ईश्वर दुबे
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Bhilai
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य में युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए स्किल डेव्हलपमेंट के कई नवीनतम कोर्स संचालित किए जा रहे है। जशपुर के नवगुरूकुल शिक्षण संस्थान में स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से जुड़ने की इच्छुक युवतियों को बिजनेस एवं टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। यहां आनी वाली युवतियों को हॉस्टल, भोजन एवं लैपटॉप जैसी आवश्यक सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियाँ भी आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो सकें।
कुनकुरी की कुमारी नेहा खाखा ने 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद जशपुर के नवगुरूकुल शिक्षण संस्थान में प्रवेश परीक्षा पास कर फाइनेंस स्किल प्रोग्राम जॉइन किया। एक वर्ष के अध्ययन उपरांत आज वे इसी संस्थान में एसोसिएट टीचर के रूप में कार्यरत हैं और प्रतिमाह 15 हजार रुपए का वेतन प्राप्त कर रही हैं। वे कहती हैं कि नवगुरूकुल ने मेरी जिंदगी की दिशा बदल दी। यहाँ आकर मैंने एआई फीचर और गूगल शीट जैसे आधुनिक टूल्स को सीखा। आज मैं न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर हूँ बल्कि अन्य छात्राओं को पढ़ाकर उन्हें भी आगे बढ़ा रही हूँ।
पत्थलगाँव की कुमारी वृंदावती यादव ने प्रोग्रामिंग स्कूल जॉइन किया। 15 माह के कोर्स उपरांत वे आज पार्ट-टाइम इंटर के रूप में कार्य कर रही हैं और प्रतिमाह 13 हजार रुपए कमा रही हैं। मुझे लगा था कि आर्थिक स्थिति के कारण मैं आगे नहीं बढ़ पाऊँगी, आज मैं पढ़ाई के साथ काम कर रही हूँ और खुद को तकनीकी रूप से सक्षम महसूस करती हूँ। बगीचा की कुमारी उषा यादव को बचपन से ही डिजाइनिंग का शौक था, परंतु पारिवारिक आर्थिक स्थिति के कारण वे ग्राफिक डिजाइनिंग का कोर्स नहीं कर पाईं। उन्होंने निःशुल्क ग्राफिक डिजाइनिंग सीखी अब मैं बिजनेस की पढ़ाई कर रही हूँ और आगे खुद का स्टार्टअप शुरू करने का सपना देख रही हूँ।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को मूर्त रूप देते हुए महिला स्व-सहायता समूहों को पूरक पोषण आहार "रेडी-टू-ईट" निर्माण का कार्य पुनः सौंपा है। इस महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत रायगढ़ जिले से हुई है। हाल ही में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ की 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र प्रदान किए थे। इसके बाद मशीन इंस्टॉलेशन का कार्य तेजी से किया गया और अब रायगढ़ जिले के ग्राम पंचायत कोतरलिया से "रेडी-टू-ईट" उत्पादन का शुभारंभ हो चुका है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही आंगनबाड़ी के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि देशभर में 3 करोड़ "लखपति दीदी" बनाने का लक्ष्य रखा गया है और छत्तीसगढ़ इस दिशा में तेज गति से कार्य कर रहा है। रायगढ़ इस अभियान में अग्रणी जिला बना है।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने ग्राम कोतरलिया में "रेडी-टू-ईट" निर्माण इकाई का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने स्वयं मशीन चलाकर निर्माण प्रक्रिया का निरीक्षण किया और महिलाओं को गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। वित्त मंत्री ने कहा कि रायगढ़ से प्रारंभ हुई यह पहल शीघ्र ही प्रदेश के सभी जिलों में लागू होगी और यह मॉडल पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनेगा।
उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिले में कुल 2709 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इन सभी केंद्रों के लिए 10 महिला स्व-सहायता समूहों का चयन किया गया है। इन समूहों को प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज़ (PMFME) योजना के अंतर्गत पूंजीगत सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। रायगढ़ जिले की परियोजनाओं—रायगढ़ शहरी, रायगढ़ ग्रामीण, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ एवं कापू के अंतर्गत चयनित समूह जल्द ही "रेडी-टू-ईट" उत्पादन प्रारंभ करेंगे। फिलहाल इसकी शुरुआत कोतरलिया से हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण और कुपोषण मुक्ति के इस मिशन को प्रथम चरण में प्रदेश के 6 जिलों—बस्तर, दंतेवाड़ा, बलौदाबाजार, कोरबा, रायगढ़ एवं सूरजपुर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा रहा है। वहीं रायगढ़ प्रदेश का पहला जिला बन गया है, जहां महिला समूहों ने "रेडी-टू-ईट" उत्पादन प्रारंभ किया है। यह पहल महिलाओं की आर्थिक समृद्धि और बच्चों के स्वास्थ्य—दोनों को नई दिशा प्रदान करेगी।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर रायपुर जिले में डिजिटलक्रॉप सर्वे किया जा रहा है। 15 अगस्त से शुरू हुआ यह सर्वे 30 सितम्बर तक चलेगा। डिजिटल का सर्वे का मुख्य उद्देश्य किसानों की वास्तविक फसल स्थिति का आकलन कर उन्हें राज्य एवं केंद्र शासन की योजनाओं का अधिकतम लाभ दिलाना है। इसके अलावा डिजिटल क्रॉप सर्वे किसानों की समृद्धि और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे खेती को नई तकनीक से जोड़कर किसानों की आय बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के निर्देश पर अपर कलेक्टर सुश्री नम्रता जैन ने मोहंदी, अपर कलेक्टर राठौर ने मेहरसखा में, इसी प्रकार अपर कलेक्टर श्री नवीन ठाकुर ने मंगसा, एसडीएम नंदकिशोर चौबे ने ग्राम नकटी में, एसडीएम रवि सिंह ने छाटा, एसडीएम आशुतोष देवांगन ने ग्राम अडसेना, अभिलाष पैकरा ने छतौना में डिजिटल फसल सर्वे का निरीक्षण किया। इसी प्रकार तहसीलदारों ने अपने प्रभार क्षेत्र के ग्रामों का निरीक्षण किया।
उल्लेखनीय है कि डिजिटल क्रॉप सर्वे फिल्ड स्तर पर सर्वेयर के माध्यम से किया जा रहा है जिसमें सर्वेयर को स्वयं खेत में जाकर वहां की स्थिति और फसल का विवरण एग्रीटेक एप्प में दर्ज करना होता है। साथ में फ़ोटो अपलोड करना होता है जिसके सत्यापन बाद में पटवारी एवं वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा किया जाएगा इससे फसल का वास्तविक मूल्यांकन किया जा सकेगा और जमीन की जो परिसम्मति है उनके संबंध में सही जानकारी प्राप्त होगी।
डिजिटल क्रॉप सर्वे से किसानों को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे। फसल बीमा योजना एवं क्षति आकलन पारदर्शी और वैज्ञानिक तरीके से किया जा सकेगा। पात्र किसानों को कृषि योजनाओं का लाभ शीघ्रता से मिल सकेगा। इस सर्वे से फसल उत्पादन का अत्याधुनिक डेटा तैयार होगा, जिससे आगामी धान खरीदी व्यवस्था एवं कृषि नीति और अधिक प्रभावी बनाई जा सकेगी। साथ ही किसानों को समय पर तकनीकी मार्गदर्शन एवं आर्थिक सहयोग भी उपलब्ध हो सकेगा।
रायपुर :
छत्तीसगढ़ राज्य की रजत जयंती वर्ष पर राजधानी के टाउन हॉल में जनसंपर्क विभाग द्वारा लगायी गई छायाचित्र प्रदर्शनी राजधानीवासियों को लुभा रही है। इस प्रदर्शनी में केबीसी के तर्ज पर यहां क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है। युवा इसमें उत्साह के साथ हिस्सा लें रहे हैं। छायाचित्र प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ की परंपराओं, स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास, छत्तीसगढ़ के पुरोधाओं का जीवन परिचय और उनका स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान तथा राज्य निर्माण की यात्रा से जुड़ी कई दुर्लभ तस्वीरें प्रदर्शित की गई हैं। साथ ही डिजिटल स्क्रीन पर स्लाइड शो भी के माध्यम से भी छत्तीसगढ़ सरकार की उपलब्धियों प्रदर्शित की जा रही है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवन पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस छायाचित्र प्रदर्शनी में प्रगति पथ पर छत्तीसगढ़, प्रधानमंत्री आवास योजना, कृषक उन्नति योजना, महतारी वंदन योजना, विष्णु का सुशासन-संवाद से समाधान तक, सुशासन तिहार छत्तीसगढ़ अंजोर, राज्य का प्रथम आदिवासी संग्रहालय, स्वर्णिम भविष्य की राह, औद्योगिक नीति, नई शिक्षा नीति से भविष्य उज्ज्वल, वनांचल मा समृद्धि के आधार हमर हरा सोना जैसी लोककल्याणकारी योजनाओं की जानकारी और छत्तीसगढ़ राज्य की उपलब्धियां को भी प्रदर्शित किया गया है। 21 अगस्त तक चलने वाली यह सात दिवसीय प्रदर्शनी प्रातः 10.30 से रात्रि 8 बजे तक आम लोगों के लिए निःशुल्क खुली रहेगी।
जे.आर. दानी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं के दल ने आज प्रदर्शनी का अवलोकन किया और क्विज में हिस्सा भी लिया। इस दौरान कु. सरिता यादव, कु. कशिश श्रीवास, कु. हेमा पटेल और कु. छाया लालवानी ने कहा कि प्रदर्शनी रोचक और ज्ञानवर्धक है। प्रदर्शनी में आगंतुकों के लिए छत्तीसगढ़ के इतिहास और सामान्य ज्ञान पर आधारित क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित किया जा रहा है, जिसमें रायपुर के विभिन्न स्कूलों और छात्रावासों के बच्चों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और छत्तीसगढ़ के सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्नों का उत्तर दे रहे हैं और क्विज के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार भी वितरित किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी देखने आए प्राचार्य डॉ. हितेश कुमार देवांगन, व्याख्याता श्रीमती योगिता चंद्रवंशी, संकुल समन्वयक श्री खोमेश्वर राम देवांगन, व्याख्याता श्रीमती मीना भारद्वाज, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार के डॉ. भीष्म सोनकर सहित अनेक लोगों ने भी इस आयोजन की सराहना की और विजिटर्स बुक में अपने अनुभव और सुझावों को साझा किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जन्माष्टमी पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएँ, निभाई दही-हांडी की परंपरा
रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी में आयोजित जन्माष्टमी उत्सव एवं दही-हांडी प्रतियोगिता में शामिल हुए। उन्होंने प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं और भगवान श्रीकृष्ण से प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रतीकात्मक रूप से दही-हांडी तोड़कर उत्सव की परंपरा निभाई तथा राधा-कृष्ण के रूप में सजे नन्हे-मुन्ने बच्चों को मिठाई खिलाकर स्नेह प्रदान किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हम छत्तीसगढ़ जैसे पावन प्रदेश के निवासी हैं, जो भगवान श्रीराम का ननिहाल और माता कौशल्या का मायका है। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से सनातन संस्कृति को और अधिक सशक्त एवं समृद्ध बनाने हेतु निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार भोरमदेव मंदिर सहित प्रदेश के सभी प्रमुख शक्तिपीठों और तीर्थ स्थलों के समग्र विकास हेतु कार्य कर रही है। साथ ही, श्री रामलला दर्शन योजना और मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा दर्शन योजना के माध्यम से श्रद्धालुओं को विभिन्न पावन स्थलों के दर्शन की सुविधा भी प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस भव्य आयोजन के सफल संचालन हेतु आयोजक श्री बसंत अग्रवाल एवं उनकी टीम को हार्दिक बधाई दी।कार्यक्रम में विधायक श्री किरण देव एवं श्री पवन साय ने भी श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए जन्माष्टमी के पावन पर्व की शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंक राम वर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, श्री राजीव लोचन महाराज, अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास परिसर से एसबीआई साइबर सतर्कता रथ (ऑडियो-वीडियो वैन) को झंडी दिखाकर रवाना किया और राज्य स्तरीय साइबर जागरूकता अभियान की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि तकनीक ने मानव जीवन को आसान और सहज बनाया है। डिजिटल लेन-देन तेज और सुविधाजनक हुए हैं, लेकिन इसके साथ साइबर ठगी जैसी चुनौतियां भी बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी सतर्कता और सावधानी से लोग साइबर धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जागरूकता अभियान लोगों में साइबर सुरक्षा की समझ बढ़ाने का एक प्रभावी प्रयास है। इसके अंतर्गत ऑडियो-वीडियो संदेश, नुक्कड़ नाटक और कठपुतली नाटक के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी। श्री साय ने कहा कि प्रदेश में 29 ऐसे हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जहां साइबर ठगी के मामले अधिक होते हैं और इस रथ का विशेष फोकस उन स्थानों पर रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने लोगों से अपील की कि वे अपने बैंक खाते की गोपनीय जानकारी, पासवर्ड या ओटीपी किसी से साझा न करें और अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें। उन्होंने कहा कि साइबर ठग आए दिन नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं। ज़रा सी लापरवाही मेहनत की कमाई पर भारी पड़ सकती है। हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक लोग जागरूक हों और साइबर अपराध से स्वयं को सुरक्षित रखें।
उल्लेखनीय है कि डिजिटल माध्यम से हो रही धोखाधड़ी और अनाधिकृत लेन-देन की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने "हर भारतीय का बैंकर" होने के नाते राज्यव्यापी साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान 15 अगस्त से 30 नवंबर 2025 तक चलेगा। यह रथ प्रदेश के सभी 33 जिलों में जाएगा और नाचा दल व नुक्कड़ नाटकों के जरिए लोगों को साइबर ठगी के तरीकों और इससे बचने के उपायों के बारे में जानकारी देगा।
भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज कराई जा सकती है। इस अवसर पर भारतीय स्टेट बैंक के डीजीएम श्री राकेश सिन्हा, एजीएम श्री दीपक कुमार सिन्हा सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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आज हम छत्तीसगढ़वासी अपने पते में जिस "छत्तीसगढ़" शब्द का उपयोग करते हैं, वह श्रद्धेय अटल जी की ही देन है। वे हमारे छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता के रूप में सदैव स्मरणीय रहेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न श्रद्धेय स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित अवंती विहार चौक पर आयोजित माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनका पुण्य स्मरण किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री अटल जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। पत्रकार, कवि और राजनेता के रूप में उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। सभी लोग उनके भाषण के कायल होते थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने 25 सप्ताह तक चलने वाले छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के ‘रजत महोत्सव’ का शुभारंभ किया है। आज यदि हम छत्तीसगढ़ की रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं, तो यह अटल जी की ही देन है। इस 25 सप्ताह में सभी विभागों द्वारा विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। यह वर्ष अटल जी का जन्म शताब्दी वर्ष भी है। हमने उनकी स्मृति में इस वर्ष को ‘अटल निर्माण वर्ष’ घोषित किया है, जिसके तहत अधोसंरचना विकास में तेजी लाने के लिए अलग से बजट का प्रावधान रखा गया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अटल जी ने जिस उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया, उन उद्देश्यों की पूर्ति करते हुए हमारा राज्य तेजी से तरक्की की राह पर बढ़ रहा है। इन 25 वर्षों की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि हमने अगले 25 वर्षों में विकसित राज्य बनने की न केवल संकल्पना की है, बल्कि इसे पूरा करने के लिए ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन-2047’ रोडमैप भी तैयार किया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संस्मरण साझा करते हुए कहा कि मेरा सौभाग्य रहा कि जब श्री अटल जी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने, उस समय मैं सांसद के रूप में निर्वाचित हुआ। मैंने संसद में अटल जी के व्याख्यान सुने हैं। लोकसभा में उनके संबोधन का हम सब इंतजार करते थे। उनका चुटीला अंदाज, बेबाकी और अपनी बात रखने की कला सबका मन मोह लेती थी। जब छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण संबंधी बिल संसद में प्रस्तुत हुआ, उस चर्चा को भी मुझे श्रोता के रूप में सुनने का अवसर मिला। उस समय हमारे राज्य से राज्यसभा सांसद स्वर्गीय लखी राम अग्रवाल एवं स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव ने भी अपनी बात संसद में रखी।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अटल जी ने हमें सिखाया कि सिद्धांतों पर हमेशा दृढ़ रहना चाहिए। वे सिद्धांत एवं मूल्यों की राजनीति को ही महत्व देते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी का जीवन इस बात का प्रमाण है कि राजनीति केवल सत्ता प्राप्ति का माध्यम नहीं है, बल्कि संवाद, सहमति और संवेदना की कला भी है। उनकी वाणी आज भी हमारी धड़कनों में गूंजती है।
कार्यक्रम को विधायक श्री पुरंदर मिश्रा एवं राज्य खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर श्री किशोर महानंद, श्री जयंती पटेल, अवंती विहार व्यापारी संघ के पदाधिकारी सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर में आयोजित आईबीसी 24 स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप कार्यक्रम में 12वीं कक्षा की प्रवीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाली प्रदेश की बेटियों को सम्मानित किया और उन्हें सहायता राशि के चेक प्रदान किए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर मेधावी छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कड़ी मेहनत से सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने बेटियों से कहा कि आने वाले समय में उन्हें जो भी जिम्मेदारी मिले, उसे पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाएं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह पुरस्कार बेटियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें आर्थिक सहयोग भी प्रदान कर रहा है। गरीब परिवारों के होनहार बच्चों के लिए यह स्कॉलरशिप उनके भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और यह उनके उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने में बेहद सहायक सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ बनने से पूर्व हमारा अंचल लंबे समय तक विकास की दौड़ में पीछे रहा। श्रद्धेय अटल जी के प्रयासों से यह राज्य अस्तित्व में आया तथा इसकी विकास यात्रा शुरू हुई। उन्होंने कहा कि अब हमने प्रदेश के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट के माध्यम से विकसित छत्तीसगढ़ का रोडमैप तैयार किया है, जिस पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। हर एक प्रदेशवासी के सहयोग और भागीदारी से हम विकसित छत्तीसगढ़ का सपना पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही विकास का मूल मंत्र है। पिछले 25 वर्षों में प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर की कई शैक्षणिक संस्थाएं स्थापित हुई हैं। आईआईटी, आईआईएम, एम्स के साथ-साथ 10 से अधिक मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। प्रदेश के बच्चों का गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा का सपना अब साकार हो रहा है।
रायपुर :
आज़ादी के 78 साल बाद बस्तर के उन गांवों में तिरंगा शान से लहराया, जहाँ अब तक नक्सलियों का लाल झंडा ही ताक़त और खौफ का प्रतीक माना जाता था। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा जिलों के 29 गांवों में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। दशकों से बंदूकों की नली और डर के साए में जी रहे इन गांवों में तिरंगे का फहराया जाना केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि बदलते बस्तर की ऐतिहासिक तस्वीर है। यह तस्वीर दर्शाती है कि सुरक्षा बलों के त्याग, सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और ग्रामीणों की उम्मीद ने मिलकर नक्सलवाद के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। इन गांवों में तिरंगा फहराना उस ऐतिहासिक बदलाव का प्रमाण है, जो सुरक्षा बलों के साहस, राज्य और केंद्र सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति तथा सबसे बढ़कर ग्रामीणों के धैर्य और विश्वास से संभव हुआ है। बीजापुर जिले के कोंडापल्ली, जीड़पल्ली, वाटेवागु, कर्रेगुट्टा, पिड़िया, पुजारीकांकेर और भीमारम जैसे गांव; नारायणपुर जिले के गारपा, कच्चापाल, बेड़माकोट्टी, कांदूलनार, रायनार सहित कई गांव; तथा सुकमा जिले के गोमगुड़ा, गोल्लाकुंडा, नुलकातोंग और उसकावाया जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में आज़ादी के बाद पहली बार तिरंगे का फहरना एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह उपलब्धि हमारी सुशासन की सरकार के उस संकल्प का परिणाम है, जिसमें नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और विकास की नई धारा प्रवाहित करने का लक्ष्य रखा गया है। “बस्तर अब भय और हिंसा से बाहर निकलकर प्रगति, समृद्धि और विश्वास की ओर बढ़ रहा है। सरकार का वचन है कि हर गांव तक विकास की रोशनी पहुँचेगी और कोई भी नागरिक विकास की रोशनी से अछूता नहीं रहेगा,” उन्होंने कहा।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने इसे सुरक्षा बलों की मेहनत और स्थानीय समुदायों के धैर्य का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि “आज जिन गांवों में तिरंगा फहराया गया, वहाँ दशकों तक लाल झंडे का खौफ छाया रहा। यह बस्तर में नई सुबह का प्रतीक है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बस्तर के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा बलों की नई रणनीति, शिविरों की स्थापना और लगातार दबाव के चलते नक्सली कैडर कमजोर हुआ है। आत्मसमर्पण नीतियों ने बड़ी संख्या में उग्रवादियों को मुख्यधारा में लौटाया है। वहीं सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि केवल सुरक्षा उपाय ही नहीं, बल्कि विकास ही स्थायी समाधान है। इसी कारण नियद नेल्ला नार योजना सहित सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा और अन्य योजनाओं से ग्रामीणों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने लगा है। ग्रामीणों का भरोसा जीतना इस ऐतिहासिक बदलाव का सबसे बड़ा आधार रहा है। स्वास्थ्य शिविर, शिक्षा और रोजगार के नए अवसर तथा प्रशासन का संवेदनशील रवैया ग्रामीणों को यह संदेश दे रहा है कि सरकार उनके साथ खड़ी है।
महासमुंद :
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा कि सभ्यता के विकास के साथ-साथ बीमारियां भी बढ़ी हैं और जीवन शैली ने स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है। उन्होंने कहा कि बीमारियों का पता लगाने एवं उनके उपचार में एआई, रोबोटिक सर्जरी एवं अन्य नई तकनीकों की भूमिका आज बेहद महत्वपूर्ण हो गई है। राज्यपाल श्री डेका एम्स रायपुर में आयोजित नाक, कान गला (ईएमटी) रोग विशेषज्ञों के वार्षिक सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। राज्यपाल ने कहा कि 15 अगस्त से प्रारंभ यह तीन दिवसीय सम्मेलन विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह भारत के स्वतंत्रता दिवस हमारे अपार राष्ट्रीय गौरव के दिन से शुरू हुआ है। हम स्वतंत्रता और प्रगति के 79 वर्षों का उत्सव मना रहे है। यह सम्मेलन नाक, कान, गला रोग के क्षेत्र के बेहतरीन ज्ञान साझा करने और स्वास्थ्य एवं उपचार संबंधी शोध को आगे बढ़ाने का श्रेष्ठ माध्यम है।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ईएनटी कई ऐसे गंभीर मुद्दों से जुड़ा है, जिनमें सिर, गले के कैंसर प्रमुख हैं। दुर्भाग्य से, छत्तीसगढ़ में तंबाकू सेवन की आदतें व्यापक हैं। जिसके कारण ऐसे मामलों की संख्या काफी अधिक है। उन्होंने इस समस्या से निपटने के लिए समाज और विशेषज्ञों से मिलकर कार्य करने का आव्हान किया। राज्यपाल ने कहा कि बहरापन जीवन की गुणवत्ता प्रभावित करता है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों से इस समस्या के समाधान में मदद मिल रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह सम्मेलन भी क्षमता निर्माण और जनजागरूकता बढ़ाने में योगदान देगा।
श्री डेका ने कहा कि एम्स रायपुर तेज़ी से स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट केंद्र बनकर उभर रहा है। उन्होंने सम्मेलन के आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल उभरती चुनौतियों के समाधान प्रस्तुत करते है बल्कि नवाचार को भी बढ़ावा देते है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक चर्चाओं, कार्यशालाओं और विचार-विमर्शों जैसे सामूहिक प्रयासों से नई अंतर्दृष्टि, नए समाधान और अंततः रोगियों के लिए बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं। देश और विदेशों से आए प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए जाना जाता है।
सम्मेलन में एम्स रायपुर के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्यपालन अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. अशोक जिंदल ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. नीतिन नागरकर ने भी अपने विचार रखे। स्वागत उद्बोधन डॉ. रेणु राजगोपाल ने दिया। इस अवसर पर पद्मश्री डॉ. मिलिंद वी किर्तने, प्रोफेसर डॉ. ज्योति दाभोलकर, डॉ. मदन कापरे, डॉ. नीतिश जे. शाह सहित देश भर से आए विशेषज्ञ चिकित्सक, एम्स के फैकल्टी मेंबर्स,
/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री निवास में इस बार जन्माष्टमी का उत्सव राजधानी रायपुर के बैरन बाजार स्थित आंगनबाड़ी के नन्हें-मुन्ने बच्चों के साथ मनाया। बच्चों ने राधा और कृष्ण का रूप धरकर अपनी अठखेलियों और मनमोहक वेशभूषा से कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।
राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास और पारंपरिक श्रद्धा के साथ मनाया गया। पूरे निवास परिसर को फूलों, रंगीन रोशनियों और सजावट से सुसज्जित किया गया, जिससे वातावरण भक्ति और उल्लास से भर गया।
कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चों ने कृष्ण-लीला की झांकियां और प्रसंग प्रस्तुत किए। उनकी मासूमियत और भावपूर्ण अभिनय ने उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया। मुख्यमंत्री निवास बच्चों की हंसी और उल्लास से गुलजार रहा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की और प्रदेश की सुख-समृद्धि, खुशहाली और निरंतर तरक्की की कामना की। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की लीला हमें धर्म, नीति और कर्तव्य पालन की प्रेरणा देती है। छत्तीसगढ़ की जनता की मेहनत और आस्था से प्रदेश निरंतर प्रगति कर रहा है। हमारा संकल्प है कि भगवान श्री कृष्ण के उपदेशों से प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ को न्याय, सद्भाव और विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएं। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्नेहपूर्वक सभी बच्चों को अपने हाथों से चाकलेट, शिक्षण सामग्री और प्रसाद का वितरण किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ऐसे सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन न केवल हमारी परंपराओं को जीवित रखते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को संस्कारों से जोड़ते हैं। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के अध्यक्ष श्री राम सेवक पैकरा, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, मितुल कोठारी, सुनील पिल्ले, मुख्यमंत्री निवास कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।
*आज़ादी के बाद पहली बार बस्तर के 29 गांवों में शान से लहराया तिरंगा*
*बस्तर अब भय और हिंसा से निकलकर विकास व विश्वास की ओर - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय*
रायपुर, 16 अगस्त 2025/ आज़ादी के 78 साल बाद बस्तर के उन गांवों में तिरंगा शान से लहराया, जहाँ अब तक नक्सलियों का लाल झंडा ही ताक़त और खौफ का प्रतीक माना जाता था। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा जिलों के 29 गांवों में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। दशकों से बंदूकों की नली और डर के साए में जी रहे इन गांवों में तिरंगे का फहराया जाना केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि बदलते बस्तर की ऐतिहासिक तस्वीर है। यह तस्वीर दर्शाती है कि सुरक्षा बलों के त्याग, सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और ग्रामीणों की उम्मीद ने मिलकर नक्सलवाद के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। इन गांवों में तिरंगा फहराना उस ऐतिहासिक बदलाव का प्रमाण है, जो सुरक्षा बलों के साहस, राज्य और केंद्र सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति तथा सबसे बढ़कर ग्रामीणों के धैर्य और विश्वास से संभव हुआ है। बीजापुर जिले के कोंडापल्ली, जीड़पल्ली, वाटेवागु, कर्रेगुट्टा, पिड़िया, पुजारीकांकेर और भीमारम जैसे गांव; नारायणपुर जिले के गारपा, कच्चापाल, बेड़माकोट्टी, कांदूलनार, रायनार सहित कई गांव; तथा सुकमा जिले के गोमगुड़ा, गोल्लाकुंडा, नुलकातोंग और उसकावाया जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में आज़ादी के बाद पहली बार तिरंगे का फहरना एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह उपलब्धि हमारी सुशासन की सरकार के उस संकल्प का परिणाम है, जिसमें नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और विकास की नई धारा प्रवाहित करने का लक्ष्य रखा गया है। “बस्तर अब भय और हिंसा से बाहर निकलकर प्रगति, समृद्धि और विश्वास की ओर बढ़ रहा है। सरकार का वचन है कि हर गांव तक विकास की रोशनी पहुँचेगी और कोई भी नागरिक विकास की रोशनी से अछूता नहीं रहेगा,” उन्होंने कहा।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने इसे सुरक्षा बलों की मेहनत और स्थानीय समुदायों के धैर्य का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि “आज जिन गांवों में तिरंगा फहराया गया, वहाँ दशकों तक लाल झंडे का खौफ छाया रहा। यह बस्तर में नई सुबह का प्रतीक है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बस्तर के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा बलों की नई रणनीति, शिविरों की स्थापना और लगातार दबाव के चलते नक्सली कैडर कमजोर हुआ है। आत्मसमर्पण नीतियों ने बड़ी संख्या में उग्रवादियों को मुख्यधारा में लौटाया है। वहीं सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि केवल सुरक्षा उपाय ही नहीं, बल्कि विकास ही स्थायी समाधान है। इसी कारण नियद नेल्ला नार योजना सहित सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा और अन्य योजनाओं से ग्रामीणों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने लगा है। ग्रामीणों का भरोसा जीतना इस ऐतिहासिक बदलाव का सबसे बड़ा आधार रहा है। स्वास्थ्य शिविर, शिक्षा और रोजगार के नए अवसर तथा प्रशासन का संवेदनशील रवैया ग्रामीणों को यह संदेश दे रहा है कि सरकार उनके साथ खड़ी है।
बस्तर की यह नई तस्वीर पूरे देश को यह संदेश देती है कि जब इच्छाशक्ति, रणनीति और जनभागीदारी एक साथ आते हैं, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं रहती। कर्रेगुट्टा सहित बस्तर के इन 29 गांवों में फहराता तिरंगा उस नई सुबह का प्रतीक है, जो हिंसा की अंधेरी रात को पीछे छोड़ते हुए शांति, विकास और आत्मविश्वास से भरे भविष्य की ओर अग्रसर है।
*25 वर्षों की विकास यात्रा में छत्तीसगढ़ ने हर क्षेत्र में रचे नए कीर्तिमान : मुख्यमंत्री श्री साय*
*मुख्यमंत्री श्री साय आईबीसी 24 स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2025 में हुए शामिल: प्रदेश की मेधावी बेटियों को किया सम्मानित*
रायपुर, 16 अगस्त 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर में आयोजित आईबीसी 24 स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप कार्यक्रम में 12वीं कक्षा की प्रवीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाली प्रदेश की बेटियों को सम्मानित किया और उन्हें सहायता राशि के चेक प्रदान किए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर मेधावी छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कड़ी मेहनत से सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने बेटियों से कहा कि आने वाले समय में उन्हें जो भी जिम्मेदारी मिले, उसे पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाएं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह पुरस्कार बेटियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें आर्थिक सहयोग भी प्रदान कर रहा है। गरीब परिवारों के होनहार बच्चों के लिए यह स्कॉलरशिप उनके भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और यह उनके उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने में बेहद सहायक सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ बनने से पूर्व हमारा अंचल लंबे समय तक विकास की दौड़ में पीछे रहा। श्रद्धेय अटल जी के प्रयासों से यह राज्य अस्तित्व में आया तथा इसकी विकास यात्रा शुरू हुई। उन्होंने कहा कि अब हमने प्रदेश के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट के माध्यम से विकसित छत्तीसगढ़ का रोडमैप तैयार किया है, जिस पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। हर एक प्रदेशवासी के सहयोग और भागीदारी से हम विकसित छत्तीसगढ़ का सपना पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही विकास का मूल मंत्र है। पिछले 25 वर्षों में प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर की कई शैक्षणिक संस्थाएं स्थापित हुई हैं। आईआईटी, आईआईएम, एम्स के साथ-साथ 10 से अधिक मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। प्रदेश के बच्चों का गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा का सपना अब साकार हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज युक्तियुक्तकरण के निर्णय से प्रदेश का कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं है। कर्रेगुट्टा जैसे सुदूर अंचलों में, जहां कभी स्कूलों में ताले लगे रहते थे, वहां भी अब शिक्षक पहुंच चुके हैं। हमने शिक्षकों की व्यवस्था में मौजूद असंतुलन को दूर किया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संपदा से भरपूर और औद्योगिक विकास की असीम संभावनाओं वाला प्रदेश है। नई औद्योगिक नीति के परिणामस्वरूप महज़ डेढ़ वर्ष में ही 6.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इस औद्योगिक नीति में रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। आने वाले वर्षों में युवाओं को प्रदेश में ही कौशल अनुरूप रोजगार मिलेगा और उन्हें बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने मुख्यमंत्री से संवाद किया।गरियाबंद की प्रिया बघेल ने खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के संबंध में प्रश्न किया। इस पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि खेलो इंडिया सेंटर के माध्यम से राज्य के खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। वहीं, खुशी देवांगन ने तकनीक और एआई से जुड़े सवाल पूछे, जिस पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में तकनीक-आधारित शिक्षा को प्रोत्साहन दिया जा रहा है और इसके लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।
कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों से 12वीं कक्षा में जिला टॉपर और राज्य की प्रवीण्य सूची में स्थान पाने वाली छात्राओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आईबीसी 24 समूह के चेयरमैन श्री सुरेश गोयल सहित गणमान्य नागरिक, प्रदेश भर से पहुंची छात्राएं और उनके परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
*मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय करेंगे छत्तीसगढ़ का वैश्विक मंच पर नेतृत्व*
*ओसाका वर्ल्ड एक्सपो 2025 में छत्तीसगढ़ बनेगा वैश्विक निवेश केंद्र का आकर्षण*
*ढोकरा कला से आधुनिक उद्योग तक – ओसाका में छत्तीसगढ़ की पहचान*
रायपुर, 16 अगस्त 2025/छत्तीसगढ़ विश्व पटल पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने के लिए तैयार है। जापान के ओसाका में 13 अप्रैल से 13 अक्टूबर 2025 तक आयोजित वर्ल्ड एक्सपो 2025 में छत्तीसगढ़ अपनी धरोहर और विकास यात्रा का प्रदर्शन करेगा। इस प्रतिष्ठित आयोजन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को विशेष आमंत्रण मिला है। एक्सपो का विषय है “Designing Future Society for Our Lives” तथा इसके उप-विषय “Saving Lives”, “Empowering Lives” और “Connecting Lives” हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भागीदारी न केवल राज्य की सांस्कृतिक और तकनीकी प्रगति को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करेगी बल्कि छत्तीसगढ़ को औद्योगिक विकास के विश्व मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ निवेश-अनुकूल कारोबारी केंद्र के रूप में भी अपनी पहचान को और सुदृढ़ करेगा।
ब्यूरो इंटरनेशनल दे एक्सपोज़िशन्स द्वारा आयोजित वर्ल्ड एक्सपो को नवाचार और सतत विकास पर वैश्विक संवाद का प्रमुख मंच माना जाता है। ओसाका एक्सपो की व्यापक अवधारणा “People’s Living Lab” है, जो वैश्विक नवाचार और सह-निर्माण की भावना को दर्शाता है। इस आयोजन में 160 से अधिक देश और 9 अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल हो रहे हैं।
भारत इस एक्सपो में अपनी बड़ी उपलब्धियों को प्रदर्शित कर रहा है। “भारत मंडप” शीर्षक वाला भारतीय पैवेलियन प्राचीन भारतीय ज्ञान और आधुनिक नवाचार का संगम है। यहां योग सत्र, भरतनाट्यम की प्रस्तुतियां, बॉलीवुड फिल्मों की स्क्रीनिंग और भारत की अंतरिक्ष यात्रा को दर्शाने वाला विशेष चंद्रयान ज़ोन दर्शकों के आकर्षण का केंद्र है।
इस बीच, छत्तीसगढ़ ने पहले ही अपनी विश्व प्रसिद्ध ढोकरा कला के माध्यम से वैश्विक दर्शकों का दिल जीत लिया है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) पहल के तहत प्रदर्शित इस धातु कला ने अपनी अनूठी शिल्पकला से सबको मोहित किया।
अब छत्तीसगढ़ ओसाका के युमेशिमा आइलैंड, कोनोहनाकु स्थित विशाल एक्सपो स्थल पर अपना राज्य स्तरीय स्टॉल स्थापित करेगा। यह अवसर छत्तीसगढ़ को भारत सरकार के भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (ITPO) के आमंत्रण पर मिला है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक प्रगति को प्रदर्शित करेगा। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के साथ भी सहयोग कर रहा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दोहराया कि छत्तीसगढ़ की उपस्थिति वर्ल्ड एक्सपो 2025 में राज्य की उपलब्धियों को नई पहचान दिलाएगी और इसे वैश्विक औद्योगिक विकास के मानचित्र पर एक उभरते निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करेगी।