बनाने की मांग
छिर्राडीह और आमाकोनी की दूरी महज 200 मीटर है। वर्ष 2011 की जनगणना में छिर्राडीह की 611 तो आमाकोनी की जनसंख्या 681 है। दोनों गांव की जनसंख्या 1292 है।  छत्तीसगढ़ में 15 साल तक भाजपा की सरकार रही। तब पंचायतों का परिसीमन किया गया। उस समय दोनों गांव को मिलाकर पंचायत बनाने की मांग ग्रामीणों ने की थी लेकिन भाजपा सरकार में बेलगाम हो अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्या को नियम कायदा के जाल में उलझाकर नजरअंदाज कर दिया। अब छत्तीसगढ़ में सरकार बदली है तो ग्रामीणों को काफी आस है।
राशन लेने की परेशानी
ग्राम छिर्राडीह के लोगों के लिए अपने ग्राम पंचायत बहेराडीह जाना और ग्राम आमाकोनी के लोगों को ग्राम पंचायत रीवाडीह जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजना का लाभ लेने सहित उचित मूल्य की दुकान से राशन लेने लोगो को हर माह ग्राम पंचायत जाना पड़ता है। सड़क नहीं होने से दोनांे ही गांव के लोगो को पंचायत तक जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। आवागमन के लिए सड़क नहीं होना एक गंभीर बाधा हैं, जिस पर शासन प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
इस तरह की समस्या
जैजैपुर ब्लॉक की बात करे तो लोगों की समस्याओं को देखते हुए पहले भी इन नियमो को शिथिल कर ग्राम पंचायत बनाया गया है। वर्ष 2014 में जैजैपुर ब्लॉक के पिसौद पटवारी हल्का नम्बर 24 और बरेकेलखुर्द पटवारी हल्का नंबर 23 को मिलाकर नवीन ग्राम पंचायत बनाया गया है, जिसमें दोनांे ही गांवों के पटवारी हल्का नंबर अलग अलग है। वही इसी सत्र में पाड़ाहरदी हल्का नंबर 12 और सेमराडीह हल्का नंबर 16 को मिलाकर नवीन ग्राम पंचायत बनाया गया हैं। इन दोनों गांवों में भी पटवारी हल्का नंबर अलग अलग हैं। इससे पहले भी लोगों की समस्याओं को देखते हुए कई नियमों को शिथिल किया जा चुका हैं।

छह सूत्रीय मांगों को लेकर तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
जांजगीर-चांपा। जनपद पंचायत मालखरौदा के ग्राम सिंघरा में शिवसेना जिलाध्यक्ष ठा.ओंकार सिंह गहलौत के निर्देश पर चंदन धीवर (जिला सचिव) के नेतृत्व में जनहित की 6 सुत्रीय मांगों व समस्याओं को लेकर बाजार चौंक में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया।
ज्ञापन में मांग की गई है कि ग्राम सिंघरा में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौंचालय निर्माण के बावजूद अब तक हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है। उन्हें शीघ्र प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाए। इसी तरह ग्राम सिंघरा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों द्वारा आवास निर्माण किया गया है, लेकिन हितग्राहियों को अब तक राशि नहीं मिल सकी है। आवास की राशि तत्काल दिया जाए। ग्राम सिंघरा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों से 10-20 हजार रुप तक राशि सरपंच व सचिव के द्वारा लिए जाने पर ही आवास का लाभ दिया जा रहा है। जिसकी जांच कर राशि वसूली करने वाले दोषी ब्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया जाए। ग्राम सिंघरा में संचालित मां सरई श्रृंगार महिला स्व सहायता समूह के द्वारा शासकीय राशि का दुरूपयोग करते हुए भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इसकी शिकायत ग्रामीण कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। उन्होंने राज्यपाल, मुख्यमं़ी व प्रभारी मंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन दिया। इस दौरान धनाराम साहू (किसान सेना जिलाध्यक्ष), राजेन्द्र चन्द्रा (जिला उपाध्यक्ष), चंदन धीवर (जिला सचिव), कार्तिक साहू (विधान सभा प्रभारी चन्द्रपुर), बलभद्र पटेल (विधान सभा अध्यक्ष सक्ती),  मोहन सारथी (आटो संघ अध्यक्ष), भुषण साहू (किसान सेना अध्यक्ष मालखरौदा), वेद प्रकाश पटेल (ब्लॉक उपाध्यक्ष मालखरौदा), सोनाऊ राम चन्द्रा, वेदराम टण्डन, जीवन यादव, राजकुमार सारथी, नरेंद्र यादव सहित बडी संख्या में शिवसैनिक, ग्रामवासी उपस्थित थे।

मजदूर की संदिग्ध मौत के बाद शव को कर दिया था दफन
जैजैपुर क्षेत्र के खम्हारडीह का मामला
जांजगीर-चांपा। संदिग्ध स्थिति में मजदूर की मौत के बाद उसके शव को दफन कर दिया गया। मृतका की पत्नी की रिपोर्ट के बाद आज कब्र खोदकर शव को बाहर निकाला और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इस दौरान रायगढ़ और जांजगीर चांपा जिले की पुलिस बड़ी संख्या में मौजूद थी।
जैजैपुर क्षेत्र के ग्राम खम्हारडीह राजकुमार चन्द्रा अपनी पत्नी त्रिवेणी चन्द्रा और छोटे पुत्र ईश्वर चन्द्रा के साथ ग्राम पूंजीपथरा रायगढ़ में रहता था। वह अंजली पावर प्लांट उज्जवलपुर गिरवानी पूंजीपथरा में काम करता था। रोज की तरह बीते 12 सितंबर को राजकुमार चंद्रा काम करने कंपनी गया था। जब वह घर से काम पर निकला तो पूरी तरह स्वस्थ था। कुछ देर बाद राजकुमार चंद्रा की हार्ट अटैक में मौत होने और उसकी लाश  अस्पताल में होने की खबर परिजनों को दी गई। उसकी पत्नी तत्काल अस्पताल पहुंची, तब ठेकेदार नागेश्ववर बरेठ ने उसे वहां रोने से मना करते हुए किसी तरह की सहयोग राशि नहीं मिलने का हवाला दिया। इसके बाद ठेकेदार ने कुछ लोगों के सहयोग से शव को उसके गृहग्राम खम्हारडीह लाया गया। के बाद शव को दफन कर दिया गया। इधर, कंपनी से किसी तरह का सहयोग नहीं मिलने और मामला संदिग्ध लगने पर मृतक की पत्नी ने पूंजीपथरा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई।
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जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों में अप्रत्यक्ष प्रणाली से होने वाले अध्यक्ष चुनाव मामले में जैजैपुर विधायक केशव चंद्रा ने कांग्रेस सरकार के फैसले को गलत बताया। उन्होंने कहा कि पहले जो चुनाव की व्यवस्था थी वह सही थी।  विधायक ने कहा कि सरकार का यह फैसला लोकतंत्र के विपरीत है। पहले जनता सीधे अध्यक्ष का चुनाव करती थी। कांग्रेस को लगता है कि उसकी लोकप्रियता घट गई है। इसलिए धन-बल और अधिकारियों के दम पर सत्ता की ताकत से कांग्रेस चुनाव लड़ना चाहती है। बसपा विधायक केशव चंद्रा ने मांग की कि छत्तीसगढ़ में पूर्व की भांति प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराया जाए।

न्यू कोरबा हॉस्पिटल का *पांच वर्ष तक का सफर रहा बेहतर
कोरबा। वर्तमान में जहां चिकित्सक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवा के नाम से लोगों को गुमराह करते हुए सिर्फ और सिर्फ अपना स्वार्थ पूरा करने में लगे हुए हैं, वहीं जिले में संचालित न्यू कोरबा हॉस्पिटल के डायरेक्टर व प्रसिद्ध अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ शोभराज चंदानी अपनी इन्हीं सेवाओं को समाज के सामने प्रस्तुत कर स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवा की बेजोड़ मिशाल पेश कर रहे हैं। अब तक डॉ. चंदानी ने न केवल अपने अस्पताल में तमाम मरीजों और उनके परिजनों को राहत पहुंचाई है बल्कि अपने अन्य सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर अन्यों के सामने भी उदारहण प्रस्तुत किया है।
बेहद सामान्य परिवार के डॉ. एस चंदानी जहां पले और बढ़े उस धरती का कर्ज चुकाने कोरबा में सर्वसुविधायुक्त हॉस्पिटल खोलने का निर्णय लिया। उन्होंने जनसेवा  के इस सफर की शुरुआत वर्ष 2014 में न्यू कोरबा हॉस्पिटल से हुई। इस सफर को अब पूरे 5 साल हो गए हैं। कठिन परिस्थितियों के बावजूद उनके शून्य से शिखर तक की यात्रा किसी मिशाल से कम नहीं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलते चेहरे का नाम बन चुके हैं, डॉ. एस चंदानी। कोई बदलाव रातों-रात नहीं आता, उसके पीछे एक गहन संघर्ष का दौर होता है। रोजाना बाजार में छोटे-मोटे सामान बेचने से लेकर बिलासपुर संभाग के चिकित्सा जगत में अपना विशिष्ट पहचान बनाने वाले सर्वश्रेष्ठ अस्पताल न्यू कोरबा हॉस्पिटल के डायरेक्टर बनने तक की यात्रा ऐसे ही गहन संघर्ष से सफलता तक का एक जीता-जागता उदाहरण है। डॉ. एस चंदानी के पिता आरएल चंदानी, देश विभाजन काल में परिवार के साथ चकरभाठा बिलासपुर के शरणार्थी शिविर पहुंचे। विभाजन के कारण उनका सब कुछ अखण्ड भारत के विभाजित पाकिस्तान वाले हिस्से में ही छूट गया, जिसके कारण उनके समक्ष आर्थिक व सामाजिक रुप से पुर्नव्यवस्थित होने की चुनौती खड़ी हो गई, जिसका सामना छोटे मोटे व्यवसाय कर डॉ. एस चंदानी के पिता को करना पड़ा। 6 वर्ष की आयु में डॉ.एस चंदानी अपने परिवार के साथ कोरबा आ गए। बचपन से ही पढ़ाई में कुशल होने के कारण वे स्कूल के शैक्षणिक सत्र के पूर्ण होने के पूर्व ही पढ़ाई पूरी कर लिया करते थे जबकि स्कूल का कोर्स अधूरा रह जाता था। बचपन से ही दुनिया से हटकर सोचने की इसी आदत ने उनकी सफलता के रास्ते खोल दिए। पढ़ाई के साथ ही जीवन का संघर्ष भी बदस्तूर जारी रहा, फिर चाहे वो रविवार को दर्री साप्ताहिक बाजार में साइकिल से जाना और सामान बेच 150-200 रुपए की कमाई करना हो या मौसमी दुकानों की कमाई द्वारा अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई का खर्च निकालना। एमबीबीएस के पश्चात एमएस ज्वाइन कर डॉ.एस चंदानी ने ऑल इंडिया में 190वां रैंक प्राप्त किया, 3 वर्ष ऑर्थोपेडिक की पढ़ाई करने के बाद 6 माह दिल्ली में कार्यरत रहे। इसी दौरान डॉ.एस चंदानी का विवाह डॉ. वंदना से हुआ। डॉ. वंदना चंदानी को भी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में फिजियोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर की पोस्ट मिल गई।

ऐसे हुई सेवा की शुरुआत
डॉ.एस चंदानी ने अपनी एमएस की स्कॉलरशिप और पत्नी की तनख्वाह से एक-डेढ़ वर्ष की जमा-पूंजी जोड़कर कोरबा में एक क्लीनिक की शुरुआत की। डॉ. एस चंदानी ने अपनी आंखों से कोरबा के लोगों की चिकित्सकीय आवश्यकताएं व परेशानियां देखीं तथा चंदानी दंपत्ति के सेवा प्रयासों को जनता से बेहतर प्रतिसाद भी मिलता गया, जिसके हौसले से उन्होंने कोरबा में सुपर स्पेश्यालिटी अस्पताल का सपना देखा व उसे हकीकत का रुप भी दिया। काफी परिश्रम के बाद और कई जगह से सहायता के लिए ना सुनने के बाद भी अपने प्रयासों एवं डॉ. जीएल वाधवानी, डॉ. पालीवाल एवं डॉ. श्रीमती पालीवाल के सहयोग से उन्होंने कोरबा के सबसे बड़े अस्पताल की नींव रखी, जो कि गत पांच वर्षों में अत्याधुनिक मशीनों से लैस होकर बिलासपुर संभाग के चिकित्सा जगत में अपना विशिष्ट स्थान रखने वाला सर्वश्रेष्ठ सुपर स्पेश्यालिटी अस्पताल बन चुका है।

सभी सेवाएं 24 घंटे
स्थापना दिवस के मात्र 5 वर्षों में 2 लाख से अधिक मरीज यहां से खुशहाल घर लौटे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर विस्तार व गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी का ही नतीजा है कि किसी भी आपात स्थिति में एनकेएच प्रथम विकल्प बन चुका है। टीम एनकेएच में 17 विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित 450 चिकित्साकर्मियों के अलावा यहां अस्थि रोग, हृदय रोग, छाती रोग, स्त्री व शिशु रोग, मनोरोग, न्यूरो सर्जन विभाग, इंटरनल मेडिसिन, चर्म रोग सहित जनरल सर्जन 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं। यह दृढ़ संकल्प का ही परिणाम है कि बाजार जाकर सामान बेचने वाला शोभराज आज डॉ. एस चंदानी के रुप में हजारों बेरोजगारों को रोजगार व मरीजों को नया जीवन दे रहा है, यह वाकई एक ईश्वरीय प्रयोजन ही हो सकता है।

गरीबों के लिए चेरिटेबल ट्रस्ट
गरीबी को बचपन में नजदीकी से देखने के कारण डॉ. एस चंदानी गरीबों के दर्द को भी भलीभांति समझते है, इसलिए वर्ष 2009 से वे गरीबों के लिए एक चेरिटेबल ट्रस्ट भी चला रहे हैं, जहां आर्थिक रुप से असहाय मरीजों को मुफ्त व रियायती दरों पर इलाज मुहैया कराया जा रहा है। कुछ समय पूर्व बाल्को कोरबा में आई बाढ़ के दौरान भी डॉ. एस चंदानी ने राहत शिविर लगाकर पीड़ितों के मुफ्त इलाज व भोजन सामाग्रियों की व्यवस्था करने का बीड़ा उठाया था। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए निर्धन परिवार से जुड़ी बालिकाओं को शिक्षा भी ग्रहण कराते आ रहे हैं। डॉ. एस चंदानी अपनी अब तक की पूरी सफलता का श्रेय अपने परिवार के सहयोग तथा जनता के प्यार एवं विश्वास को देते हैं, परंतु अपनी इस विशाल सफलता को भी वे अभी पूर्ण नहीं मानते। उनका यह ध्येय एवं दृष्टिकोण है कि आने वाले 5 वर्षों में कैंसर, हृदय की गंभीर समस्याएं, किडनी संबंधित गहन बीमारियों का उपचार भी न्यू कोरबा हॉस्पिटल में ही संभव करा पाएं ताकि लोगों को मजबूरीवश बड़े शहरों का रुख न करना पड़े, वे मानते हैं तभी उनकी सफलता पूर्ण होगी।

जगदलपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सावरकर पर दिए बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पलटवार किया है. रमन सिंह ने कहा भूपेश बघेल छोटी मानसिकता के हैं. उनके कहने से सावरकर के चरित्र पर कोई कीचड़ नहीं उछाल सकता है.

पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि विनायक दामोदर सावरकर ने 11 साल काला पानी की सजा काटी है. भूपेश बघेल एक दिन काट कर दिखाएं. सावरकर को भारत रत्न मिलना चाहिए. पिछली सरकार का दोष था कि उन्हें नहीं मिला.

बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि गोडसे सावरकर का शिष्य था और यह एक ऐतिहासिक तथ्य है जिसे कोई नकार नहीं सकता है. सावरकर महात्मा गांधी की हत्या की साजिश का हिस्सा था. इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न दिलाने का वादा किया है. इस वादे के साथ ही सावरकर को लेकर चर्चाओं का दौर एक बार फिर से शुरू हो गया है. पक्ष विपक्ष के नेता बयानबाजी कर रहे हैं.

 

रायपुर। दीपावली के पश्चात गोवर्धन पूजा मनाया जाता है। प्रदेश सरकार ने सुराजी गांव योजना के अंतर्गत निर्मित गौठानों में गोवर्धन पूजा के दिन गौठान दिवस मनाया जाएगा। राज्य सरकार के कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा सुराजी गांव योजना के तहत गोवर्धन पूजा के दिन गौठान दिवस मनाए जाने के संबंध में प्रदेश के सभी कलेक्टरों और मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

जारी निर्देश के अनुसार सुराजी गांव योजना के तहत चयनित गांवों में गौठान निर्मित किए गए हैं, जहां गौवंश प्रतिदिन आते है। गोवर्धन पूजा के दिन उन गौठानों में गौठान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय राज्य शासन द्वारा लिया गया है। कार्यक्रम में परम्परागत पूजा-अर्जना के अतिरिक्त गौठान दिवस के पूर्व गौठान समिति का गठन और गौठान समिति को औपचारिक रूप से कार्यभार गौठान दिवस में दिया जाएगा।

गौठान समिति को बैंकों में तत्काल खाता खुलवाने को कहा गया है ताकि नवम्बर माह से इन खातों में आबंटन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू हो सके। जिलों के सभी गौठान सेवा समिति के सदस्यों के नाम और खातों की जानकारी 10 नवम्बर तक संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं को देने के निर्देश दिए गए हैं। यदि नवीन गौठान के लिए चयनित और स्वीकृत भूमि हो तो उनका भूमि पूजन पंचायत एवं ग्राम के समक्ष गौठान दिवस पर कराया जाएगा।

महिला स्व-सहायता समूहों को जो गौठान में विविध कार्य करते हैं और जो भविष्य में गौठान सेवा समिति के साथ गौठान कार्याें का संपादन करेंगे, इन सभी स्व-सहायता समूहों की सहभागिता भी गौठान दिवस के कार्यक्रम में सुनिश्चित करने को कहा गया है। गौठान दिवस के कार्यक्रम हेतु समय और रूपरेखा आदि स्थानीय स्तर पर तय किया जाएगा।

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को पत्र लिखकर वर्ष 2019 का अर्थशास्त्र (इकोनॉमिक्स) का नोबेल पुरस्कार प्राप्त होने के लिए बधाई और शुभकामनाएँ दी है, साथ ही छत्तीसगढ़वासियों की ओर से छत्तीसगढ़ आने का न्यौता भी दिया।

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा कि अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने पर मैं आपको अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ। दुनिया भर में हर भारतीय के लिए यह गर्व का क्षण है, जो हमें ऐसी महानता प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर रहा है, जिसे दुनिया भर में उच्चतम स्तर पर मान्यता प्राप्त हो। नंगे पांव रहने वाले बच्चों, काली खांसी और स्कूल ड्रॉप आउट बच्चों के बीच संबंध जैसे मुद्दों पर संदर्भ-आधारित समाधानों पर आपका शोध कई लोगों को व्यावहारिक और कार्यान्वयन योग्य समाधान प्रदान करेगा और उन्हें अंतर्निहित जटिल व्यवहार संबंधी मुद्दों से निपटने में मदद करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास और सशक्तिकरण लाने के लिए प्रतिबद्ध है। न्यूनतम आय योजना (एन.वाई.ए.वाई.) का विचार गरीबी और असमानता को दूर करने के हमारे प्रयासों का एक मार्गदर्शक सिद्धांत रहा है। राज्य ने गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण विकास की अपनी यात्रा नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के माध्यम से शुरू की है। राज्य सरकार ने संदर्भ आधारित रोजगार गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान के लिए कई पहल शुरू की हैं। मुझे यकीन है कि राज्य के विजन और भविष्य के रोडमैप पर आपका मार्गदर्शन हमारे तरीकों और मान्यताओं की पुष्टि करेगा, जिससे हम राज्य के हर एक व्यक्ति के विकास और सशक्तिकरण के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे।

मैं आपकी सुविधा के अनुसार राज्य के लोगों की ओर से छत्तीसगढ़ आने के लिए सौहार्दपूर्ण निमंत्रण देता हूं। राज्य की वर्तमान नीतियों और गरीबी उन्मूलन में तेजी लाने के लिए आवश्यक कदमों के साथ आपके साथ एक सुखद बातचीत एक उत्थान और स्थायी अनुभव होगा।

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