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इंडियन एविएशन की फ्लाइट्स न केवल साइबर थ्रेट्स का लगातार सामना कर रही है, बल्कि चीन-अमेरिका सहित कई देशों के निशाने पर है. शायद यही वजह है कि इंडियन एविएशन इकोसिस्‍टम को रोजाना औसतन 900 साइबर हमलों का सामना करना पड़ रहा है. यह चौंकाने वाला खुलासा बीते दिनों साइबर पीस नाम ऑर्गेनाइजेशन के रिसर्च रिपोर्ट से हुआ है. साइबर पीस की रिपोर्ट ‘एक्‍सप्‍लोरिंग साइबर थ्रेट्स एण्‍ड डि‍जिटल रिस्‍क इन द इंडियन एविएशन इकोसिस्‍टम’ में यह खुलासा जून 2024 से अगस्त 2024 के बीच एकत्र किए गए डेटा के आधार पर किया गया है. यह रिपोर्ट रियल टाइम सिमुलेशन और थ्रेट्स के गहन विश्लेषण के आधार पर तैयार की गई है. इस रिपोर्ट में एविएशन स्‍ट्रक्‍चर की साइबर सिक्‍योरिटी को अधिक बेहतर बनाए जाने की बात पर जोर दिया गया है.

तीन महीनों में 80,588 साइबर हमले

रिपोर्ट में पाया गया कि जून 2024 से अगस्‍त 2024 के बीच इंडियन एविएशन नेटवर्क में 80,588 से अधिक साइबर हमले हुए हैं, जो वास्तविक एविएशन सिस्‍टम के लिए एक बड़ा खतरा हैं. साइबर हमला करने वालों ने मुख्य तार पर कम्‍युनिकेशन और डेटाबेस प्रोटोकॉल को अपना निशाना बनाया. उन्‍होंने टेलनेट पर 64,104, MySQL पर 15,629, HTTP पर 512 और FTP पर 217 हमले किए. इसके अलावा, 296 अलग-अलग यूज़रनेम और 15,928 अलग-अलग पासवर्ड का उपयोग करते हुए ऑटोमेटेड ब्रूट-फोर्स हमले देखे गए, जिससे ऑथेंटिकेशन मैकेनिज्‍म में मौजूद खामियां के बारे में पता चला.

रंगारेड्डी (तेलंगाना)। रंगारेड्डी के पुप्पलगुडा में उस्मान किराना दुकान में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और दो घायल हो गए हैं। इसकी जानकारी पीएस नरसिंगी के SHO हरि कृष्ण ने दी है।

पुलिस के अनुसार, घटना 28 फरवरी को शाम करीब 5:30 बजे हुई जब शॉर्ट सर्किट के कारण किराना दुकान के अंदर एक रेफ्रिजरेटर फट गया, जिससे आग लग गई, जो तेजी से तीन मंजिला इमारत की ऊपरी मंजिलों तक फैल गई।

ग्राउंड फ्लोर से उठी आग की लपटें
पुलिस ने कहा कि उन्हें गांधीपेट मंडल के निवासी तमीज़ खान से एक शिकायत मिली, जिसमें कहा गया कि उनके चचेरे भाई उस्मान खान की दुकान पुप्पलगुडा के पाशा कॉलोनी में जी +2 इमारत के भूतल पर स्थित है।

आग लगने की जानकारी मिलने पर शिकायतकर्ता घटनास्थल पर पहुंचा और पाया कि आग की लपटें पहली मंजिल तक बढ़ गई थीं, जहां उस्मान खान के परिवार के सदस्य मौजूद थे।

पहली मंजिल पर मौजूद 3 लोगों की हुई मौत
शिकायत में कहा गया है कि घटना के समय उस्मान खान के परिवार के सदस्य जमीला खातून (65), शहाना खानम (30) और सिदरा फातिमा (6) पहली मंजिल पर मौजूद थे और अधिक धुएं के कारण उनकी मौत हो गई।

इस बीच, दूसरी मंजिल पर रहने वाले यूनिस खान (44) और उनकी पत्नी आसिया खातून (36) आग से बचने की कोशिश में इमारत से कूदने के बाद घायल हो गए।

 


अहमदाबाद। देश की पहली बुलेट ट्रेन अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलने वाली है। देशवासियों को काफी समय से इस ट्रेन का इंतजार है। इस बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुलेट ट्रेन को लेकर अपडेट दिया है। रेल मंत्री ने बताया कि 360 किलोमीटर का काम लगभग पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि इसे पूरा करने में ढाई वर्षों की देरी महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने की वजह से हुई है।

इस बीच, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने शनिवार को "पहली बार" मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना का निरीक्षण किया और भारत के बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में इस पहल की सराहना की।

'ये पीएम मोदी का विजन है'

रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधुनिक रेलवे नेटवर्क के दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसने लगभग एक लाख लोगों को रोजगार दिया है। मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय रेल राज्य मंत्री ने परियोजना के कार्यान्वयन के लिए प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने कहा "मैं यहां पहली बार आया हूं। ये पीएम मोदी का विजन है। उनका जो आइडिया है वो बहुत अच्छा है और उन्होंने जो विजन बनाया है वो बहुत अच्छा है। एक लाख लोगों को रोजगार मिला है। ये बहुत अच्छा प्रोजेक्ट है।"

13 नदियों पर बनाए गए पुल

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन देश का पहला हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर है। यह कॉरिडोर 508 किलोमीटर लंबा है। इस परियोजना की लागत करीब 1.08 लाख करोड़ रुपये है, लेकिन परियोजना में हो रही देरी की वजह से इसकी लागत बढ़ती जा रही है। मुंबई से अहमदाबाद तक चलने वाली बुलेट ट्रेन के रेल मार्ग पर 13 नदियां पड़ रही हैं, जिनके ऊपर पुल बनाए गए हैं। पांच स्टील पुल और दो पीएसएसी पुल के माध्यम से कई रेलवे लाइनों और राजमार्ग को पार किया गया है। गुजरात में ट्रैक निर्माण कार्य तेजी से आग बढ़ चुका है।

लगाए गए नॉइज बैरियर

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत 11 जनवरी 2025 तक 253 किमी वायाडक्ट, 290 किमी गर्डर कास्टिंग के अलावा 358 किमी पियर का काम पूरा हो चुका है। इस रेल मार्ग पर लगभग 112 किमी के हिस्से में नॉइज बैरियर लगाए गए हैं। महाराष्ट्र में बीकेसी और ठाणे के बीच 21 किमी का सुरंग का काम निर्माणाधीन है। एनएटीएम के माध्यम से महाराष्ट्र के पालघर जिले में सात पर्वतीय सुरंगों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। गुजरात के वलसाड में एक पर्वतीय सुरंग बनकर तैयार है।

कब शुरू होगी बुलेट ट्रेन?

साल 2026 में बुलेट ट्रेन का ट्रायल रन शुरू होने की संभावना है। गुजरात के सूरत और अहमदाबाद बुलेट ट्रेन स्टेशन का काम एडवांस स्थिति में पहुंच चुका है। इसके साथ ही साबरमती मल्टीमॉडल ट्रांजिट हब भी बनकर तैयार है। बता दें, मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन की हाई स्पीड 350 किमी प्रति घंटे की होगी। बुलेट ट्रेन 12 स्टेशनों पर रुकते हुए 508 किमी का सफर तय करेगी, जिसमें सिर्फ 3 घंटे का समय लगेगा।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मार्च में अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेगी। बीजेपी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव राज्य इकाइयों द्वारा अपने-अपने चुनाव संपन्न कराने के बाद होगा।
दरअसल, बीजेपी को अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया को जनवरी में पूरा करना था, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव और कई राज्य इकाइयों में लंबित चुनावों के कारण नए अध्यक्ष के चयन में देरी हो रही है।

क्या कहता है बीजेपी का संविधान?
जानकारी के अनुसार बीजेपी का संविधान कहता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए कम से कम 50 प्रतिशत राज्य इकाइयों द्वारा अपने-अपने अध्यक्षों का चुनाव कर लिया जाना आवश्यक है। इसलिए, राज्य स्तर पर चुनाव प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है।

क्या होती है प्रक्रिया?
बीजेपी में प्रदेश अध्यक्षों के साथ-साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए निर्वाचक मंडल के सदस्यों का भी चयन होता है। वर्तमान में 36 राज्यों में से सिर्फ 12 में ही चुनाव संपन्न हुए हैं। ऐसे में कम से कम छह और राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के लिए चुनाव कराए जाने की जरूरत है।

एक हफ्ते में यूपी बीजेपी को मिलेगा नया प्रदेश अध्यक्ष
उधर, बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा जैसे प्रमुख राज्यों में अगले एक-दस दिन में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव पूरे हो जाने की उम्मीद है। बिहार में मौजूदा अध्यक्ष के बने रहने की संभावना है। उसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा।

माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में जिला अध्यक्षों का चुनाव अगले तीन-चार दिनों में पूरा हो जाएगा, जिसके बाद उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का चुनाव होगा। उम्मीद है कि एक सप्ताह या दस दिन के भीतर उत्तर प्रदेश को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा।

जेपी नड्डा का बढ़ा था कार्यकाल
वर्तमान में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हैं। उन्हें पहली बार 17 जून, 2019 को भाजपा का कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और वे 20 जनवरी, 2020 तक इस पद पर रहे। इसके बाद 20 जनवरी, 2020 को उन्हें औपचारिक रूप से पार्टी का 11वां राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया और तब से वे इस पद पर हैं

नड्डा के नेतृत्व में बीजेपी ने जीते कई चुनाव
ध्यान देने वाली बात है कि जेपी नड्डा के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने 35 राज्यों में चुनाव लड़ा और 16 राज्यों में जीत हासिल की। ​​इसी तरह लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने जीत हासिल की और सत्ता में वापसी की।


चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले में आए हिमस्खलन को 26 घंटे से अधिक समय हो चुका है। इस आपदा में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन प्रोजेक्ट में काम कर रहे 57 श्रमिक प्रभावित हुए थे, जिनमें से दो छुट्टी पर थे। अब तक 47 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, जबकि 8 को निकाले जाने की कोशिशें की जा रही हैं।बचाव अभियान में सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमें लगातार प्रयासरत हैं। खराब मौसम रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा डाल रहा है, लेकिन सेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर स्टैंडबाय पर रखा गया है। जैसे ही मौसम में सुधार होगा, बचाव अभियान तेज कर दिया जाएगा।


सीएम धामी पहुंचे ग्राउंड जीरो
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चमोली के ग्राउंड जीरो पर पहुंच गए हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मांड़ा के निकट हुए हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। शनिवार सुबह 14 श्रमिकों को बचाया गया, जबकि 3 गंभीर रूप से घायल श्रमिकों को जोशीमठ स्थित आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि बचाव अभियान लगातार जारी है और जल्द ही सभी फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी सूची के अनुसार, फंसे हुए श्रमिक बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर सहित अन्य राज्यों के हैं। बचाव कार्य में लगी टीमें पूरी मुस्तैदी से जुटी हुई हैं और उम्मीद की जा रही है कि शेष श्रमिकों को भी जल्द सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।

कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद सज्जन कुमार को 1984 के सिख दंगे से जुड़े मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. सज्जन सिंह पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से इन्हीं सिख दंगों से जुड़े एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. सज्जन कभी दिल्ली में चाय की दुकान चलाया करते थे. सियासत में कदम रखने के बाद राजनीतिक बुलंदी को छुआ. सिख दंगे में उम्रकैद की सजा पाने वाले सज्जन कुमार आखिरकार कौन हैं और उनका राजनीतिक सफर कैसे आगे बढ़ा? दिल्ली में एक चाय की दुकान से लेकर निगम पार्षद और लोकसभा सांसद तक का सफर तय करने वाले सज्जन कुमार की एक समय तूती बोलती थी. निगम पार्षद के चुनाव से संजय गांधी की नजर में आए और फिर सियासत में पलटकर नहीं देखा. 1994 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में भड़के सांप्रदायिक दंगे में सज्जन कुमार का अहम रोल रहा था.

सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा
सज्जन कुमार को 1984 सिख दंगे से जुड़े एक और मामले में दोषी पाए जाने के बाद उम्रकैद की सजा दी गई है. यह मामला 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार में भीड़ को भड़काने से जुड़ा है, जिसमें जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या हुई थी. अभियोजन पक्ष ने कहा था कि सज्जन कुमार ने भीड़ को उकसाकर बड़े स्तर पर सिखों के घरों-दुकानों पर लूट और आगजनी कराई. इसी दौरान एक घर में लूट और आग लगाने से पहले भीड़ ने सिख समुदाय के दो लोगों को जिंदा जलाकर मार दिया था. इसी मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा दी गई है. इसके अलावा सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक दूसरे मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने 2018 में सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वो तिहाड़ जेल में बंद हैं

असम के मटिया ट्रांजिट कैंप में 270 विदेशी नागरिकों के डिपोर्ट न किए जाने के मामले को लेकर मंगलवार (25 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि इस मुद्दे पर उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा विचार विमर्श किया जा रहा है और फैसला 21 मार्च तक लिया जाएगा. इसलिए 21 मार्च तक सुनवाई टाल दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का अनुरोध स्वीकार कर लिया और सुनवाई 21 मार्च तक के लिए टाल दी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपने पहले के दिए निर्देश के पालन को लेकर केंद्र सरकार से जवाब मांगा. वहीं आज तारीख न बताए जाने पर कोर्ट ने 21 मार्च की डेडलाइन तय कर दी. केंद्र की तरफ से कहा गया कि मामले पर विचार-विमर्श जारी है और इसके लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है.

निर्वासन के मुद्दे को उच्चतम स्तर पर निपटाया जा रहा
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की अपील पर जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच ने आज सुनवाई स्थगित कर दी. वहीं इससे पहले बेंच ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि विदेशियों के निर्वासन के मुद्दे को उच्चतम स्तर पर निपटाया जा रहा है, अगर समय मिलता है, तो वह इसे लेकर अधिकारिक फैसले को रिकॉर्ड में दर्ज करेंगे. SG ने इस मामले पर केंद्र की प्रतिक्रिया बताने के लिए अधिक समय की मांग थी. सोमवार को उन्होंने कोर्ट को आश्वासन देते हुए 2 हफ्ते का और समय मांगा था.

सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट विदेशियों को निर्वासित करने के बजाय उन्हें अनिश्चितकाल तक कैद में रखने को लेकर असम सरकार को फटकार भी लगा चुका है. कोर्ट ने सवाल किया था कि क्या सरकार उन्हें वापस भेजने के लिए किसी मुहूर्त का इंतजार कर रही है. बेंच ने कहा था कि असम तथ्यों को छिपा रहा है और हिरासत में लिए गए लोगों के विदेशी होने की पुष्टि होते ही उन्हें तत्काल निर्वासित कर दिया जाना चाहिए.

बेंच ने असम सरकार से कहा था कि आपने यह कहकर निर्वासन की प्रक्रिया शुरू करने से इनकार कर दिया कि नागरिकों के पते मालूम नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कहा कि यह हमारी चिंता क्यों होनी चाहिए? आप नागरिकों को उनके देश भेज दें. क्या आप किसी मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं?.

कोर्ट ने असम सरकार की इस सफाई पर आश्चर्य जताया कि वह विदेश मंत्रालय को राष्ट्रीयता सत्यापन फॉर्म इसलिए नहीं भेज रही है, क्योंकि विदेश में बंदियों का पता मालूम नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह अब तक निर्वासित किए गए लोगों की सजानकारी दे, साथ ही यह भी बताए कि वह आगे इस तरह के बंदियों के मामले में कैसे निपटेगा, जिनकी राष्ट्रीयता अज्ञात है.

 

तेलंगाना में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग में ऊपरी हिस्सा ढहने से 8 मजदूर फंसे हुए हैं. इनमें से 2 यूपी, 4 झारखंड, 1 जम्मू-कश्मीर और 1 मजदूर पंजाब का रहने वाला है. बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. हालांकि, अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. सेना के साथ ही एनडीआरएफ ने भी मोर्चा संभाल रखा है. इस बीच तेलंगाना के सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि देश की 10 बड़ी एजेंसियों के साथ ही बैठक की है. बता दें कि श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल टनल में ये हादसा शनिवार को हुआ था. आज चौथा दिन है. अभी भी आठ लोग अंदर फंसे हुए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद के लिए जीएसआई और एनजीआरआई के विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है. उधर, नागरकुरनूल के डीएम बी. संतोष ने कहा कि आगे कोई भी कदम उठाने से पहले टनल की स्थिरता पर फोकस किया जाएगा. पानी निकालने का काम जारी है.

अब तक हम मजदूरों से संपर्क नहीं कर पाए हैं
बी संतोष ने बताया कि अब तक हम टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क नहीं कर पाए हैं. हम भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और कुछ अन्य लोगों की सलाह ले रहे हैं. अभी पानी निकाला जा रहा है. रेस्क्यू टीम आगे बढ़ रही है लेकिन आखिरी 40 या 50 मीटर तक हम नहीं पहुंच पाए हैं. जीएसआई और एनजीआरआई के साथ ही एलएंडटी के एक्सपर्ट भी यहां पहुंच चुके हैं.

उन्होंने कहा, रेस्क्यू टीम आखिरी 50 मीटर तक नहीं जा पा रही हैं. इसी जगह 8 लोग फंसे हुए हैं. वहां कीचड़ और मलबा जमा हो गया है. जीएसआई और एनजीआरआई के अलावा एलएंडटी के एक आस्ट्रेलियाई एक्सपर्ट को भी मौके पर बुलाया गया है. उन्हें टनल संबंधी कार्यों का बड़ा अनुभव है.

मजदूरों के बचने की संभावना बहुत कम
बताया जा रहा है कि सेना, नौसेना, सिंगरेनी कोलियरीज और अन्य एजेंसियों के 584 कुशल कर्मियों की एक टीम ने 7 बार सुरंग का निरीक्षण किया है. उन्होंने बताया कि मेटल रॉड को काटने के लिए लगातार गैस कटर का यूज किया जा रहा है. इससे पहले तेलंगाना के मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने सोमवार को कहा था कि सुरंग में फंसे मजदूरों के बचने की संभावना बहुत कम है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और नई दिल्ली सीट अरविंद केजरीवाल की हार के बाद अब उनके सियासी भविष्य को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. केजरीवाल अपनी नई पारी का आगाज पंजाब से कर सकते हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि वे पंजाब से राज्यसभा जा सकते हैं. हालांकि अब तक इस बात को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है और पंजाब के ज्यादातर आम आदमी पार्टी के नेता, प्रवक्ता और सरकार के मंत्री इस बात को नकार रहे हैं. अरविंद केजरीवाल राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा की जगह ले सकते हैं. वहीं संजीव अरोड़ा उप-चुनाव के जरिए राज्य की राजनीति में एंट्री कर सकते हैं. खबरें हैं कि संजीव अरोड़ा आगामी लुधियाना पश्चिम सीट से विधानसभा उप-चुनाव लड़ सकते हैं. लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट विधायक गुरप्रीत गोगी के अकस्मात निधन की वजह से खाली हुई है. संजीव अरोड़ा पंजाब के एक बड़े बिजनेसमैन है और लुधियाना से भी संबंध रखते हैं. अरविंद केजरीवाल के साथ भी उनकी काफी नजदीकी मानी जाती है.

आम आदमी पार्टी ने दावों को नकारा
पंजाब विधानसभा का सत्र जारी है और इस मामले को लेकर पंजाब की राजनीति भी गरमा गई. जिसके बाद पंजाब सरकार के मंत्रियों और पार्टी के प्रवक्ताओं की फौज इस खबर का खंडन करने के लिए सामने आ गई. अरविंद केजरीवाल को पंजाब के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा की सीट खाली करवा कर राज्यसभा भेजे जाने की खबरों को आम आदमी पार्टी ने नकार दिया है.

पंजाब के माइनिंग मंत्री बरिंदर गोयल ने कहा कि ये महज अफवाह है जो कि कुछ विपक्षियों द्वारा फैलाई जा रही है ऐसी कोई बात अब तक पार्टी के पटल पर नहीं आई है और ना ही इस पर चर्चा हुई है.वहीं आम आदमी पार्टी के पंजाब के मुख्य प्रवक्ता नील गर्ग ने भी इन खबरों को खारिज कर दिया और कहा कि अब तक पार्टी के लेवल पर इस तरह की कोई चर्चा ना तो हुई है और ना ही उनके पास ऐसी कोई जानकारी है.

पार्टी बोली- विपक्ष ध्यान भटकाने के लिए इस तक का मुद्दा उठा रही
पंजाब के वित्त मंत्री और पार्टी के सीनियर नेता हरपाल चीमा ने कहा कि पार्टी के स्तर पर अभी तक इस प्रकार की कोई बात नहीं हुई है. हरपाल चीमा ने कहा कि विपक्ष ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के मुद्दे उठा रहा है. विपक्ष के नेता विधानसभा के अंदर कोई मुद्दा उठा नहीं सकते ना ही कुछ बोल सकते हैं इसलिए इस प्रकार के मुद्दे गुमराह करने के लिए उठा रहे हैं.

वहीं पठानकोट से बीजेपी विधायक और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को पीछे के दरवाजे से पंजाब में लाने की तैयारी की जा रही है और इसी वजह से उनको राज्यसभा में पंजाब से भेजे जाने की चर्चा है, लेकिन ये पंजाब के लोगों के साथ सबसे बड़ा धोखा होगा क्योंकि पंजाब में आम आदमी पार्टी को मैंडेट भगवंत मान के चेहरे पर मिला था ना कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे लोगों के चेहरे पर जोकि दिल्ली में चुनाव हार गए हैं और अब पंजाब में राजनीति और पावर के लिए आना चाहते हैं. अश्विनी शर्मा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पावर हंगरी आदमी है और वो सत्ता में आने के लिए ये सब कर रहे हैं.

बाजवा बोले- पिछले दरवाजे से पंजाब की सत्ता में दाखिल होना चाहते हैं
वहीं, कांग्रेस ने भी अरविंद केजरीवाल के पंजाब से राज्यसभा जाने के मामले पर कहा कि वो तो पहले से ही कह रहे हैं कि दिल्ली के नेता पंजाब को ओवरटेक करना चाहते हैं. पंजाब विधानसभा में नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वो ये बात पहले भी कह चुके हैं कि अरविंद केजरीवाल पंजाब की सत्ता अपने हाथों में लेना चाहते हैं और अब ये बात साफ है कि केजरीवाल पिछले दरवाजे से पंजाब की सत्ता में दाखिल होना चाहते हैं.

वहीं कांग्रेस विधायक और पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पंजाब में आकर सीधे चुनाव क्यों नहीं लड़ लेते जनता उन्हें मैंडेट दे देगी और पता लग जाएगा कि क्या वो पंजाब में राज कर सकते हैं या नहीं. परगट सिंह ने कहा कि भगवंत मान तो अपने किले यानी अपनी सरकारी कोठी में कैद है जबकि पूरी पंजाब सरकार तो अरविंद केजरीवाल और उनकी दिल्ली की टीम ही चल रही है.

नई दिल्ली: दिल्ली में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता एक्शन में हैं। ऐतिहासिक रामलीला मैदान में शपथ लेने के बाद रेखा गुप्ता अपने मंत्रियों के साथ यमुना घाट पहुंचीं। उसके बाद कैग रिपोर्ट और आयुष्मान भारत योजना पर फैसला लिया गया। रेखा गुप्ता ने अब शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इससे पहले रेखा गुप्ता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर चुकी हैं। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद वह सचिवालय पहुंचीं।

बजट को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा

हालांकि सीएम रेखा गुप्ता और पीएम मोदी की इस मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस दौरान दिल्ली बजट की तैयारियों और महिला सम्मान योजना समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने राजधानी की जनता से कई बड़े वादे किए थे। वहीं, दिल्लीवासियों को भी बजट से काफी उम्मीदें हैं।

बजट तैयारियों पर बुलाई अहम बैठक

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आगामी दिल्ली विधानसभा बजट की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में वित्त विभाग समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य वित्त वर्ष 2025-26 के बजट को अंतिम रूप देना और विकास परियोजनाओं की प्राथमिकताओं पर चर्चा करना है।

 

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