ईश्वर दुबे
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Bhilai
कॉन्क्लेव में हुए 3 एमओयू प्रदेश के लिये होंगे महत्वपूर्ण
माइनिंग से है कटनी की पहचान
विकास में किसान और जवान की तरह उद्योगपति का भी है योगदान
हमारी संस्कृति शोषण की नहीं दोहन की है, जिओ और जीने दो
प्रदेश में हैं उद्योग हितैषी नीतियां, उद्योग अनुरूप वातावरण
उद्योगपति निवेश का बड़े से बड़ा सपना देखें, मध्यप्रदेश सरकार है उनके साथ
प्रदेश में मेजर और माइनर मिनरल्स के साथ ही क्रिटिकल मिनरल्स भी
क्षेत्रवार इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के बाद अब हो रही है सेक्टरवाइज कॉन्क्लेव
प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश को बनाएंगे नंबर वन राज्य
मानवता से जीने का नाम ही है राम राज्य
रायपुर :
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप और श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन आज राष्ट्रीय बुनकर अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में शामिल हुए। सहकार भारती द्वारा राजधानी रायपुर के जैनम मानस भवन में 23 अगस्त और 24 अगस्त को देश में पहली बार राष्ट्रीय बुनकर अधिवेशन का आयोजन किया गया है। इसमें 28 राज्यों से विभिन्न बुनकर संघों के एक हजार से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के वीडियो संदेश का प्रसारण किया गया। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में विभिन्न क्षेत्रों में सहकारिता को मजबूत करने के लिए किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने अधिवेशन की सफलता के लिए आयोजकों और प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं भी दीं। विधायक श्री मोतीलाल साहू, छत्तीसगढ़ अपेक्स बैंक के अध्यक्ष श्री केदार गुप्ता और खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राकेश पाण्डेय भी उद्घाटन सत्र में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारिता हमारे रग-रग में बसी हुई है। हम सब 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना से पले-बढ़े हैं। भारत अपने कुटीर उद्योगों और ग्राम उद्योगों की बदौलत लंबे समय तक पूरी दुनिया के लिए 'सोने की चिड़िया' था। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक तरक्की में बुनकरों का बड़ा योगदान है। हमारे बुनकर बड़ी मेहनत और लगन से कपड़ा उद्योग को मजबूती दे रहे हैं। सहकारिता के माध्यम से उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को नए आयाम दिए जा सकते हैं। आजीविका के अवसरों को बढ़ाने, देश को आत्मनिर्भर एवं सक्षम बनाने में बुनकर और उनकी सहकार की भावना काफी अहम है।
सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष में यह अधिवेशन छत्तीसगढ़ में हो रहा है। सहकार से समृद्धि के तहत राज्य में 54 पहल किए गए हैं जो सीधे-सीधे गांवों, गरीबों व किसानों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 20 हजार हाथकरघा कार्यरत हैं जिनके माध्यम से 60 हजार 300 लोगों को रोजगार मिल रहा है। राज्य में 329 पंजीकृत प्राथमिक बुनकर सहकारी समितियां महासंघ से जुड़ी हुई हैं जो सरकारी वस्त्र उत्पादन में सक्रिय हैं। महासंघ द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों को स्कूल यूनिफार्म, पुलिस ड्रेस, कंबल, चादर और अन्य प्रकार के कपड़ों की आपूर्ति की जा रही है। बुनकर सहकारी समितियों को सुदृढ़ बनाने के लिए राष्ट्रीय सहकारी नीति से प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ में भी सहकारी नीति तैयार की जा रही है। श्री कश्यप ने सहकार भारती के पदाधिकारियों को अधिवेशन की सफलता के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस अधिवेशन से बुनकरों में जागरूकता बढ़ाने और सहकारिता आंदोलन को गति प्रदान करने में मदद मिलेगी।
रायपुर :
राज्यपाल श्री डेका पोला पर्व उत्सव में हुए शामिल
राज्यपाल श्री रमेन डेका आज आदिम जाति विकास, कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी, मछली पालन, पशुधन विभाग के मंत्री श्री राम विचार नेताम के नवा रायपुर स्थित निवास में आयोजित पोला पर्व के उत्सव में शामिल हुए। उन्होंने भगवान शंकर का अभिषेक एवं पूजा अर्चना कर छत्तीसगढ़ का यह पारंपरिक त्यौहार मनाया और प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव एवं अन्य मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण एवं अतिथिगण उपस्थित थे ।
रायपुर :
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा कि जलवायु परिवर्तन 21 वीं सदीं की सबसे बड़ी चुनौती है और इसके समाधान के लिए सामूहिक प्रयास अनिवार्य है। जब हम प्रकृति की रक्षा करेंगे तभी प्रकृति हमारी रक्षा करेगी। श्री डेका आज शनिवार को पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई जलवायु परिवर्तन जर्नलिस्ट फोरम और विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि धरती का तापमान असमान्य रूप से बढ़ रहा है, जिससे मौसम चक्र असंतुलित हो गया है। ध्रुवीय क्षेत्रों की बर्फ तेजी से पिघल रही हैं, समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है, अनियमित वर्षा, सूखा और विनाशकारी तूफानों की घटनाएं बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण मानव जनित गतिविधियां, ग्रीन हॉउस गैसों का उत्सर्जन, वनों की अंधाधुंध कटाई और जीवाश्म ईधनों का अत्यधिक उपयोग है। वातावरण में कार्बन डाईऑक्साइड, मिथेन और नाइट्रस ऑक्साइड जैसी गैसों का स्तर तेजी से बढ़ रहा है जो धरती का तापमान बढ़ा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ भी इससे अछूता नहीं है। राज्य में तापमान में वृद्धि, अनियमित वर्षा, लू की तीव्रता और बाढ़ की घटनाएं बढ़ रही है। कोयला आधारित उद्योग, वनों की कटाई और रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग, ग्रीन हॉउस गैसों के उत्सर्जन को बढ़ा रहा है, जिससे पर्यावरण के साथ-साथ कृषि, जल स्त्रोतों और आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमें नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग, प्रदूषण नियंत्रण और वन संरक्षण की दिशा मे ठोस कदम उठाने होंगे। छत्तीसगढ़ में 45 प्रतिशत वन क्षेत्र है। इस सुंदर प्रदेश को हरा-भरा बनाए रखने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के एक पेड़ मां के नाम के तहत हर व्यक्ति एक पेड़ लगाए, ऊर्जा का विवेकपूर्ण उपयोग हो, प्लास्टिक मुक्त अभियान को बढ़ावा दिया जाए और सौर व पवन ऊर्जा को अपनाया जाए।
श्री डेका ने कहा कि विद्यार्थियों, युवाओं की भूमिका इस दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है। ग्रीन क्लब बनाकर जल संरक्षण, कचरा प्रबंधन और टिकाऊ जीवनशैली को अपनाना समय की मांग है। डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से पर्यावरण शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना भी युवाओं का दायित्व है। जलवायु को बचाने के लिए छोटे-छोटे प्रयास हम कर सकते है।
कार्यक्रम में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सच्चिदानंद शुक्ल ने विश्वविद्यालय अंतर्गत पर्यावरण के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। दक्षिण एशियाई जलवायु परिवर्तन जर्नलिस्ट फोरम के समन्वयक श्री कल्लोल के. घोष ने संगोष्ठी के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। सलाहकार श्री सौम्य बंदोपाघ्याय ने भी अपने विचार रखें।
इस अवसर पर विज्ञान एवं समाज के विकास में अमूल्य योगदान के लिए प्रोफेसर एम.एल. नायक को राज्यपाल ने सम्मानित किया साथ ही विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओ को भी राज्यपाल के हाथों सम्मान प्राप्त हुआ।
संगोष्ठी में विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, फोरम के अध्यक्ष श्री आशीष गुप्ता, विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के सदस्य, शिक्षकगण, महाविद्यालयों एवं स्कूलों के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का जापान दौरा: निवेश और नवाचार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
जेट्रो के साथ बैठक में छत्तीसगढ़ के आईटी, टेक्सटाइल्स और एयरोस्पेस अवसरों पर हुई चर्चा
निवेश, तकनीक और अंतरिक्ष: मुख्यमंत्री श्री साय की जापान यात्रा ने खोले नए आयाम
रायपुर, 22 अगस्त 2025
जेट्रो के साथ बैठक में छत्तीसगढ़ के आईटी, टेक्सटाइल्स और एयरोस्पेस अवसरों पर हुई चर्चा
जेट्रो के साथ बैठक में छत्तीसगढ़ के आईटी, टेक्सटाइल्स और एयरोस्पेस अवसरों पर हुई चर्चा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने जापान प्रवास के दौरान टोक्यो में जापान एक्सटर्नल ट्रेड आर्गनाइजेशन (JETRO) के वरिष्ठ प्रतिनिधियों श्री नाकाजो काज़ुया, श्री एंडो युजी और श्री हारा हारुनोबू से भेंट कर निवेश एवं औद्योगिक सहयोग के संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। बैठक में आईटी, टेक्सटाइल्स, एयरोस्पेस, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ की अपार संभावनाओं को रेखांकित किया गया। मुख्यमंत्री ने जेट्रो के प्रतिनिधियों को प्रदेश की तेज़ी से प्रगति कर रही अर्थव्यवस्था में निवेश के नए अवसर तलाशने हेतु आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़, भारत के हृदय स्थल में स्थित एक उभरता हुआ औद्योगिक एवं निवेश गंतव्य है। राज्य सरकार पारदर्शी नीतियों, सुगम प्रक्रियाओं और मजबूत औद्योगिक आधारभूत संरचना के माध्यम से वैश्विक निवेशकों को आकर्षित कर रही है। जेट्रो प्रतिनिधियों के साथ हुई चर्चा से छत्तीसगढ़ और जापान के बीच आर्थिक सहयोग की नई संभावनाओं को बल मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने अपने प्रवास के दौरान राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर आयोजित ‘Deep Space – To the Moon & Beyond’ प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान और नवाचारों की यह समृद्ध झलक, आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में भारत सरकार के सहयोग से विकसित किए जा रहे स्पेस मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को नई दिशा और प्रेरणा देगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने विश्वास व्यक्त किया कि जापान प्रवास से छत्तीसगढ़ को निवेश, नवाचार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के क्षेत्र में ठोस परिणाम प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य प्रदेश को न केवल औद्योगिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है बल्कि उसे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से विश्व पटल पर एक सशक्त पहचान दिलाना भी है।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ अपने सतत प्रयासों के माध्यम से स्वयं को वैश्विक मंच पर एक प्रतिस्पर्धी एवं दूरदर्शी निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में निरंतर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जापान प्रवास के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ में औद्योगिक सहयोग तथा वैश्विक साझेदारियों को और अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से अनेक महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लिया। इस क्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JETRO) के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में क्षेत्रीय विविधीकरण, व्यापार एवं तकनीकी सहयोग, आधारभूत संरचना विकास तथा छत्तीसगढ़ में उभरते निवेश अवसरों पर विस्तार से चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर राज्य की निवेशक-अनुकूल नीतियों, हाल के सुधारों तथा स्टार्टअप्स और नई पीढ़ी के उद्योगों को प्रदान किए जा रहे सशक्त सहयोग पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ के भविष्य की दिशा तय करने में उन्नत प्रौद्योगिकियों की महत्ता पर बल देते हुए टोक्यो में आयोजित “Deep Space – To the Moon and Beyond” नामक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। यह दौरा विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राजनांदगांव में भारत सरकार के सहयोग से प्रस्तावित स्पेस मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित किया जा रहा है, जो छत्तीसगढ़ को वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था से और गहन रूप से जोड़ने में सहायक सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने जापान में बसे भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी भेंट एवं संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने उन्हें राज्य की हालिया नीतिगत पहल, छत्तीसगढ़ में निवेश के प्रति सकारात्मक माहौल तथा बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन पर केंद्रित प्रयासों से अवगत कराया। भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों ने मुख्यमंत्री श्री साय को आश्वस्त किया कि वे छत्तीसगढ़ और जापान के बीच संबंधों को सशक्त बनाने में सक्रिय सहयोग देंगे तथा जापानी व्यवसायियों को छत्तीसगढ़ में निवेश अवसर तलाशने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
*तीजा-पोरा के पारंपरिक रंग में सराबोर होगी राजधानी*
*रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजन की तैयारियां पूरी*
*मायके में माताओं बहनों को मिलेंगे विशेष उपहार, छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का उठाएंगे लुत्फ*
*पारंपरिक खेल, साज-सज्जा समेत विभिन्न गतिविधियों का होगा आयोजन*
*रजत महोत्सव के अवसर पर 24 अगस्त को आयोजित होगा तीजा पोरा तिहार और महिला सम्मेलन*
रायपुर, 23 अगस्त 2025/ राजधानी रायपुर का पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम इस बार छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक परंपरा के रंगों से सराबोर हो गया है। तीजा-पोरा तिहार के अवसर पर ऑडिटोरियम प्रांगण नंदिया-बैला, पारंपरिक खिलौनों, रंग-बिरंगे वंदनवार और छत्तीसगढ़ी साज-सज्जा से सुसज्जित होकर अद्भुत छटा बिखेर रहा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अवसर पर 24 अगस्त को होने वाले इस विशेष आयोजन की तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं। तीजा-पोरा तिहार में करीब 3 हजार महिलाओं की भागीदारी होगी, जिनमें महतारी वंदन योजना की हितग्राही महिलाएं, महिला स्व-सहायता समूहों की दीदियां और मितानिनें शामिल रहेंगी।
इस अवसर पर शिव -पार्वती, नंदिया बैला और कृषि यंत्रों की पूजा संपन्न होगी। महिलाओं के लिए लोक परंपराओं से जुड़ी प्रतियोगिताएं जैसे फुगड़ी, जलेबी दौड़, नींबू, चम्मच दौड़ और रस्साकसी का आयोजन होगा। वहीं मेहंदी, चूड़ी और आलता के आकर्षक स्टॉल भी उत्सव का विशेष आकर्षण बनेंगे। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को विशेष उपहार भी प्रदान किए जाएंगे और छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का जायका भी इसमें शामिल होगा।
संस्कृति से सराबोर इस तिहार में पद्मश्री उषा बारले और प्रख्यात लोकगायिका सुश्री आरू साहू अपनी विशेष प्रस्तुतियां देंगी। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, श्री अरुण साव सहित राज्य सरकार के मंत्रीगण और अनेक गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रहेगी।
गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कल 24 अगस्त को प्रदेश की माताओं बहनों के लिए राजधानी रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अवसर पर तीजा पोरा तिहार और महिला सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति में तीजा तिहार का विशेष स्थान है। यह पर्व केवल धार्मिक या पारंपरिक नहीं, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों को संजोने वाला उत्सव है। भादो के महीने में आने वाला यह तिहार बहनों, बेटियों और माताओं के लिए मायके का स्नेह लेकर आता है। यह तिहार रिश्तों को जोड़ने का सेतु है और बेटियों और बहनों को मायके बुलाकर उनका सत्कार किया जाता है। इस खास मौके पर निर्जला व्रत रखा जाता है, शिव -पार्वती की पूजा की जाती है, जिससे दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे। तीजा तिहार वास्तव में छत्तीसगढ़ की असली पहचान है, जहां संस्कृति, परंपरा और प्रेम का अद्भुत संगम दिखाई देता है।
सम्मान समारोह के साथ सुगम संगीत और ड्रोन शो भी होगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्थापना दिवस समारोह की तैयारियों की ली जानकारी
अधिक से अधिक युवाओं को कार्यक्रमों से जोड़ने के निर्देश
आने वाले 3 वर्ष में सिंचाई क्षेत्र का विस्तार 100 लाख हेक्टेयर तक करें
मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग की समीक्षा के दौरान दिए निर्देश
सिंहस्थ : 2028 के लिए घाट निर्माण, शिप्रा शुद्धिकरण, बैराज निर्माण कार्यों की भी हुई समीक्षा
प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग और मैनिट के बीच यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले के सहयोग से हुआ एमओयू
मैनिट भोपाल में आरंभ हुआ ‘सेंटर फॉर मिशन ऑन एनर्जी ट्रांजिशन’
नवकरणीय ऊर्जा के प्रमुख केन्द्र के रूप में विकसित हो रहा है मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री से यूनिवर्सिटी ऑफ कैलेफोर्निया बर्कले और सेक्का क्लाइमेट फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने की भेंट
राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना का शुभारंभ मध्यप्रदेश से हुआ
धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, हैल्थ टूरिज्म पर भी हमारा फोकस
एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने में नई एविएशन पॉलिसी से मिल रही मदद
भोपाल के बाद हम जबलपुर और ग्वालियर में भी मेट्रो रेल चलाने के लिए आगे बढ़ेंगे
प्रदेश में औद्योगिक विस्तार के लिए निवेशकों को दे रहे हैं इंसेंटिव्स
रायपुर :
स्वच्छ भारत अभियान के तहत शुक्रवार की सुबह राजभवन परिसर में साफ-सफाई की गई। राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने सुबह 7 से 8 बजे तक राजभवन परिसर के अलग-अलग स्थानों पर झाडू लगाकर कचडे़ को एकत्र कर उसका निपटान किया।
रायपुर :
राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज राजभवन में रायपुर के निजी स्कूल के विद्यार्थियों ने सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर श्री डेका ने बच्चों को जीवन और कैरियर में सफलता पाने के लिए मार्गदर्शन दिया और विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया। विद्यार्थियों ने राज्यपाल की बातों को पूरे उत्साह से ध्यानपूर्वक सुना।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों से उनके सपनों और हॉबी पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अनुशासन और धैर्य सफलता की कुंजी हैं। यदि किसी परीक्षा में सफलता न मिले तो उसके विकल्प तैयार रखें। विद्यार्थी यूपीएससी की परीक्षा देना चाहते हैं, उसके लिए पूरी लगन के साथ तैयारी करें लेकिन अन्य विकल्पों पर भी ध्यान दें।
श्री डेका ने कहा कि हर विद्यार्थी को अपनी हॉबी विकसित करना चाहिए क्योंकि यह व्यक्तित्व निर्माण में सहायक होते हैं। एक छात्रा ने संगीत से जुड़े अपने हॉबी का जिक्र किया। इस पर राज्यपाल ने कहा कि संगीत जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, इसमें विज्ञान भी निहित है। विद्यार्थियों ने जब राजनीति के बारे में पूछा तो राज्यपाल ने कहा कि अच्छे लोगों को राजनीति में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनौतियों का समाधान करने के लिए सही समय पर सही निर्णय लेना जरूरी है और गुस्से में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। उन्होंने अनुभव, तर्कशक्ति और निर्णय क्षमता को जीवन में सफलता के लिए अहम बताया।
श्री डेका ने कहा कि सतत् विकास सबसे जरूरी विषय है। हमें अपनी पृथ्वी और पर्यावरण को बचाने के लिए काम करना होगा। हमें अपने वातावरण को स्वच्छ रखना होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 45 प्रतिशत वन क्षेत्र है यह बात उन्हें बहुत प्रभावित करती है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि वे मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई करें और टॉपर बनने का लक्ष्य रखें। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के बोर्ड परीक्षाओं के टॉपर विद्यार्थियों को उनके द्वारा 5 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि भी दी गई है। इस अवसर पर रेयान इंटरनेशनल स्कूल के प्राचार्य श्रीमती धनेश्वरी शर्मा, मैनेजर एवं अन्य स्टॉफ के साथ विद्यार्थियों को राजभवन का भ्रमण भी कराया गया।
रायपुर :
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका ने एक मिसाल कायम करते हुए राज्य के सभी 33 जिलों में उपचाररत कुल 330 टीबी मरीजों, प्रत्येक जिले से 10 मरीजों को ‘निक्षय मित्र’ बनकर गोद लिया है। राज्यपाल द्वारा मरीजों को उपचार अवधि में पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक मरीज को प्रतिमाह 500 रुपये की अनुदान राशि संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रदान की जा रही है।
श्री डेका ने 31 जुलाई 2024 को छत्तीसगढ़ के 10वें राज्यपाल के रूप में पदभार ग्रहण किया था। पदभार ग्रहण करने के पश्चात जिलों के प्रवास के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री जी के ‘टीबी मुक्त भारत अभियान’ को गति प्रदान करने की पहल की। इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकें कर अभियान की प्रगति की जानकारी ली तथा मरीजों से सीधा संवाद कर उन्हें नियमित दवा और पोषण आहार के महत्व से अवगत कराया।
इस क्रम में उन्होंने सर्वप्रथम राजनांदगांव, बस्तर, धमतरी और गरियाबंद जिलों के टीबी मरीजों को गोद लिया था। तत्पश्चात अपने कार्यकाल के एक वर्ष पूर्ण होने से पूर्व ही उन्होंने शेष सभी जिलों में भी मरीजों को गोद लेकर अंतिम 33वें जिले कोंडागांव तक यह प्रक्रिया पूरी की और ऐसा करने वाले वह देश के प्रथम राज्यपाल बन गए।
राज्यपाल श्री डेका ने उद्योगपतियों, समाजसेवी संगठनों राइस मिल एसोसिएशन एवं आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे आगे आकर ‘निक्षय मित्र’ बनें और टीबी मरीजों को गोद लेकर इस जनआंदोलन का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों से ही छत्तीसगढ़ सहित पूरे भारत को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प साकार किया जा सकता है।