ईश्वर दुबे
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Bhilai
*प्रशासन की तत्परता: बाढ़ प्रभावितों को मिला राशन*
*बर्तन, कपड़े, गैस सिलेंडर और चूल्हा भी उपलब्ध:मकान ढहने पर सहायता राशि भी प्रदान की गई*
रायपुर, 01 सितंबर 2025/ दंतेवाड़ा में हाल ही में आई बाढ़ से निपटने और प्रभावितों को आवश्यक मदद पहुँचाने में प्रशासन तत्पर रहा। अपने विदेश दौरे के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दक्षिण कोरिया से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश भी दिए थे।
आज मुख्यमंत्री के दंतेवाड़ा के चूड़ी टिकरापारा पहुँचने पर बाढ़ प्रभावित परिवारों ने प्रशासन द्वारा समय पर बचाव एवं राहत पहुँचाने के लिए आभार व्यक्त किया। मौजूद लोगों ने कहा कि सरकार की इस संवेदनशील पहल से सभी प्रभावित परिवार सुरक्षित और सकुशल हैं। राहत शिविर में रहने, भोजन और इलाज जैसी सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
बाढ़ पीड़ित गुप्तेश्वरी कश्यप, शालिनी शर्मा, सविता पात्रे एवं लता सागर ने मुख्यमंत्री श्री साय को बताया कि राहत शिविर में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं है और अब राशन, बर्तन, कपड़े, गैस सिलेंडर एवं चूल्हा भी दिया गया है। मकान ढहने पर सहायता राशि भी मिल चुकी है और अब घर बनने तक वे यहाँ राहत शिविर में रहेंगे। प्रभावितों ने बताया कि बाढ़ आने के साथ ही प्रशासन की अपील पर सभी लोग सुरक्षित ऊँचे स्थान पर चले गए थे। फिर बाढ़ का पानी उतरने के बाद उन्हें चूड़ी टिकरापारा के छात्रावास भवन में राहत शिविर में ठहराया गया।
इसी तरह रीता कश्यप, द्रोपदी नाग, कुंदन गुप्ता, महेश नाग, बबीता नाग सहित अन्य प्रभावितों ने भी प्रशासन के राहत एवं पुनर्वास प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय को धन्यवाद दिया।
*मुख्यमंत्री के समक्ष भावुक हुईं सोमड़ी सोढ़ी*
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय बाढ़ प्रभावितों से मिलने के दौरान चूड़ी टिकरापारा निवासी सोमड़ी सोढ़ी के घर पहुँचे तो श्रीमती सोमड़ी सोढ़ी भावुक हो गईं। उन्होंने बताया कि बाढ़ से पूरा घर डूब गया था। बाढ़ आने के एक दिन पहले वह अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती हुई थीं और उनकी दोनों बेटियाँ भी साथ में थीं, इस कारण उनकी जान बच गई। अस्पताल से ठीक होकर शुक्रवार को वह घर लौटीं।
सोमड़ी ने बताया कि बाढ़ के पानी में घर का पूरा सामान खराब हो गया है। इस बीच प्रशासन ने राशन, बर्तन, कपड़े, गैस सिलेंडर एवं चूल्हा उपलब्ध कराया है। साथ ही राहत शिविर में नाश्ता, भोजन और इलाज की सुविधा भी दी जा रही है। इस आपदा की घड़ी में सरकार की सहायता के लिए श्रीमती सोमड़ी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार प्रकट किया।
इसी तरह दंतेवाड़ा के चूड़ी टिकरापारा के बाढ़ प्रभावित सुरेश बघेल ने बताया कि बाढ़ आने के दिन पूरा परिवार घर में ही था। प्रशासन की सूचना पर वे सभी सुरक्षित स्थान पर चले गए और एक दिन बाद राहत शिविर पहुँचे। पिछले शुक्रवार को वे शिविर से घर लौटे हैं।
सुरेश ने बताया कि प्रशासन द्वारा राशन, बर्तन, गैस सिलेंडर एवं चूल्हा, कंबल-चादर और कपड़े जैसे सभी जरूरी सामान उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे उनके परिवार को बड़ी राहत मिली है।
*बाढ़ में बही पुस्तकें, टेबलेट भी हुआ खराब, पर नहीं रुकेगी पूनम की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी*
*मुख्यमंत्री की पहल पर पूनम को मिली पुस्तकें और नया टेबलेट*
रायपुर, 01 सितंबर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर बाढ़ से प्रभावित दंतेवाड़ा की पूनम पटेल की प्रशासनिक अधिकारी बनने की तैयारी आगे भी निर्बाध जारी रहेगी। पूनम पटेल, दंतेवाड़ा जैसे नक्सल प्रभावित इलाके में रहकर पिछले तीन वर्षों से यूपीएससी की तैयारी कर रही हैं। हाल ही में दंतेवाड़ा में आई बाढ़ से प्रभावित होने के कारण पूनम का पूरा परिवार राहत शिविर में है। आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पूनम से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना। मुख्यमंत्री की पहल पर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी हेतु पूनम को आवश्यक पुस्तकें और एक नया टेबलेट उपलब्ध कराया गया है। अब पूनम की यूपीएससी तैयारी में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आएगी।
दंतेवाड़ा जिले के चूड़ीटिकरा पारा वार्ड की रहने वाली पूनम पटेल पिछले तीन वर्षों से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। हाल ही में आई बाढ़ में उनका घर क्षतिग्रस्त हो गया और घर का सारा सामान बह गया। पूनम ने बताया कि बाढ़ के पानी में उनकी सभी पुस्तकें बह गईं और टेबलेट भी खराब हो गया। पूनम ने कहा कि उनके पिता श्री संतोष पटेल किराना दुकान चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं और उन्हीं की आमदनी से बड़ी मुश्किल से एक-एक पैसा जोड़कर यूपीएससी की पढ़ाई के लिए टेबलेट खरीदा था। बाढ़ के पानी में पुस्तकें और टेबलेट खराब हो जाने से पूनम आगे की तैयारी को लेकर बेहद चिंतित थीं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा पूनम को नया टेबलेट और प्रतियोगी परीक्षाओं की आवश्यक पुस्तकें उपलब्ध कराई गईं। इस सहायता से पूनम को बड़ी राहत मिली है। अब पूनम के प्रशासनिक अधिकारी बनने की राह में बाढ़ भी बाधा नहीं डाल पाएगी।
*मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की*
*दंतेवाड़ा सहित सुकमा, बीजापुर और बस्तर जिलों के उच्चाधिकारियों की बैठक:स्थिति सामान्य होने तक अधिकारियों को मुस्तैद रहकर जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के निर्देश*
रायपुर, 01 सितंबर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज दंतेवाड़ा जिले के प्रवास के दौरान जिला कार्यालय के डंकनी सभाकक्ष में बाढ़, आपदा एवं राहत कार्यों की समीक्षा की। इस बैठक में दंतेवाड़ा के अलावा बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर और बस्तर जिलों के कलेक्टर एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री टंकराम वर्मा, वन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप, बस्तर सांसद श्री महेश कश्यप, क्षेत्रीय विधायक श्री चैतराम अटामी तथा जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नंदलाल मुड़ामी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने विगत 26 एवं 27 अगस्त को हुई अतिवृष्टि से हुई हानि तथा प्रशासन द्वारा चलाए गए राहत कार्यों की जानकारी बैठक के माध्यम से ली। उन्होंने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के दौरान प्रशासनिक अमलों द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई, जो सराहनीय है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों से हुई चर्चा से यह स्पष्ट हुआ कि प्रशासनिक तत्परता एवं त्वरित कार्रवाई से वे संतुष्ट हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बीते माह आई इस प्राकृतिक आपदा और विभीषिका से जो जन-धन एवं अधोसंरचना की क्षति हुई है, वह अपूरणीय है। यह संतोष की बात है कि जिला प्रशासन द्वारा फौरी तौर पर बचाव एवं राहत कार्य के लिए कदम उठाए गए। साथ ही शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन दान स्वरूप दिया, जो अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आई बाढ़ आपदा से चारों जिलों में 115 करोड़ रुपये की विभिन्न अधोसंरचनाओं को क्षति हुई है। इनकी मरम्मत के लिए राज्य शासन द्वारा हर संभव सहयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने गैर-शासकीय एवं स्वैच्छिक संगठनों के कार्यों की भी सराहना की।
मुख्यमंत्री ने बैठक में सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि चारों जिलों में स्थिति सामान्य होने तक राहत एवं स्वास्थ्य शिविर आवश्यकतानुसार जारी रखें। उन्होंने कहा कि प्रशासन निरंतर प्रभावितों के संपर्क में रहे और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सतत जारी रखे। इसके लिए लगातार कैंप लगाकर ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच की जाए तथा उन्हें समसामयिक सलाह देते हुए आवश्यक दवाएं और स्वास्थ्य सेवाएं तत्काल उपलब्ध कराई जाएं। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को राहत राशि अविलंब जारी करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह ने निर्देशित किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित न होने पाए। इसके लिए कार्यपालन अभियंता तत्काल प्रस्ताव केंद्रीय कार्यालय को प्रेषित करें। साथ ही केशकाल में राष्ट्रीय राजमार्ग के सुधार कार्य हेतु तात्कालिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
इस दौरान सचिव आपदा प्रबंधन श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने पशु-हानि पर दी जाने वाली मुआवजे की राशि के लिए नए निर्देशों के अनुसार आवंटन देने हेतु कलेक्टरों को निर्देशित किया। स्वास्थ्य विभाग की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार डोर-टू-डोर सर्वे कराया जाए। साथ ही स्वास्थ्य अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इन क्षेत्रों में मलेरिया, टाइफाइड एवं जलजनित रोग पनपने न पाएं। उन्होंने पेयजल के सभी स्रोतों में क्लोरीनेशन कराने और उसका परीक्षण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
इससे पहले दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और बस्तर जिलों के कलेक्टरों ने निर्धारित एजेंडा अनुसार बाढ़ से हुई क्षति और जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए राहत कार्यों की क्रमवार जानकारी दी। बैठक में अतिवृष्टि से प्रभावित ग्रामों, क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों, सड़कों, बाधित विद्युत आपूर्ति एवं मोबाइल नेटवर्क की स्थिति प्रस्तुत की गई। साथ ही जन-धन हानि, बाढ़ में बह गए घरों एवं मवेशियों के बारे में संख्यात्मक एवं तथ्यात्मक आंकड़े पीपीटी के माध्यम से साझा किए गए।
इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए राहत एवं बचाव कार्य, प्रभावितों का रेस्क्यू कर उन्हें राहत कैंपों में ठहराना, तात्कालिक उपचार उपलब्ध कराना और खाद्य सामग्री वितरित करने की जानकारी भी दी गई। बताया गया कि सर्वाधिक क्षति नदी-नालों के किनारे स्थित ग्रामों के निवासियों को हुई है, परंतु समय पर प्रशासनिक राहत उपलब्ध कराई गई।
बैठक में बस्तर संभाग के संभागायुक्त श्री डोमन सिंह, आईजी बस्तर श्री सुंदरराज पी, दंतेवाड़ा कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत, सुकमा कलेक्टर श्री देवेश ध्रुव, बीजापुर कलेक्टर श्री संबित मिश्रा, जिला पंचायत बस्तर के सीईओ श्री प्रतीक जैन सहित एसपी एवं जिला स्तर के अधिकारीगण मौजूद थे।
*किसानों के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की बड़ी पहल रू इस माह मिलेगा 60 हजार टन अतिरिक्त यूरिया*
*चालू खरीफ सीजन में अब तक 6.39 लाख टन यूरिया वितरित, गत वर्ष इसी अवधि में हुआ था 6.17 लाख टन का वितरण*
*राज्य में यूरिया और अन्य रासायनिक खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध, किसानों की मांग पर केंद्र सरकार ने स्वीकृत किया अतिरिक्त आबंटन*
रायपुर, 01 सितम्बर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर किसानों के हित में एक बड़ी राहत मिल रही है। भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ के लिए 60 हजार टन अतिरिक्त यूरिया का आबंटन स्वीकृत किया है। इसमें सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में 20 हजार टन, द्वितीय सप्ताह में 35 हजार टन और शेष 5 हजार टन की आपूर्ति माह के अंत तक सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि किसानों की हर आवश्यकता पर राज्य सरकार संवेदनशील है और यह अतिरिक्त आबंटन उनकी खरीफ फसलों को सुरक्षित रखने में सहायक होगा।
मार्कफेड अधिकारियों ने बताया कि चालू खरीफ सीजन के लिए 28 अगस्त की स्थिति में सहकारी क्षेत्र में 3 लाख 91 हजार 79 मीट्रिक टन और निजी क्षेत्र में 3 लाख 11 हजार 563 मीट्रिक टन, इस तरह कुल 7 लाख 2 हजार 642 मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण किया गया है। इसके विरुद्ध 6 लाख 38 हजार 599 मीट्रिक टन यूरिया किसानों को वितरित किया जा चुका है। इसमें 3 लाख 42 हजार 444 मीट्रिक टन सहकारी क्षेत्र और 2 लाख 96 हजार 155 मीट्रिक टन निजी क्षेत्र से वितरण शामिल है। यह आँकड़ा पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुए 6 लाख 17 हजार 798 मीट्रिक टन वितरण से अधिक है, जो इस बार की बेहतर आपूर्ति व्यवस्था का प्रमाण है।
प्रदेश में किसानों के लिए नैनो खाद की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। सहकारी क्षेत्र में 1 लाख 78 हजार 919 और निजी क्षेत्र में 1 लाख 12 हजार 140, इस तरह कुल 2 लाख 91 हजार 59 बॉटल नैनो यूरिया का भंडारण हुआ है। इसी प्रकार सहकारी क्षेत्र में 1 लाख 58 हजार 809 और निजी क्षेत्र में 79 हजार 810, कुल 2 लाख 38 हजार 619 बॉटल नैनो डीएपी संग्रहित किया गया है। अब तक किसानों को 2 लाख 32 हजार 652 बॉटल नैनो यूरिया और 1 लाख 85 हजार 136 बॉटल नैनो डीएपी वितरित किया जा चुका है।
प्रदेश में चालू खरीफ सीजन के लिए भारत सरकार ने 14.62 लाख टन रासायनिक खाद का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके विरुद्ध सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में 15.64 लाख टन का भंडारण कर लिया गया है। भंडारण के आधार पर किसानों को अब तक 13.19 लाख टन खाद वितरित किया गया है। यह व्यवस्था बताती है कि समितियों और निजी क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं और किसानों को किसी तरह की कठिनाई नहीं होगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि खरीफ सीजन में किसानों को खाद की आपूर्ति उनकी समयबद्ध जरूरतों के अनुरूप प्राथमिकता से की जा रही है। अब तक निर्धारित लक्ष्य का 98 प्रतिशत यूरिया किसानों तक पहुँच चुका है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि किसानों को मौसम और फसल की आवश्यकताओं के अनुरूप पर्याप्त खाद की आपूर्ति लगातार जारी रहेगी और उनकी उपज सुरक्षित रहेगी।
इस संबंध में गत दिनों कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम और राज्य के सांसदों ने भी केंद्रीय उर्वरक मंत्री श्री जे.पी. नड्डा से भेंट कर छत्तीसगढ़ के किसानों की मांग रखी थी। मुख्यमंत्री श्री साय के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार से लगातार संपर्क किया गया और किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त 60 हजार टन यूरिया का आबंटन स्वीकृत किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में सहकारी सोसायटियों और निजी विक्रेताओं के माध्यम से खाद का वितरण सुव्यवस्थित तरीके से किया जा रहा है। किसान समितियों में आसानी से खाद उपलब्ध करा पा रहे हैं और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इससे खेती-किसानी प्रभावित होने के बजाय और मजबूती पा रही है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, किसानों ने सरकार और प्रशासन की इस पहल पर संतोष व्यक्त किया है। उनका कहना है कि समय पर यूरिया और अन्य खाद उपलब्ध होने से बुवाई और फसल प्रबंधन का काम सुचारू रूप से हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि खाद, बीज और सिंचाई जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र और राज्य के समन्वित प्रयासों से खरीफ सीजन में किसानों को समुचित राहत मिलेगी और छत्तीसगढ़ कृषि उत्पादन में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।
*बाढ़ प्रभावितों का हाल जानने उनके बीच पहुँचे मुख्यमंत्री श्री साय: अधिकारियों को राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश*
*मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई और जमीनी सर्वेक्षण*
रायपुर, 1 सितंबर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों दंतेवाड़ा और बस्तर का हवाई सर्वेक्षण एवं जमीनी निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन किया और राहत एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवार तक समय पर सहायता पहुँचना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए सभी स्तरों पर संवेदनशीलता तथा तत्परता आवश्यक है।
मुख्यमंत्री श्री साय दंतेवाड़ा के चूड़ीटिकरा पारा में बनाए गए अस्थायी राहत शिविर पहुँचे, जहाँ उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों से भेंट कर उनकी समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने प्रशासन को निर्देशित किया कि शिविरों में पर्याप्त भोजन, स्वच्छ पेयजल और सुरक्षित आवास की व्यवस्था निरंतर बनी रहे। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों को त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जाए और उनके पुनर्वास के कार्य प्राथमिकता के आधार पर तेजी से किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि राहत शिविरों में सभी जरूरी व्यवस्थाओं के साथ-साथ प्रभावित परिवारों को राशन, बर्तन और कपड़े जैसे आवश्यक सामग्री भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने बाढ़ प्रभावितों को आवश्यकता अनुसार मकान की मरम्मत अथवा नए मकान निर्माण के लिए सहायता राशि समय पर देने के निर्देश दिए। श्री साय ने कलेक्टर एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को बाढ़ से हुई फसल क्षति, पशुधन हानि सहित अन्य नुकसानों का शीघ्र आंकलन कर प्रभावितों को सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त पुल का भी निरीक्षण किया और क्षेत्र की यातायात व्यवस्था तथा पुनर्निर्माण कार्यों की स्थिति का आकलन किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित गाँवों में सड़क, बिजली और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की शीघ्र बहाली सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राहत और पुनर्वास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएँ कठिनाई अवश्य लाती हैं, परंतु प्रशासनिक तत्परता और जनसहयोग से इन कठिनाइयों का समय पर समाधान संभव है। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि राहत शिविरों और प्रभावित गाँवों में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की विशेष देखभाल की जाए तथा स्वास्थ्य एवं शिक्षा से जुड़ी आवश्यक सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए।
*मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य शिविर का जायजा लिया*
मुख्यमंत्री श्री साय ने यहाँ लगाए गए स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया। उन्होंने मेडिकल टीम से दवाइयों की उपलब्धता, डॉक्टरों की तैनाती और मरीजों को दी जा रही प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों से सीधे संवाद करते हुए यह भी पूछा कि क्या वे प्रशासन की मदद से संतुष्ट हैं। प्रभावितों ने जिला प्रशासन के त्वरित सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।
श्री साय ने बाढ़ प्रभावितों की स्वास्थ्य जांच, बीमारों के उपचार और आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता के बारे में मौजूद अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने स्थिति सामान्य होने तक बाढ़ प्रभावितों को शिविर में नियमित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ के बाद संभावित उल्टी-दस्त तथा अन्य जलजनित मौसमी बीमारियों पर निरंतर निगरानी रखने और बचाव हेतु पेयजल स्रोतों का अनिवार्य रूप से क्लोरीनेशन करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आमजन को पीने के शुद्ध पानी का उपयोग करने, स्वच्छता एवं साफ-सफाई बनाए रखने के लिए जागरूक करने पर बल दिया। उन्होंने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को प्रभावित वार्डों में नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
*बाढ़ प्रभावितों का हाल जानने सीधे उनके बीच पहुँचे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय: अधिकारियों को राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश*
*मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई और जमीनी सर्वेक्षण*
रायपुर 1 सितंबर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों दंतेवाड़ा और बस्तर का हवाई सर्वेक्षण एवं जमीनी निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन किया और राहत एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवार तक समय पर सहायता पहुँचना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए सभी स्तरों पर संवेदनशीलता और तत्परता आवश्यक है।
मुख्यमंत्री श्री साय दंतेवाड़ा के चूड़ीटिकरा वार्ड में बनाए गए अस्थायी राहत शिविर पहुँचे, जहाँ उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों से भेंट कर उनकी समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने प्रशासन को निर्देशित किया कि शिविरों में पर्याप्त भोजन, स्वच्छ पेयजल और सुरक्षित आवास की व्यवस्था निरंतर बनी रहे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने यहां लगाए गए स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया। उन्होंने मेडिकल टीम से दवाइयों की उपलब्धता, डॉक्टरों की तैनाती और मरीजों को दी जा रही प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों से सीधे संवाद करते हुए यह भी पूछा कि क्या वे प्रशासन की मदद से संतुष्ट हैं। प्रभावितों ने जिला प्रशासन के त्वरित सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए पुल का भी निरीक्षण किया और क्षेत्र की यातायात व्यवस्था तथा पुनर्निर्माण कार्यों की स्थिति का आकलन किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित गाँवों में सड़क, बिजली और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की शीघ्र बहाली सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि राहत और पुनर्वास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा कलेक्टोरेट में जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति, पुनर्वास योजनाओं और प्रभावित परिवारों को दी जा रही तत्कालिक सहायता की विस्तृत समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित गाँवों में प्रशासनिक टीमों की निरंतर पहुँच बनी रहे और हर जरूरतमंद तक राहत सामग्री समय पर पहुँचे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएँ कठिनाई अवश्य लाती हैं, परंतु प्रशासनिक तत्परता और जनसहयोग से इन कठिनाइयों का समाधान संभव है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राहत शिविरों और प्रभावित गाँवों में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की विशेष देखभाल की जाए तथा स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी आवश्यक सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए।
मुख्यमंत्री श्री साय के साथ वन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, सांसद श्री महेश कश्यप, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, राजस्व सचिव और आपदा राहत आयुक्त श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले, संभागायुक्त श्री डोमन सिंह सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
रायपुर :
जशपुर जिले से एक विशेष पर्वतारोही दल हिमालय अभियान के लिए रवाना हुआ है। इस दल में जिले के युवा पर्वतारोही श्री रवि सिंह, सुश्री तेजल भगत, श्री रूसनाथ भगत, श्री सचिन कुजुर एवं श्री प्रतीक नायक शामिल हैं। यह अभियान केवल एक खेल गतिविधि नहीं, बल्कि जशपुर की समृद्ध आदिवासी संस्कृति, प्रकृति-आधारित जीवनशैली और सामूहिकता की भावना को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का एक अवसर भी है।
यह अभियान प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में संचालित हो रहा है। पर्वतारोही दल जशपुर से रांची रवाना हुआ, जहाँ से वे ट्रेन द्वारा दिल्ली पहुँचेंगे। दिल्ली से टीम हिमाचल प्रदेश के जगतसुख के लिए प्रस्थान करेगी। दल 4 सितंबर तक आवश्यक प्रक्रियाएँ पूरी करेगा तथा 5 सितंबर को बेस कैम्प जाएगा। दल को रवाना करने के अवसर पर जशपुर के कलेक्टर श्री रोहित व्यास, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अभिषेक कुमार एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री विश्वास मस्के उपस्थित थे। अधिकारियों ने दल को शुभकामनाएँ प्रदान करते हुए उनके सुरक्षित एवं सफल अभियान की कामना की।
कलेक्टर श्री व्यास ने कहा कि जशपुर की युवा प्रतिभाएँ इस अभियान के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिले और प्रदेश का नाम रोशन करेंगी। वहीं वनमंडलाधिकारी श्री शशि कुमार ने इसे जिले में खेल और साहसिक गतिविधियों की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया। जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, जो स्वयं एक अनुभवी पर्वतारोही हैं, ने दल के सदस्यों को पर्वतारोहण से संबंधित आवश्यक जानकारियाँ दीं। उन्होंने सुरक्षा उपायों, ऊँचाई पर स्वास्थ्य प्रबंधन तथा टीम भावना के महत्व पर बल दिया और युवाओं को प्रेरित किया।
जिले के नागरिक इस अभियान को लेकर गर्व और उत्साह का अनुभव कर रहे हैं। स्थानीय संस्था जय जंगल कंपनी इस अभियान के प्रायोजकों में से एक है। संस्था के संस्थापक श्री समर्थ जैन ने कहा कि यह दल पूरे जिले के लिए प्रेरणा है और आने वाली पीढ़ियों को पर्वतारोहण तथा साहसिक खेलों की दिशा में आगे बढ़ाएगा।
इस अभियान का नेतृत्व पर्वतारोही श्री स्वप्निल राचेलवार एवं श्री राहुल ओगरा कर रहे हैं। अभियान का उद्देश्य न केवल हिमालय की ऊँचाइयों को फतह करना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण एवं नशामुक्ति के संदेश को भी जन-जन तक पहुँचाना है। यह पहल युवाओं को प्रकृति से जोड़ते हुए उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने हेतु प्रेरित करेगी।
रायपुर :
जिले में उर्वरक वितरण की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कृषि विभाग बीजापुर की निरीक्षण टीम ने विभिन्न आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित (लैम्प्स) एवं निजी कृषि सेवा केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान भौतिक स्टॉक और पीओएस मशीन में दर्ज आंकड़ों के बीच असंगतियाँ पाई गईं। विभाग ने सभी लैम्प्स प्रबंधकों और निजी विक्रेताओं को दो दिनों के भीतर स्टॉक विवरण को पीओएस मशीन में सही ढंग से दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। निर्धारित समय में अनुपालन न करने पर संबंधितों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
निरीक्षण के दौरान जिले के गंगालूर लैम्प्स में 10.740 टन, आवापल्ली में 33.20 टन, इलमिडी में 195.79 टन, चिलकापल्ली में 66.30 टन, बासागुड़ा में 107.735 टन, बीजापुर स्थित धुरवा कृषि केंद्र में 13.900 टन तथा आवापल्ली स्थित बालाजी कृषि केंद्र में 1.05 टन उर्वरक का स्टॉक दर्ज किया गया। कुल मिलाकर 428.715 टन उर्वरक वितरण की जांच की गई, जिसमें स्टॉक और पीओएस मशीन प्रविष्टियों में अंतर सामने आया।
जिले में की गई इस कार्रवाई के तहत लैम्प्स प्रबंधकों और विक्रेताओं को वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता अपनाने और अनुशासनात्मक ढंग से कार्य करने पर जोर दिया गया। निरीक्षण दल में सहायक संचालक कृषि श्री कृष्ण कुमार सिन्हा, अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री सी.पी. देवांगन तथा कृषि विकास अधिकारी श्री वी.एस. कुमार शामिल थे। यह कार्रवाई उप संचालक कृषि बीजापुर के निर्देश पर की गई।
रायपुर :
बीजापुर जिले के भैरमगढ़ ब्लॉक स्थित सुरोखी गांव के बाढ़ प्रभावित 18 परिवारों को रेडक्रॉस सोसायटी बीजापुर द्वारा किचन सेट एवं हाईजीन किट का वितरण किया गया। यह वितरण कलेक्टर श्री संबित मिश्रा के दिशा-निर्देश में स्थानीय जनप्रतिनिधियों सरपंच एवं उप सरपंच के माध्यम से कराया गया। बाढ़ प्रभावित ग्राम सुरोखी के कुंजाम पारा के 18 परिवारों के कुल 86 सदस्य वर्तमान में सुरोखी राहत शिविर में रह रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा राहत शिविर में भोजन, स्वास्थ्य और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सामग्री वितरण कार्यक्रम में रेडक्रॉस के जिला संगठक श्री नरवेद सिंह, विद्यालय के प्राचार्य एवं रेडक्रॉस के विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।
रायपुर :
छत्तीसगढ़ में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने एक नई और अभिनव पहल की है। ‘दीदी के गोठ‘ नामक विशेष रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण 31 अगस्त को दोपहर 12:15 बजे आकाशवाणी रायपुर केंद्र सहित राज्य के सभी आकाशवाणी केन्द्रों से एक साथ किया गया। इस कार्यक्रम को प्रदेशभर में उत्साहपूर्वक सुना गया। इस कार्यक्रम के माध्यम मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री तथा उप मुख्यमंत्री एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री विजय शर्मा की प्रेरणादायी शुभकामनाएँ और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कवर्धा जिले में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्व-सहायता समूह की दीदियों और पदाधिकारियों के साथ ‘दीदी के गोठ‘ का श्रवण किया और कार्यक्रम की सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस मंच पर साझा की जा रही सफलता की कहानियाँ अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगी।
विभागीय अधिकारियों ने भी विभिन्न जिलों में पहुँचकर सामूहिक श्रवण में भाग लिया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री भीम सिंह ने गरियाबंद, विशेष सचिव श्री धर्मेश साहू ने जांजगीर, प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक एवं आयुक्त मनरेगा श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने धमतरी और पंचायत विभाग की संचालक श्रीमती प्रियंका महोबिया ने दुर्ग जिले में समूह सदस्यों के बीच बैठकर कार्यक्रम का श्रवण किया तथा महिलाओं का उत्साहवर्धन किया। रायपुर के सेरीखेड़ी स्थित समुदाय प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान में भी संकुल स्तरीय प्रसारण हुआ, जहाँ बिहान मिशन संचालक श्री अश्विनी देवांगन, संयुक्त मिशन संचालक श्री आर.के. झा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
‘दीदी के गोठ‘ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को शासन की योजनाओं से जोड़ते हुए उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाना है। इसके अंतर्गत स्व-सहायता समूहों की सफल महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियाँ साझा की जा रही हैं, ताकि अन्य महिलाएँ भी स्वरोजगार और आत्मविश्वास की राह पर आगे बढ़ें। इस विशेष प्रसारण को प्रदेश के 33 जिलों, 146 विकासखंडों और 580 संकुल संगठनों में सामूहिक श्रवण के रूप में आयोजित किया गया। लाखों महिलाएँ इस कार्यक्रम से जुड़ीं और पूरे प्रदेश में ‘दीदी के गोठ‘ को लेकर उत्साह देखने को मिला। ‘दीदी के गोठ‘ न केवल एक रेडियो कार्यक्रम है, बल्कि यह ग्रामीण महिलाओं के संघर्ष, आत्मबल और सफलता की कहानियों को सामने लाकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन का सशक्त मंच भी है।
रायपुर : ‘
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के लोकप्रिय मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 125वीं कड़ी का सीधा प्रसारण आज नवा रायपुर स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद उद्योग एवं व्यापार परिसर के कन्वेंशन सेंटर में हुआ। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, उद्योग मंत्री श्री लखन देवांगन, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायक श्री इंद्र कुमार साहू तथा छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधिगण और नागरिक उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की घड़ी में देशवासियों द्वारा एक-दूसरे की सहायता करना भारत की असली ताकत है। उन्होंने कहा कि विपत्ति के समय जो सहयोग और एकजुटता दिखाई देती है, वही भारत की संस्कृति और सामूहिक चेतना को परिभाषित करती है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने संबोधन में खेलों को न केवल स्वास्थ्य बल्कि आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का भी आधार बताया। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि खेलकूद में सक्रिय भागीदारी कर अपने जीवन और देश दोनों को ऊर्जावान बनाएं.
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि ‘मन की बात’ हर माह प्रदेशवासियों को नई ऊर्जा और प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम समाज के सभी वर्गों में सकारात्मक सोच और राष्ट्रीय चेतना को प्रबल करता है।
मुख्यमंत्री ने हाल ही में अपने जापान और दक्षिण कोरिया प्रवास का उल्लेख करते हुए बताया कि कौशल विकास, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े क्षेत्रों में हुए सहयोग और निवेश से राज्य के युवाओं के लिए नए अवसर सृजित होंगे और छत्तीसगढ़ में कौशल विकास और रोजगार का नया अध्याय शुरू होगा।
राज्य की रजत जयंती वर्ष का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण तभी संभव है जब प्रत्येक नागरिक अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाए। उन्होंने कहा कि सरकार और जनता के साझा प्रयासों से राज्य को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का संदेश हर नागरिक के लिए प्रेरणास्रोत है। हमें सामूहिक जनभागीदारी के साथ आगे बढ़ते हुए छत्तीसगढ़ को विकास और सुशासन की नई ऊँचाइयों पर ले जाना है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि सभी मिलकर एक समृद्ध और स्वच्छ छत्तीसगढ़ के निर्माण में सक्रिय योगदान दें।
*‘दीदी के गोठ‘ रेडियो कार्यक्रम का पूरे प्रदेश में प्रसारण*
*ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की नई पहल*
रायपुर, 31 अगस्त 2025/ छत्तीसगढ़ में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने एक नई और अभिनव पहल की है। ‘दीदी के गोठ‘ नामक विशेष रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण 31 अगस्त को दोपहर 12.15 बजे आकाशवाणी रायपुर केंद्र सहित राज्य के सभी आकाशवाणी केंद्रों से एक साथ किया गया। इस कार्यक्रम को प्रदेशभर में उत्साहपूर्वक सुना गया। इस कार्यक्रम के माध्यम मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री तथा उप मुख्यमंत्री एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री विजय शर्मा की प्रेरणादायी शुभकामनाएँ और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कवर्धा जिले में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्व-सहायता समूह की दीदियों और पदाधिकारियों के साथ ‘दीदी के गोठ‘ का श्रवण किया और कार्यक्रम की सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस मंच पर साझा की जा रही सफलता की कहानियाँ अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगी।
विभागीय अधिकारियों ने भी विभिन्न जिलों में पहुँचकर सामूहिक श्रवण में भाग लिया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री भीम सिंह ने गरियाबंद, विशेष सचिव श्री धर्मेश साहू ने जांजगीर, प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक एवं आयुक्त मनरेगा श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने धमतरी और पंचायत विभाग की संचालक श्रीमती प्रियंका महोबिया ने दुर्ग जिले में समूह सदस्यों के बीच बैठकर कार्यक्रम का श्रवण किया तथा महिलाओं का उत्साहवर्धन किया। रायपुर के सेरीखेड़ी स्थित समुदाय प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान में भी संकुल स्तरीय प्रसारण हुआ, जहाँ बिहान मिशन संचालक श्री अश्विनी देवांगन, संयुक्त मिशन संचालक श्री आर.के. झा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
‘दीदी के गोठ‘ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को शासन की योजनाओं से जोड़ते हुए उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाना है। इसके अंतर्गत स्व-सहायता समूहों की सफल महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियाँ साझा की जा रही हैं, ताकि अन्य महिलाएँ भी स्वरोजगार और आत्मविश्वास की राह पर आगे बढ़ें। इस विशेष प्रसारण को प्रदेश के 33 जिलों, 146 विकासखंडों और 580 संकुल संगठनों में सामूहिक श्रवण के रूप में आयोजित किया गया। लाखों महिलाएँ इस कार्यक्रम से जुड़ीं और पूरे प्रदेश में ‘दीदी के गोठ‘ को लेकर उत्साह देखने को मिला। ‘दीदी के गोठ‘ न केवल एक रेडियो कार्यक्रम है, बल्कि यह ग्रामीण महिलाओं के संघर्ष, आत्मबल और सफलता की कहानियों को सामने लाकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन का सशक्त मंच भी है।
*‘मन की बात’ की 125वीं कड़ी का मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय सहित मंत्रियों और नागरिकों ने किया श्रवण*
*‘मन की बात’ हर माह देती है नई प्रेरणा, विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सभी करें योगदान – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय*
रायपुर, 31 अगस्त 2025/ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के लोकप्रिय मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 125वीं कड़ी का सीधा प्रसारण आज नवा रायपुर स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद उद्योग एवं व्यापार परिसर के कन्वेंशन सेंटर में हुआ। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, उद्योग मंत्री श्री लखन देवांगन, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायक श्री इंद्र कुमार साहू तथा छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधिगण और नागरिक उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की घड़ी में देशवासियों द्वारा एक-दूसरे की सहायता करना भारत की असली ताकत है। उन्होंने कहा कि विपत्ति के समय जो सहयोग और एकजुटता दिखाई देती है, वही भारत की संस्कृति और सामूहिक चेतना को परिभाषित करती है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने संबोधन में खेलों को न केवल स्वास्थ्य बल्कि आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का भी आधार बताया। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि खेलकूद में सक्रिय भागीदारी कर अपने जीवन और देश दोनों को ऊर्जावान बनाएं.
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि ‘मन की बात’ हर माह प्रदेशवासियों को नई ऊर्जा और प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम समाज के सभी वर्गों में सकारात्मक सोच और राष्ट्रीय चेतना को प्रबल करता है।
मुख्यमंत्री ने हाल ही में अपने जापान और दक्षिण कोरिया प्रवास का उल्लेख करते हुए बताया कि कौशल विकास, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े क्षेत्रों में हुए सहयोग और निवेश से राज्य के युवाओं के लिए नए अवसर सृजित होंगे और छत्तीसगढ़ में कौशल विकास और रोजगार का नया अध्याय शुरू होगा।
राज्य की रजत जयंती वर्ष का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण तभी संभव है जब प्रत्येक नागरिक अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाए। उन्होंने कहा कि सरकार और जनता के साझा प्रयासों से राज्य को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का संदेश हर नागरिक के लिए प्रेरणास्रोत है। हमें सामूहिक जनभागीदारी के साथ आगे बढ़ते हुए छत्तीसगढ़ को विकास और सुशासन की नई ऊँचाइयों पर ले जाना है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि सभी मिलकर एक समृद्ध और स्वच्छ छत्तीसगढ़ के निर्माण में सक्रिय योगदान दें।
रायपुर :
प्रदेश के विभिन्न स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिए भोजन गैस चूल्हे में बनने लगा है। जिससे बच्चों को धुऐं से मुक्ति और आहार से शक्ति मिल रही है, कोरबा जिले में संचालित आंगनबाड़ी और प्राइमरी तथा मिडिल स्कूलों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी अब पहले से बहुत खुश है। समय पर स्कूल तथा आंगनबाड़ी खुलने के साथ यहां मिलने वाले नाश्ते खीर, पूड़ी, हलवा, खिचड़ी, पोहा, भजिया और सेवईयां और भोजन से उन्हें ऊर्जा मिल रही है, वहीं गैस सिलेण्डर की व्यवस्था से आंगनबाड़ी सहित स्कूलों में भोजन पकाने के दौरान उत्पन्न होने वाले धुएं से भी मुक्ति मिल गई है। इससे विद्यार्थियों से लेकर रसोईयों तक को राहत मिली है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश और मंत्री श्री लखनलाल देवांगन के मार्गदर्शन में कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने कोरबा जिले के सभी आंगनबाड़ी और प्राइमरी तथा मिडिल स्कूलों में सुबह के नाश्ते की व्यवस्था डीएमएफ से की गई है। नाश्ते और सिलेण्डर की व्यवस्था ने आंगनबाड़ी तथा विद्यालय आने वाले बच्चों की रूचि बढ़ा दी है। अलग-अलग दिनों में निर्धारित मेनू के आधार पर उन्हें नाश्ता और भोजन परोसा जाता है। नाश्ते में खीर, पूड़ी, हलवा, खिचड़ी, पोहा, भजिया दी जाती है। विद्यार्थी नाश्ता खाने बहुत उत्सुक रहते हैं और समय पर विद्यालय भी पहुंच जाते हैं। पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड के अंतर्गत आने वाले ग्राम धोबघाट प्राथमिक शाला में कक्षा एक की छात्रा प्रियांशी,छात्र विनय, कक्षा दो की नेहा, तीसरी की रोशनी, नर्मदा, कक्षा पांचवी के भूपेश ने बताया कि आज नाश्ते में अलग-अलग दिनों में उन्हें अलग-अलग खाने को मिलता है। खीर, पूड़ी,हलवा, खिचड़ी, पोहा, भजिया और सेवईयां मिलती है। विद्यालय में प्रधानपाठक चौनसिंह पुहुप ने बताया कि नाश्ते का प्रभाव बच्चों पर पड़ा है। उन्होंने यह भी बताया कि सिलेण्डर की व्यवस्था होने से गैस में जल्दी खाना पक जाता है। नाश्ता हो या मध्यान्ह भोजन दोनों को पकाने में आसानी हो गई है। कोरबा विकासखण्ड के अंतर्गत दूरस्थ ग्राम लामपहाड़ में निवास करने वाले पहाड़ी कोरवा बच्चों में भी नाश्ते का प्रभाव पड़ा है। आंगनबाड़ी केंद्र हो या स्कूल दोनों स्थानों पर उनकी उपस्थिति नजर आती है। अन्य दिनों में सुबह से ही अपने परिवार के सदस्यों के साथ जंगल की ओर प्रस्थान कर जाने वाले पहाड़ी कोरवा बच्चे अब समय से पहले स्कूल पहुंचते हैं। आंगनबाड़ी लामपहाड़ की कार्यकर्ता सुशीला तिर्की और सहायिका सुलोचनी यादव बताती है कि केंद्र में ज्यादातर बच्चे पहाड़ी कोरवा जनजाति के है। कई बच्चों को घर पर पर्याप्त आहार उपलब्ध नहीं हो पाता, ऐसे में नाश्ता और भोजन उनके शारीरिक विकास के लिए उपयोगी साबित हो रहा है। उन्होंने बताया कि सुबह 10 बजे के आसपास नाश्ता देने के साथ ही दोपहर को एक बजे भोजन दिया जाता है। आंगनबाड़ी में आने वाले पहाड़ी कोरवा बच्चों सम्पति, रवीना, सुखमनिया, सुशील, कविता ने बताया कि उन्होंने सुबह नाश्ते में दलिया खाया और दोपहर को दाल, भात और सब्जी खाई है। हर दिन गरम भजिया, पोहा, खीर, पूड़ी, उपमा का नाश्ता मिलता है और इसे खाना भी अच्छा लगता है। यहां भोजन पकाने वाली सहायिका सुलोचनी यादव का कहना था कि पहले बारिश के दिनों में चूल्हा जलाना बहुत मुश्किल हो जाता था। सूखी लकड़ियों की व्यवस्था करना फिर चूल्हा जलाकर धुएं के बीच खाना पकाना बहुत परेशानी वाला काम था। अब तो गैस से मिनटो में बिना परेशानी के खाना बनने लगा है। लामपहाड़ के प्राथमिक और माध्यमिक शाला में भी विशेष पिछड़ी जनजाति समाज के बच्चों की उपस्थिति और नाश्ते और मध्याह्न भोजन में रूचि नजर आने लगी है। कक्षा चौथी की देवशीला, फूलमनिया ने बताया कि स्कूल में मिलने वाला नाश्ता उन्हें अच्छा लगता है। पाली ब्लॉक के अंतर्गत दूरस्थ ग्राम पण्डोपारा में प्राथमिक शाला में लगभग 25 बच्चे हैं। नये भवन में आंगनबाड़ी संचालित है। इन दोनों स्थानों में बच्चों को समय पर नश्ता और भोजन मिलता है। गांव में रहने वाली पूजा पण्डों ने बताया कि उनके पांच बच्चे है। एक आंगनबाड़ी में और दो स्कूल में पढ़ाई करते हैं। तीनों को सुबह नाश्ता और दोपहर का खाना मिलता है। पहले वे बहाना बनाकर स्कूल जाने में आनाकानी करते थे, अब नियमित जाते हैं। खास बात यह भी है कि कलेक्टर द्वारा सभी स्कूलों में नाश्ते का मीनू लिखवाने और स्थानीय उपलब्धता तथा विद्यार्थियों के पसंद के अनुरूप नाश्ता परोसने के निर्देश दिए हैं।
सवा दो लाख बच्चे हो रहे लाभान्वित
लगभग एक वर्ष पहले 14 अगस्त 2024 को कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड सहित कोरबा ब्लॉक के शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में विद्यार्थियों के थाली में गरम नाश्ता परोसने का सिलसिला प्रारंभ किया गया। लगभग ढ़ाई माह तक नाश्ता परोसने और इससे हुए सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए कलेक्टर श्री वसंत ने जिले के सभी विकासखण्डों में इसे प्रारंभ करने के निर्देश दिए। आखिरकार दीपावली अवकाश के पश्चात स्कूल खुलते ही कोरबा, पाली, करतला, कटघोरा के शेष स्कूलों में भी नाश्ता देना प्रारंभ कर दिया गया। इसके साथ ही सभी आंगनबाड़ी और विद्यालयों, छात्रावासों में सिलेण्डर की व्यवस्था कर प्रतिमाह गैस रिफलिंग की सुविधा भी प्रदान की गई है। कोरबा जिले के 02 हजार 602 आंगनबाड़ी में 06 माह से 03 वर्ष के 48 हजार 217 और 03 से 06 वर्ष के 56 हजार 477 बच्चे दर्ज है। इसी तरह एक हजार 502 प्राइमरी स्कूल के 73 हजार 810 और 537 मिडिल स्कूल के 47 हजार 122 विद्यार्थी है। जो नाश्ते और मध्यान्ह भोजन से लाभान्वित हो रहे हैं। यहां नाश्ते और भोजन पकाने के लिए डीएमएफ से गैस सिलेण्डर की व्यवस्था भी की गई है।