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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा राज्य में आरक्षित वर्ग के संवैधानिक अधिकारों का नहीं होने दिया जाएगा हनन

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी आरक्षित वर्ग की मांगों पर गंभीरता से कर रही है अध्ययन और विचार
कमेटी के सुझाव के आधार पर लिया जाएगा शीघ्र निर्णय
मुख्यमंत्री से मिले छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि
पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में ज्ञापन सौंपा

रायपुर.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज शाम यहां उनके निवास कार्यालय में संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मण्डल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री से पदोन्नति में आरक्षित वर्ग के आरक्षण को लेकर विस्तार से चर्चा की और संबंध में ज्ञापन भी सौंपा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रतिनिधि मण्डल को आश्वस्त किया कि आरक्षित वर्ग के संवैधानिक अधिकारों का हनन नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आरक्षित वर्ग के मांगों एवं समस्याओं पर सामाजिक संगठनों एवं पदाधिकारियों से विचार-विमर्श एवं सुझाव प्राप्त करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी आरक्षित वर्ग की मांगों और समस्याओं के संबंध में गंभीरता से विचार-विमर्श कर रही है। कमेटी के सुझाव के आधार पर राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया जाएगा।
प्रतिनिधि मण्डल ने चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री से राज्य में विभिन्न विभागों विशेषकर शिक्षा विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पदोन्नति में आरक्षण रोस्टर नियम का पालन नहीं किया जा रहा है, इससे आरक्षित वर्ग का हित प्रभावित होगा। प्रतिनिधि मण्डल ने छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष श्री भारत सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष श्री मदन लाल कोर्पे, सर्वश्री बी.एल. ठाकुर, जी.एस. धनंजय, बी.पी.एस. नेताम, एच.एल नायक, आर.बी. सिंह, एन.एच. उसेंडी, फूलसिंह नेताम, जे. मिन्ज, पी.आर. नाइक, एन.एस. ठाकुर, विल्फ्रेड लकड़ा, एम.आर. ठाकुर, वेदमती मण्डावी, आनंद प्रकाश टोप्पो, डॉ. शंकर उइके, पी.एल. सिदार, कमला नेताम, शारदा, फणीन्द्र भोई, कुन्दन सिंह ठाकुर, एम.आर. धु्रव शामिल थे।

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Last modified on Thursday, 03 February 2022 11:24
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