ईश्वर दुबे
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Bhilai
नीम की पत्तियों से लेकर इसकी छाल और निबौरियों भी कई रोगों को ठीक करने के काम आती है। सुबह खाली पेट नीम का सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है साथ ही व्यक्ति को कई बीमारियों से भी निजात मिलती है। नीम के इतने फायदे होने के बावजूद अगर इसका सेवन गलत तरह से किया जाता है तो ये फायदे की जगह व्यक्ति की सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
लो ब्लड शुगर होना - नीम की पत्तियों का सेवन करने से शरीर के अंदर हाइपोग्लाइसेमिक या ब्लड शुगर का स्तर कम होता है। अगर आप नीम की पत्तियों का रोज और ज्यादा सेवन करते हैं तो इससे आपका ब्लड शुगर अधिक लो हो सकता है। दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब अधिक मात्रा में नीम लिया जाता है, तो व्यक्ति को हाइपोग्लाइसीमिया की परेशानी हो सकती है, जिसके कारण चक्कर आना और कमजोरी आदि हो सकती है।
एलर्जी - एक अध्ययन के अनुसार लगातार तीन हफ्तों तक नीम का सेवन करने से शरीर में एलर्जी की प्रतिक्रिया हुई, जो कि दाने और चक्कते के रूप में नजर आते हैं। कई बार इसके कारण लोगों के शरीर पर बिना वजह खुजली होती है। ऐसे में व्यक्ति को कुछ दिनों के लिए नीम लेना बंद कर देना चाहिए।
किडनी डैमेज का खतरा -नीम आपके शरीर को प्यूरीफाई और डिटॉक्स कर देता है। पर अगर ये ज्यादा हो जाए तो किडनी फ्लेयोर का डर बढ़ जाता है। ऐसे में हर व्यक्ति को इसे लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
पेट की परेशानियां - नीम आपकी पेट से जुड़ी परेशानियों का भी कारण बन सकता है। ज्यादा नीम की पत्तियों का सेवन करने से आपको मतली या पेट में जलन आदि हो सकती है। जब आप नीम का ज्यादा मात्रा में सेवन करते हैं, तो यह आपके फैट को ज्यादा बर्न करेगा और आपको खाली पेट जलन और मतली आदि हो सकती है।
इम्यून सिस्टम को ओवर एक्टीवेट करने का खतरा - नीम या नीम आधारित उत्पादों का सेवन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दे सकता है। हालांकि, आपको डॉक्टर से पूछ कर ही नीम का सेवन करना चाहिए। क्योंकि नीम का अधिक सेवन इम्यून सिस्टम को एक्टिवेट कर सकता है और अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों को ट्रिगर कर सकता है।
कितनी मात्रा में नीम लेना सही - नीम के पत्तों का अर्क या जेल दांतों और मसूड़ों पर 6 सप्ताह तक लगातार इस्तेमाल किया जा सकता है।ब्रश करने के बाद 30 सेकंड के लिए माउथवॉश के रूप में 15 एमएल नीम का ही उपयोग करें।रोजाना 3 मिलीग्राम से ज्यादा नीम के पत्तियों के अर्क का सेवन न करें।
सदाबहार का पौधा न सर्फ घर की खूबसूरती बढ़ाने का काम करता है बल्कि आपको डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसे रोगों से दूर रखने में भी आपकी मदद करता है। पांच पंखुड़ियों वाला यह फूल सफेद, गुलाबी, फालसाई, जामुनी आदि रंगों का होता है, जिसे अंग्रेजी में विंका के नाम से जाना जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर - सदाबहार की जड़ में अजमलिसिन और सर्पटाइन नामक क्षाराभ पाए जाते हैं, जो के एंटी अतिसंवेदनशील होते हैं। ये गुण उच्च रक्तचाप के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसकी जड़ को साफ करके सुबह चबाकर के खाने से हाई ब्लड प्रेशर में काफी आराम मिलता है।
पेट के लिए फायदेमंद - सदाबहार की जड़ का उपयोग पेट की सेहत को बनाए रखने के लिए भी किया जाता है। जिन लोगों को कब्ज रहता है या फिर पेट के अन्य रोग परेशान करते हैं, उनके लिए भी यह पौधा बहुत लाभदायक होता है।
मुंह व नाक से खून निकलना - विकां का उल्लेख ब्रिटेन औषधीय शास्त्र में सातवीं शताब्दी में मिलता है। कल्पचर नामक ब्रिटिश औषधी विशेषज्ञ ने मुंह व नाक से खून निकलने इसके प्रयोग की सलाह दी थी। लॉर्ड बेकन ने भी अंगों की जकड़न में इसका प्रयोग को लाभदायक बताया। वैसे स्कर्वी, अतिसार, गले में दर्द, टांसिल्स में सूजन, रक्तस्नव आदि में भी यह लाभदायक होता है।
डिप्थीरिया रोग में फायदेमंद - सदाबहार की पत्तियों में मौजूद विण्डोलीन नामक क्षार डिप्थीरिया के जीवाणु कारिनेबैक्टिीरियम डिप्थेरी के खिलाफ सक्रिय होता है। इसलिये इसकी पत्तियों के सत्व का उपयोग डिप्थिीरिया रोग के उपचार में किया जा सकता है।
गोमुखासन योग करने के लाभ - योग शरीर, मन और आत्मा के सामंजस्य की कला है। यह समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में आपके लिए सबसे सहायक उपाय हो सकता है। शरीर को पोषण देने और अंगों की टोनिंग से लेकर शारीरिक मुद्रा को ठीक रखने और इसके कारण शरीर में होने वाली दर्द की समस्या से आराम दिलाने में दैनिक रूप से योगासनों के अभ्यास की आदत आपके लिए मददगार हो सकती है। योगासन शरीर में लचीलापन, रक्त प्रवाह और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देना के साथ मांसपेशियों को स्वस्थ और शक्तिशाली बनाए रखने का साधन हो सकते हैं। यही कारण है स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को रोजाना योग के लिए समय निकालने की सलाह देते हैं।
गोमुखासन योग करने के लाभ : किसी भी योग से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए उसका सही तरीके से अभ्यास करना बहुत आवश्यक माना जाता है। इस योग को करने के लिए सबसे पहले क्रॉस लेग वाली मुद्रा में बैठ जाएं। इसमें अपने दाएं पैर को बाएं पैर की जांघों के ऊपर रखें। अब अपने दाएं हाथ को कंधे के ऊपर करें और कोहनी को पीठ के पीछे जितना अधिक हो सकता हैं ले जाएं। फिर बाईं कोहनी के पीछे की ओर लाकर दोनों हाथों को मिलाएं। इस स्थिति में कुछ देर रहें और गहरी सांस का अभ्यास करें। अब दोबारा पूर्ववत स्थिति में आ जाएं।
सावधानियां : गोमुखासन योग पूर्णत: सुरक्षित है और इससे शरीर को कई प्रकार से लाभ मिल सकता है। इसका सुबह के समय अभ्यास करना सबसे अच्छा रहता। योग के अभ्यास के दौरान शरीर पर अधिक तनाव न डालें। जब तक आप सहज हों तब तक ही इस स्थिति में रहें। यदि आप कंधे, गर्दन, पीठ में दर्द का अनुभव करते हैं, तो कोई भी आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
ब्लड प्रेशर साइलेंट किलर है। हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित व्यक्ति के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी डाइट और लाइफस्टाइल पर विशेष ध्यान दें। कई बार ऐसा देखा जाता है कि रक्तचाप बढ़ जाता है, लेकिन व्यक्ति को पता नहीं चलता है। आसान शब्दों में कहें तो हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण नजर नहीं आते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो सामान्य रक्तचाप 100-140 mmHg सिस्टोलिक और 60-90 mmHg डायस्टोलिक होता है। उच्च रक्तचाप में रीडिंग 90/140 mmHg या इसके ऊपर रहता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति की धमनियों में रक्त का दबाव बहुत बढ़ जाता है। रक्तचाप को सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दो तरह से मापा जाता है। इससे यह पता चलता है कि धड़कनों के बीच तनाव या संकुचन है।
भोपाल । रक्षाबंधन का पर्व पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ 11 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन का पर्व श्रवण नक्षत्र में चार योग के साथ मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि दो दिन होने के कारण लोग असमंजस में हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि श्रवण नक्षत्र में पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को शुरू हो रही है इसीलिए इसी दिन रक्षा सूत्र बांधने का शुभ मुहूर्त रहेगा। 12 अगस्त को स्नान दान की पूर्णिमा रहेगी। ज्योतिषियों ने बताया कि भारतीय हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 6 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। श्रवण नक्षत्र का योग सुबह 6.23 से प्रारंभ होगा। श्रवण नक्षत्र एवं पूर्णिमा का संयोग भी रक्षाबंधन के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। यदि 12 अगस्त को तिथि का मान सूर्योदय से 4 घंटे से अधिक होता तो रक्षाबंधन 12 अगस्त को मान्य होती। रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन पर राखी बांधने के चार शुभ मुहूर्त भी बनेंगे। इस साल रक्षाबंधन पर एक नहीं बल्कि चार शुभ योग बन रहे हैं। जिससे इस दिन का महत्व दोगुना बढ़ गया है। अच्छे मुहूर्त, शुभ योग और भद्रारहित काल में भाई की कलाई पर राखी बांधने से उसके हर कार्य सफल होते हैं।रक्षाबंधन पर शुभ योग: आयुष्मान योग - 10 अगस्त को रात 7.35 बजे से 11 अगस्त को दोपहर 3.31 बजे से, रवि योग - 11 अगस्त को सुबह 6.53 बजे तक। सौभाग्य योग - 11 अगस्त को दोपहर 3.32 बजे से 12 अगस्त को सुबह 11.33 बजे तक, शोभन योग - रक्षाबंधन पर शोभन योग भी बनेगा। 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सुबह 9:18 बजे से शुरू होगी, जिसके साथ ही भद्रा का प्रारंभ भी हो जाएगा जो कि रात 8 बजकर 9 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष विषयक ग्रंथों के आधार पर एवं निर्णय सिंधु के अनुसार भद्रा पुच्छ में शुभ कार्य किया जा सकता है अत: रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त शाम 6:29 से शुरू होगा। भद्रा पुच्छ या भद्रा के उपरांत राखी बांधना अति उत्तम रहेगा। रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भद्रा का निषेध किया गया है अत: भद्रा के समय रक्षाबंधन नहीं मनाना चाहिए। आज ही पूर्णिमा व्रत एवं श्रावणी उपाकर्म भी किया जाएगा स्नान दान की पूर्णिमा 12 अगस्त को की जाएगी।
लिवर खराब होने का सबसे बड़ा कारण शराब पीना है। फिर जरूरत से ज्यादा वजन, डायबिटीज, हेपाटाइटिस बी और सी से भी लिवर खराब होता है। इसका प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन से लेकर कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और भोजन, शराब, दवाओं, लीवर से विषाक्त पदार्थों को निकालने तक आपके मस्तिष्क की हेल्थ पर भी प्रभाव पड़ता है |
चाय : चाय पीने से लीवर की कार्यप्रणाली में सुधार और सेल रिवाइव होते हैं। रोजाना ब्लैक टी और ग्रीन टी पीने से लीवर एंजाइम का स्राव बढ़ सकता है और लीवर में फैट लेवल कम होता है। चाय में एंटीऑक्सिडेंट की मौजूदगी ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद कर सकती है और कई प्रकार के कैंसर को भी रोक सकती है। एक जापानी शोध के अनुसार यह पाया गया कि रोजाना चाय पीने से लीवर की हेल्थ सुधरती है।
ग्रेपफ्रूट : अंगूर एंटीऑक्सिडेंट की अच्छाई से भरा होता है, जो स्वाभाविक रूप से लीवर की सुरक्षा करने के साथ इसकी कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करता है। अध्ययनों के अनुसार, ग्रेपफ्रूट में एंटीऑक्सिडेंट हेपेटिक फाइब्रोसिस के विकास की संभावना को कम करने में मदद करते हैं, जो लीवर पर हानिकारक संयोजी ऊतकों के निर्माण के कारण पुरानी सूजन और दर्द का कारण बनता है।
फैटी फिश : ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर, फैटी फिश सूजन को ठीक करने और लीवर पर वसा के जमाव को कम करने के लिए सबसे अच्छे उपचारों में से एक है। एक शोध के अनुसार, फैटी मछली लीवर में वसा और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद मिल सकती है। असल में यह प्राकृतिक कोलेजन की उपस्थिति के कारण कोशिका और सेल्स को रिपेयर करता है। याद रखें कि आपको जरूरत से ज्यादा ओमेगा 6 फैटी एसिड का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे लीवर की बीमारियां ट्रिगर हो सकती है।
शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार बंगाल सरकार के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी पर हमला हुआ है। पार्थ जब स्वास्थ्य जांच के लिए ईएसआई अस्पताल से बाहर जा रहे थे तो एक महिला ने उन पर हमला करने की खबर है। हालांकि खबर है कि इसका पार्थ चटर्जी पर कोई असर नहीं हुआ। इतने हाई प्रोफाइल मामले में अचानक हुई इस तरह की घटना को लेकर अस्पताल परिसर में कोहराम मच गया है। सुरक्षा गार्डों ने आनन-फानन में पूर्व मंत्री को वहां से हटाकर कार में बिठा लिया। महिला का साफ बयान, ''गुस्सा था, जूते मारकर मुझे शांति मिली।
एसएससी भ्रष्टाचार मामले में ईडी के आदेश पर पार्थ चटर्जी, अर्पिता मुखर्जी का हर 48 घंटे में स्वास्थ्य परीक्षण हो रहा है। मंगलवार का दिन था। दोनों को जोकर ईएसआई अस्पताल ले जाया गया। वहाँ से बाहर निकलते ही पार्थ चटर्जी पर एक महिला ने जूता फेंका। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महिला का नाम शुभ्रा घोरुई है। आमटा की रहने वाली शुभ्रादेवी आम नागरिक हैं। मीडिया के सामने शुभ्रादेवी ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहती थीं। उनका बयान, "मैं उनसे नाराज था, मुझे जूते मारकर शांति मिली। जूते उसे फिट हो जाते तो अच्छा होता।
महिला ने कहा कि क्या आप माला पहनाकर स्वागत करना चाहेंगे?" सुभ्रादेवी ने यह भी कहा, "उन्होंने इतने लोगों के पैसे को मारकर और उनकी नौकरियों को मारकर फ्लैट और घर खरीदे। उसे फिर से एसी कार में ले जाया जा रहा है! दरअसल, ईएसआई अस्पताल में लगातार 2 दिन इन दोनों के स्वास्थ्य जांच के लिए जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जो लोग बाहर हैं, उन्हें सुरक्षा के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इसको लेकर गुस्सा भी बढ़ रहा है।
मुंबई। पात्रा चॉल घोटाला मामले को लेकर शिवसेना सांसद एवं नेता संजय राउत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को हिरासत में लिया है। आपको बता दें कि ईडी ने तड़के सुबह संजय राउत के आवास पर छापेमारी की और उनसे करीब 9 घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद जांच एजेंसी ने संजय राउत को हिरासत में ले लिया। कहा जा रहा है कि ईडी के समन के बावजूद संजय राउत पेश नहीं हुए थे। ऐसे में जांच एजेंसी ने उनके आवास पर छापेमारी की।
संजय राउत ने नहीं किया सहयोग
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, संजय राउत जांच एजेंसी का सहयोग नहीं कर रहे थे। उन्होंने ईडी से अधिकारियों से कहा कि आप मेरे घर क्यों आ गए, मैं आपके दफ्तर आ जाते। जिसके बाद जांच एजेंसी ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
इससे पहले ईडी ने संजय राउत के खिलाफ कई समन जारी किए थे, उन्हें 27 जुलाई को भी तलब किया गया था। संजय राउत को मुंबई के एक चॉल के पुनर्विकास और उनकी पत्नी एवं अन्य सहयोगियों की संलिप्तता वाले लेन-देन में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने तलब किया था।
शिवसेना कार्यकर्ताओं का धरना
शिवसेना सांसद के आवास पर ईडी की छापेमारी और उन्हें हिरासत में लिए जाने के मामले को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया। आपको बता दें कि शिवसेना कार्यकर्ता संजय राउत के आवास के बाहर एकत्रित हो गए और वहीं पर बैठकर ईडी की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं और जांच एजेंसी के खिलाफ नारेबाजी भी हो रही है।
ईडी की छापेमारी के दौरान संजय राउत ने कहा कि मैं मर जाऊंगा मगर आत्मसमर्पण नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि झूठी कार्रवाई, झूठे सबूत...मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा..मैं मर भी जाऊंगा, मैं आत्मसमर्पण नहीं करूंगा...मेरा किसी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है।
कोलेस्ट्रॉल एक मोमी पदार्थ है, जो रक्त में पाया जाता है, जो स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए जरूरी है।पिछले कुछ वर्षों में कोलेस्ट्रॉल के बारे में लोगों की जानकारी बढ़ी है। दिल की बीमारियों को इसका खतरा होता है लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कोलेस्ट्रॉल का केवल उच्च स्तर ही दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ाता है!हाई कोलेस्ट्रॉल का आंखों पर असर: आपके रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल की उच्च उपस्थिति आपकी आंखों में इकट्ठा होने पर समस्या पैदा कर सकती है।जो आपकी आंखों में 'खराब' कोलेस्ट्रॉल के निर्माण का संकेत देते हैं।
- कॉर्निया के चारों ओर सफेद, भूरे और पीले रंग के जमाव
- धुंधली दृष्टि
- आंखों के आसपास पीले रंग के धक्कों
रेटिना को पहुंचता है नुकसान : एक और आंख की स्थिति, जो रेटिना में 'खराब' कोलेस्ट्रॉल के निर्माण के कारण हो सकती है, वह है रेटिनल वेन रोड़ा। रेटिना ऊतक की एक पतली परत होती है, जो आपकी आंखों के पीछे होती है। यह वह है जो प्रकाश को मस्तिष्क को संकेतों में परिवर्तित करता है, उन्हें दृष्टि में परिवर्तित करता है। जब रेटिना में एक नस अवरुद्ध हो जाती है, जिससे थक्के बनते हैं, तो यह रेटिना की शिरा को रोक देता है। कुछ अवरोधों को हटाया जा सकता है, जिससे आंशिक और अस्थायी अंधापन हो सकता है।कुछ लोग स्थायी अंधेपन से पीड़ित हो सकते हैं।
आदित्य ठाकरे इन दिनों महाराष्ट्र में 'निष्ठा यात्रा' निकाल रहे हैं। इसमें वे लोगों से बातचीत कर रहे हैं। आम लोगों की समस्याओं को सुनकर और शिवसेना को मजबूत करने के प्रयास में शिवसैनिकों को एकजुट करने में लगे हैं। ऐसे में उनकी निष्ठा यात्रा की सभा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा में है। इसमें अजान की आवाज सुनाई दे रही है और तभी आदित्य ठाकरे ने इस समय अपना भाषण रोक दिया। उन्होंने कुछ देर के लिए अपना भाषण रोकते हुए कहा कि दो मिनट रुकिए। उनके वीडियो की इस समय खूब चर्चा हो रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये घटना शुक्रवार 29 जुलाई की बताई जा रही है। मुंबई के चांदीवली इलाके में आदित्य की सभा हुई। आदित्य ठाकरे की चांदीवली की यात्रा उनके द्वारा निकाली जा रही निष्ठा यात्रा का ही हिस्सा थी। जिसे उन्होंने एक सप्ताह पहले ही शुरू किया है। शिवसेना कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करने के लिए आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों की यात्रा की।
उनके वीडियो इस समय चर्चा में हैं। एक तरफ राज ठाकरे अजान के लिए लाउडस्पीकर के सख्त खिलाफ हैं, लेकिन उनके भतीजे आदित्य ठाकरे अजान का सम्मान करते नजर आ रहे हैं। आदित्य के अजान के दौरान भाषण रोकने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के साथ ही तरह-तरह की प्रतिक्रिया आने लगी। कई लोग इसमें मिली जुली राय देते नजर आ रहे हैं। कुछ लोग आदित्य की हर धर्म के प्रति सम्मान को सही ठहरा रहे हैं। वहीं कुछ इसे सेक्युलर इमेज बनाने की कवायद बता रहे हैं।
डायबिटीज़ की वजह से व्यक्ति की रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर भी असर पड़ता है। डायबिटीज़ का इलाज भले ही संभव नहीं है लेकिन सही डाइट और वर्कआउट की मदद से इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है। वहीं, अगर आप डायबेटिक हैं और वज़न घटाना चाह रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी हो जाता है।
शुरुआत धीरे-धीरे करें : यह सिद्ध हो चुका है कि डायबिटीज़ दिल के साथ आपकी पूरी सेहत को प्रभावित करती है। इसलिए एक्सरसाइज़ की शुरुआत धीरे-धीरे करें। साथ ही अचानक डाइट में कई बदलाव भी नहीं कर देने चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें : वज़न घटाने की कोशिश में फिज़िकल के साथ मानसिक तौर पर भी मज़बूती चाहिए होती है। अगर आप डायबेटिक हैं और मोटापे के शिकार भी, तो बेहतर है कि वज़न कम करने के लिए प्रोफेशनल मदद लें।
एक्सरसाइज़ : ज़ाहिर है अगर आप वज़न कम करना चाहते हैं, तो आपको हफ्ते में 5 दिन वर्कआउट करना ही होगा।
सोच समझकर खाएं : वर्कआउट रूटीन जितना ज़रूरी होता है उतनी ही डाइट भी ज़रूरी होती है। अगर आपको डायबिटीज़ है और आप वज़न कम करने की कोशिश में लगे हैं, तो आपको सोच समझकर ही खाना चाहिए।
खुद को झोंकना नहीं है : वज़न घटाने के सफर में आपको रोज़ाना वर्कआउट करने के साथ अपनी स्पीड को धीरे-धीरे बढ़ाना है। ज़रूरत से ज़्यादा वर्कआउट फायदा करने की जगहआपको नुकसान पहुंचा सकता है।
खाना स्किप न करें : कैलोरी को कंट्रोल करने के लिए लोग अक्सर मील छोड़ देते हैं, जो बेहद अनहेल्दी है। डायबिटीज़ में तीनों मील लेना ज़रूरी है।
कार्ब्स न छोड़ें : खाने के साथ कार्ब्स का सेवन भी ज़रूरी है। फाइबर को ज़्यादा ज़रूरी नहीं माना जाता, लेकिन यह गलत है। डायबिटीज़ में अनाज और फाइबर से भरपूर डाइट लेने की सलाह दी जाती है।
इंटरमिटेटं फास्टिंग न करें : इंटरमिटेटं फास्टिंग डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए सही नहीं होती। लंबे समय तक कुछ न खाने से आपके इंसुलिन और ब्लड शुगर के स्तर पर असर पड़ सकता है। इसके जगह आप DASH या फिर मेडेटेरियनिन डाइट ले सकते हैं।
प्रोसेस्ड और जंक फूड न खाएं : जंक, प्रोसेस्ड, डिब्बा बंद और इसी तरह के अनहेल्दी फूड्स से दूरी बनाए रखना ज़रूरी है। यह सभी फूड्स ट्रांस फैट्स, सैचुरेटेड फैट्स और सोडियम से भरपूर होते हैं, जो डायबिटीज़ में गंभीर नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं।
मोटिवेट करने के लिए एक कहावत है कि जिसे पढ़ना होता है वह सड़क की लाइट के नीचे बैठकर भी बढ़ लेता है। पर क्या आपको लगता है कि सरकार द्वारा पढ़ाई-लिखाई पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी स्कूल-कॉलेजों की झज्जर स्थिति में पढ़ता बच्चों के साथ न्याय है। जनता कर देश की व्यवस्था को दुरूस्थ करने के लिए भरती है, ताकि सरकार लोगों को बेहतर सुविधा दे सकें लेकिन दुख की बात यह है कि शहरों में तो दिखाने के लिए काफी हद तक चीजें ठीक करलदी जाती हैं लेकिन गांव-देहात में स्थिति बहुत ही दयनीय है। इस समय मानसून है ऐसे में बारिश कई इलाकों में तेज हो रही हैं। कुछ स्कूलों को बंद कर दिया गया है लेकिन कुछ जगह स्कूल खुले है। ऐसे में बारिश में क्लास के अंदर छतरी लेकर बैठे बच्चों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के एक सरकारी स्कूल का एक वीडियो हाल ही में ऑनलाइन सामने आया है जिसमें आदिवासी छात्रों को कक्षाओं के अंदर बारिश के पानी से खुद को बचाने के लिए छतरियों को साथ लेकर बैठे देखा जा सकता है। क्लासरूम की छट से पानी बह रहा है और बच्चे छाता खोल कर बैठे बढाई कर रहे है। एक बार सोचिये ऐसी स्थिति में बच्चे कैसे बढ़ा ई कर पा रहे होंगे। इस दौरान स्कूल में प्रेक्टिक और असाइमेंट दिए जाते हैं।
ट्राइबल आर्मी नाम के एक लोकप्रिय आदिवासी अधिकार की वकालत करने वाले ट्विटर अकाउंट पर लिखा, "यह वीडियो मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बहुल खैरीकला गांव के एक प्राथमिक विद्यालय का है। बारिश का पानी टपकने से बचने के लिए छात्र स्कूल के अंदर छतरियों के साथ पढ़ने को मजबूर हैं। शिवराज चौहान अपने बच्चे को पढ़ने के लिए विदेश भेजते हैं। गरीब आदिवासी बच्चों की यह स्थिति।"
वीडियो ने समाज के निम्नतम वर्गों की बुनियादी जरूरतों के उत्थान और सुधार में सरकारी नीतियों की प्रभावशीलता पर कई सवाल उठाए। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) में प्राथमिक कक्षाओं की राष्ट्रीय शैक्षिक उपलब्धियों में मध्य प्रदेश को पांचवां स्थान मिला है, लेकिन इस वीडियो में रिपोर्ट और सर्वेक्षणों के विपरीत एक विरोधाभासी वास्तविकता दिखाई गई है।
बारिश के दौरान स्थिति और खराब
रिपोर्टों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में स्कूल की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि अधिकांश माता-पिता मानसून के मौसम में अपने बच्चों को बिल्कुल भी नहीं भेजना पसंद करते हैं। छत टपकने के कारण कई छात्र स्कूल नहीं जाना चाहते हैं। कई अधिकारियों ने खुलासा किया कि उन्होंने मई में बीआरसी कार्यालय को प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। हालांकि, बीआरसी अधिकारी ने खुलासा किया कि उन्होंने मरम्मत के लिए एक प्रस्ताव भेजा है, और जब फंड आएगा तो यह किया जाएगा। जैसा कि केंद्र सरकार नई नीतियों और योजनाओं को शुरू करके शिक्षा क्षेत्र में सुधार पर जोर दे रही है, इस तरह के उदाहरण उसी के कार्यान्वयन की जमीनी हकीकत पर गं
हर कोई अपनी फिटनेस का खास ख्याल रखता है। वहीं जब बात फिटनेस की आती है तो सेलेब्स के बारे में जानना लोग पसंद करते हैं।डायटीशियन नाश्ता जल्दी ब्रेकफास्ट खाने की सलाह देते हैं, इसी के बाद 11 से 12 बजे के करीब मिड ब्रेकफास्ट खाने के बारे में कहती हैं। मिड ब्रेकफास्ट में इडली के साथ तीन तरह की चटनी खाए।मोरिंगा पालक की चटनी, टमाटर और चुकंदर की चटनी और सादे नारियल की चटनी के साथ खाए।
ज्यादातर लोग सुबह उठते ही मोबाइल चेक करते हैं। इन दिनों ये सभी की आदत में शुमार है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी ये आदत परेशानी का सबब बन सकता है। ये कई तरह से आपकी सेहत पर बुरा असर छोड़ता है। जरूरी नहीं की मोबाइल चलाने का मतलब सोशल मीडिया चेक करना हो, आप अलार्म बंद करने, टाइम चेक करने आदि के जरिए भी मोबाइल यूज करते हैं। मूड पर पड़ता है असर : सुबह उठ कर लोग जब सबसे पहले मोबाइल चेक करते हैं तो वह ये देखते हैं कि उन्होंने क्या मिस किया या फिर पूरे दिन क्या किया जा सकता है। ऐसे में इस बात का असर आपके मूड पर पड़ता है। बढ़ जाता है स्ट्रेस : सुबह उठकर किसी भी सोशल मीडिया नेटवर्क का इस्तेमाल करने से आपके दिमाग में निगेटिव असर पड़ता है। ज्यादा मोबाइल फोन का इस्तेमाल पुरुषों और महिलाओं दोनों में डिप्रेशन का कारण बनता है। आपका समय और ध्यान होता है यूज :जागने के ठीक बाद सोशल मीडिया, ईमेल या मैसेजिंग चेक करने पर आप अन्य लोगों की राय, रिक्वेस्ट और एड को अपने दिमाग में आने देते हैं, जो आपकी सोच को खराब करता है। आपके ध्यान के अलावा आपका समय भी खराब होता है। 5 मिनट के लिए सोशल मीडिया चेक करने पर आप अक्सर अपना ज्यादा समय बर्बाद कर देते हैं। यूं करें दिन की शुरुआत : अपने दिन की शुरुआत अच्छे से करने के लिए अपने लक्ष्यों पर ध्यान दें।अगर आप अपने दिन की शुरुआत जल्दबाजी, तनाव और चिंता से बचना चाहते हैं, तो जागने के तुरंत बाद अपने स्मार्टफोन को चेक करना बंद कर दें।सुबह उठते ही पानी पिएं, मेडिटेशन करें या घरवालों को हंसकर गुड मॉर्निंग विश करें। कुछ दिन तक ऐसा करने से ये आपकी आदत बन जाएगा।