ईश्वर दुबे
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Bhilai
चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा है कि अलग रह रही पत्नी द्वारा ‘थाली’ (मंगलसूत्र) को हटाया जाना पति के लिए मानसिक क्रूरता समझा जायेगा। यह टिप्पणी करते हुए न्यायालय ने पति की तलाक की अर्जी को स्वीकृति दे दी। न्यायमूर्ति वी. एम. वेलुमणि और न्यायमूर्ति एस. सौंथर की एक खंडपीठ ने इरोड के एक मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत सी. शिवकुमार की अपील को स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने स्थानीय परिवार न्यायालय के 15 जून, 2016 के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था, जिसमें तलाक देने से इनकार कर दिया गया था। जब महिला से पूछताछ की गई, तो उन्होंने स्वीकार किया कि अलगाव के समय, उसने अपनी थाली की चेन (महिला द्वारा शादी के प्रतीक के रूप में पहनी जाने वाली पवित्र चेन) को हटा दिया था।हालांकि महिला ने स्पष्ट किया कि उसने सिर्फ चेन हटाई थी और थाली रखी थी। महिला के वकील ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा सात का हवाला देते हुए कहा कि थाली पहनना आवश्यक नहीं है और इसलिए पत्नी द्वारा इसे हटाने से वैवाहिक संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
दाल-चावल इंडियन घर में बनने वाली एक कॉमन डिश है। जिसे हर कोई खाना पसंद करता है। छोटा बच्चा हो या बड़ा ज्यादातर लोग दाल चावल को खाना पसंद करता है! प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर ये डिश हेल्थ के लिए खूब ज्यादा फायदेमंद होती है। जो लोग वेट लॉस के दौरान इस असमंजस में रहते हैं कि आखिर रात के खाने में क्या खाएं, उन लोगों के लिए भी ये डिश बेहतरीन है। वजन कम करने वालों को लगता है कि रात में चावल खाने से उनकी डायट पर उल्टा असर पडेगा, लेकिन ऐसा नहीं है। वेट लॉस के दौरान ज्यादातर लोग ये गलती करते हैं कि वह कार्बोहाइड्रेट छोड़ देते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो ये बहुत बड़ी गलती है क्योंकि ऐसा करने से आपकी एनर्जी कम हो सकती है। रात के खाने में दाल चावल खाने से पाचन आसान हो जाता है।स्लीप क्वालिटी अच्छी होती है। आंत को मजबूत रखता है, जिससे कब्ज दूर हो जाती है। सभी तरह के के लोगों लिए अच्छा है|सल्फर युक्त अमीनो एसिड है जो फ्री रेडिकल्स द्वारा स्किन टोन को नुकसान से बचाने में मदद करता है। येलीवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।
तुलसी के अर्क का इस्तेमाल आम सर्दी, सिरदर्द, पेट के विकार, सूजन, हृदय रोग और मलेरिया के आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट में किया जाता है। इसे हर्बल चाय, सूखे पाउडर, ताजी पत्ती या घी के साथ मिलाकर लिया जाता है। तुलसी के एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल औषधीय तौर पर किया जाता है, ये स्किन की देखभाल के लिए के लिए भी किया जाता है।
1) खांसी और सर्दी में फायदेमंद- तुलसी के पत्ते, शहद और अदरक का काढ़ा ब्रोंकाइटिस, दमा, इन्फ्लुएंजा, खांसी और सर्दी के लिए फायदेमंद है। गले में खराश के मामले में तुलसी के पत्तों के साथ उबला हुआ पानी इस्तेमाल किया जा सकता है।
2) स्ट्रेस होता है कम- तुलसी तनाव में सुधार करती है और ब्लड प्रेशर के साथ-साथ ब्लड शुगर के असंतुलन पर भी सामान्य प्रभाव डालती है। ओवरऑल हेल्थ को बनाए रखने के लिए दिन में दो बार 12 पत्ते खाए जा सकते हैं।
3) ब्लड होता है शुद्ध- तुलसी रक्त को प्यूरिफाई करने का काम करती है, जो मुंह में अल्सर और संक्रमण को रोकने में मदद करते है।
4) किडनी की पथरी निकालने में मददगार- तुलसी का किडनी पर मजबूत असर पड़ता है। आयुर्वेद के अनुसार किडनी की पथरी के मामले में तुलसी के पत्तों का रस और शहद छह महीने तक इस्तेमाल करने से पेशाब के रास्ते से बाहर निकल जाता है। हालांकि आपको पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
5) सिरदर्द में फायदेमंद- तुलसी के पत्तों का काढ़ा सिरदर्द की अच्छी दवा बनाता है। चंदन के लेप में पिसी हुई पत्तियों को पीसकर माथे पर लगाने से आराम मिलता है।
6) एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम करते हैं तुलसी के बीज- पानी या गाय के दूध में बीज मिलाकर, एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं, जो पौष्टिक भी साबित होता है और शरीर के लिए भी अच्छा होता है।
सिगरेट पीना और तंबाकू का सेवन दोनों ही सेहत के लिए हानिकारक होते हैं, यह बात इसका सेवन करने वाले सभी लोग जानते हैं। बावजूद इसके वो इस बुरी लत को छोड़ नहीं पाते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसी ही कोई समस्या है तो आप हरी इलायची और सौंफ का ये असरदार नुस्खा अपनाकर इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं। हरी इलायची और सौंफ का नुस्खा- इलायची में अल्फा-टेरपिनॉल, लाइमोनीन, मायकेनिन और मेंथोफोन जैसे गुण मौजूद होते हैं। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल कई रोग ठीक करने के लिए किया जाता है। इतना ही नहीं इसके इस्तेमाल से नशे की लत यानी निकोटिन की आदत को भी खत्म किया जा सकता है। इस उपाय को करने के लिए आप भुनी हुई सौंफ के साथ हरी इलायची को मिलाकर रख लें। इसके बाद जब कभी आपका मन तंबाकू खाने या सिगरेट पीने का करें तो उस समय आप सौंफ और हरी इलायची का सेवन करें। लगातार 7 सप्ताह तक इसे फॉलो करने से काफी हद तक निकोटिन खाने की इच्छा को कंट्रोल किया जा सकता है। अजवायन और सौंफ की बराबर मात्रा और इनसे आधी मात्रा में काला नमक लेकर तीनों चीजों को बारीक पीस लें। इस पाउडर में थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर रातभर रख दें। सुबह इसे गर्म तवे पर हल्का भूनकर एक एयर टाइट कंटेनर में बंद कर दें। जब भी सिगरेट पीने का मन हो तो इस चूर्ण को चूस लें। सिगरेट की लत छूट जाएगी। अदरक और आंवला को कद्दू-कस करके सुखा लें और नींबू और नमक डाल कर डिब्बे में भरकर हमेशा अपने साथ रखें। जब भी सिगरेट पीने की तलब लगे, आप थोड़ी-थोड़ी देर पर इस पाउडर का सेवन कर सकते हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर एक हमला हुआ। ये हमला एक छोटे से कस्बे नारा में हुआ। आबे को विमान से एक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी सांस नहीं चल रही थी और उनकी हृदय गति रुक गयी थी। अस्पताल में बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। आबे को पश्चिमी जापान के नारा में भाषण शुरू करने के कुछ मिनटों बाद ही गोली मार दी गयी थी। इस घटना से भारत के दो नेताओं समेत दुनिया के कई राष्ट्र प्रमुखों की इसी तरह हुई हत्याओं के मामलों की याद ताजा हो गई। 1984 में इंदिरा गांधी की उनके दो सुरक्षा गार्डों ने हत्या कर दी थी। वर्षों बाद, उनके बेटे और पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की भी 1991 में हत्या कर दी गई थी। दुनिया भर के अन्य राष्ट्राध्यक्षों की हत्या कर दी गई है, जिनमें पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और अमेरिका के नेता शामिल हैं।
जॉन एफ कैनेडी (पूर्व राष्ट्रपति, अमेरिका): अपनी हत्या से कुछ ही पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ़ कैनेडी ने कहा था कि अगर कोई अमेरिका के राष्ट्रपति को मारना चाहता है तो ये कोई बड़ी बात नहीं होगी बशर्ते हत्यारा ये तय कर ले कि मुझे मारने के बदले वो अपना जीवन देने के लिए तैयार है। "अगर ऐसा हो जाता है तो दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे बचा नहीं सकती।" अमेरिका के टेक्सास राज्य में 22 नवंबर 1963 को उनकी हत्या कर दी गई थी। इस हत्या को लेकर समय-समय पर कई खुलासे हुए हैं, लेकिन आखिर उनकी हत्या के पीछे का कारण क्या था, यह आज तक स्पष्ट नहीं हो सका है। जॉन एफ. कैनेडी की हत्या को लेकर ली हार्वी ऑस्वाल्ड पर आरोप लगाया गया था।
ओल्फ पाल्मे (पूर्व प्रधानमंत्री, स्वीडन): दो बार के स्वीडिश प्रधानमंत्री पाल्मे की हत्या आधुनिक स्वीडिश इतिहास में अपनी तरह पहली घटना थी, जिसका पूरे स्केनेवेडिया क्षेत्र में गहरा असर पड़ा। पाल्मे की गोली मारकर हत्या 1986 में तब हुई थी जब वह स्टॉकहोम के सिनेमाघर में पिक्चर देखने के लिए पत्नी और बेटे के साथ आए थे।
यित्झाक राबिन (पूर्व प्रधानमंत्री, इजरायल): इज़राइल के पाचवें प्रधानमंत्री राबिन की भी हत्या कर दी गई थी। 4 नवंबर 1995 को तेल अवीव में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। दावा किया गया कि उनकी हत्या के पीछे इजरायली दक्षिणपंथी चरमपंथी यिगल आमिर का हाथ था। हत्या की वजह इजरायल-फिलस्तीन संघर्।ष को बताया गया।
इंदिरा गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री, भारत): 31 अक्टूबर 1984 को तत्तकालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हो जाती है। इंदिरा गांधी को सुबह 9.30 के करीब मारा गया था और शाम 6 बजे ये खबर आधिकारिक तौर पर सामने आई थी। हत्या करने वाले उनके दो सिख बॉडीगार्ड के नाम थे सतवंत सिंह और बेअंत सिंह। बेअंत सिंह ने अपने बगलवाले शस्त्र का उपयोग कर उनपर तीन बार गोली चलाई और सतवंत सिंह एक स्टेन कारबाईन का उपयोग कर उनपर बाईस चक्कर गोली दागी।
अनवर अल सदत ( पूर्व राष्ट्रपति, मिस्त्र): 8 अक्टूबर 1981 इजिप्ट की राजधानी काहिरा में विजय दिवस मनाया जा रहा था, राष्ट्रपति अनवर अल सादात राजधानी काहिरा में सेना की परेड की सलामी लेने खुद पहुंचे थे। सेना की परेड में सेना के ट्रक भी थे और इसी काफिले में शामिल एक ट्रक ठीक राष्ट्रपति सादात के सामने रुका। इस ट्रक में सैनिक नहीं बल्कि हथियारों से लैस आतंकी थे, कोई कुछ समझ पाता उससे पहले उस ट्रक में सवार कुछ आतंकियों ने फायरिंग शुरु कर दी। मंच पर बैठे राष्ट्रपति पर आतंकियों ने मशीनगन का पूरा बैरल खाली कर दी थी।
राजीव गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री, भारत): 21 मई, 1991 की रात दस बज कर 21 मिनट पर तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में कुछ ऐसा ही घटित हुआ। तीस बरस की एक छोटे कद की लड़की चंदन का एक हार लेकर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तरफ़ बढ़ी। जैसे ही वो उनके पैर छूने के लिए झुकी, एक जोरदार धमाके ने वहां सन्नाटा कर दिया। 'लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम' नामक आतंकवादी संगठन के आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया था।
बेनजरी भुट्टो (पूर्व प्रधानमंत्री, पाकिस्तान): 27 दिसम्बर 2007 को एक चुनाव रैली के बाद उनकी हत्या कर दी गई। बेनज़ीर की हत्या भी विवादित रही। सबसे पहले ये माना गया कि बम विस्फ़ोट के कारण उनकी हत्या हुई। बाद में पाकिस्तान सरकार का बयान आया कि बेनज़ीर की हत्या न तो किसी बंदूकधारी के द्वारा हुई और न ही विस्फोट की तीव्रता के कारण। बल्कि, पाकिस्तानी सरकारी बयानों के मुताबिक उनकी मृत्यु विस्फोट से बचने के लिए तेजी से सनरूफ़ (कार की खुल सकने वाली छत) से टकराने से हुई।
उच्चतम न्यायालय ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने का फैसला लिया है। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि मामले को सीजेआई की मंजूरी के बाद शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए। मोहम्मद जुबैर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्जाल्विस ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। उन्होंने मामले पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध करते हुए कहा कि उनकी जान को खतरा है क्योंकि वहां लोग उन्हें धमकी दे रहे हैं। हिंदू शेर सेना के सीतापुर के जिलाध्यक्ष भगवान शरण द्वारा एक जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा-67 के तहत जुबैर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। दिल्ली पुलिस ने जुबैर को अपने एक ट्वीट के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में 27 जून को गिरफ्तार किया था।
ब्रिटेन में जारी राजनीतिक संकट थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के सांसदों की बगावत से प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन मुश्किल में घिर गए हैं। 24 घंटे से भी कम समय में कम से कम 39 मंत्री और संसदीय सचिव पद छोड़ चुके हैं। इतना ही नहीं, गृह मंत्री प्रीति पटेल व यातायात मंत्री ग्रांट शैप्स समेत 2 दर्जन वरिष्ठ मंत्रियों ने बुधवार को पीएम से मिलकर उनसे इस्तीफा देने को भी कहा है।स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद और भारतीय मूल के वित्त मंत्री ऋषि सुनक के इस्तीफों से मंत्रियों में शुरू हुई भगदड़ बुधवार को भी जारी रही।
उनकी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने बुधवार शाम प्रधानमंत्री निवास 10, डाउनिंग स्ट्रीट जाकर उनसे पद छोड़ने को कहा। उनकी कट्टर समर्थक मानी जाती रहीं गृह मंत्री प्रीति पटेल भी इन मंत्रियों में शामिल थीं। पद छोड़ने वाले मंत्रियों की बढ़ती संख्या के बावजूद जॉनसन कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। पीएम का कहना है, उनके इस्तीफे के कारण चुनाव जल्द कराने पड़ेंगे, जिनमें टोरी को हार का सामना करना पड़ सकता है। वित्तमंत्री जैसे पद तक पहुंचे भारतवंशी ऋषि सुनक ने पद छोड़ने के बाद संकेत दिया है कि वह राजनीति में अब कोई पद नहीं लेंगे। उन्होंने पार्टी के पूर्व डिप्टी चीफ व्हिप क्रिस पिंचर का नाम लिए बिना उनकी नियुक्ति महत्वपूर्ण पद पर करने के लिए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर निशाना साधा।
अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान के एक 'प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी' का दर्जा रद्द करने की घोषणा की।राष्ट्रपति बाइडन ने पत्र में कहा, "1961 के विदेशी सहायता अधिनियम की धारा 517 के अनुसार, संशोधित (22 यूएससी 2321k) के अनुसार, मैं एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में अफगानिस्तान के पदनाम को रद्द करने की घोषणा करता हूं। जुलाई 2012 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने अफगानिस्तान को एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में नामित किया था।
अमेरिका ने पिछले साल अफगानिस्तान से अपनी सेना वापस बुलाने की घोषणा कर दी थी। इसी के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर हमले शुरू कर दिए। 15 अगस्त, 2021 को तालिबान लड़ाके अफगानिस्तान में घुस गए और सितंबर में तालिबान ने अफगानिस्तान में पूर्ण जीत की घोषणा कर दी। इसके बाद एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया। हालांकि, अभी तक किसी भी देश द्वारा आधिकारिक रूप से इस सरकार को मान्यता नहीं मिली है।
आलिया भट्ट को करण जौहर अपनी बेटी की तरह मानते हैं। ऐसे में बज आलिया ने उन्हें अपनी प्रेग्नेंसी की बात बताई तो वह खुशी से रोने लगे थे।करण ने कहा कि यह ऐसा था कि आपके बेबी को बेबी होना है।बॉलीवुड में बीते महीने एक बड़ी खबर आई जब पता चला कि आलिया भट्ट प्रेग्नेंट हैं और जल्द कपूर खानदान में किलकारियां गूंजने वाली हैं। आलिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर जानकारी दी थी जिसके बाद तमाम सेलिब्रिटीज ने उन्हें बधाइयां दीं।करण जौहर के लिए यह पल भावुक कर देने वाला था।उन्होंने खुलासा किया कि जब आलिया ने उनसे यह शेयर किया तो वह खुशी से रोने लगे थे। करण हमेशा से कहते रहे हैं कि आलिया उनकी बेटी की तरह हैं।एक्ट्रेस ने उनकी ही फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ से फिल्मों में बतौर एक्ट्रेस डेब्यू किया।
विटामिन डी शरीर के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व है लेकिन इसकी अधिक मात्रा लेने से व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
फेफड़ों को नुकसान- अधिक विटामिन डी का सेवन खून में कैल्शियम, फॉस्फेट के स्तर को बढ़ा देता है। इनसे बने क्रिस्टल फेफड़ों में जमा होने की आशंका रहती है। इससे फेफड़ों को नुकसान हो सकता है।
विटामिन डी क्यों जरूरी : विटामिन डी के अभाव में शरीर में कैल्शियम का पूरा फायदा नहीं मिल पाता। इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। विटामिन डी की कमी शुगर का स्तर भी बढ़ाती है। सूरज की किरणों और खाने की कुछ चीजों को छोड़कर तमाम खाने में विटामिन डी नहीं मिल पाता। इसलिए चिकित्सक परीक्षण के बाद इसकी गोलियां और पाउडर लेने की सलाह देते हैं।
विटामिन डी की कितनी मात्रा है जरूरी : हर व्यक्ति के रक्त में 30 से 70 नैनो ग्राम प्रति मिलीलीटर विटामिन डी की मात्रा जरूरी होती है। शरीर में विटामिन डी की मात्रा 20 से 30 नैनो ग्राम प्रति मिलीलीटर के बीच है तो कमी मानी जाती है। अगर यह 20 से नीचे और 70 से ऊपर है तो तुरंत चिकित्सक के पास जाना चाहिए।
वर्कआउट के बाद दर्द होना इस बात का संकेत है कि आपने मजबूती से मांसपेशियों को रिपेयर करने का काम किया है। कई बार यह दर्द लगातार वर्कआउट करने से दूर भी हो जाता है। आपका शरीर इतना स्मार्ट है कि यह खुद आपको बताएगा कि कब आपकी मांसपेशियों की रिपेयरिंग का काम खत्म हो गया है। लेकिन आपके शरीर में दर्द वर्कआउट के एक सप्ताह बाद भी बना रहता है तो आप ये उपाय अपनाकर इससे राहत पा सकते हैं।
स्ट्रेचिंग- जब मांसपेशियां रिकवरी मोड में रहती हैं तो इनमें कसाव आ जाता है और दर्द महसूस होने लगता है। इसके लिए धीरे-धीरे स्ट्रेचिंग करें। इससे कसाव के साथ दर्द भी कम होगा।
हल्की मसाज- दर्द वाली मांसपेशियों में मसाज करने से कसाव कम होने के साथ रक्त संचार बढ़ता है। जिससे रिकवरी तेज होती है और मांसपेशियों का दर्द जल्दी खत्म होता है।
गुनगुने पानी से नहाना - गुनगुने पानी में नहाने से टाइट मांसपेशियां ढीली पड़ती हैं और खून के दौरे में तेजी आती है। बेहतर रक्त संचार का अर्थ है दर्द भरी मांसपेशियों में अधिक ऑक्सीजन और रक्त का पहुंचना। इससे दर्द से जल्दी राहत मिलती है।
ठंडा-गर्म- 15 मिनट तक उस खास जगह पर जहां दर्द हो बर्फ का पैक लगाएं। 15 मिनट बाद उसी जगह पर गरम पैक लगाएं। ऐसा कई बार करें। गर्म-ठंडा एक साथ करने से रक्त संचार में तेजी आती है और मांसपेशियां जल्दी ही खुद को मजबूत बनाने के साथ-साथ रिपेयर भी होती हैं।
गुवाहाटी । पूर्वोत्तर राज्य असम में भारी बारिश ने कोहराम मचा रखा है यहां के 35 जिलों में से 27 में 22.17 लाख से अधिक लोग अभी भी फंसे हुए हैं, जिसमें भूस्खलन के साथ-साथ अब तक 174 लोगों की मौत हो चुकी है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अधिकारियों ने कहा कि अप्रैल से अब तक 156 लोगों ने प्री-मानसून और मानसून बाढ़ में अपनी जान गंवा दी, जबकि असम के विभिन्न जिलों में भूस्खलन में 18 अन्य लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि 27 जिलों के 1,934 गांवों में 50,714 हेक्टेयर से अधिक फसल क्षेत्र अभी भी जलमग्न है, जबकि राज्य में लगातार बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति बिगड़ती जा रही है। 2.77 लाख से अधिक पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने 404 राहत शिविरों में शरण ली है और जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और वितरण केंद्र स्थापित किए हैं। एएसडीएमए के एक अधिकारी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करने के बाद, दो अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों (आईएमसीटी) ने शनिवार को मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ और असम सरकार के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल , राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।
नई दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि फार्मा क्षेत्र में हमारे पास पहले से ही आवश्यक जनशक्ति और ब्रांड शक्ति है और भारतीय कंपनियां आज शीर्ष वैश्विक पदों पर कब्जा करने के लिए एक मोड़ पर हैं। ऐसे में वैश्विक दवा बाजार पर कब्जा करने के लिए हमें 'वॉल्यूम' से 'वैल्यू' नेतृत्व की ओर बढ़ना होगा। उन्होंने फार्मा उद्योग के नेताओं से कहा कि यह अनुसंधान, विनिर्माण और नवाचार में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं से ज्ञान अर्जित करने और वैश्विक स्तर पर उपस्थिति बढ़ाने के साथ-साथ घरेलू मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन में तेजी लाने पर केंद्रित अपने मॉडल विकसित करने का समय है। मंडाविया इंडियन फार्मास्युटिकल एलायंस के साथ भारत के फार्मा विजन 2047 और भारतीय फार्मास्युटिकल क्षेत्र के लिए रोडमैप पर चर्चा कर रहे थे।
सत्र में भारत में फार्मा उद्योग की वर्तमान स्थिति, पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा की गई प्रमुख पहलों और सहयोगी कदमों पर चर्चा हुई जो भारत को इस दृष्टिकोण को साकार करने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत को जेनेरिक दवाओं के उत्पादन और मात्रा के आधार पर दुनिया की फार्मेसी के रूप में स्वीकार किया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह आगे बढ़ने और मूल्य के आधार पर शीर्ष वैश्विक पदों पर कब्जा करने का समय है। इस बात पर जोर देते हुए कि सरकार उद्योग के अनुकूल नीतियों और पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने वाले निवेशक के साथ फार्मा कंपनियों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।