कारगिल युद्ध की विरासत एकता और देशभक्ति की भावना को सशक्त करती है– बोले राज्यपाल

 

सशस्त्र बलों और नागरिक संगठनों की संयुक्त रणनीति से बहाल हो रही व्यवस्था

इंफाल।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला ने कहा कि सरकार, सशस्त्र बलों और नागरिक समाज संगठनों के समन्वित प्रयासों से राज्य में शांति और सामान्य स्थिति धीरे-धीरे लौट रही है। जातीय हिंसा से जूझ रहे इस पूर्वोत्तर राज्य में हाल के महीनों में उग्रवाद और जबरन वसूली में लिप्त कई तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।

राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद सुरक्षा बलों की त्वरित कार्रवाई से कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है। मिलिशिया समूहों की फंडिंग, जबरन वसूली और साइबर योजनाओं से जुड़े कई उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही, बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं।

मणिपुर पुलिस ने नागरिकों को सुरक्षा देने के उद्देश्य से ‘जबरन वसूली विरोधी सेल’ और एक गोपनीय हेल्पलाइन शुरू की है। इस अभियान में राज्य पुलिस, सीएपीएफ, असम राइफल्स और सेना की संयुक्त भागीदारी है।

राज्यपाल भल्ला ने कहा कि सामुदायिक संपर्क और सुरक्षा बलों की संयुक्त रणनीति से उग्रवादी नेटवर्क कमजोर हो रहे हैं। नागरिक व्यवस्था बहाल की जा रही है और विस्थापित लोगों को पुनर्वास के माध्यम से आशा और आत्मनिर्भरता की दिशा में लौटाया जा रहा है। इसके लिए मैतेई, कुकी-ज़ो और नागा समुदायों के साथ संवाद जारी है।

कारगिल विजय दिवस पर वीरों को श्रद्धांजलि

राज्यपाल ने कारगिल विजय दिवस की स्मृति में कहा कि यह दिन हमें एकता, लचीलापन और देशभक्ति के मूल्यों की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि मणिपुर के सात वीर सैनिकों ने कारगिल युद्ध में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।

उन्होंने कहा, “मैं उन सभी शहीदों को नमन करता हूं जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान दिया। भारत अपनी अखंडता की रक्षा करता रहेगा और किसी भी आतंकी या युद्ध की चुनौती का डटकर सामना करेगा।”

 

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