ईश्वर दुबे
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Bhilai
अनशन कर रहे मजदूरों को जेल दाखिल करने के बाद भड़का गुस्सा
प्रशासन पर असंवैधानिक तरीके से आंदोलन को कुचलने का आरोप
जांजगीर-चांपा। केएसके महानदी पावर प्लांट की नीति के खिलाफ मजदूर बीते तीन दिनों से आमरण अनशन कर रहे थे। मजदूरों का लगातार दबाव बढ़ रहा था। ऐसे में प्रशासन नेे आधी रात मजदूरों का न केवल पंडाल उखाड़ दिया, बल्कि करीब 67 मजदूरों को रात में ही वहां से उठाकर जांजगीर जेल में डाल दिया। इसके बाद जब फिर से आंदोलन प्रारंभ किया गया, तब फिर कुछ लोगों को वहां से हटा दिया गया। ऐसे में मजदूरों के परिजन जेल के बाहर भी धरने पर बैठ गए।
आपकों बता दें कि अकलतरा क्षेत्र के नरियरा तरौैद स्थित केएसके महानदी पावर प्लांट में मजदूर और प्रबंधन के बीच महीने भर से गतिरोध बना हुआ है। प्रबंधन और मजदूरों के बीच चार दौर की वार्ता भी हो गई है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। ऐसे में मजदूर निलंबित 35 मजदूरों की बहाली की मांग को लेकर पहले धरना, फिर क्रमिक भूख हड़ताल और बीते तीन दिनों से आमरण अनशन कर रहे थे। शुक्रवार को कुछ बड़े मजदूर नेताओं ने आंदोलन में शामिल होकर प्र्रशासन व प्रबंधन पर दबाव बनाया तो वहीं शनिवार से परिजनों के साथ मजदूर आंदोलन करने के मूड में थे। प्रशासन व पावर प्लांट प्रबंधन पर बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रशासन ने आधी रात को ही आंदोलन का पंडाल उखाड़ दिया। इतना ही नहीं, वहां मौजूद 67 मजदूरों को धारा 151 के तहत जेल दाखिल करा दिया, जबकि आज फिर कुछ मजदूरों को वहां से हटाया गया। इससे आक्रोशित होकर मजदूरों के परिजन जांजगीर आए और उन्होंने जिला जेल जांजगीर के सामने ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। मजदूरों ने पुलिस पर आंदोलन को कुचलने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वो लोकतांत्रिक देश में शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे लेकिन प्रशासन ने असंवैधानिक तरीका अख्तियार करते हुए उन्हें उनके हक से वंचित किया गया है, जिसके लिए वो लंबी लड़ाई लड़ेंगे। इधर इस मामले में प्रशासन का पक्ष लेने प्रयास किया गया लेकिन कोई भी अफसर सामने नहीं आए।
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